छ्पी-अनछपी: भ्रष्ट इंजीनियर 100 करोड़ का मालिक, आधार कार्ड से भी होगा वोटर वेरिफिकेशन
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। सीतामढ़ी में ग्रामीण कार्य विभाग के इंजीनियर के ख़िलाफ़ छापेमारी में करीब 100 करोड़ रुपए से अधिक की चल अचल संपत्ति का पता चला है। सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में चल रहे वोटर वेरिफिकेशन में आधार कार्ड को भी मान्य दस्तावेज करार दिया है। बोधगया में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घुसपैठ का मुद्दा उठाया। वोटर अधिकार यात्रा के दौरान मुंगेर पहुंचे नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कहा कि वह अल्पसंख्यकों के अधिकारों और लोकतंत्र की रक्षा के लिए आवाज उठाते रहेंगे। अमेरिका में साढ़े पांच करोड़ प्रवासियों पर संकट है और ट्रक चालकों को वीजा देना बंद कर दिया गया है।
और, जानिएगा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष के उपराष्ट्रपति के उम्मीदवार के बारे में क्या कहा।
पहली खबर
जागरण के अनुसार आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की पकड़ में आए ग्रामीण कार्य विभाग के सुपरीन्टेंडिंग इंजीनियर विनोद कुमार राय के यहां छापा पड़ा तो खुद को बचाने के लिए आधी रात लाखों के नोट जला दिए। छापेमारी में करीब 100 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति होने की जानकारी मिली है। पटना के भूतनाथ रोड स्थित आवास पर ईओयू की हुई छापेमारी में 52 लाख नगद और 26 लाख के सोने चांदी के जेवर भी बरामद किए गए हैं। करीब दो से ढाई दर्जन जमीन के डिड मिले हैं जिनका मूल्यांकन किया जा रहा है। छापेमारी की भनक पर रात भर इंजीनियर की पत्नी बबली राय ने लाखों के नोट और दस्तावेज जला दिए। अधजले नोटों से घर के टॉयलेट की पाइपलाइन जाम हो गई। ईओयू की टीम ने जब शुक्रवार की सुबह छापेमारी की तो करीब 12-13 लाख के अधजले नोटों के बंडल मिले। इसके साथ ही 39 लाख रुपये नकद बरामद किए गए है। घर की निचली मंजिल में छिपे इंजीनियर विनोद कुमार राय को गिरफ्तार कर लिया गया है। पत्नी के विरुद्ध भी कार्रवाई की जा रही है।
5 करोड़ नकद ले जाने की खबर मिली थी
ईओयू के अधिकारियों को सूचना मिली थी कि मधुबनी और सीतामढ़ी के अधीक्षण अभियंता 5 करोड़ रुपए नगद लेकर पटना आवास पहुंच रहे हैं। ईओयू की टीम ने उनका पीछा करने की कोशिश की मगर तब तक इंजीनियर घर पहुंच चुके थे। छापेमारी दल को देखते ही इंजीनियर की पत्नी आगबबूला हो गई। पत्नी ने आधी रात और अकेले होने का हवाला देते हुए धमकी दी कि किसी हालत में जांच दल घर के अंदर नहीं आ सकता। रात 2:00 बजे के करीब ईओयू टीम को कुछ जलने की दुर्गंध आने लगी। जांच टीम दुर्गंध मिलते ही आशंका से घिर गई और खिड़की दरवाजे से अंदर झांकने का प्रयास किया मगर सफलता नहीं मिली। सुबह 5:00 बजे छापेमारी दल ने घर का दरवाजा दोबारा खटखटाया और इंजीनियर की पत्नी से इच्छा अनुसार किसी रिश्तेदार को बुलाने को कहा। करीब 5:15 बजे इंजीनियर के दो परिचित पहुंचे इसके बाद छापे मारे की कार्रवाई शुरू हुई।
आधार कार्ड से भी होगा बोटर वेरिफिकेशन
सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में चल रहे मतदाता सत्यापन में आधार कार्ड को भी मान्य दस्तावेज करार दिया। साथ ही शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को कहा कि हम इस बात से हैरान हैं कि कोई भी राजनीतिक दल बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के दौरान मसौदा सूची से बाहर किए मतदाताओं को आपत्तियां दर्ज कराने में सहायता के लिए आगे नहीं आया। कोर्ट ने निर्वाचन आयोग को निर्देश दिया कि एक अगस्त को प्रकाशित मसौदा सूची में शामिल नहीं किए गए मतदाताओं को आधार कार्ड और 11 निर्धारित दस्तावेजों में से किसी एक के साथ ऑनलाइन या भौतिक रूप से दावे पेश करने की अनुमति दी जाए। जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमाल्या बागची की पीठ ने कहा कि एसआईआर की पूरी प्रक्रिया मतदाता-अनुकूल होनीचाहिए।
