छ्पी-अनछपी: महाकुंभ में भगदड़- 15 मरे, टैरिफ को लेकर ट्रंप ने भारत को भी धमकी दी
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। आज के अंक की शुरुआत एक दुखद खबर से जो अखबारों में नहीं है। इलाहाबाद (प्रयागराज) के महाकुंभ में भगदड़ मचने से कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई और बहुत से लोग घायल हुए हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाई टैरिफ लगाने को लेकर भारत और चीन को चेतावनी दी है। पटना हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि जूनियर इंजीनियर के पद के लिए बीटेक की डिग्री मान्य नहीं होगी। बिहार में तीन लाख घोड़पड़ास (नीलगाय) 34 जिलों में मचा रहे हैं तबाही।
और जानिएगा कि चीन ने ऐसी सस्ती क्या चीज़ बनाई कि अमेरिकी बाज़ार में हड़कंप मचा है।
पहले भगदड़ की खबर। मंगलवार की आधी रात के बाद महसकुंभ में मौनी अमावस्या के लिए जुटी भारी भीड़ से भगदड़ मच गई। बीबीसी हिंदी के अनुसार उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में जारी कुंभ मेले में बुधवार की रात तक़रीबन डेढ़ बजे एक घाट पर भगदड़ मची है, जिसमें कई लोग हताहत हो सकते हैं। समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार प्रयागराज सिटी के एक डॉक्टर ने नाम न सार्वजनिक करने की शर्त पर बताया है कि इस घटना में कम से कम 15 लोगों की मौत हुई है और कई लोग घायल हैं। हालांकि, प्रशासन ने अभी तक किसी भी मौत के बारे में नहीं बताया है। वहीं समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से टेलीफ़ोन पर बातचीत की है और हालात का जायज़ा लिया है।
बागपत मंच टूटा, 7 की मौत
जागरण के अनुसार उत्तर प्रदेश के शहर बागपत में धार्मिक कार्यक्रम में श्रद्धालुओं की तुलना में भीड़ प्रबंधन ना होने से भयानक हादसा हो गया। भगवान आदिनाथ प्रथम तीर्थंकर के निर्वाण महोत्सव के दौरान 65 फीट ऊंचे मान स्तंभ पर निर्माण लाडू (खांड से बने लड्डू) चढ़ाने के लिए बनाया गया लकड़ी का मचान टूट गया। इससे मचान पर मौजूद करीब 70 श्रद्धालु नीचे आ गिरे। इनमें से सात की मौत हो गई और आठ पुलिसकर्मी समेत 50 लोग घायल हो गए।
ट्रंप की भारत को धमकी
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उच्च शुल्क (हाई टैरिफ) लगाने को लेकर भारत और चीन को चेतावनी दी। उन्होंने चीन, भारत और ब्राजील को उच्च शुल्क वाले देशों में शामिल किया। ट्रंप ने फ्लोरिडा में एक कार्यक्रम में रिपब्लिकन पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने कहा, हम उन देश पर टैरिफ लगाने जा रहे हैं, जो हमें नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। चीन बहुत अधिक शुल्क लेता है। भारत, ब्राजील तथा कई अन्य देशों की भी यही स्थिति है।
बीटेक डिग्री से नहीं ले सकते जूनियर इंजीनियर की नौकरी
प्रभात खबर के अनुसार पटना हाई कोर्ट ने कहा है कि बीटेक डिग्रीधारी जूनियर इंजीनियर पद के योग्य नहीं हैं। कोर्ट ने जल संसाधन विभाग बिहार के अधीनस्थ इंजीनियर सिविल संपर्क भर्ती नियम 2023 के नियम 8 (1) (2) और (3) को चुनौती देने वाली याचिका ख़ारिज करते हुए आदेश दिया। कोर्ट को बताया गया कि जूनियर इंजीनियर (सिविल) के पद पर नियुक्ति के लिए योग्यता सिविल, मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा या समकक्ष निर्धारित की गई है। लेकिन बीटेक डिग्रीधारी इस पद पर आवेदन कर नियुक्त हो जाते थे। इसके बाद राज्य सरकार ने इंजीनियरिंग सिविल संवर्ग भर्ती नियम लाया। इसके तहत बीटेक डिग्रीधारी को जूनियर इंजीनियर पद के लिए अयोग्य करार दिया गया। इस नियम को हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी।
तीन लाख घोड़पड़ास, 34 ज़िले के किसान परेशान
