छ्पी-अनछपी: चुनाव आयोग का तर्क- नाम कटने की वजह देना जरूरी नहीं, विजय सिन्हा के दो वोटर कॉर्ड

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। चुनाव आयोग ने मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख लोगों का नाम बताने से यह कहकर इंकार कर दिया कि मसौदा मतदाता सूची में शामिल नहीं किए गए लोगों के नामों की अलग सूची तैयार करना या ऐसी कोई सूची साझा करना या उन्हें मसौदा सूची में शामिल नहीं करने के कारणों को प्रकाशित करना आवश्यक नहीं है। बिहार के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता विजय कुमार सिन्हा के दो वोटर कार्ड होने पर हंगामा मचा हुआ है। भारत के सेना प्रमुख ने कहा है कि अगला युद्ध जल्द हो सकता है।

और, जानिएगा कि भारत में अल्ट्रा रईस क्रिप्टो में कितना धन लगा रहे हैं।

पहली खबर

हिन्दुस्तान के अनुसार निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बिहार में बिना नोटिस जारी किए किसी भी पात्र मतदाता का नाम सूची से नहीं हटाया जाएगा। आयोग ने हलफनामे में बताया कि मसौदा मतदाता सूची में शामिल नहीं किए गए लोगों के नामों की अलग सूची तैयार करना या ऐसी कोई सूची साझा करना या उन्हें मसौदा सूची में शामिल नहीं करने के कारणों को प्रकाशित करना आवश्यक नहीं है। बिहार में मसौदा मतदाता सूची जारी करने के बाद आयोग ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में अतिरिक्त हलफनामा दायर किया। सूची से 65 लाख से अधिक नाम हटाए गए हैं। सूची से हटाए गए व्यक्तियों के बारे में आयोग ने दावा किया था कि इनमें से अधिकतर या तो मर चुके हैं या पलायन कर चुके हैं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। आयोग ने कहा है कि मसौदा सूची से नाम हटाने का मतलब यह नहीं है कि नाम मतदाता सूची से हटा दिया गया है।

वोट चोरी के खिलाफ कांग्रेस का जनसमर्थन अभियान

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के चुनाव में कथित वोट चोरी के आरोपों के बाद कांग्रेस ने इस मुद्दे पर जनसमर्थन जुटाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने एक वेब पेज शुरू किया है। यहां लोग कथित वोट चोरी के खिलाफ आयोग से जवाबदेही की मांग करने और डिजिटल मतदाता सूची की राहुल गांधी की मांग का समर्थन करने के लिए अपना पंजीकरण कर सकते हैं। राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘वोट चोरी एक व्यक्ति, एक वोट के बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धांत पर बड़ा हमला है। लोकसभा व विधानसभाओं के स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए साफ-सुथरी मतदाता सूची अनिवार्य है।’ चुनाव आयोग से डिजिटल मतदाता सूची सार्वजनिक करने की मांग करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि आयोग पारदर्शिता दिखाए और डिजिटल मतदाता सूची सार्वजनिक करे ताकि जनता और राजनीतिक दपल उसका खुद ऑडिट कर सकें। राहुल गांधी ने लोगों से संबंधित वेब लिंक पर पंजीकरण कर इस मांग का समर्थन करने की अपील की है। उन्होंने कहा, यह लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई है। कोई भी व्यक्ति इस पोर्टल लिंक पर क्लिक कर वोट चोरी की रिपोर्ट डाउनलोड कर सकता है।

उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा के दो वोटर कार्ड

प्रभात खबर के अनुसार उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा पर राजद ने बड़ा आरोप लगाया है। राजद नेता तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि विजय सिन्हा के दो अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों के अलग-अलग कुल दो ईपिक नंबर हैं। इस मुद्दे पर रविवार को संवाददाता सम्मेलन में तेजस्वी ने चुनाव आयोग को कटघरे में खड़ा किया। सवाल पूछा कि गहन पुनरीक्षण के बाद भी नई वोटर लिस्ट में श्री सिन्हा का नाम दो जगह कैसे आ गया? इतना ही नहीं दो अलग-अलग वोटर लिस्ट में डिप्टी सीएम की उम्र में भी अंतर है। कहा कि यह मामला चुनाव आयोग के नियमों का गंभीर उल्लंघन है। तेजस्वी यादव ने कहा कि इस मामले में श्री सिन्हा पर एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।

