महज 11 % शिक्षकों के भरोसे हैं बिहार के ग्रामीण स्कूलः यूनेस्को

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट
पटना। बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की कमी की बात तो बहुत दिनों से कही जा रही है लेकिन बुधवार को जारी यूनेस्को की रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य के ग्रामीण स्कूल महज 11 प्रतिशत शिक्षकों के भरोसे है। यानी ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों के 89 प्रतिशत पद रिक्त हैं। यह हालत तब है जबकि बिहार में अभी कार्यरत कुल शिक्षकों का 85 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में हैं।
वैसे, शहरी क्षेत्रों में हालत कुछ बेहतर होने की वजह कुल मिलाकर बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के खाली पदों के प्रतिशत 56 है। यानी बिहार में सरकारी स्कूलों मंे पढ़ाने के लिए शिक्षकों की संख्या आधे से भी कम है।
यूनेस्को की अपनी रिपोर्ट ’2021 में भारत में शिक्षा की हालतः शिक्षक नहीं, क्लास नहीं’ बुधवार को विश्व शिक्षक दिवस के अवसर पर जारी की गयी है। इस बारे में टाइम्स आॅफ इंडिया के पटना संस्करण मंे छपी खबर के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों के खाली पदों का प्रतिशत देश में सबसे अधिक बिहार में है।
बिहार में सरकारी स्कूलों की कुल संख्या 89224 है। इनमें 90 प्रतिशत स्कूल ग्रामीण क्षेत्रों में हैं। इन स्कूलों के लिए वर्तमान मंे 5 लाख 84 हजार 327 शिक्षक बहाल हैं।
इस बारे में बिहार सरकार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय का कहना है कि विभाग ने प्राइमरी स्कूलों में 94000 शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया शुरू की है। जबकि तीस हजार शिक्षकों की बहाली 9वीं से आगे के स्कूलों के लिए होनी है। लेकिन प्राथमिक स्कूलों के लिए शिक्षकों की बहाली के लिए दो राउंड की काउंसलिग के बाद महज 38 हजार शिक्षकों की बहाली हो सकी है।
इस रिपोर्ट में दूसरी चिंताजनक बात यह सामने आयी है कि बिहार में महिला शिक्षकों का प्रतिशत 40 प्रतिशत से कम है। श्री कुमार कहते हैं कि महिलाओं के रिजर्व आधी सीटों पर उम्मीदवार की कमी है।
इसी तरह यूनेस्को की रिपोर्ट में बताया गया है कि उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में 1.32 प्रतिशत शिक्षकों की योग्यता निर्धारित मापदंड से कम है।

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