छपी-अनछपी: दिल्ली के रुझानों में भाजपा सरकार, बांग्लादेश में बवाल- घरों में आग लगाई

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। दिल्ली विधानसभा के चुनाव का रिजल्ट आज आ रहा है और सुबह 10 बजे तक मिले रुझानों के मुताबिक़ वहां भाजपा की सरकार बन रही है। बांग्लादेश में एक बार फिर भारत में निर्वासित शेख हसीना के खिलाफ बवाल मचा है। बिहार में जमाबंदियों में गड़बड़ी को ठीक करने के लिए 15 मार्च तक लगाया जाएगा विशेष कैंप। रेपो रेट में कमी के बाद उम्मीद की जा रही है कि बैंकों से मिलने वाले कर्ज की ईएमआई घटेगी।
और जानिएगा कि सासाराम में एक हिंदू बेटे ने अपनी मां का अंतिम संस्कार मुस्लिम रीति रिवाज से क्यों किया।

दिल्ली विधानसभा का शुरुआती चुनाव रुझान एग्जिट पोल के मुताबिक जा रहा है और ऐसा लग रहा है कि वहां आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं बचेगी और भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनेगी। सुबह 10:00 बजे तक भारत के निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर जो जानकारी दी गई थी उसके मुताबिक भारतीय जनता पार्टी 38 सीटों पर आगे थी जबकि आम आदमी पार्टी 27 सीटों पर आगे थी। यह शुरुआती रुझान है और अंतिम परिणाम नहीं माना जा सकता।
बांग्लादेश में बवाल 

हिन्दुस्तान के अनुसार बांग्लादेश में बुधवार देर रात देश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के सोशल मीडिया पर वर्चुअली संबोधन के बाद शुरू हुआ हिंसा का दौर शुक्रवार को भी जारी रहा। अवामी लीग के कई नेताओं के घर जलाकर खाक कर दिए गए। अंतरिम सरकार ने हिंसा पर चिंता जताई है। हसीना की मुख्य राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी और पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने गुरुवार देर रात देश की मौजूदा स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा, यदि सरकार उभरती चुनौतियों को नियंत्रित करने में विफल रहती है तो स्थिरता खतरे में पड़ सकती है। प्रदर्शन और हिंसा की आंच 24 से अधिक जिलों में सुलग रही है। तीन दिन में यहां प्रदर्शनकारियों ने शेख मुजीबुर्ररहमान के भित्ति चित्रों को नष्ट कर दिया। वहीं बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने शुक्रवार को लोगों से शांति की अपील की।

जमाबंदी की गड़बड़ियों को दूर करने के लिए लगेगा कैंप

जागरण के अनुसार राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग जमीन की जमाबंदी में सुधार करने के लिए विशेष अभियान चलाने जा रहा है। विभागीय सचिव जय सिंह ने शुक्रवार को सभी जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कहा है कि वह अपने जिलों में शिविरों का आयोजन करें। इसे 15 मार्च 2025 तक पूरा करना है। राजस्व कर्मचारियों द्वारा हर एक मौजा की मूल जमाबंदी की स्कैन और ऑनलाइन प्रति से मिलान किया जाएगा जहां जमाबंदी स्कैन मिलान करने के बाद सभी भागों सहित पृष्ठ सुधार किया जाएगा।

रेपो रेट में कमी, कर्ज सस्ते होने की उम्मीद

प्रभात खबर के अनुसार आरबीआई ने शुक्रवार को करीब 5 साल बाद रेपो रेट को 0.25% घटकर 6.25% कर दिया। आरबीआई के इस कदम से सुस्त पड़ रही अर्थव्यवस्था में तेजी आने की उम्मीद है। सभी प्रकार के लोन सस्ते हो सकते हैं। मकान और गाड़ी समेत विभिन्न कर्जों पर ईएमआई में कमी आने की उम्मीद है। ध्यान रखने की बात यह है कि जो लोन फ्लोटिंग रेट पर है उसी में कमी आएगी और फिक्स रेट के लोन पर कोई कमी नहीं आएगी।

केजरीवाल का आरोप- विधायक खरीदने के लिए 15 करोड़ का लालच दे रही भाजपा

जागरण के अनुसार दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए शनिवार को होने वाली मतगणना से पहले ही राजनीतिक घमासान मच गया। आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने एक दिन पहले आरोप लगाया था कि उनके प्रत्याशियों को भाजपा खरीदने की कोशिश कर रही है। उन्हें 15-15 करोड़ रुपए देने का लालच दिया जा रहा है। इन आरोपों पर शुक्रवार को भाजपा ने शिकायत की तो उपराज्यपाल बीके सक्सेना ने एंटी क्राइम ब्यूरो को जांच सौंप दी। एलजी के आदेश पर तुरंत सक्रिय हुई एसीबी की एक टीम केजरीवाल के घर पहुंची तो आम आदमी पार्टी की कानूनी टीम ने उसे घर के बाहर रोक दिया। तर्क था कि एसीबी बिना नोटिस दिए पूर्व सीएम से पूछताछ नहीं कर सकती। करीब 2 घंटे तक एसीबी के अधिकारी केजरीवाल के घर के बाहर खड़े रहे। इसके बाद जांच में शामिल होने का नोटिस उनके घर पर चिपका दिया।

