छ्पी-अनछपी: सरकार बनी तो राहुल चुनाव आयुक्तों पर करेंगे कार्रवाई, मदरसा बोर्ड का शताब्दी समारोह 21 को

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। वोटर अधिकार यात्रा पर निकले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि अगर ‘इंडिया’ की सरकार बनती है तो वह चुनाव आयुक्तों पर कार्रवाई करेगी। विपक्षी दल मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग लगाने की तैयारी में हैं। बिहार मदरसा एजुकेशन बोर्ड का शताब्दी समारोह 21 अगस्त को मनाया जाएगा। यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेन्स्की ने ट्रंप और पुतिन के साथ साझा वार्ता के लिए रजामंदी दिखाई है।

और, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर नेशनल हाईवे पर घंटों जाम रहता है तो यात्री टोल टैक्स क्यों दें।

पहली ख़बर

प्रभात खबर के अनुसार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी वोटर अधिकार यात्रा के दूसरे दिन सोमवार को भी वोट चोरी के मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग पर हमला जारी रखा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि केंद्र और बिहार में इंडिया गठबंधन की सरकार बनने पर वोट चोरी के लिए मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। गया में सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार के लिए विशेष पैकेज की बात करते हैं, उसी तरह निर्वाचन आयोग विशेष गहन पुनरीक्षण के रूप में विशेष पैकेज लेकर आया, जिसका मकसद नए ढंग से वोट चोरी करना है। उन्होंने दावा किया कि वोट चोरी के जरिए भारत माता पर आक्रमण किया जा रहा है। राहुल गांधी ने दूसरे दिन की यात्रा औरंगाबाद के कुटुंबा से शुरू की जो रफीगंज होते हुए गया जिले पहुंची। राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग उनसे हलफ़नामा मांग रहा है लेकिन जनता इस आयोग से हलफ़नामा मांगेगी क्योंकि जल्द ही उसकी चोरी पूरे देश में पकड़ी जाएगी। उन्होंने कहा,”निर्वाचन आयोग यह कहता है कि एक सप्ताह के अंदर हलफ़नामा दो, जबकि जिम्मेदार वह है। निर्वाचन आयोग से मैं कहना चाहता हूं कि पूरा देश आपसे हलफनामा मांगेगा।”

मुख्य चुनाव आयुक्त के खिलाफ महाभियोग लाने की तैयारी

भास्कर के अनुसार वोट चोरी और बिहार में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण एसआईआर पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) ज्ञानेश कुमार की पीसी के बाद विपक्ष ने हमला तेज कर दिया। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में विपक्ष ने संसद में चर्चा की मांग की। इस बीच विपक्षी गठबंधन इंडिया सीईसी के खिलाफ महाभियोग पर भी विचार कर रहा है। सोमवार को खड़गे की अध्यक्षता में इस पर मंथन हुआ।

फिलहाल आधार कार्ड भी लेगा चुनाव आयोग

जागरण के अनुसार विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग की ओर से मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण एस एआईआर के बाद ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से बाहर हुए नामों को लेकर एक और अहम पहल की गई है। अब ऐसे सभी मतदाता जो ड्राफ्ट लिस्ट में शामिल नहीं है अपने एपिक नंबर के माध्यम से इस सूची में कारण सहित अपने फार्म से संबंधित जानकारी ले सकते हैं। असंतुष्ट या सूची से बाहर हुए व्यक्ति अपने आधार कार्ड की एक प्रति के साथ नाम जोड़ने के लिए अपना दावा प्रस्तुत कर सकते हैं।

चुनाव आयोग ने हटाए गए नाम बूथ पर चिपकाए

हिन्दुस्तान के अनुसार चुनाव आयोग के निर्देश पर बिहार के सभी मतदान केंद्रों एवं सरकारी कार्यालयों में प्रारूप मतदाता सूची से हटाये गये नामों की श्रेणीवार सूची सोमवार को चिपका दी गई। आयोग ने यह कदम सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश के आलोक में उठाया है। इन्हें प्रखंड, पंचायत व नगर निकाय कार्यालय में भी आम लोगों के लिए प्रदर्शित किया गया है। सूची में अनुपस्थित, स्थायी रूप से स्थानांतरित, मृत एवं दोहरी प्रवृष्टि वाले मतदाताओं के नाम हैं। ये नाम सूची के पुनरीक्षण के पूर्व मतदाता सूची में थे, किंतु इन्हें प्रारूप मतदाता सूची में शामिल नहीं किया गया है। सोमवार को राज्य के कुल 90,712 बूथों पर संबंधित विधानसभा क्षेत्र के हटाए गए वोटरों के नामों की सूची चिपकायी गई।

मदरसा बोर्ड का शताब्दी समारोह 21 को

जागरण की ख़बर है कि बिहार स्टेट मदरसा एजुकेशन बोर्ड ने 21 अगस्त को शताब्दी समारोह मनाने का निर्णय लिया है। यह कार्यक्रम एक साथ पटना के बापू सभागार, ज्ञान भवन और कृष्ण मेमोरियल हॉल में आयोजित होगा। तीनों जगह समारोह का लाइव प्रसारण किया जाएगा। बोर्ड के अध्यक्ष सलीम परवेज़ ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शताब्दी समारोह ऐतिहासिक होगा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बिहार के मुख्यमंत्री शामिल होंगे। इसके अलावा शिक्षा मंत्री सुनील कुमार, मंत्री विजय कुमार चौधरी और मंत्री अशोक चौधरी समेत अन्य लोग भी शामिल होंगे। बिहार स्टेट मदरसा एजुकेशन बोर्ड की स्थापना 14 अगस्त 1922 को हुई थी। इस समय पूरे बिहार में मदरसा बोर्ड से एफिलिएटेड गैर सरकारी मदरसों की संख्या 1942 है।