मैं केवल लखीसराय से वोट देता हूं: विजय सिन्हा

उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने रविवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के इस आरोप को खारिज कर दिया कि उनके पास अलग-अलग विवरण वाले दो वोटर आईडी कार्ड हैं। डिप्टी सीएम ने स्पष्ट किया कि उन्होंने 30 अप्रैल 2024 में अपना नाम बांकीपुर से हटाकर लखीसराय में दर्ज करने के लिए आवेदन दिया था लेकिन नाम विलोपन का फॉर्म अस्वीकृत हो गया। वे केवल लखीसराय से ही वोट डालते हैं। विजय सिन्हा ने साक्ष्य के रूप में आवेदन की रिसीविंग कॉपी दिखाते हुए कहा, हमारे पूरे परिवार का नाम पहले बांकीपुर की मतदाता सूची में था। 30 अप्रैल 2024 में मैं लखीसराय विधानसभा क्षेत्र में नाम जोड़ने और बाकी पूर्व से हटाने के लिए आवेदन दिया था।”

चुनाव आयोग ने नोटिस जारी किया

दो वोटर कार्ड नंबर मामले में उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा से चुनाव आयोग ने 14 अगस्त शाम 5:00 बजे तक जवाब मांगा है। इस संबंध में कार्यालय, निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी 182 बांकीपुर विधानसभा निर्वाचन, पटना सदर से रविवार को पत्र जारी किया गया। पत्र में उपमुख्यमंत्री श्री सिन्हा से कहा गया है कि उनका नाम विशेष गहन पुनरीक्षण 2025 के प्रकाशित प्रारूप निर्वाचक सूची में दो जगह अंकित है।

अगला युद्ध जल हो सकता है: सेना प्रमुख

जागरण के अनुसार सेवा प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर बस शुरुआत है। हम गति और परिवर्तन के युग में जी रहे हैं। यह बदलाव का युग है। और अगर ऐसा है तो शांति बनाए रखने के लिए साथ मिलकर आगे बढ़ाने आज की जरूरत है। चाहे इसे शक्ति, तालमेल और संप्रभुता के जरिए ही क्यों न लागू किया जाए। उन्होंने विस्तार से बताए बिना कहा कि अगला युद्ध जल्द हो सकता है। हमें उसके अनुसार तैयारी करनी होगी। हमें यह लड़ाई मिलकर लड़नी होगी।

भारत में अल्ट्रा रईस कितना धन लगा रहे हैं

भास्कर के अनुसार भारत में इन दिनों क्रिप्टोकरंसी में निवेश तेजी से बढ़ रहा है। वित्त मंत्रालय ने हाल में संसद में बताया कि उसे 2023-24 में क्रिप्टोकरंसी से हुई कमाई पर 437.43 करोड़ रुपए का टैक्स मिला। यह इससे पिछले साल 2022-23 के 269 करोड़ के मुकाबले में 63% अधिक है। हालांकि 2024- 25 का डेटा उपलब्ध नहीं है। विशेषज्ञों के मुताबिक सरकार की क्रिप्टो से टैक्स की कमाई में उल्लेखनीय तेजी दिख सकती है। इसकी वजह यह है कि बिटकॉइन ने बीते साल जुलाई से जोरदार वापसी की है। हाय नेटवर्क इंडिविजुअल्स, फैमिली ऑफिस और संस्थागत निवेशक अब बिटकॉइन ट्रेडिंग वॉल्यूम के बड़े हिस्सेदार हैं। कॉइनडीसीएक्स का लगभग आधा ट्रेडिंग वॉल्यूम केवल 3500 यूजर्स से आता है इनमें ज्यादातर अल्ट्रा रईस फैमिली ऑफिस है। भारत ग्लोबल क्रिप्टो एडॉप्शन इंडेक्स चैनलिसिस 2024 में दुनिया में पहले पायदान पर है। ट्रिपल ए के अनुमान के मुताबिक 9 करोड़ भारतीयों का क्रिप्टो में निवेश है जो देश की कुल आबादी का करीब 8% है। इंडस्ट्री डेटा बताता है कि भारत में दो करोड़ एक्टिव क्रिप्टो यूजर हैं। हाल के महीनों में वॉलेट रजिस्ट्रेशन और मासिक ट्रेडिंग में तेज उछाल आया है।