हिन्दू बेटे ने मां का अंतिम संस्कार मुस्लिम रीति से कराया

हिन्दुस्तान ने सासाराम से खबर दी है कि डेहरी के मणिनगर की रहने वाले 58 वर्षीय संगीता देवी की बीमारी के कारण मौत हो गई। इसके बाद उसके बेटे, बहू, बेटी व पति ने महिला का अंतिम संस्कार मुस्लिम रीति रिवाज से कराने का निर्णय लिया। उनके इस फैसले को लेकर मुस्लिम समाज के लोग भी आगे आए। मुस्लिम महिलाओं ने महिला की शव को मुस्लिम रीति रिवाज के अनुसार नहलाया। इसके बाद उसके जनाजे की नमाज छोटी मस्जिद में अदा की गई। नमाज अदा करने को लेकर किसी मुस्लिम ने विरोध नहीं किया गया। बल्कि जनाजे में सैकड़ों मुस्लिम भी शामिल थे। जनाजे को इस्लामगंज स्थित कब्रिस्तान में दफन किया गया। मृत महिला के बेटे धर्मेंद्र कुमार, बेटी नीलम व सोनम ने बताया कि उनकी मां की अंतिम इच्छा थी कि मृत्यु होने पर उनका अंतिम संस्कार मुस्लिम रीति रिवाज से की जाए। बताया कि उनकी मां रोजा रखती थी। साथ ही अजमेरशरीफ के अलावे अन्य दरगाहों पर भी वह जाती थीं। उनकी अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए अंतिम संस्कार मुस्लिम रीति रिवाज से किया गया।

कुछ और सुर्खियां:

  • रोहतास पुलिस ने शिवसागर थाना के टोल प्लाजा के पास ढाई करोड़ रुपए के आईफोन, घड़ी व ईयर बड जब्त किया
  • मेडिकल दाखिला परीक्षा नीट- यूजी 4 मई को, फॉर्म भरने की आखिरी तारीख 7 मार्च
  • 24 और 25 मार्च को हड़ताल पर रहेंगे देश के सभी सरकारी बैंक
  • फतुहा में ट्रांसपोर्टर के घर से डेढ़ करोड़ के जेवर और 55 लाख कैश चोरी
  • शारीरिक रूप से अस्वस्थ पुलिसकर्मियों को समय से पहले रिटायर किया जाएगा

अनछपी: सरकार की घोषणाओं और असलियत में कितना अंतर होता है इसका पता आए दिन चलते रहता है। अक्सर सुर्खियों में रहने वाले शिक्षा विभाग से संबंधित इस खबर में बताया गया है कि नए-नए बने पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में अधिकारियों की इतनी कमी है कि एक व्यक्ति को चार-चार पदों का भार संभालना पड़ रहा है और अगर इनमें से कोई छुट्टी पर गया तो पांचवें पद की जिम्मेदारी भी उसे मिल जाती है। दरअसल इससे यह बात साबित होती है कि सरकार और उसके मंत्री घोषणाएं तो कर देते हैं लेकिन इस बात की जानकारी नहीं लेते की असल स्थिति क्या है। पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय की स्थापना 2018 में हुई थी और अब तक यह विभिन्न समस्याओं का शिकार चल रहा है। पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के पास अब तक ‘नैक’ की मानता नहीं है। इसी तरह इसकी एनआईआरएफ रैंकिंग भी नहीं है। इससे जुड़े कॉलेजों का इंस्पेक्शन एक साल से नहीं हुआ है। शिक्षकों का प्रमोशन पेंडिंग पड़ा है। इससे साबित होता है कि नया विश्वविद्यालय बनाने की घोषणा कर वाहवाही लूटने का जो चलन है उसका घाटा छात्रों को हो रहा है। इससे जुड़ी खबर में बताया गया है कि पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर, रजिस्ट्रार, एग्जामिनेशन कंट्रोलर और प्रॉक्टर को छोड़कर अक्सर पदों पर अधिकारियों की भारी कमी है। वाइस चांसलर भी अभी नए-नए आए हैं और जाहिर है कि उन्हें इन पदों को भरने में समय लगेगा। यह बात तो नए विश्वविद्यालय की है लेकिन जो पुराने विश्वविद्यालय हैं वहां भी कई तरह की परेशानियां हैं। अक्सर यह पता लगाना मुश्किल हो जाता है कि किस विश्वविद्यालय में नियमित वाइस चांसलर हैं और कौन सा विश्वविद्यालय प्रभार में चल रहा है। अखबारों में शिक्षा विभाग से जुड़ी खबरों की भरमार रहती है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आए दिन कोई न कोई नई घोषणा करते रहते हैं लेकिन इसका हिसाब किताब भी रखना चाहिए कि कौन सा विश्वविद्यालय किस हाल में चल रहा है। अभी हाल में एक जगह से यह खबर आई थी कि विद्यार्थियों को बीए अंतिम वर्ष की परीक्षा में नकल करने की छूट दे दी गई थी और संबंधित अधिकारी का कहना था कि चूंकि एडमिशन और एग्जामिनेशन में केवल चार दिन का अंतर है इसलिए ऐसा हो रहा है। अगर विश्वविद्यालयों में अधिकारियों की कमी ऐसे ही बनी रही तो ऐसी समस्याएं भी बनी रहेंगी।

 

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