छ्पी-अनछपी: रिटायर्ड प्रोफेसर से तीन करोड़ की साइबर ठगी, पटना-दिल्ली की हवा बेहद खराब
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। पटना यूनिवर्सिटी की रिटायर्ड प्रोफेसर से साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट कर तीन करोड़ रुपए की ठगी कर ली। पटना और दिल्ली की हवा बेहद खराब चल रही है। मणिपुर में उग्र भीड़ व सुरक्षा बलों के बीच झड़प में एक युवक की मौत हो गई। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने बनारस के डीएम से कहा कि बोर्ड लगवा दीजिए गंगाजल पीने-नहाने लायक नहीं।
आज के अखबारों की यह अहम खबरें हैं।
पटना के कदमकुआं की रहने वाली पटना यूनिवर्सिटी की रिटायर्ड प्रोफेसर ज्योति वर्मा को साइबर ठगों ने तीन दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रखा और तीन करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर ली। वे 78 साल की हैं। पटना में अकेली रहती हैं। पुलिस ने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग के नाम पर धमकाकर ठगी की गई है। अब इस मामले में साइबर थाने में केस हुआ है। एफआईआर में आरटीजीएस से चार बैंक अकाउंट में पैसे लेने की बात कही गयी है। साढ़े सात लाख रुपए तो आरबीआई का एनओसी लेने के नाम पर ले लिए गए। प्रोफेसर वर्मा के मोबाइल फोन पर अनजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को सीबीआई ऑफिसर बताया। कहा कि आपके क्रेडिट कार्ड से मनी लॉन्ड्रिंग हो रही है। “हैदराबाद के नरेश गोयल केस में आपका नाम आया है। सुप्रीम कोर्ट आपके पैसे की जांच करेगा। ब्लैक मनी का शक है।” भास्कर के अनुसार एक ठग अरेस्ट वारंट लेकर उनके घर पहुंच गया। अनंत नाम का एक व्यक्ति तीन दिन तक उनकी निगरानी करता रहा। उन्हें धमकाकर चेक से पैसा आरटीजीएस के माध्यम से लेट रहा। उनसे ठग्गों ने कहा था कि सारा पैसा आरबीआई वापस कर देगा।
पटना की हवा बेहद खराब
हिन्दुस्तान के अनुसार ठंड शुरू होने के साथ वायु प्रदूषण की स्थिति भी गंभीर होने लगी है। ऊपर से कोहरे की मार से ट्रेनों और विमानों की लेटलतीफी शुरू हो गई है। सोमवार को बिहार के नौ शहरों की आबोहवा खराब रही। पटना और बक्सर की हवा बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई है। इस दोनों शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के पार चला गया है। हवा में धूलकण की मात्रा अधिक होने से प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ा है। पटना में सबसे अधिक प्रदूषित इलाका समनपुरा रहा।
दिल्ली में प्रदूषण के कारण स्कूल बंद
प्रदूषण के लगातार बिगड़ते हालात को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया। 12वीं तक की कक्षाएं ऑनलाइन चलेंगी। कोर्ट ने एक्यूआई 450 से नीचे आने के बाद भी ग्रैप-4 के प्रतिबंधों को लागू रखने का आदेश दिया और कहा, हमारी अनुमति के बिना इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं होगा। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा, दिल्ली-एनसीआर में शामिल राज्य प्रदूषण कम करने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप)-4 को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए तुरंत टीमें गठित करें।
मणिपुर में फायरिंग में एक की मौत
भास्कर के अनुसार मणिपुर की इंफाल घाटी में दो दिन से जारी कर्फ्यू और इंटरनेट बंदी के बावजूद हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक रात पहले असम के कछार में बराक नदी से दो अपहृत मैतेई का शव मिलने के बाद जिरिबाम में लोगों का गुस्सा फिर भड़क गया। प्रदर्शनकारियों ने रविवार देर रात भाजपा और कांग्रेस के कार्यालयों में तोड़फोड़ की। जिरिबाम में निर्दलीय विधायक के घर को भी निशाना बनाया गया और संपत्तियों को जला दिया गया। उन्होंने देर रात जिरिबाम में संपत्तियों में भारी तोड़फोड़ की। इन्हें रोकने के लिए सुरक्षा बलों को फायरिंग करने पड़ी जिसमें एक 20 वर्षीय प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। इसके बाद सुरक्षा वालों और उग्र भीड़ के बीच जमकर बवाल हुआ।
“बोर्ड लगवा दीजिए गंगाजल पीने-नहाने लायक नहीं”
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एनजीटी ने बनारस में एएसआई व वरुण नदियों की दुर्दशा अतिक्रमण को लेकर सोमवार को सुनवाई के दौरान कड़ी नाराजगी जताई। डीएम एस. राजलिंगम से कहा कि गंगा को साफ नहीं कर सकते तो क्यों नहीं बोर्ड लगवा देते कि गंगाजल पीने व नहाने योग्य नहीं है। इस मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी ने जिलाधिकारी से पूछा कि क्या आप गंगा का पानी पी सकते हैं? उन्होंने कहा कि आप लोग अपनी सुविधा के अनुसार काम करते हैं।