हिन्दुस्तान की ख़ास खबर में बताया गया है कि बिहार में घोड़परास (नीलगाय) का आतंक बढ़ता ही जा रहा है। तीन लाख से अधिक घोड़परास 34 जिलों में तबाही मचा रहे हैं। हाल यह है कि केवल चार जिलों को छोड़कर पूरा प्रदेश ही अब इनकी जद में आ गया है। इनका प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। उधर, राज्य सरकार इनकी बढ़ती संख्या के बाद परेशानी में है। कृषि विभाग ने पिछले दिनों घोड़परास को लेकर राज्यव्यापी सर्वे करवाया तो चौंकने वाले परिणाम सामने आए हैं। मधेपुरा, बांका, किशनगंज और कटिहार को छोड़कर अन्य सारे जिलों में इनकी पहुंच हो चुकी है। हाल यह है कि इनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। नित्य नये-नये इलाकों में इनकी धमक हो रही है। कई जिलों में लोगों की शिकायत है कि उनके यहां पहले घोड़परास नहीं दिखता था, लेकिन अब वे वहां स्थायी रूप से बस गए हैं। सिर्फ वैशाली में ही 34 हजार घोड़परास खेतों को चर रहे हैं।
चीन की डीपपसेक से अमेरिकी बाज़ार धड़ाम
चीन की कंपनी डीपसीक का सस्ता एआई अमेरिकी बाजारों में भूचाल ले आया। ओपनएआई से करीब 20 से 50 फीसदी सस्ते एआई की खबर से अमेरिकी बाजार में हड़कंप मच गया और एनवीडिया जैसी चिप निर्माता कंपनी को एक दिन में करीब 500 अरब डॉलर का झटका लग गया। एनवीडिया का शेयर 24 फीसदी तक फिसल गया वहीं फिलेडेल्फिया सेमीकंडक्टर इंडेक्स 9.2 प्रतिशत नीचे लुढ़क गया। डीपसीक पर लोगों की उत्सुकता बढ़ती देख इस कंपनी पर दनादन साइबर हमले होने लगे। इन हमलों को रोकने के लिए चीनी कंपनी को अपने पंजीकरण को सीमित करना पड़ा। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, चीनी कंपनी डीपसीक का आना हमारे बिजनेस के लिए बड़ी चेतावनी है।
कुछ और सुर्खियां
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- इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी करने वाले संस्थान फिटजी के संचालक डीके गोयल को गिरफ्तार करने का निर्देश
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अनछपी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर 80 करोड़ लोगों को 5 किलो अनाज देने की बात करते हैं लेकिन इसी अनाज की कमी से उत्तर प्रदेश के एटा जिले की सुमन अपने बच्चों की बेबसी ना देख सकी और उसने जहर खा कर जान दे दी। यह उसी उत्तर प्रदेश की खबर है जहां के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी बड़ाई करते नहीं थकते और सांप्रदायिक राजनीति की इंतहा करते हैं। उत्तर प्रदेश की पूरी सरकारी इस समय महाकुंभ के आयोजन में लगी है और अरबों रुपए खर्च कर रही है जिसमें काफी पैसा प्रचार पर भी जा रहा है। उस राज्य में एक महिला का दो वक्त की रोटी के लिए बेबसी के आलम में जान दे देना कितनी शर्मनाक और अफसोसनाक बात है इसे समझा जा सकता है। मीडिया में इस खबर की बहुत चर्चा नहीं हुई लेकिन जो जानकारी मिली उससे यह पता चला कि 35 वर्षीय सुमन के पति का 2 वर्ष पहले कैंसर से निधन हो गया था। सुमन के पास तीन बीघा जमीन भी थी लेकिन एक तो उस पर फसल कम होती थी और दूसरे यह कि उसका आधा हिस्सा उसके गोतिया के लोग ले जाते थे। परिवार में बहुत मेल मिलाप नहीं था और सुमन की सास एक हलवाई के यहां पूरी बेलने का काम करती थी। सुमन का बेटा जो 12 वर्ष का था वह अपनी दादी के साथ मजदूरी करने जाता था। इसके बावजूद घर के सात सदस्यों के लिए दो रोटी का सही से इंतजाम नहीं हो पता था। बहू की मौत से बेहद दुखी सास रामबेटी का कहना है कि घर में खाने का संकट आम बात थी। उनके अनुसार घर में कभी आटा खत्म हो जाता था तो कभी तेल। पांच बच्चों की भूख और बेबसी दर्द बहू नहीं झेल पाई और उसने अपनी जान दे दी। यहां पर यह चर्चा करना भी जरूरी है कि यह जिम्मेदारी केवल सरकार की नहीं बल्कि समाज की भी है कि ऐसे परिवार की मदद कैसे की जाए। जब उस विधवा ने अपनी जान दे दी तो प्रशासनिक अधिकारी जसगऔर उसे महिला की सास को पेंशन देने और दूसरी मदद का ऐलान किया है। सवाल यह है कि आखिर इसके लिए पहले व्यवस्था क्यों नहीं हो पाई और एक मां को इस तरह अपनी जान क्यों गंवानी पड़ी?
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