छ्पी-अनछपी: छत्तीसगढ़ में 28 नक्सलियों को ढेर करने का दावा, ईरान फिर इसराइल पर हमला करेगा

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। पुलिस ने छत्तीसगढ़ में 28 नक्सलियों को मार गिराने का दावा किया है। ईरान के सर्वोच्च नेता अली ख़ामेनेई ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर इसराइल पर फिर हमला किया जाएगा। बिहार के 4.39 लाख बाढ़ पीड़ित परिवारों के खाते में 7-7 हज़ार रुपये भेजे गए हैं। हरियाणा में आज विधानसभा की सभी 90 सीटों के लिए वोट पड़ रहे हैं।

आज के अखबारों की यह खास खबरें हैं।

भास्कर के अनुसार छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा-नारायणपुर सीमा पर सुरक्षा बलों की संयुक्त पार्टी को बड़ी कामयाबी मिली है। गुरुवार शाम नक्सलियों की मौजूदगी की खबर मिलने पर नारायणपुर-दंतेवाड़ा की सीमा पर थुलथुली इलाके में संयुक्त पार्टी पहुंची थी। शुक्रवार दोपहर जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई जिसमें जवानों ने 36 नक्सलियों को मार गिराया। अंतिम सूचना मिलने तक 28 शव बरामद हुए थे। सुरक्षा बलों को मौके से एक-47 सहित कई ऑटोमेटिक हथियार भी मिले हैं। पुलिस के अनुसार मुठभेड़ में बड़ी संख्या में नक्सली घायल हुए हैं। दंतेवाड़ा एसपी ने बताया कि पहले राउंड की मुठभेड़ में जवानों ने सात नक्सलियों को मार दिया था। इसके बाद रुक-रुक कर मुठभेड़ जारी रही। दंतेवाड़ा और नारायणपुर सीमा के अबूझमाड़ जंगलों में 500 जवानों ने ऑपरेशन चलाया।

जरूरत पड़ी तो ईरान फिर इसराइल पर हमला करेगा: ख़ामेनेई

जागरण के अनुसार ईरान ने इसराइल के साथ जंग में पीछे न हटाने का ऐलान किया है। सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली ख़ामेनेई कहा है कि जरूरत पड़ने पर इसराइल पर फिर से हमला किया जाएगा। उन्होंने 7 अक्टूबर 2023 को इसराइल पर हुए हमास के हमले को जायज़ ठहराया। कहा, अपनी धरती की रक्षा का अधिकार सभी को है। ख़ामेनेई ने कुरान की आयतों का हवाला देते हुए मुसलमानों से एकजुट होने का आह्वान किया। बाएं हाथ में राइफल की नली थामे ख़ामेनेई जुमे की नमाज के बाद की तकरीर में हिज़्बुल्लाह प्रमुख रहे हसन नसरुल्लाह को ऐसा रत्न बताया जिसने अपनी शख्सियत केवल लेबनान में ही नहीं बल्कि पश्चिम एशिया और दुनिया में भी बनाई। नसरुल्लाह के प्रति सम्मान जताने के लिए तेहरान की ग्रैंड मुसल्ला मस्जिद में हज़ारों पुरुष और महिलाएं जुमे की नमाज में शामिल हुए थे।

बाढ़ पीड़ित परिवारों को मिले पैसे

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार शाम राज्य के 13 जिलों के 4.39 लाख बाढ़ पीड़ित परिवारों को 7-7 हजार रुपए की अनुग्रह सहायता राशि प्रदान की। डीबीटी के माध्यम से पीड़ितों के बैंक खाते में राशि का भुगतान किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रथम चरण की बाढ़ से प्रभावित परिवारों के खाते में आज 7-7 हजार रुपये की आनुग्रहिक राहत राशि हस्तांतरित की गयी है। उन्होंने अधिकारियों को द्वितीय चरण के बाढ़ से प्रभावित परिवारों को दुर्गा पूजा के पूर्व (9 अक्टूबर तक) उनके खाते में राशि अवश्य हस्तांतरित कराने का निर्देश दिया।

हरियाणा में वोटिंग

हरियाणा में विधानसभा की सभी 90 सीटों के लिए आज मतदान हो रहा है। इसमें 1031 उम्मीदवार खड़े हुए हैं। प्रमुख उम्मीदवार के रूप में मुख्यमंत्री नायब सैनी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा हैं। इसके अलावा पहलवान विनेश फोगाट भी कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। हरियाणा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि हरियाणा में 2 करोड़ 3 लाख 54 हज़ार 350 वोटर हैं जो इस चुनाव में वह डाल सकते हैं। यहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल की कोशिश कर रही है। वहीं कांग्रेस एक दशक बाद वापसी की उम्मीद कर रही है। मतगणना और रिजल्ट 8 अक्टूबर को है।

शेयर बाजार में चार दिन में 16 लाख करोड़ डूबे

हिन्दुस्तान के अनुसार पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव और विदेशी पूंजी निकासी के बीच शुक्रवार को सेंसेक्स में 809 अंक और निफ्टी में 235 अंक की गिरावट दर्ज की गई। यह लगातार दूसरे दिन बड़ी गिरावट है। सेंसेक्स 81,688.45 तो एनएसई गोता लगाते हुए 25,049.85 पर आ गया। बाजार में मचे इस कोहराम से बीते चार दिनों में निवेशकों को 16 लाख करोड़ रुपये की चपत लगी है।