घुसपैठ के मुद्दे पर क्या बोले मोदी
भास्कर के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बोधगया में मंच से विपक्ष पर जमकर हमला बोला। बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए एक तरह से उन्होंने मुद्दे भी तय कर दिए। लाल आतंक, घुसपैठिए और भ्रष्टाचार के साथ-साथ विकास उनकी बातों का निचोड़ रहा। राजद और कांग्रेस के वोटर अधिकार रैली का नाम लिए बिना पीएम मोदी ने हमला बोला। उनके वोट चोरी के आरोप पर पीएम ने जनता से ही जवाब मांग लिया। उन्होंने जनता से तीन प्रश्न किए। पहला प्रश्न, घुसपैठियों को बाहर निकल जाना चाहिए कि नहीं? जवाब हां में आया। मोदी ने फिर पूछा कि यह घुसपैठिए आपके रोजगार हड़प रहे हैं इन्हें देश से बाहर निकलना है या नहीं? जवाब फिर हां में मिला। मोदी ने फिर पूछा यह घुसपैठिए आपकी जमीन कब्जा कर रहे हैं, इन्हें निकालिएगा या नहीं? जवाब फिर हां में आया। हिन्दुस्तान के अनुसार मोदी ने कहा कि बिहार के सीमावर्ती जिलों में तेजी से डेमोग्राफी बदल रही है। “देश का भविष्य घुसपैठियों को नहीं तय करने देंगे। घुसपैठियों को बिहार के युवाओं के रोजगार नहीं छीनने देंगे। इस खतरे से निपटने के लिए मैंने डेमोग्राफी मिशन शुरू करने की बात कही है। बहुत जल्द ये मिशन अपना काम शुरू करेगा। हम हर घुसपैठिए को देश से बाहर करके ही रहेंगे।” इधर राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीतीश कुमार की राजनीति और उनकी पार्टी जदयू का पिंडदान करने शुक्रवार को गया जी आए।
अल्पसंख्यकों के लिए आवाज उठाते रहेंगे: राहुल
प्रभात खबर के अनुसार लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मुंगेर से शुक्रवार को वोटर अधिकार यात्रा की दोबारा शुरुआत की जो देर शाम भागलपुर पहुंची। भागलपुर के घंटाघर चौक पर आयोजित सभा को राहुल गांधी ने संबोधित किया। यात्रा में विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव, भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य और वीआईपी के अध्यक्ष मुकेश सहनी भी साथ थे। इस दौरान मुंगेर में राहुल गांधी व तेजस्वी यादव खानकाह रहमानी भी पहुंचे। यहां उन्होंने खानकाह के सज्जादानशीं फैसल रहमानी से मुलाकात की। इस मौके पर दोनों के बीच देश की मौजूदा परिस्थितियों और संख्याओं से जुड़ी चुनौतियों पर भी चर्चा हुई। बातचीत के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि वह अल्पसंख्यकों के अधिकारों और लोकतांत्रिक मूल्यों की सुरक्षा के लिए निरंतर आवाज उठाते रहेंगे। बातचीत के दौरान राहुल ने कहा कि बिहार में मतदाता सूची से गलत ढंग से नाम को हटाने के खिलाफ यात्रा पर निकले हैं।
अमेरिका में साढ़े पांच करोड़ प्रवासियों पर खतरा
आज खबर के अनुसार अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने प्रवासियों को लेकर सख्त कदम उठाया है। अमेरिका 5.5 करोड़ से अधिक ऐसे लोगों के वैद्य वीजा की समीक्षा कर रहा है जिन्होंने देश में किसी तरह के नियम और कानून का उल्लंघन किया है। इससे उन पर डिपोर्टेशन का खतरा भी मंडरा रहा है। इसके साथ ही अमेरिका ने वाणिज्यिक ट्रक ड्राइवर के लिए श्रमिक वीजा भी बंद कर दिया है। अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने सोशल मीडिया मंच एक पर इस कदम की घोषणा करते हुए कहा कि यह बदलाव तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।
