छपी-अनछपी: केजरीवाल से सीबीआई ने 9 घंटे किये सवाल, अतीक-अशरफ को लगी थीं 13 गोलियां
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से सीबीआई की 9 घंटे की पूछताछ आज के अखबारों की अहम खबर है। पूर्व सांसद व माफिया अतीक अहमद व भाई अशरफ को 13 गोलियां मारी गई थीं, इससे जुड़ी कई खबरें दी गई हैं। पूर्वी चंपारण शराब कांड में अब तक 30 लोगों की मौत हो चुकी है, इस मामले में पांच थानेदारों को सस्पेंड कर दिया गया है जिसकी खबर प्रमुखता से ली गई है।
जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है: आबकारी घोटाले में 9 घंटे तक केजरीवाल से पूछताछ। हिन्दुस्तान की पहली खबर है: केजरीवाल से 9 घंटे सवाल, ‘आप’ का हंगामा। आबकारी नीति मामले में सीबीआई ने रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से नौ घंटे सवाल किए। पूछताछ के बाद केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने दावा किया कि यह पूरा मामला फर्जी है। उनके पास कोई सबूत नहीं है। वहीं, पूछताछ के विरोध में आप नेताओं ने जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान 1500 लोगों को हिरासत में लिया गया। हालांकि, बाद में सभी को छोड़ दिया गया। केजरीवाल सुबह करीब 11 बजे सीबीआई मुख्यालय पहुंचे। सूत्रों ने बताया कि सीबीआई ने केजरीवाल से करीब 50 सवाल पूछे। हालांकि, केजरीवाल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनसे आबकारी नीति को लेकर 56 सवाल किए गए।
अतीक-अशरफ मर्डर केस
भास्कर की सबसे बड़ी सुर्खी है अतीक अशरफ को 13 गोलियां लगी थीं, न्यायिक आयोग बना। अखबार लिखता है कि प्रयागराज के मेडिकल कॉलेज के बाहर शनिवार रात मीडिया कैमरों के सामने मारे गए अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद ने घटनास्थल पर ही दम तोड़ दिया था। दोनों को पुलिस अस्पताल लेकर पहुंची लेकिन उन्हें मृत घोषित कर दिया गया रविवार को दोनों का पोस्टमार्टम किया गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक अतीक को 8 गोलियां और अशरफ को 5 गोलियां मारी गई। शाम को कड़ी सुरक्षा के बीच दोनों को कसारी मसारी कब्रिस्तान में दफनाया गया जहां एक दिन पहले अतीक के बेटे असद को दफनाया गया था। जनाजे के लिए अतीक के दोनों नाबालिग बेटे और अशरफ की दोनों बेटियां भी पहुंचीं। यूपी सरकार ने 3 सदस्यीय न्यायिक आयोग बनाकर इस मामले की जांच करने की बात कही है जो 2 महीने में रिपोर्ट देगा। हत्या के एक दिन बाद पूरे यूपी में धारा 144 लगी रही और इंटरनेट बंद रहा।
मर्डर करने वालों की हिस्ट्री शीट
अतीक व अशरफ हत्याकांड के तीनों आरोपित को हिस्ट्रीशीटर बताया गया है। जागरण लिखता है कि अतीक अहमद गैंग का सफाया कर नाम कमाना चाहते थे तीनों शूटर। आरोपितों के पास से 9 एमएम की एक पिस्टल जिंगाना 9 एमएम की एक पिस्टल गिरसान मिली है जो तुरकिए में बनाई जाती है। यह भारत में प्रतिबंधित है और एक पिस्तौल की कीमत करीब 10 लाख बताई गई है।
मोहित उर्फ सनी सिंह: हमीरपुर का हिस्ट्रीशीटर बताया गया है जो बचपन में घर से भाग गया था। उसके तीन भाई हैं जिसमें एक की मौत हो चुकी है। सनी ने ही अतीक अहमद पर पहली गोली चलाई थी। उसपर 17 मामले दर्ज हैं। वह 12 साल से जेल के चक्कर काट रहा है।
लवलेश तिवारी: इसे बांदा का अपराधी बताया गया है। उस पर लड़की को थप्पड़ मारने समेत 4 मुकदमे दर्ज हैं। वह 12वीं पास है।
अरुण मौर्य: अरुण कासगंज का रहने वाला बताया गया है। उस पर जीआरपी कांस्टेबल की हत्या का केस दर्ज है। 20 साल पहले माता-पिता की मौत हो चुकी है।
शराबकांड, 30 मौतें
जागरण ने पहले पेज पर खबर दी है: पूर्वी चंपारण में जहरीली शराब से 10 और की मौत, पांच थानेदार निलंबित। अखबार लिखता है कि रविवार को जहरीली शराब से और 10 लोगों की मौत हो गई। इससे मरने वालों की संख्या 20 से बढ़कर 30 हो गई है। दूसरी और एसपी कांत एस कुमार मिश्र ने इस मामले में उन सभी पांच स्थानों तुरकौलिया, रघुनाथपुर, हरसिद्धि, पहाड़पुर व सुगौली के थानाध्यक्षों को निलंबित कर दिया है, जहां शराब कांड हुआ है।
जाति गणना: ज़िलों के कोड
