छ्पी-अनछपी: “आरएसएस का विधान नहीं संविधान”, बीपीएससी इम्तिहान में हंगामा
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। संविधान के 75 साल पूरे होने पर संसद में तीखी बहस हुई और कांग्रेस की नवनिर्वाचित सांसद प्रियंका गांधी ने कहा कि संविधान संघ का विधान नहीं है। सिविल सेवा के लिए हुई बीपीएससी की परीक्षा में क्वेश्चन पेपर देर से मिलने को लेकर हंगामा हुआ। इलाहाबाद हाई कोर्ट के विवादास्पद जज शेखर यादव पर महाभियोग के लिए नोटिस दिया गया है। पटना के जक्कनपुर में एक मुठभेड़ में सारण का कुख्यात सोना लुटेरा मारा गया।
जागरण के अनुसार लोकसभा में संविधान पर विपक्ष की ओर से चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भाजपा सरकार पर मणिपुर, संभल व हाथरस की घटनाओं से लेकर धुआंधार निजीकरण के जरिए आरक्षण को कमजोर कर संविधान के सुरक्षा कवच को तोड़ने का आरोप लगाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए प्रियंका ने कहा कि प्रधानमंत्री संसद में संविधान को माथे से लगाते हैं लेकिन संभल, हाथरस और मणिपुर में जब न्याय की गुहार उठती है तो उनके माथे पर सेकंड तक नहीं आती। “वह शायद समझ नहीं पाए कि भारत का संविधान संघ (आरएसएस) का विधान नहीं है।”
संविधान को सर माथे लगाते हैं: राजनाथ
संविधान अपनाये जाने के 75 वर्ष पूरे होने पर लोकसभा में सरकार की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विशेष चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने कांग्रेस पर करारे हमले के साथ राहुल गांधी का नाम लिए बिना यह तंज भी कसा कि कुछ लोग आजकल संविधान जेब में रखकर घूमते हैं। असल में उन्होंने अपने परिवार में पीढ़ियों से संविधान से जेब में रखना ही सीखा जबकि भाजपा संविधान को सिर माथे से लगाती है।
राज्यसभा में धनखड़-खड़गे आमने-सामने
हिन्दुस्तान के अनुसार सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस के मुद्दे पर शुक्रवार को राज्यसभा में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और विपक्ष के नेता कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बीच तीखी तकरार हुई। सभापति धनखड़ ने कहा, विपक्ष उनके खिलाफ अभियान चला रहा है। किसान का बेटा हूं, कमजोर नहीं पड़ूंगा। इस पर खरगे ने कहा, मैं भी मजदूर का बेटा हूं। स्वाभिमान के लिए लड़ता रहूंगा। यह लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक समान अधिकार नहीं मिल जाते।
मुसलमानों को दूसरे दर्जे का नागरिक बनाने की कोशिश हो रही: अखिलेश
जागरण के अनुसार संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर संसद में शुक्रवार को शुरू हुई चर्चा में विपक्षी दलों के सांसदों ने अल्पसंख्यक अधिकारों, मणिपुर हिंसा, एजेंसियों के दुरुपयोग और सामाजिक न्याय के मुद्दों पर मोदी सरकार को जमकर घेरा। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि अल्पसंख्यकों और खासकर मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा, “उनके अधिकारों और संपत्तियों को छीना जा रहा है।”
बीपीएससी परीक्षा में हंगामा
प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा में शुक्रवार को पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर जमकर हंगामा हुआ। पेपर लीक का आरोप लगाकर अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया। कई परीक्षार्थी प्रश्न पत्र लेकर केंद्र से बाहर निकल आए और काफी बवाल काटा। परीक्षा केंद्र के आसपास स्थित सड़कों को परीक्षार्थियों ने जाम कर दिया। इस दौरान पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया। हंगामा कर रहे परीक्षार्थियों का आरोप था कि प्रश्न पत्र लेट मिला है और सील पैक भी नहीं था। वहीं पेपर लीक होने के आरोपी को निकलते हुए आयोग के अध्यक्ष रवि मनुभाई परमार ने कहा कि पेपर लीक की बात बिल्कुल गलत है। किसी सेंटर से कोई पेपर लीक नहीं हुआ है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट जज के खिलाफ नोटिस
भास्कर के अनुसार विभिन्न विपक्षी दलों के 55 सांसदों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शेखर यादव के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए राज्यसभा सचिवालय को नोटिस सौंप दिया है। इसमें कहा गया है कि विश्व हिंदू परिषद के कार्यक्रम में जस्टिस यादव ने संविधान का उल्लंघन करते हुए नफरत फैलाने वाला भाषण दिया और सांप्रदायिक विद्वेष को को भड़काया। ध्यान रहे कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में संज्ञान लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट से रिपोर्ट मांगी है।
पटना में मुठभेड़, मर गया सोना लुटेरा अजय