अमित शाह ने उपराष्ट्रपति उम्मीदवार पर नक्सलवाद का ‘समर्थन’ करने का आरोप लगाया
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कांग्रेस गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी पर नक्सलवाद का ‘समर्थन’ करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर रेड्डी ने सलवा जुडूम पर फैसला नहीं सुनाया होता, तो देश में नक्सलवाद 2020 से पहले ही समाप्त हो गया होता। अमित शाह शुक्रवार को कोच्चि में आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। शाह ने कहा कि कांग्रेस द्वारा उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार चुने जाने से केरल में पार्टी की जीत की संभावना और कम हो गई है।
कुछ और सुर्खियां:
- बिहार में 935 सहायक शिक्षा विकास पदाधिकारी की भर्ती के लिए 27 अगस्त से लिया जाएगा एप्लीकेशन
- पूर्णिया जिले के कस्बा नगर परिषद क्षेत्र के एक ही मोहल्ले के पांच लोगों की कोसी की धार में डूबने से मौत
- श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति रनिल विक्रमसिंघे को सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप में गिरफ्तार किया गया
- भारतीय मूल के ब्रिटिश उद्योगपति लॉर्ड स्वराज पाल का 94 साल की उम्र में ब्रिटेन में निधन
अनछपी: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बड़े जोरदार तरीके से यह घोषणा करते हैं कि उनकी सरकार ने करप्शन से कोई समझौता नहीं किया लेकिन आए दिन जिस तरह घूसखोरी और भ्रष्टाचार के मामलों में अधिकारियों की गिरफ्तारी होती रहती है उसे उनके इस दावे की पोल खुलती है। आज के अखबारों में घूसखोरी और भ्रष्टाचार के मामले में दो बड़े अधिकारियों के खिलाफ छापेमारी की खबर है। एक तो सीतामढ़ी में ग्रामीण कार्य विभाग के सीनियर इंजीनियर हैं और दूसरे भागलपुर में तैनात सब रजिस्ट्रार हैं। अगर आम आदमी से पूछा जाए तो अक्सर लोग यह कहते मिलेंगे कि यह एक-दो अधिकारी का मामला नहीं है बल्कि अधिकतर जगहों पर अधिकारियों द्वारा घूस लेने की शिकायत मिलती है। अगर सही तरीके से छापेमारी की जाए तो बहुत कम अधिकारी ऐसे मिलेंगे जिनके पास आय से अधिक संपत्ति ना मिले और जिन्होंने इसके लिए घूसखोरी का सहारा ना लिया हो। ब्लॉक से लेकर सेक्रेटेरिएट तक घूसखोरी के किस्से आम हैं। ब्लॉक लेवल पर छोटे से छोटे सर्टिफिकेट बनवाने में भी लोगों को पैसे देने पड़ते हैं और दाखिल खारिज और जमीन के दस्तावेजों में सुधार के लिए होने वाली घूसखोरी का मुद्दा तो सबको पता है। इसी तरह सचिवालय में तो खुद सरकार के अधिकारियों को भी घूस देना पड़ता है। थानों में घूसखोरी की बात भी आम है। अगर नीतीश कुमार इस वक्त होशो हवास में रहते तो इस सवाल पर वह यह जवाब देते कि उनकी सरकार में कार्रवाई होती है और यही बात जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी के दूसरे नेता भी कहते हैं। सवाल यह है कि दरअसल यह जो अवैध कमाई है, यह जो घूसखोरी है और यह जो भ्रष्टाचार है वह किस सरकार की देन है? निश्चित रूप से यह पिछले 20 सालों में बिहार में घूसखोरी और भ्रष्टाचार बढ़ाने की निशानी है। इसलिए नीतीश कुमार या उनके समर्थकों और भारतीय जनता पार्टी की इस दलील में कोई दम नहीं है कि भ्रष्टाचार होने पर कार्रवाई होती है बल्कि इसे एक झांसा माना जाना चाहिए।
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