हिन्दुस्तान की ख़ास खबर है: जाति के बाद देश व राज्य का कोड तय। जातियों के बाद अब देश, राज्य और बिहार के जिलों का भी कोड तय कर दिया गया है। दूसरे चरण की जाति आधारित गणना शुरू होने के बाद यह बदलाव किया गया। दुनिया के 239 देश, भारत के 35 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के साथ-साथ बिहार के 38 जिलों के नाम के साथ उनका कोड निर्धारित किया गया। अभी तक सिर्फ बिहार में रहने वाली अलग-अलग जातियों को ही कोड दिया गया था। दूसरे देशों के साथ अब दूसरे राज्यों और बिहार के सभी जिलों का भी कोड निर्धारित किया गया है। यह कोड अंग्रेज़ी अल्फाबेट के हिसाब से बना है।
गर्मी की मार, महाराष्ट्र में 13 की मौत
महाराष्ट्र में रायगढ़ जिले के खारघर में रविवार को आयोजित महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार वितरण समारोह में गर्मी और लू लगने की वजह से 13 लोगों की मौत हो गई है। यह खबर सभी जगह है। राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। इस समारोह में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी थी। बताया जाता है कि समारोह के दौरान करीब 50 लोगों की तबीयत बिगड़ जाने पर उन्हें मुंबई के अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान 13 लोगों की मौत हो गई।
इस बीच बिहार के बारे में बताया गया है कि 25 जिलों में लू चलेगी और इससे थोड़ी राहत 21 अप्रैल से मिल सकती है।
सूडान का हाल, मरने वाले 61 में एक भारतीय
सूडान में गृह युद्ध के दौरान दर्जनों लोग मारे गए हैं। सूडान की राजधानी खार्तूम में सेना और पैरामिलिट्री रेपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) के बीच शनिवार को हुए संघर्ष ने भीषण रूप ले लिया। रविवार को भी दोनों पक्षों में घातक हमले हुए। इस संघर्ष में अब तक एक भारतीय समेत 61 लोगों की मौत हो गई और करीब 600 से ज्यादा लोग घायल हैं। राजधानी के अलावा आसपास के शहरों में भीषण संघर्ष जारी है। सूडान में भारतीय मिशन ने जानकारी देते हुए बताया कि मरने वाले भारतीय नागरिक की पहचान अल्बर्ट ऑगस्टीन के तौर पर हुई है। गोली लगने से उसकी मौत हुई, वह यहां की डल ग्रुप कंपनी में कार्यरत था।
कुछ और सुर्खियां
- एएमयू कैंपस में रिटायर्ड डॉक्टर को कुत्तों ने नोच नोच कर मार डाला
- कर्नाटक में फिर सरकार बनाएगी भाजपा: अमित शाह
- उत्तर प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगे: शिवानंद तिवारी
- पार्टी के लिए फैसले की घड़ी अब आ गई है: जीतन राम मांझी
- कांग्रेस नेता डॉक्टर शकील अहमद अब नहीं लड़ेंगे चुनाव
- आधार कार्ड को कराएं अपडेट, नहीं तो राशन व पेंशन में होगी दिक्कत
- पुलिस की लापरवाही से सासाराम में हुआ उपद्रव: इमारत-ए-शरिया
- दुबई की इमारत में आग लगी चार भारतीय समेत 16 की मौत
- किशनगंज में खेत में मरा मिला हाथी, काटा एक दांत
अनछपी: भाकपा माले ने पूर्वी चंपारण शराब कांड के बाद मांग की है कि शराब माफियाओं के साथ पुलिस प्रशासन और स्थानीय भाजपा सांसद एवं विधायकों के संबंधों की उच्चस्तरीय जांच हो। भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेता सरकार में रहते हुए शराबबंदी वापस लेने की मांग कर चुके हैं और सरकार से अलग होने के बाद अब पूरी पार्टी नीतीश कुमार के शराबबंदी नीति की समीक्षा की मांग करती रही है। इसमें कोई दो राय नहीं के शराबबंदी से बिहार की महिलाओं को फायदा हुआ है लेकिन यह तल्ख सच्चाई भी अपनी जगह है कि नकली और जहरीली शराब से दर्जनों लोग मारे जा चुके हैं। शराब की तस्करी की बात कोई नई नहीं है लेकिन भाकपा माले ने जिस तरह भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को इस कांड के लिए जिम्मेदार ठहराया है वह जांच का विषय हो सकता है। शराब माफिया के साथ पुलिस प्रशासन के गठजोड़ के बिना ऐसा नकली शराब कांड नहीं हो सकता। लेकिन क्या उन शराब माफियाओं के साथ भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की भी साठगांठ है? भाकपा माले अगर ऐसी आशंका व्यक्त कर रहा है और जांच की मांग कर रहा है तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस बारे में गंभीरता से सोचना चाहिए। शराब कांड में मौतों के बाद नीतीश कुमार की छवि खराब होती है इसमें कोई दो राय नहीं है लेकिन विपक्षी पार्टियों का काम भी यही है। ऐसे में सत्ताधारी दल के नेता होने के नाते नीतीश कुमार अगर शराब माफियाओं के साथ गठजोड़ करने वालों की पुख्ता जांच कराएं तो उनकी छवि बेहतर होगी। अगर वह इस काम में सफल नहीं होते तो इसी तरह लोगों की जान जाती रहेगी और नीतीश कुमार के सुशासन बाबू की छवि को चोट पहुंचती रहेगी।
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