छ्पी-अनछ्पी: केजरीवाल भेजे गए तिहाड़ जेल, ईरानी दूतावास पर इसराइल का हमला

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। आज के अखबारों ने अलग-अलग खबरों को पहली अहमियत दी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ जेल  भेजा गया है। सीरिया में ईरान के दूतावास पर इजरायल के हमले में सात लोगों की मौत हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी की जामा मस्जिद के बेसमेंट में पूजा पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार कर दिया है।

जागरण की सबसे बड़ी खबर है कि देश के इतिहास में सोमवार को ऐसा पहली बार हुआ जब किसी को मुख्यमंत्री रहते हुए जेल भेज दिया गया। आबकारी घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रिमांड की अवधि पूरी होने पर ईडी ने सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को राउज़ एवेन्यू स्थित विशेष अदालत में पेश किया। ईडी ने कहा कि मुख्यमंत्री जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। “उन्होंने मोबाइल फोन का पासवर्ड भी अब तक उपलब्ध नहीं कराया है।” ईडी ने उन्हें 15 दिन की न्याय हिरासत में जेल भेजने का अनुरोध किया जिसका सीएम की ओर से विरोध नहीं किया गया। अदालत ने उनको 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। उनको तिहाड़ की जेल नंबर दो ले जाया गया।

केजरीवाल गीता-रामायण पढ़ेंगे

केजरीवाल ने अदालत से जेल में श्रीमद् भागवत गीता, रामायण और नीरजा चौधरी की लिखी पुस्तक ‘हाऊ प्राइम मिनिस्टर्स डिसाइड’ के साथ ही दवा और विशेष आहार उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। अदालत ने जेल अधीक्षक को जेल मैनुअल के अनुसार किताब पेन व नोट पैड उपलब्ध कराने को कहा। अदालत ने केजरीवाल को डॉक्टरों द्वारा लिखी गई दवाई और घर का बना हुआ विशेष आहार उपलब्ध कराने की अनुमति दी।

ईरानी दूतावास पर हमला

सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी दूतावास परिसर में बनी महत्वपूर्ण इमारत सोमवार को हवाई हमले में बर्बाद हो गई। हमले में इमारत में मौजूद ईरान के सैन्य सलाहकार जनरल मोहम्मद अली रज़ा ज़ाहिदी व एक अन्य जनरल सहित सात लोगों की मौत हो गई है। मारे गए दोनों जनरल व पांच जवान ईरानी रिवॉल्यूशनरी गार्ड के सदस्य थे। सीरिया और ईरान ने इसे इसराइल की कार्रवाई बताया है। ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अब्दुल्लाहियान ने कहा है कि हमले के लिए इसराइल को दुष्परिणाम भुगतने होंगे। इसराइल ने हमले पर कोई टिप्पणी करने से इनकार किया है।

मस्जिद के तहखाने में पूजा पर रोक से इनकार

हिन्दुस्तान के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ज्ञानवापी (मस्जिद) परिसर स्थित व्यासजी तहखाने में पूजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने हिंदू और मुस्लिम पक्षों को यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। इस आदेश से तहखाने में पूजा और ज्ञानवापी मस्जिद में नमाज जारी रहेगी। इससे पहले वाराणसी जिला अदालत ने व्यास तहखाने में हिंदुओं को पूजा की अनुमति दी थी, जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरकरार रखा था। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला व न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि व्यास तहखाने में पूजा के लिए हिंदू दक्षिणी हिस्से से प्रवेश करेंगे, जबकि मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए मुस्लिम उत्तरी दिशा से प्रवेश करेंगे।

कांग्रेस को टैक्स मामले में चुनाव तक राहत

आयकर विभाग द्वारा भेजे गए अरबों रुपये के डिमांड नोटिस के मामले में कांग्रेस को फिलहाल राहत मिल गई है। विभाग ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि चुनाव के मद्देनजर लगभग 3500 करोड़ के कर मांग नोटिस के मामले में कांग्रेस के खिलाफ वह कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगा। जस्टिस बीवी नागरत्ना और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ के समक्ष आयकर विभाग की ओर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने यह बयान दिया है।

अधिकतर साहबों के पास गाड़ी नहीं

प्रभात खबर की सुर्खी है: अधिकतर साहबों के पास गाड़ी नहीं, दूसरे राज्यों में हैं जमीन-फ्लैट। राज्य सरकार के आईएएस व आईपीएस अधिकारियों से लेकर तृतीय वर्ग कर्मियों की चल संपत्ति घोषित कर दी गई है। अधिकारी कर्मियों के 31 दिसंबर 2023 तक दिए गए संपत्ति के ब्यूरो को संबंधित विभाग की वेबसाइट पर सार्वजनिक किया गया है। घोषित संपत्ति में अधिकांश अफसर ने कहा कि उनके पास गाड़ी नहीं है। हालांकि उन्होंने अपनी पत्नी व बच्चों के नाम पर दिल्ली, नोएडा, हरियाणा सहित अपने पैतृक राज्य में अचल संपत्ति खरीद रखी है। कई अफसरों से अमीर उनकी पत्नियों हैं। डीजीपी आरएस भट्टी की पत्नी के पास करीब 91 लख रुपए मूल्य के जेवर हैं। अक्सर अधिकारी सोना रखने के शौकीन हैं।