अमीर बनने का सपना दिखा ठगा एक अरब
जागरण के अनुसार मुंगेर के जमालपुर में अमीर बनने का सपना दिखाकर चल रही जॉलीवुड इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी का सीएमडी एक अरब रुपये से अधिक की ठगी कर फरार हो गया। लगभग 5000 लोगों से ठगी की गई है। ठग ने यू-ट्यूब पर वीडियो देखने के नाम पर करीब पांच हजार लोगों को नौकरी का झांसा दिया था। इसके लिए प्रति व्यक्ति दो लाख 50 हजार पांच सौ रुपये सिक्युरिटी मनी के रूप में लिये जाते थे। पीड़ितों ने बताया कि किसी को साल भर से तो किसी को सात आठ महीने से 10 से ₹15000 मासिक दिए जाते थे। कंपनी से जुड़े लोगों के परिवार के सदस्यों के निधन पर तत्काल 10000 की सहायता और जीवन ₹500 पेंशन दी जाती थी।
गुजरात में एमबीबीएस छात्र की रैगिंग में मौत
जागरण के अनुसार गुजरात के पाटन जिले के एक मेडिकल कॉलेज में रैगिंग से एमबीबीएस छात्रा की मौत के बाद पुलिस ने सोमवार को 15 सीनियर छात्रों को गिरफ्तार कर लिया। आरोपित छात्रों पर गए ग़ैर इरादतन हत्या और अन्य अपराधों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। एमबीबीएस प्रथम वर्ष के 18 वर्ष के छात्र अनिल मेथानिया की रैगिंग के बाद मौत हो गई थी।
कुछ और सुर्खियां:
- झारखंड और महाराष्ट्र में थम गया चुनाव प्रचार का शोर, मतदान कल
- जेईई एडवांस्ड में तीन मौके देने का फैसला लिया गया वापस, पहले की तरह दो ही मौके मिलेंगे
- जब्त शराब पीने और बेचने में वैशाली के दारोगा समेत 7 पुलिसकर्मी गिरफ्तार
- मंत्री पद और आम आदमी छोड़ने के एक दिन बाद दिल्ली के पूर्व मंत्री कैलाश गहलोत भाजपा में शामिल
- साबरमती जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई को अमेरिका में गिरफ्तार किया गया
- 97 लाख उम्मीदवारों ने पास की शिक्षक बनने की पात्रता परीक्षा एसटीईटी
- नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की इमरजेंसी की एक्स-रे मशीन एक महीने से बंद
अनछपी: कोई आदमी अगर एक दिन में 40 से 50 सिगरेट पी ले तो उसकी सेहत पर क्या असर पड़ेगा, यह सोचकर भी डर लगता है। लेकिन बिना सिगरेट पिए भी यह नुकसान दिल्ली के लोगों को हो रहा है क्योंकि वहां की आबोहवा बेहद खराब हो चुकी है। वहां के लोगों को दमा और हार्ट अटैक जैसी शिकायत हवा के खराब होने की वजह से भी हो रही है। और बात सिर्फ दिल्ली की नहीं बल्कि पटना जैसे छोटे शहरों में भी प्रदूषण का यही हाल है। पहले लोग खुली हवा में सांस लेने को तरजीह देते थे लेकिन अब वही खुली हवा जहरीली और जानलेवा बन चुकी है। लोग पार्कों और मैदाने में ताजा हवा लेने के लिए जाते हैं लेकिन हकीकत में उन्हें धूल भरी हवा का सामना करना पड़ता है। लोगों के फेफड़ों में हवा की बजाय धूलकण जा रहे हैं। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ही है जो कुछ कड़े आदेश देखकर इस पर काबू पाने की कोशिश कर रहा है और सरकारें बिल्कुल बेफिक्र नजर आती हैं। पटना में तो सरकार और प्रशासन की ओर से इस बारे में कोई चिंता नहीं दिखाई गई है जबकि पटना के अलावा हाजीपुर, बेगूसराय, गया और दूसरे शहरों की भी हवा सांस लेने लायक नहीं बताई जा रही है। केंद्र सरकार की ओर से ओर भी कोई ठोस उपाय नहीं किया जा रहा है। दिल्ली की सरकार बेबस नजर आती है और स्कूल बंद करने के अलावा उसकी ओर से भी ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जा रहा जिससे दिल्ली की हवा दुरुस्त हो। सुप्रीम कोर्ट को छोड़ दिया जाए तो ऐसा लगता है कि सरकार ने आम लोगों को इस मामले में लावारिस बना रखा है। आम आदमी इस जहरीली हवा से जूझने में खुद को अकेला पा रहा है और बीमार होकर अस्पताल पहुंच रहा है लेकिन सरकार चैन से सो रही है। सरकार के पास प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड है तो प्रदूषण पर नियंत्रण क्यों नहीं हो रहा है? इसके लिए कभी उसने कोई बैठक की हो इसकी कोई खबर सामने नहीं आई है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड भी खाना पूरी कर रहा है और इक्का-दुक्का फाइन लगाने के अलावा उसकी कोई कार्रवाई सामने नहीं आती। मामला पराली जलाने का हो या बम पटाखे छोड़ने का, हालात बिल्कुल बेकाबू हैं। फिलहाल आम आदमी के लिए हवा जीने लायक नहीं रही, सुप्रीम कोर्ट कह रहा कि स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रदूषण मुक्त वातावरण सुनिश्चित करना केंद्र और राज्य सरकारों की संवैधानिक जिम्मेदार है लेकिन सरकार को इससे कोई मतलब नहीं दिखता है।
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