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर के अनुसार एक दर्जन बैंक डकैती कांड को अंजाम देने वाला वांटेड अजय कुमार उर्फ काका शुक्रवार की रात साढ़े नौ बजे एसटीएफ के साथ हुये मुठभेड़ में मारा गया। वह मूल रूप से सारण जिले के रिविलगंज थानांतर्गत नटवर सेमरिया गांव का रहने वाला था। अजय पर सारण के अलावा भोजपुर में भी कई मामले दर्ज थे। मुठभेड़ के दौरान एसटीएफ के इंस्पेक्टर दिवाकर को बांह में गोली लगी है। वे खतरे से बाहर हैं। एसटीएफ को यह सूचना मिली थी कि अजय जक्कनपुर थानांतर्गत संजय नगर रोड नंबर 10 स्थित एक मकान में किराये पर रह रहा है। एसटीएफ की ओर से चलाई गई गोली में घायल अजय को एनएमसीएच में भर्ती कराया गया लेकिन वहां उसकी मौत हो गई।
ट्रंप की धमकी…तो बंद कर देंगे व्यापार
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने धमकी दी है कि जो देश अवैध प्रवासी वापस नहीं लेंगे उनसे व्यापार बंद कर दिया जाएगा। भास्कर के अनुसार ट्रंप ने मास डिपोर्टेशन योजना को लेकर नई धमकी दी है। ट्रंप ने टाइम पत्रिका के ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ इंटरव्यू में कहा अवैध प्रवासियों को उनके देश को वापस लेना ही होगा। वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन पर भारी फीस लगाएंगे। ट्रंप ने कहा कि वह अपने चुनावी वादे को पूरा करने के लिए सेना की भी मदद लेंगे। इस सवाल पर कि अमेरिकी कानून आंतरिक मामलों में सेना के प्रयोग से रोकता है, ट्रंप ने कहा कि अवैध प्रवासी देश पर आक्रमण की तरह हैं। उन्होंने अवैध प्रवासियों को हिरासत में रखने के लिए नए डिटेंशन सेंटर बनाने के संकेत दिए।
कुछ और सुर्खियां
- बिहार के नए डीजीपी होंगे विनय कुमार, आलोक राज को हटाया गया
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ में 5500 करोड़ की योजनाओं का किया लोकार्पण
- फिल्म एक्टर अल्लू अर्जुन को स्क्रीनिंग के दौरान महिला की मौत पर पहले जेल, बाद में हाई कोर्ट से जमानत
- पटना यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों की 8 दिन पुरानी हड़ताल खत्म
- चैंपियंस ट्रॉफी क्रिकेट में दुबई में होगी भारत-पाकिस्तान की भिड़ंत
- अरवल जिले के करपी थाना क्षेत्र में लेवी नहीं देने पर कंस्ट्रक्शन कंपनी की सात गाड़ियों को फूंका
- बिस्कोमान अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चुनाव 22 जनवरी को
- पटना में शंकर नेत्रालय खोलने का हुआ करार, 75% का मुफ्त इलाज होगा
अनछपी: मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के सनावद में 26 नवंबर 2022 को भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को गुल्लक भेंट करने वाले बच्चों के पिता मनोज परमार और माता नेहा ने शुक्रवार को आत्महत्या कर ली। दोनों ने जहां आत्महत्या की उस जगह से जो सुसाइड नोट मिला है उसमें इसका कारण ईडी द्वारा तंग किया जाना बताया गया है। इस सुसाइड नोट में यह भी लिखा है कि ईडी के अधिकारी कह रहे थे कि अपने बच्चों को भाजपा ज्वाइन करवा दो और उनसे राहुल गांधी के विरुद्ध वीडियो डलवाओ तो बच जाओगे। विपक्ष के नेता पहले से ही यह आरोप लगाते रहे हैं कि सरकार ने ईडी को अपना एक हथियार बना लिया है ताकि वह विपक्ष के नेताओं को फंसा सके। यह भी कहा जाता है कि 90% से अधिक मामलों में ईडी ने विपक्षी नेताओं को ही टारगेट किया है। इस खबर को अखबारों में बहुत कम जगह मिली है लेकिन ऐसा लगता है कि इस पर गंभीर चर्चा होनी चाहिए। वैसे यह मामला सोशल मीडिया पर काफी चर्चित हुआ है। मनोज कांग्रेस से जुड़े हुए थे और अपना कारोबार करते थे। 5 दिसंबर को ईडी ने कर्ज के पैसों का दुरुपयोग करने के केस में उनके घर और दफ्तर पर छापा मारा था। मनोज ने अपना सुसाइड नोट राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, गृह मंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मीडिया संगठनों और कांग्रेस की राष्ट्रीय और राज्य इकाइयों को संबोधित कर लिखा है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ईडी को इस बात के लिए जिम्मेदार नहीं माना जाना चाहिए कि उसने मनोज और नेहा परमार को सुसाइड के लिए उकसाया? इंसाफ का तकाजा तो यह है कि यह मालूम किया जाए कि ईडी के कौन अधिकारी इनका केस देख रहे थे और किसके इशारे पर ऐसी बातें कह रहे थे। इन अधिकारियों पर इस मामले में गंभीर धाराओं में केस किया जाना चाहिए। मनोज परमार ने अपने सुसाइड नोट में राहुल गांधी से निवेदन किया कि कांग्रेस का प्रचार करने के कारण ईडी ने परेशान किया और अब उनके बच्चों की जिम्मेदारी उन पर है। कांग्रेस को भी ईडी से गंभीर शिकायतें रही हैं और अब उसकी जिम्मेदारी है कि मनोज के केस को आगे बढ़ाएं और उनके बच्चों की जिम्मेदारी लें। ऐसा लगता है कि मीडिया ने इस मामले की गंभीरता को जानबूझकर नजरअंदाज कर दिया है। फिर भी यह सब के लिए सोचने की बात है कि आखिर ईडी ने ऐसा क्यों और क्या किया कि जिससे इस दंपति को आत्महत्या करने पर मजबूर होना पड़ा।
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