एससी एसटी के कोटे में कोटा जारी रहेगा

जागरण की खबर है कि सुप्रीम कोर्ट ने कोटे में कोटा यानी आरक्षण के भीतर आरक्षण की इजाजत देने वाले फैसले पर एक बार फिर अपनी मुहर लगा दी है। कोर्ट ने एससी-एसटी के उप वर्गीकरण की अनुमति देने वाले फैसले के विरुद्ध दाखिल दो दर्जन से अधिक पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर दी हैं। कोर्ट ने कहा कि फैसले में ऐसी कोई खामी नहीं है जिसके लिए फैसले पर पुनर्विचार करने की जरूरत हो।

आदेश नहीं माने तो अफसरों को जेल भेजेंगे: सुप्रीम कोर्ट

भास्कर के अनुसार गुजरात के सोमनाथ मंदिर के आसपास कथित अवैध निर्माण पर बुलडोजर ऐक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगाने से इनकार किया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने शुक्रवार को और अवमानना याचिका पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा है। बेंच ने कहा यदि हमारे आदेश की अवमानना हुई तो जिम्मेदार अधिकारियों को जेल भेज देंगे। साथ ही संबंधित जगहों को पुनर्स्थापित करने का आदेश भी देंगे। सुप्रीम कोर्ट में पाटनी मुस्लिम जमात ने अवमानना याचिका लगाई हुई है। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने बताया कि बुलडोजर ऐक्शन से पांच दरगाह, 10 मस्जिद और 45 घर खतरे में हैं।

कुछ और सुर्खियां

  • सारण में गंडक नदी पर बना मुख्य बांध 8 फीट तक धंसा
  • एससीओ बैठक में भाग लेने पाकिस्तान जाएंगे विदेश मंत्री एस जयशंकर
  • स्मार्ट मीटर में पैसा खत्म होने पर भी 7 दिनों तक नहीं कटेगी बिजली
  • बिहार खेल विभाग में 466 पदों पर की जाएगी नियुक्ति
  • बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर, बिहार और झारखंड में भारी बारिश का अलर्ट
  • धनगर समुदाय को एससी का दर्जा दिलाने के लिए महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर मंत्रालय से कूदे, जाल पर अटके
  • तिरुपति लडडू मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बनाई एसआईटी
  • 20 लाख की रिश्वतखोरी के मामले में पकड़े गए एनआईए के डीएसपी अजय प्रताप सिंह को भेजा गया जेल

अनछपी: हाल ही में यूएसएआईआरएफ यानी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति पर चिंता जताई है। इस रिपोर्ट में धार्मिक स्वतंत्रता के उल्लंघन के लिए भारत की आलोचना की गई है। रिपोर्ट में अल्पसंख्यकों और उनके पूजा स्थलों के खिलाफ हमले और भ्रामक सूचनाओं के इस्तेमाल का जिक्र किया गया है। साथ ही परोक्ष तौर पर भारत के विरुद्ध उठाए जाने वाले कदमों के बारे में भी बताया गया है। दिलचस्प बात यह है कि इस रिपोर्ट के बारे में हिंदी के अखबारों में बहुत कम जानकारी सामने आई है। जो जानकारी सामने आई भी है उसमें भारत की प्रतिक्रिया को प्रमुखता दी गई है। यह रिपोर्ट विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीच वाशिंगटन में हुई द्विपक्षीय बैठक के कुछ घंटे के बाद जारी की गई। भारत के विदेश मंत्रालय ने रिपोर्ट पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यूएसएआईआरएफ को अमेरिका के भीतर मानवाधिकारों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। भारत ने अमेरिकी आयोग को पक्षपाती संगठन भी बताया। धार्मिक आजादी पर नजर रखने वाला अमेरिकी आयोग अकेली संस्था नहीं है जिसने भारत में धार्मिक आजादी के उल्लंघन के बारे में रिपोर्ट दी है। इससे पहले भी अमेरिकी आयोग भारत में धार्मिक आजादी और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के उल्लंघन पर चिंता जताते हुए रिपोर्ट जारी की है। भारत ने इससे पहले भी उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया और इस बार भी उसका रवैया वही है। यह बात सुनने में अजीब लगती है कि भारत यह तो चाहता है कि यूएसएआईआरएफ अमेरिका के भीतर मानवाधिकारों के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करे लेकिन भारत के बारे में वह कुछ नहीं बोले। क्या यह बेहतर नहीं होता कि इस आयोग की रिपोर्ट में जिन बातों का जिक्र किया गया है उन पर भारत में विस्तार से चर्चा होती और भारत सरकार उसके बारे में बिंदुवार जवाब देती। मीडिया भले ही इसकी चर्चा न करे लेकिन सबको पता है कि भारत के अल्पसंख्यक, विशेष कर मुसलमान इस समय सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के उत्पीड़न का शिकार हैं। इसका ताजा उदाहरण बुलडोजर ऐक्शन है जिस पर सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद सरकारें ऐसी हरकतें करने से बाज नहीं आ रहीं और अब अवमानना का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। यानी सुप्रीम कोर्ट में यह मामला चल रहा है कि उसके आदेश का उल्लंघन करके लोगों का घर और उनके धार्मिक स्थल सरकार द्वारा बुलडोजर से ढाए जा रहे हैं। मुसलमानों की मॉब लिंचिंग की समस्या भी बहुत गंभीर है और अगर इस मामले में अमेरिकी आयोग ने कुछ कहा है तो सरकार को उस पर ध्यान देना चाहिए। सरकार को यह समझना होगा कि आयोग की रिपोर्ट को बिना जांच पड़ताल खारिज किए जाने से स्थिति नहीं बदलेगी और उसकी छवि बेहतर नहीं होगी।

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