ट्रंप और पुतिन के साथ साझा वार्ता के लिए जेलेन्स्की तैयार

भास्कर के अनुसार यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेन्स्की रूस से जारी युद्ध के समाधान के लिए सोमवार को व्हाइट हाउस पहुंचे। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत में जेलेन्स्की ने इस पर बड़ा संकेत भी दिया है। पहले के रुख में नरमी लाते हुए जेलेन्स्की ने कहा कि वह ट्रंप और पुतिन के साथ साझा वार्ता को तैयार हैं। ट्रंप ने भी कहा कि यही यूक्रेन के भविष्य के लिए बेहतर होगा। जेलेन्स्की के साथ यूरोप के 6 बड़े नेता भी ट्रंप से इस मुद्दे पर चर्चा के लिए व्हाइट हाउस पहुंचे हैं।

एनएच घंटों जाम तो टोल क्यों दें: कोर्ट

हिन्दुस्तान के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से पूछा कि 65 किलोमीटर राजमार्ग पार करने में 12 घंटे लग रहे तो ऐसे में यात्री 150 रुपये का टोल क्यों दें? मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई, न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एन. वी. अंजारिया की पीठ ने यह टिप्पणी एनएचएआई और टोल वसूलने का अधिकार रखने वाली कंपनी ‘गुरुवायूर इंफ्रास्ट्रक्चर’ द्वारा दायर याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रखते हुए की। याचिका में त्रिशूर के पलियेक्कारा टोल प्लाजा पर टोल संग्रह पर रोक लगाने के केरल हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है।

कुछ और सुर्खियां:

  • पटना में प्रदर्शन कर रहे हैं STET उम्मीदवारों पर लाठी चार्ज, कई हिरासत में लिए गए
  • ऑपरेशन सिंदूर को सिलेबस में शामिल करेगा एनसीईआरटी
  • पटना की मेयर सीता साहू और उनके बेटे शिशिर कुमार के खिलाफ कार्रवाई पर फिलहाल हाई कोर्ट की रोक
  • भोजपुरी का 2 लाख का इनामी अपराधी बूटन चौधरी महाराष्ट्र से गिरफ्तार
  • पटना-पूर्णिया नेशनल हाईवे को नेशनल एक्सप्रेसवे का दर्जा मिला

अनछपी: बिहार में चुनाव आयोग द्वारा वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में जहां बहुत सारी बातों पर राजनीतिक दलों का विरोध जारी है और यह मामला अब भी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, वहीं इस बात पर भी ध्यान देने की जरूरत है कि चुनाव आयोग जो दावे कर रहा है उसके मुताबिक काम हो रहा है या यह दावा हवा-हवाई है। ताजा बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग अखबारों में यह खबर छपवा रहा है कि उसने सभी बूथों पर उन 65 लाख लोगों के नाम चिपका दिए हैं जिन्हें किसी न किसी वजह से वोटर लिस्ट से हटा दिया गया था। यानी जिनका नाम हटाया गया था उनकी लिस्ट बूथ के हिसाब से चिपकाई गयी है। ऐसे में सामाजिक कार्यकर्ताओं और संगठनों की यह जिम्मेदारी है कि वह चुनाव आयोग के इस दावे की हकीकत मालूम करें। फिलहाल यह बात मालूम हुई है कि चुनाव आयोग ने अब भी बहुत सारे बूथों पर वह लिस्ट नहीं चिपकाई है जिसका वह अखबारों में दावा कर रहा है। यह बात भी जरूरी है कि जहां-जहां इस तरह की लिस्ट चिपकाई गई है उसके नाम का मिलान कराया जाए और यह देखा जाए कि क्या जिस वजह से किसी का नाम हटाया गया है वह सही है या मनमाने ढंग से ऐसा किया गया है। चुनाव आयोग के बारे में विपक्षी दलों का आरोप है कि वह वोट चोरी में लगा हुआ है लेकिन इससे आगे बढ़कर यह भी लगता है कि वोट चोरी के साथ हेराफेरी भी की जा रही है। आखिर जब सभी बूथों पर कटे हुए नाम की लिस्ट नहीं चिपकाई गई है तो चुनाव आयोग अखबारों में ऐसा दावा क्यों कर रहा है? यह भी बताया गया है कि चुनाव आयोग अब उन लोगों से आधार कार्ड भी ले रहा है जिनके नाम गलत तरीके से हटाए गए हैं। ध्यान रहे कि चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में पहले आधार कार्ड को बतौर मान्य दस्तावेज़ लेने से इनकार कर दिया था। अब इस बात पर नजर बनाए रखनी होगी कि आधार कार्ड को वोटर लिस्ट में शामिल करने के लिए मान्य दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया जा रहा है या नहीं।

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