छ्पी-अनछपी: विवादास्पद वक़्फ़ कानून लागू-विरोध में प्रदर्शन, तमिलनाडु के गवर्नर को सुप्रीम कोर्ट से झटका

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। विवादास्पद नया वक़्फ़ कानून 8 अप्रैल से लागू हो गया और इसके विरोध में कई जगह प्रदर्शन हुए। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के गवर्नर द्वारा बिलों को रोके जाने के मामले को मनमाना बताया। बिहार में फिलहाल अपार्टमेंट के फ्लैट्स का दाखिल खारिज बंद रहेगा। कांग्रेस ने कहा है कि सरदार पटेल हमारे हैं और हम भाजपा से मुकाबले के लिए तैयार हैं। नई व्यवस्था के तहत होटल और दुकान में ‘आधार’ की फोटो कॉपी देने की जरूरत नहीं रहेगी।

और, जानिएगा कि ट्रंप के नए बिल से 3 लाख भारतीय छात्रों का वर्क वीजा ख़तरे में पड़ गया है।

हिन्दुस्तान के अनुसार संसद से पिछले सप्ताह पारित हुआ वक्फ संशोधन अधिनियम मंगलवार से देश में लागू हो गया। केंद्र सरकार ने इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। इस बीच, पश्चिम बंगाल और जम्मू-कश्मीर में कानून को लेकर जोरदार विरोध हुआ। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय की ओर से अधिसूचना में कहा गया कि वक्फ संशोधन अधिनियम, 2025 की धारा 1 की उप-धारा (2) की शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार ने आठ अप्रैल, 2025 से अधिनियम के प्रावधान लागू कर दिए। राष्ट्रपति ने पांच अप्रैल को इसे मंजूरी दी थी।

बंगाल, कश्मीर और मणिपुर में प्रदर्शन

बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में अधिनियम के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर कथित तौर पर पथराव किया गया और उसके वाहनों में आग लगा दी गई। घटना जंगीपुर इलाके में हुई जहां दोपहर में बड़ी संख्या में लोग इस कानून को वापस लेने की मांग लेकर एकत्र हुए थे। उधर, जम्मू-कश्मीर विधानसभा में संशोधित कानून पर चर्चा की मांग काे लेकर हंगामा हुआ। विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर ने कहा, उन्होंने नियमों के अनुरूप इसे अस्वीकृत करने का निर्णय लिया है और वह फैसला नहीं बदलेंगे। मणिपुर में भी कानून के विरोध में प्रदर्शन किए गए। यहां 4 किमी लंबी रैली निकाली।

अरशद मदनी बोले: सड़क पर प्रदर्शन ना करें

नए वक्फ कानून को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने लोगों से सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन नहीं करने की अपील की है। मदनी ने कहा कि वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल-लॉ-बोर्ड शीघ्र ही दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में सम्मेलन बुलाने जा रहा है। मंगलवार को मीडिया में जारी बयान में मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि यदि सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया तो सांप्रदायिक ताकतें आपको निशाना बना सकती हैं। हमें अपने जज़्बात को काबू में रखना चाहिए।

तमिलनाडु के गवर्नर को सुप्रीम कोर्ट से झटका

प्रभात खबर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के राज्यपाल को कड़े शब्दों में कहा है कि उनके द्वारा 10 विधेयकों को मंजूरी नहीं देना संवैधानिक प्रावधानों का उल्लंघन है। जस्टिस जेपी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत राज्यपाल के पास कोई विवेकाधिकार नहीं है और उन्हें मंत्री परिषद की सलाह और सहायता से ही काम करना पड़ता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल द्वारा विधेयकों को रोकना अवैध और मनमाना काम है। राज्यपाल को अवरोधक नहीं बनना चाहिए। पीठ ने कहा कि 10 विधेयकों को उस तारीख से स्वीकृत माना जाएगा जिस दिन राज्यपाल के समक्ष दोबारा प्रस्तुत किया गया था।

फ्लैट का दाखिल खारिज फिलहाल नहीं होगा

बिहार में अपार्टमेंट की जमीन का फ्लैटधारी के नाम से दाखिल खारिज, नाम बदलाव या जमाबंदी करने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। इसे लेकर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सभी प्रमंडलीय आयुक्त और सभी समाहर्ता को पत्र भेज कर निर्देश दिया है। पत्र में कहा गया है कि अपार्टमेंट की जमीन और उसके फ्लैटधारी के नाम से जमीन के दाखिल खारिज की व्यवस्था विभागीय स्तर पर प्रक्रिया में है। इसके लिए सॉफ्टवेयर विकसित हो रहा है, इसलिए अपार्टमेंट की जमीन और फ्लैट धारी के नाम से दाखिल खारिज की प्रक्रिया का निर्धारण सहित सॉफ्टवेयर में अन्य प्रावधानों को बहुत जल्द अपडेट किया जाएगा। तब तक अपार्टमेंट की जमीन की दाखिल खरीफ नामांतरण जमाबंदी सृजन की कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

सरदार पटेल हमारे हम भाजपा से लड़ेंगे कांग्रेस

कांग्रेस ने मंगलवार को गुजरात की धरती से सरदार वल्लभभाई पटेल की विरासत पर अपने दावे को मजबूती से रखा और कहा कि देश के प्रथम उप प्रधानमंत्री हमारे सरदार हैं और पार्टी उनके बताए रास्ते पर चलते हुए सांप्रदायिकता, धार्मिक ध्रुवीकरण और विभाजन की राजनीति के खिलाफ संघर्ष करने के लिए कमर कस चुकी है। अहमदाबाद से आई खबर में बताया गया है कि मुख्य विपक्षी दल ने भाजपा तथा आरएसएस पर भी तीखा निशाना साधा। कांग्रेस के अधिवेशन से एक दिन पहले यहां सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक पर पार्टी की विस्तारित कार्य समिति की बैठक हुई जिसमें पटेल की विरासत पर जोर देने से संबंधित प्रस्ताव पर चर्चा की गई।

