छपी-अनछपी: घुसपैठ से तुष्टिकरण तक पुरानी बातें दोहरा गए शाह, नीतीश ने कहा- शाह को नहीं ज्ञान

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। शनिवार को झंझारपुर और जोगबनी की दो सभाओं में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घुसपैठ और तुष्टिकरण जैसी पुरानी बातों को दोहराया। उनकी सभा की खबरें छाई हुई हैं। इसके जवाब में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह बयान छपा है कि उन्हें ज्ञान नहीं है।

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी सुर्खी है: मोदी पीएम न बने तो सीमांचल घुसपैठियों से भर जाएगा: शाह। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मिथिलांचल की धरती से लोकसभा चुनाव अभियान का शंखनाद करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने लोगों से नरेंद्र मोदी को 2024 में फिर प्रधानमंत्री बनाने की अपील की। शाह ने कहा कि अगर मोदी जी अगली बार प्रधानमंत्री नहीं बने तो सीमांचल घुसपैठियों से भर जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री शनिवार को कोसी-कमला की गोद में बसे झंझारपुर के ललित-कर्पूरी स्टेडियम में आयोजित जनसभा को संबोधित कर रहे थे।

लालू-नीतीश की जोड़ी…शाह

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: लालू नीतीश की जोड़ी तेल-पानी जैसी। लोकसभा प्रवास कार्यक्रम के तहत शनिवार को मधुबनी जिले के झंझारपुर संसदीय क्षेत्र पहुंचे केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बिहार में कथित गिरती विधि व्यवस्था एवं बेमेल महागठबंधन सरकार पर तीखा कटाक्ष किया। शाह ने कहा कि लालू-नीतीश का मेल तेल और पानी जैसा है। “नीतीश बाबू स्वार्थ कितना भी ऊपर हो तेल और अपनी एक नहीं हो सकते और उसमें तेल को कुछ नहीं गंवाना है, तेल पानी को मैला कर देता है।”

बिहार में जल्द चुनाव का दावा

अमित शाह ने कहा कि बिहार में भाजपा की सरकार बनने वाली है। जल्दी यहां विधानसभा चुनाव होगा और भाजपा की सरकार बनते ही विकास तेज होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र के साथ-साथ बिहार में भाजपा की सरकार बनने से सीमांत क्षेत्र का भी तेज विकास होगा। केंद्रीय गृह मंत्री शनिवार को भारत नेपाल सीमा पर इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट के पास नवनिर्मित आवासीय व प्रशासनिक भावनाओं के उद्घाटन के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं के सम्मेलन में बोल रहे थे। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि जल्द यहां भाजपा की सरकार बनने का आशय क्या है।

सभी सीट जीतने का दावा

प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर है: पीएम पद की कोई वैकेंसी नहीं, 2024 में जीतेंगे बिहार की सभी सीटें: शाह। अख़बार लिखता है कि अमित शाह ने शनिवार को बिहार सरकार पर तुष्टिकरण और माफियागिरी का आरोप लगाते हुए जमकर हमला बोला। झंझारपुर के ललित कर्पूरी स्टेडियम में जन समूह को संबोधित करते हुए श्री शाह ने कहा कि 2024 में पीएम पद को लेकर कोई वैकेंसी नहीं है। नरेंद्र मोदी फिर से पीएम बनेंगे। नीतीश की दाल नहीं गलने वाली। बिहार की जनता ने 2014 में 40% वोट, 31 सीट और 2019 में 63% वोट, 39 सीट देकर नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाया था। पूरा भरोसा है कि जनता इस बार सभी 40 सीट एनडीए की झोली में डालेगी।

तुष्टिकरण का आरोप

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: रामचरितमानस के अपमान का एक ही मकसद- तुष्टिकरण: शाह। अमित शाह ने बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के रामचरितमानस पर दिए गए विवादास्पद बयान के हवाले से बिहार की महागठबंधन सरकार पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने झंझारपुर की सभा में कहा कि रामचरितमानस का अपमान और सनातन के विरोध का सिर्फ एक मकसद है- तुष्टिकरण। साथ ही कहा, अगर महागठबंधन को नहीं हटाया गया तो बहुत जल्द बिहार का सीमांचल इलाका घुसपैठियों से भर जाएगा।

अमित शाह को ज्ञान नहीं: नीतीश

भास्कर की सुर्खी है: नीतीश बोले- शाह को कोई ज्ञान नहीं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे और उनके बयान पर कहा कि इन लोगों की किसी बात पर हम ध्यान नहीं देते। इनको कोई ज्ञान नहीं है। इन लोगों की कोई वैल्यू नहीं है। केवल उल्टा सीधा बोलना आता है। उन्होंने कहा कि आजकल यह लोग परेशान और घबराहट में हैं क्योंकि हम विपक्षी पार्टियों को एकजुट करने में लगे हैं।

