छ्पी-अनछ्पी: कुवैत में आग लगने से 42 भारतियों की मौत, विश्वविद्यालयों को 4 माह की सैलरी दो दिन में

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। कुवैत की एक बिल्डिंग में आग लगने से 42 भारतियों समेत 49 लोगों की मौत हो गई। बिहार के विश्वविद्यालहों में 4 महीने की सैलरी और पेंशन की राशि दो दिनों में भेज दी जाएगी। मेडिकल दाखिला परीक्षा नीट के बारे में एनटीए का कहना है कि ग्रेस मार्किंग वाले मामले की जांच हो रही है। इन खबरों को आज के अखबारों में अच्छी जगह मिली है।

जागरण की सबसे बड़ी खबर है कि कुवैत के मंगफ़ शहर में एक बहुमंजिला इमारत में बुधवार सुबह आग लगने से 42 भारतियों की मौत हो गई। इस भीषण अग्निकांड में कुल मिलाकर 49 विदेशी कामगार मारे गए हैं। इनमें नेपाल और पाकिस्तान समेत अन्य देशों के नागरिक शामिल हैं। घायल 50 लोगों में भी अधिकतर भारतीय ही हैं। छह मंजिलों वाले इस इमारत में लगभग 200 लोग रह रहे थे। पूरी बिल्डिंग में आग लगने की संभावित वजह रसोई में लगी आग बताई जा रही है। मरने वाले भारतीयों में अधिकतर केरल और तमिलनाडु के बताए गए हैं। अधिकतर लोगों की मौत धुएं से दम घुटने से हुई। भारत के विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के आश्रितों को दो-दो लाख रुपये देने का ऐलान किया है। कुवैत के गृह मंत्री ने मंगफ़ इमारत के मालिक और इमारत के चौकीदार व श्रमिकों के लिए जिम्मेदार कंपनी के मालिक को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है।

विश्वविद्यालय की सैलरी दो दिन में

हिन्दुस्तान के अनुसार राज्य के विश्वविद्यालयों और शिक्षा विभाग के बीच करीब तीन माह से कई मुद्दों पर बना गतिरोध बुधवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में दूर हो गया। सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक कुलाधिपति राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर की अध्यक्षता में हुई, जिसमें शिक्षा मंत्री सुनील कुमार और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ भी शामिल हुए। इसके बाद शिक्षा विभाग में मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल हुए। बैठक में विभाग की ओर से कहा गया कि अगले दो दिनों में सभी विश्वविद्यालयों को चार महीने के वेतन और पेंशन की राशि भेज दी जायेगी। साथ ही वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विश्वविद्यालयों के बजट की स्वीकृति पर भी सहमति बनी। बजट की राशि करीब 4500 करोड़ की है।

नीट पर सवालों का सिलसिला

प्रभात खबर ने बताया है कि मेडिकल दाखिला परीक्षा नीट के पेपर लीक की जांच कर रही बिहार की इकोनॉमिक ऑफेंस यूनिट ने एनटीए से दो दो बार असली प्रश्न पत्र मांगा है लेकिन एनटीए ने अब तक यह उपलब्ध नहीं कराया। इकोनॉमिक ऑफेंस यूनिट का कहना है कि इसके बाद भी एनटीए ने यदि सही प्रश्न पत्र मुहैया नहीं कराया तो ईओयू अदालत के माध्यम से एनटीए को नोटिस जारी करेगा। इस बारे में भास्कर ने सवाल उठाया है कि रजिस्ट्रेशन बंद होने के 24 दिन के बाद भी लिंक क्यों खोला गया। इसने खबर दी है कि हजारीबाग में एक ही केंद्र के आठ टॉपर को 720 में 720 बैंक अंक आए हैं जो सवालों के घेरे में है। उधर, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह ने बुधवार को कहा कि नीट में दिए ग्रेस मार्क्स की समीक्षा की जा रही है। एनटीए ने स्पष्ट किया कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा की पवित्रता से समझौता नहीं किया गया है और कोई पेपर लीक नहीं हुआ है। एनटीए महानिदेशक ने बताया कि नीट-यूजी में अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने वाले 63 मामले सामने आए हैं। इनमें से 23 को अलग-अलग अवधि के लिए परीक्षा से वंचित कर दिया गया है। शेष 40 उम्मीदवारों के नतीजे रोक दिए गए हैं।

छपरा में वकील बाप-बेटे का मर्डर

छपरा के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के छपरा मशरक स्टेट हाईवे पर दूदहिया पुल के पास वकील पिता और पुत्र की बदमाशों ने बुधवार की सुबह गोली मारकर हत्या कर दी। घटना को अंजाम देने के बाद तीन बाइक पर सवार रहे पांचों बदमाश भाग निकले। एसपी कुमार आशीष ने बताया कि पट्टीदारों के साथ पुराने भूमि विवाद में पिता- पुत्र की हत्या हुई है। इस मामले में दो आरोपित पट्टीदारों को गिरफ्तार कर लिया गया है। ग्रामीणों के अनुसार चार बीघा जमीन का विवाद चल रहा था। पिछले दिनों मारे गए वकीलों के पक्ष में कोर्ट का फैसला आया था।