दुकान और होटल में नहीं देनी होगी आधार की कॉपी

हिन्दुस्तान के अनुसार भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) आधार के नए एप का परीक्षण कर रहा। इससे चेहरे के जरिए सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होगी। केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को आधार संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एप के आने के बाद होटल और दुकान में आधार की फोटो कॉपी नहीं देनी होगी।

तीन लाख भारतीयों के अमेरिकी वर्क वीजा पर खतरा

भास्कर के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऑप्शन प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (ऑप्ट) को खत्म करने के लिए अमेरिकी कांग्रेस में एक नया बिल पेश किया है। इससे अमेरिका में पढ़ने वाले तीन लाख भारतीय छात्रों सहित दुनिया भर के छात्रों की चिंता बढ़ गई है। दरअसल ऑप्शनल प्रैक्टिकल ट्रेनिंग एक ऐसा कार्यक्रम है जो F1 वीजा पर अध्ययन करने वाले छात्रों को अपनी पढ़ाई के क्षेत्र से संबंधित क्षेत्र में अस्थाई रूप से काम करने की अनुमति देता है। इससे विज्ञान, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और गणित के अंतरराष्ट्रीय छात्रों को स्नातक होने के बाद अमेरिका में 3 साल तक रहने और नौकरी खोजने की अनुमति मिलती है। यदि यह बिल पास हो जाता है तो छात्रों को बिना किसी अन्य वर्क वीजा में बदलाव के विकल्प के तुरंत अमेरिका छोड़ना पड़ सकता है।

कुछ और सुर्खियां:

  • कार और ट्रक की टक्कर में वैशाली की दुल्हन समेत चार महिलाओं की जान गई
  • गया के वजीरगंज मुख्यालय से सटे दखिन गांव के पास तालाब में स्कॉर्पियो गिरी पति-पत्नी और दो बेटों की मौत
  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर 104 फीसद टैरिफ लगाया
  • बिहार में 27370 नए पदों पर नियुक्ति के लिए कैबिनेट की मुहर
  • बिहार में सभी ग्रामीण बैंकों को 1 मई को मिलाकर एक कर दिया जाएगा, नया नाम बिहार ग्रामीण बैंक होगा
  • पूर्व आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे ने हिंद सेना पार्टी बनाई
  • स्मार्ट बिजली मीटर में घूसखोरी मामले में जेल में बंद आईएएस अधिकारी संजीव हंस के खिलाफ मुकदमा चलाने को मंजूरी
  • एमएलसी खालिद अनवर के ईद मिलन में शामिल हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

अनछपी: खाने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय जनता पार्टी के सांसद हैं लेकिन देश पर इस समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस की नीतियां ही लागू हैं। यह बात भी सही है कि आरएसएस की नीतियां ही भारतीय जनता पार्टी की नीतियां हैं। आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत अक्सर यह कहते रहे हैं कि हम सब देशवासी सामान पूर्वजों की संताने हैं। वह शब्द बदलकर यह भी कहते हैं कि हमारा डीएनए एक है। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में एक सत्संग को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आपने उपासना ठीक ढंग से की है तो आप किसी से झगड़ा नहीं कर सकते क्योंकि उपासना हमें जोड़ना सिखाती है। संघ प्रमुख के इन दोनों बयानों को परखना जरूरी है। बार-बार एक ही पूर्वज और एक ही दाना खाने से उनका मतलब क्या होता है? भारत में अलग-अलग तरह के लोग रहते हैं और डीएनए या पूर्वज एक हो या ना हो भाईचारा होना जरूरी है। क्या एक ही परिवार के लोगों में और एक ही मां-बाप से पैदा हुए बच्चों में झगड़ा नहीं होता? इसलिए इसका कोई मतलब नहीं है कि किसका पूर्वज कौन है और किसका डीएनए क्या है। इसलिए यह पूर्वज और डीएनए की बात छोड़नी चाहिए और भाईचारे की बात करनी चाहिए। अगर बिहार के लोगों का डीएनए अलग हो और तमिलनाडु के लोगों का डीएनए अलग हो तो क्या उनके भारतीय होने और उनके भाईचारे पर कोई शक हो सकता है? संघ प्रमुख का एक और बयान चर्चा में रहा है जिसमें वह कहते हैं कि खुद को औरंगजेब का वंशज मानने वाला और भारत माता की जय नहीं बोलने वालों को छोड़कर कोई भी आरएसएस में शामिल हो सकता है। सवाल यह है कि कोई आरएसएस में शामिल ही क्यों हो जिस पर विभाजनकारी नीतियों पर चलने का आरोप है? दरअसल इस तरह का बयान बौद्धिक कमी की वजह से दिया जाता है क्योंकि भारत माता की जय नहीं बोलने वाले लोग जय हिंद बोलने में परहेज नहीं करते हैं तो इसकी वजह समझने की कोशिश करनी चाहिए। औरंगज़ेब का नाम भारत के मुगल शासक के तौर पर लिखा जाता है जो इतिहास का एक अहम हिस्सा है। यह या तो बौद्धिक कमी है या बौद्धिक बेईमानी है कि इसे इस रूप में पेश न किया जाए। अफसोस की बात है कि संघ प्रमुख एक ऐसी विचारधारा की बात करते हैं जो भाईचारे के लिए सही नहीं है और यह दरअसल वंशवाद को बढ़ावा देने वाला है।

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