तेजस्वी के बंगले में रहेंगे सम्राट चौधरी

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है राज्य सरकार ने राजद कोटे के पूर्व मंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करने का आदेश जारी किया है। साथ ही, एनडीए सरकार के 15 नए मंत्रियों को उन सरकारी बंगलों का आवंटन भी कर दिया गया है। पूर्व मंत्रियों को सरकारी बंगला खाली करने के लिए नियमानुसार एक माह की मोहलत मिली है। विभाग के अनुसार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव को उपमुख्यमंत्री के लिए कर्णाकिंत बंगले को खाली करना होगा। इस बंगले को उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को आवंटित किया गया है।

कुछ अन्य सुर्खियां

  • राजद के राज्यसभा सदस्य अशफाक करीम कटिहार से निर्दलीय लड़ेंगे, यहां महागठबंधन के उम्मीदवार हैं कांग्रेस के तारिक़ अनवर
  • बीजेपी से बेटिकट किए गए मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद कांग्रेस में हो सकते हैं शामिल, टिकट मिलने की संभावना
  • कहलगांव के विधायक पवन यादव से पाकिस्तानी नंबर से कॉल कर 50 लाख रंगदारी मांगी
  • बिहार का जीएसटी कलेक्शन 18.13% बढ़ा, यूपी, झारखंड से अधिक रही वृद्धि दर
  • कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत में ₹32 की कमी
  • फुलवारी शरीफ में पुलिस हिरासत में युवक की मौत, परिजनों का पुलिस पर पीटने का आरोप

अनछपी: बिहार की 40 लोकसभा सीटों का रिजल्ट चाहे जो आए फिलहाल इंडिया गठबंधन या महागठबंधन में उम्मीदवारों को लेकर जो स्थिति है उससे उसकी अच्छी छवि नहीं बनती है। इस मामले में कांग्रेस की चर्चा ज्यादा हो रही है। अभी पूर्णिया सीट से कांग्रेस में नए-नए शामिल हुए पप्पू यादव का मामला गर्म था ही कि अब मुजफ्फरपुर से ऐसी खबर मिली है जिससे कांग्रेस कार्यकर्ता खुश नहीं हो सकते। मुजफ्फरपुर से भाजपा के सांसद अजय निषाद को उनकी पार्टी ने टिकट नहीं दिया और अब चर्चा यह है कि वह कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं और कांग्रेस उन्हें मुजफ्फरपुर से टिकट भी दे सकती है। इससे यही लगता है कि कांग्रेस को महागठबंधन के तहत जो नौ सीटें मिली हैं उसके लिए उसके पास योग्य उम्मीदवारों की कमी है। जो अजय निषाद कल तक भाजपा की नीतियों का गुणगान करते थे वह अचानक चुनाव के वक़्त कांग्रेस की नीतियों के समर्थक कैसे हो सकते हैं? ऐसी ही स्थिति में पार्टी पर टिकट बेचने का आरोप लगता है। 2020 के विधानसभा चुनाव में जब कांग्रेस को 70 सीटें दी गई थीं तो उसके सिर्फ 19 उम्मीदवार जीत पाए थे। उसे समय यह कहा गया था कि कांग्रेस को उसकी क्षमता से अधिक सीटें दी गई थीं जिसका नुकसान महागठबंधन को उठाना पड़ा। लोकसभा चुनाव के लिए 40 में 9 सीटें मिलना भी कांग्रेस के लिए कुछ ज्यादा ही लग रहा है। अजय निषाद तबलीगी जमात और मुसलमानों पर प्रतिकूल टिप्पणी करने के लिए भी बदनाम रहे हैं। अगर अजय निषाद को कांग्रेस पार्टी टिकट देती है तो उस पर यह आरोप लगना स्वाभाविक होगा कि वह अपने मतदाताओं की विचारधारा का कोई ख्याल नहीं रखती। इस मामले में राजद पर भी यह आरोप लगा सकता है क्योंकि उसने भी औरंगाबाद से अपने किसी कार्यकर्ता या नेता को टिकट देने के बजाय अभय कुशवाहा को वहां से टिकट दिया जो टिकट लेने से पहले तक जदयू में शामिल थे। आरजेडी को 26 सीटें मिली हैं और उसके बारे में भी यह कहा जा रहा है कि वह भी उम्मीदवारों के चयन में परेशानी का सामना कर रहा है। हालांकि इंडिया गठबंधन में लेफ्ट पार्टियों के उम्मीदवारों को लेकर कोई समस्या नहीं है लेकिन उन्हें तो पांच सीटों पर ही लड़ना है। इस मामले में एनडीए के उम्मीदवारों के साथ ऐसी समस्या नजर नहीं आती है।

 

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