छ्पी-अनछपी: अमेरिका ने कड़े संघर्ष से बचने को कहा, बिहार से हज यात्रियों का पहला जत्था रवाना
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। अमेरिका का कहना है कि भारत पाकिस्तान को इस तरह जवाब दे कि क्षेत्र में कड़े संघर्ष ना हों। बिहार से हज यात्रियों का पहला जत्था रवाना हो गया है। कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मांग की है कि केंद्र जाति गणना की समय सीमा बताए। पटना हाई कोर्ट ने कहा है कि निजी कॉलेजों के लिए शिक्षकों को वेतन और पेंशन सरकार दे।
और, जानिएगा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्यों कहा कि शशि थरूर यहां है तो कई लोगों की नींद हराम होगी।
पहली खबर
हिन्दुस्तान के अनुसार अमेरिका के उप- राष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा कि भारत पहलगाम में दहशत फैलाने वाले आतंकवादियों का पता लगाए और उनसे निपटे। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत आतंकी हमले का जवाब इस तरह से देगा, जिससे बड़ा क्षेत्रीय संघर्ष पैदा नहीं होगा। वेंस ने गुरुवार को एक साक्षात्कार में ये बात कही। उन्होंने कहा कि अमेरिका को उम्मीद है कि पाकिस्तान आतंकियों को पकड़ने में भारत की मदद करेगा, जो कई बार उसकी धरती का इस्तेमाल करते हैं। वेंस से जब पूछा गया कि क्या आप भारत और पाकिस्तान को लेकर चिंतित हैं तो उन्होंने कहा, हां बिल्कुल मैं चिंतित रहता हूं, जब भी आप तनाव का माहौल बनते देखते हैं, खासकर दो परमाणु शक्तियों के बीच। वेंस ने कहा कि हम भारत और पाकिस्तान से संपर्क में हैं। अब देखना ये है की क्या होता है। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादियों ने जब ये हमला किया था, तब उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और उनका परिवार भारत की चार दिवसीय यात्रा पर था।
हज 2025 के लिए गया से पहले जत्था रवाना
प्रभात खबर के अनुसार हाई 2025 पर गया इंबारकेशन पॉइंट से जाने वाले जायरीन का पहला जत्था शुक्रवार को सुबह 3:00 बजे हज भवन, पटना से रवाना किया गया। पहले दिन पांच बसों में 273 लोगों को गया के लिए रवाना किया गया। गया इंबारकेशन पॉइंट से सुबह 10:50 बजे पहली फ्लाइट से 147 और दूसरी फ्लाइट से 126 आजमीन हज ने मदीना शहर के लिए उड़ान भरी। इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हज यात्रियों की सुविधा और सहूलियत का ध्यान रखने के लिए इस बार भी बड़ी संख्या में अधिकारियों को मक्का मदीना भेजा गया है। हज यात्रियों की सुविधा के लिए सरकार की तरफ से हर तरह के इंतजाम किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे भी एक बार मक्का मदीना जाने का मौका मिला था। अंदर जाने की इजाजत नहीं रहती है। मैंने बाहर से ही एक-एक चीज को देखा। काफी खुशी हुई। आप सभी वहां जाते हैं यह देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता होती है। मुख्यमंत्री ने यह बात हज यात्रियों की रवानगी के पहले हज भवन स्थित मौलाना मजहरूल हक ऑडिटोरियम में आयोजित दुवाइया मजलिस में कही।
कांग्रेस की मांग, सरकार जाति गणना का टाइम बताए
हिन्दुस्तान के अनुसार हिन्दुस्तान के अनुसार कांग्रेस ने सरकार के जाति जनगणना कराने के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि अब यह प्रक्रिया किसी भी हालत में और विलंबित नहीं होनी चाहिए। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में पारित प्रस्ताव में फौरन धन आवंटित करने और जनगणना की प्रत्येक अवस्था के लिए समयसीमा घोषित करने की मांग की गई है। इसके साथ पार्टी ने अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण की 50 फीसदी सीमा हटाने की भी मांग की है। इस बीच, जाति जनगणना का श्रेय लेने के लिए पार्टी ने पूरे देश में हस्ताक्षर अभियान शुरू करने का भी फैसला किया है।
निजी कॉलेजों के शिक्षकों को वेतन पेंशन देने का आदेश