जगदानंद का एक और बेटा आरजेडी में

प्रदेश राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे अजीत सिंह राजद में शामिल हो गए हैं। वे करीब एक माह पूर्व जदयू से त्यागपत्र दे चुके थे। सूत्रों के अनुसार पूर्व मंत्री सुधाकर सिंह के बक्सर से सांसद निर्वाचित होने के बाद उनके विधानसभा क्षेत्र रामगढ़ के उपचुनाव में अजीत सिंह के चुनाव लड़ने की संभावना है। रामगढ़ से विधायक रहते हुए जगदानंद सिंह के पुत्र सुधाकर सिंह ने बक्सर संसदीय क्षेत्र से राजद के उम्मीदवार बनाए गए थे।

28 लाख प्लॉट की रजिस्ट्री पर रोक

हिन्दुस्तान की खास खबर है कि 28 लाख 19 हजार प्लॉट की खरीद-बिक्री पर रोक लगी है। इस फेहरिस्त में पटना समेत अन्य शहरों के अपार्टमेंट भी हैं। ऐसी सभी संपत्तियों, प्लॉट या अपार्टमेंट की समीक्षा करने को जिलों से करने के लिए कहा गया है। इसमें तकरीबन सभी वैसी जमीन के प्लॉट या अपार्टमेंट हैं, जिन पर निगरानी ब्यूरो, विशेष निगरानी इकाई, सीबीआई, आयकर, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) समेत ऐसी अन्य जांच एजेंसियों के स्तर से लगाई गई है।

कुछ और सुर्खियां

  • हज के लिए 15 लाख से अधिक लोग मक्का में जमा हुए
  • बिहार में 15 जिलों में चल रही लू, 7 जिलों में लू का रेड अलर्ट
  • ओडिशा में भारतीय जनता पार्टी के पहले मुख्यमंत्री बने मोहन माझी
  • चंद्रबाबू नायडू ने चौथी बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की ली शपथ
  • 18वीं लोकसभा का पहला संसद सत्र 24 जून से 30 जुलाई तक
  • टी 20 वर्ल्ड कप में भारत ने अमेरिका को 7 विकेट से हराया
  • जम्मू के कठुआ में दो आतंकवादी मारे गए, एक जवान की भी जान गई

अनछपी: कुवैत में आग लगने से 42 लोगों की मौत की खबर बेहद दुखद है और इससे दो प्रमुख बातें सामने आती हैं। पहली बात यह कि विदेशों में बेहतर सुरक्षा व्यवस्था होने की जो राय है वह इस घटना से कमजोर हुई है। कुवैत एक संपन्न देश है और आमतौर पर यह समझा जाता है कि वहां नियम कानून का पूरा-पूरा पालन होता होगा। रिपोर्टों में बताया गया है कि 6 मंजिलों की इमारत में लगभग 200 लोगों को रखा गया था जो उसकी क्षमता से काफी अधिक था। ऐसा अगर भारत और पाकिस्तान में होता तो इसे बहुत असामान्य नहीं माना जाता लेकिन क्या कुवैत में भी इस तरह लोगों को रखा जा सकता है? इससे कुवैत की प्रशासनिक विफलता का पता चलता है। आग पर काबू पाना बेहद मुश्किल काम माना जाता है लेकिन कुवैत जैसे संपन्न देशों से यह उम्मीद की जाती थी कि अगर आग की लपटें पहले तो सुरक्षा व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि उस पर तुरंत काबू पाया जाए। इस मामले में भी कुवैत की व्यवस्था फ़ेल हुई है और कुवैत के शासकों के लिए जरूरी है कि वह देखें कि आखिर उनके देश में ऐसा क्यों हुआ। इस दुखद घटना के बारे में सोचने की दूसरी बात यह है कि भारत के केरल और तमिलनाडु जैसे कुछ हद तक संपन्न राज्यों से भी लोग बाहर जाकर नौकरी करने को क्यों मजबूर हैं। इस मामले में सोचने की असली बात यह है कि एक तरफ भारत को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शामिल करने के दावे किए जाते हैं तो दूसरी ओर अपने देश के नागरिकों को रोजगार मुहैया कराने में हम नाकाम हैं। ऐसी दुर्घटनाओं के बाद बहुत सारी सलाह आती है और उनमें से एक जरूरी सलाह यह हो सकती है कि विदेशों में जहां भी भारतीय रह रहे हों भारतीय दूतावास उनका हाल-चाल लेता रहे। भारतीय दूतावास उनके रहने की जगह के बारे में भी सुरक्षा के लिहाज से जायजा ले। विदेशों में नौकरी के लिए रह रहे भारतीयों को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उसमें ठगी भी एक बड़ी समस्या है जिसके लिए भारतीय दूतावास लगातार सतर्कता के संदेश देते रहते हैं। विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावासों को अब भारतीयों की सुरक्षा पर और अधिक सतर्क होकर सोचने की जरूरत है।

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