शाह तेल-पानी मिलाते हैं: राबड़ी

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बिहार दौरे पर कहा कि देश में कितने (नरेंद्र ) मोदी आएंगे कितने मोदी चले जाएंगे। पूरे देश के लोग उनकी मुट्ठी में हैं क्या? शनिवार को अपने आवास पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि वो रोजगार नहीं देंगे, महंगाई नहीं रोकेंगे। इन लोगों को बिहार की जनता करारा जवाब देगी। अमित शाह के उस बयान पर कि जदयू व राजद का मेल तेल–पानी का है, राबड़ी देवी ने कहा, वह खुद व्यापारी हैं तेल पानी मिलाते हैं।

एक देश-एक चुनाव नामंजूर

कांग्रेस कार्यसमिति ने इंडिया गठबंधन का समर्थन किया है। सीडब्ल्यूसी में पार्टी से गठबंधन को आगे ले जाने का आग्रह किया है। इस दौरान पी. चिदंबरम ने एक राष्ट्र, एक चुनाव पर कहा कि यह विचार संविधान और संघवाद पर हमला है। हम इसे अस्वीकार करते हैं। चिदंबरम ने कहा, एक साथ चुनाव के लिए कम से कम पांच संविधान संशोधनों की आवश्यकता होगी। भाजपा जानती है कि उसके पास संख्या बल नहीं है। अगर वह इस मुद्दे को उठाती है, तो यह ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए है।

बोलने की आज़ादी नफरत में न बदले: कोर्ट

तमिलनाडु सरकार में मंत्री उदयनिधि स्टालिन की टिप्पणियों पर राजनीतिक विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बीच मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि जब धर्म संबंधी मामलों में स्वतंत्र भाषण का प्रयोग किया जाता है तो यह सुनिश्चित करना जरूरी हो जाता है कि कोई उससे परेशान न हो। यह ध्यान रखना चाहिए कि बोलने की आजादी घृणा में न बदले। अदालत एक सरकारी कॉलेज द्वारा जारी एक परिपत्र को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

कुछ और सुर्खियां

  • इंडिया गठबंधन की भोपाल में होने वाली रैली रद्द हुई
  • बिहार में डेंगू मरीजों का आंकड़ा 2000 के पार पहुंचा
  • पटना-रांची वंदे भारत की यात्रियों में लोकप्रियता कम, खाली रह रही सीटें
  • गया में धीरेंद्र शास्त्री की सभा की नहीं मिली अनुमति
  • आईएस भर्ती मामले में एनआईए ने 31 स्थान पर की छापेमारी
  • रबी उल अव्वल का चांद दिखा, ईद ए मिलादुन्नबी 28 सितंबर को
  • बारामूला में मार गिराए गए तीन आतंकवादी

अनछपी: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झंझारपुर और जोगबनी के अपने दौरे के दौरान जो बातें कहीं, उनमें अक्सर पुरानी और घिसी पिटी हैं। सीमांचल के बारे में जब भी वह अपने बात कहते हैं तो घुसपैठियों की ही चर्चा करते हैं। उन्हें वहां के लोगों की परेशानी की जानकारी नहीं है या उनसे उन्हें मतलब नहीं है। याद रहे कि अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की देखरेख की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होती है और सारे केंद्रीय बल भी अमित शाह के मंत्रालय के पास हैं, फिर भी अगर घुसपैठ हो रही है तो इसकी जिम्मेदारी किसकी बनती है? यह सवाल बार-बार किया जाता है लेकिन इसका कोई माकूल जवाब नहीं मिलता। सीमांचल के बारे में उनकी यह बातें इसलिए सामने आती हैं क्योंकि वहां मुसलमानों की संख्या अधिक है और इससे अमित शाह को धार्मिक ध्रुवीकरण करने में आसानी महसूस होती है। इसके लिए उनकी ओर से कोई आंकड़ा भी पेश नहीं किया जाता। वास्तव में उनकी बातों से उनके ही विभाग पर सवाल खड़ा होता है कि आखिर घुसपैठ क्यों नहीं रुक रही है और उनका विभाग क्या कर रहा है? अमित शाह ने एक और बात कही की बिहार में जल्दी चुनाव होने वाला है और भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी। क्या अमित शाह ने सिर्फ राजनीतिक जुमलेबाजी के लिए यह बात कह दी कि बिहार में जल्द चुनाव होगा या उनकी ओर से कोई ऐसी कार्रवाई की योजना है जिससे यहां की सरकार गिर जाए? अगर यह राजनीतिक जुमलेबाजी है तो भी इस पर ध्यान देने की जरूरत है कि ऐसे बयानों से लोगों का ध्यान कैसे भटकाया जाता है। अगर अमित शाह आपने इस बयान में गंभीर हैं तो उनसे यह पूछा जा सकता है कि क्या उन्होंने महाराष्ट्र जैसी कोई तैयारी बिहार में भी कर रखी है? अमित शाह ने यह भी दावा किया कि 2024 के संसदीय चुनाव में एनडीए को बिहार में 40 में 40 सीटें मिलेंगी। यह भी उनकी जुमलेबाजी का ही नतीजा है वरना सबको यह पता है कि 2019 का प्रदर्शन दोहराना एनडीए के लिए संभव नहीं है।

 

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