कुछ और सुर्खियां:

  • विशेष मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ आज विपक्षी दल संसद से चुनाव आयोग के कार्यालय तक विरोध मार्च निकालेंगे
  • भागलपुर, कटिहार, खगड़िया, मुंगेर लखीसराय, पूर्णिया, किशनगंज समेत बिहार के कई जिले में बाढ़, 14 लोग डूबे
  • सीबीएसई 2026-27 सेशन से नवीं क्लास से परीक्षा में ओपन बुक सिस्टम शुरू कर रहा है
  • बिहार में सामाजिक सुरक्षा पेंशन बढ़ाई जाने पर लाभ लेने वालों की संख्या 25 दिनों में एक लाख बढ़ी
  • पश्चिम चंपारण के 11 लोग उत्तराखंड की धारली में फ़्लैश फ्लड़ में अब तक लापता

अनछपी: ऐसा लगता है कि बिहार में चुनाव आयोग और आम लोगों लोगों को हर तरह की जानकारी से दूर रखने की कोशिश के लिए हर हथकंडा अपना रहा है। इस सिलसिले की कड़ी में ताजा बात यह सामने आई है कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट को जिस पीडीएफ फॉर्मैट में अपलोड किया गया था उसे मशीन के जरिए आसानी से पढ़ा जा सकता था, उसमें अपना नाम और ईपिक नंबर खोजना आसान होता था। इस मामले में यह बात याद रखने की है कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी लगातार ऐसे दस्तावेज की मांग कर रहे थे जो मशीन रीडेबल हो। दूसरी जगहों पर तो यह सेवा नहीं मिल पाई लेकिन बिहार में कुछ हद तक मशीन से पढ़ने और उसका विश्लेषण करने की सुविधा मिली थी। इससे यह फायदा हो रहा था कि छोटे स्तर पर भी जो लोग सर्वे कर रहे थे उन्हें जानकारी लेने में आसानी हो रही थी। ऐसी ही एक संस्था समर चैरिटेबल ट्रस्ट थी जिसे कुछ लोगों के नाम का विश्लेषण किया था और यह पता लगाया था कि उसमें क्या-क्या गड़बड़ियां हैं। अब जब पीडीएफ हटाकर सिर्फ स्कैन कॉपी डाली गयी है तो एक-एक नाम के लिए एक साथ सैकड़ों नामों को पढ़ना पड़ेगा। चुनाव आयोग अपने दावे और वादे की ही खिलाफवर्ज़ी कर रहा है क्योंकि यह उसका नारा रहा है कि कोई भी पात्र मतदाता छूटे नहीं। जब चुनाव आयोग मतदाताओं के बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं कराएगा और दूसरों के लिए भी जानकारी लेने में रोड़े अटका आएगा तो इसके सिवा और क्या कहा जा सकता है कि दरअसल यह लोकतंत्र की हत्या की तैयारी है। चुनाव आयोग अब तक केवल अपने अधिकार बता रहा है और अपने कर्तव्य पर पूरी तरह चुप्पी साधे हुए है। उसने तो अपना यह अधिकार भी बता दिया कि जिन लोगों का नाम वोटर लिस्ट से हटाया गया है उनकी सूची या नाम हटाने की वजह बताने की कोई जरूरत नहीं है। ऐसे में बस सुप्रीम कोर्ट से ही उम्मीद की जा सकती है कि वह चुनाव आयोग को वोट देने के अधिकार की रक्षा के लिए बाध्य करे।

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