प्रभात खबर के अनुसार पटना हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि राज्य के मान्यता प्राप्त निजी डिग्री कॉलेजों में 19 अप्रैल 2007 से पहले नियुक्त शिक्षकों को वेतन और पेंशन सहित सभी सेवा का लाभ दिया जाए। कोर्ट ने कहा कि यह काम 3 महीने के भीतर पूरा किया जाए। कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश आशुतोष कुमार और न्यायमूर्ति पार्थ सारथी की खंडपीठ ने सरकार द्वारा दायर दो याचिकाओं को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम 1976 की धारा 57-ए में 2015 में किए गए संशोधन का लाभ सभी योग्य शिक्षकों को मिलेगा। चाहे उनका कॉलेज डिफिशिएंट ग्रांट में आता हो या परफॉर्मेंस ग्रांट में।
थरूर यहां हैं, कई लोगों की नींद हराम होगी: मोदी
जागरण के अनुसार तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद शशि थरूर हाल के दिनों में कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार की नीतियों की तारीफ करके राजनीतिक हलके में चर्चा में रहे हैं। ऐसे में शुक्रवार को केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम के पास विझींजम में देश के पहले ट्रांस शिपमेंट बंदरगाह के उद्घाटन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वामपंथी सरकार के मुख्यमंत्री पी विजय और सांसद शशि थरूर के साथ मंच साझा करते हुए मोदी ने इंडिया गठबंधन और कांग्रेस पर कटाक्ष करने का कोई मौका नहीं छोड़ा। सीएम विजय को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री जी से मैं कहना चाहूंगा कि आप तो इंडिया गठबंधन के बहुत मजबूत स्पन स्तंभ हैं। यहां शेयर शशि थरूर भी बैठे हैं और आज का इवेंट कई लोगों की नींद हराम कर देगा।
कुछ और सुर्खियां:
- कोलकाता के एक होटल में आग से झुलसे पटना के संपतचक के दो युवकों की मौत
- नीट यूजी: फर्जी पेपर वायरल करने वाले 126 टेलीग्राम चैनलों को बंद करने का आदेश
- कल से 28 खेलों के साथ बिहार में खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आगाज
- नीतीश कुमार सरकार के 20 वर्ष पूरा होने पर जारी किया गया रिपोर्ट कार्ड
- निलंबित आईएएस अधिकारी संजीव हंस पर ठेके में भ्रष्टाचार का केस दर्ज
- दिल्ली में आंधी बारिश से पांच लोगों की मौत
अनछपी: आमतौर पर समझा जाता है कि सैनिकों का जीवन खतरे में रहता है लेकिन इस दुनिया में पत्रकार भी अपने काम के दौरान जान गंवाते हैं। आज विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस है और हम सबको इस बात का अंदाजा है कि प्रेस की स्वतंत्रता बनाए रखना कितना मुश्किल काम है। एक तरफ प्रेस को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ता है तो दूसरी और पत्रकारों को खबर संकलन के दौरान कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्हें गिरफ्तार किया जाता है और उनकी हत्या भी हो जाती है। ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ पत्रकारों के बारे में जानकारी देता है और 2025 की इसकी प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक रिपोर्ट के अनुसार पत्रकारों और मीडिया संस्थानों के लिए काम करना पहले से कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है। आर्थिक अस्थिरता, राजनीतिक दबाव, कानूनी पाबंदियां और सुरक्षा जोखिम जैसे कारक स्वतंत्र पत्रकारिता को कमजोर कर रहे हैं। हालत यह है कि अभी साल के चार महीने ही बीते हैं और कम से कम 15 पत्रकार मारे जा चुके हैं और सैकड़ों हिरासत में लिए गए हैं। फलस्तीन और ख़ासकर ग़ज़ा में रिपोर्टिंग के दौरान प्रेस का स्टीकर लगाए कई लोग इसराइल के हमले में मारे गए हैं। भारत में भी पत्रकारिता आसान नहीं रह गई है और कई लोगों को इसकी वजह से गिरफ्तार होना पड़ा है जिसमें सिद्दीक़ कप्पन का नाम अभी याद आ रहा है। इसके अलावा फिलीपींस, चीन ईरान और अफगानिस्तान जैसे देशों में पत्रकारों का जीना मुश्किल हो गया है। यहां तक कि अमेरिका में भी प्रेस स्वतंत्रता की हालत बहुत खराब है। जहां तक भारत की बात है तो भारत का स्थान इस सूचकांक में बहुत नीचे 151 नंबर पर है। पाकिस्तान 158 नंबर पर है और इन दोनों देशों से ऊपर बांग्लादेश 149वें नंबर पर है। इस रिपोर्ट के अनुसार प्रेस स्वतंत्रता वाले शीर्ष देशों में नॉर्वे, एस्टोनिया, नीदरलैंड, स्वीडन और फिनलैंड शामिल हैं। जागरूक लोग तो इस बात को समझते हैं लेकिन आम आदमी को इसका एहसास शायद कम हो कि पत्रकारों के लिए जीवन कितना मुश्किल होता है।
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