छपी-अनछपी: वीसी बहाली का शिक्षा विभाग का विज्ञापन वापस, जातीय गिनती की रिपोर्ट जल्द
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। राजभवन द्वारा वीसी नियुक्ति का विज्ञापन देने के बाद शिक्षा विभाग द्वारा भी उसी पद के लिए निकाला गया विज्ञापन वापस ले लिया गया है। इस खबर को सभी अखबारों ने प्रमुखता दी है। बिहार की जातीय गणना पूरी हो चुकी है और इसकी रिपोर्ट जल्द ही सार्वजनिक होगी। इसकी खबर को हिंदुस्तान ने प्रमुखता दी है। मुजफ्फरनगर में एक शिक्षिका द्वारा एक मुस्लिम छात्र को हिंदू सहपाठियों द्वारा पिटवाए जाने की खबर भी सभी जगह है।
जागरण की सबसे बड़ी खबर है: कुलपति नियुक्ति पर सरकार राज भवन में गतिरोध समाप्त। भास्कर की सबसे बड़ी सुर्खी है: शिक्षा विभाग ने छह कुलपतियों की नियुक्ति का विज्ञापन वापस लिया। हिन्दुस्तान के अनुसार शिक्षा विभाग ने राज्य के सात विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति का विज्ञापन शुक्रवार को वापस ले लिया है। विभाग ने यह विज्ञापन 22 अगस्त को अखबारों में प्रकाशित किया था। जबकि, इन्हीं सात विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति का विज्ञापन राजभवन के द्वारा अगस्त के पहले सप्ताह में ही जारी हुआ था। इसको लेकर राजभवन और शिक्षा विभाग में टकराव की स्थिति आ गई थी। 23 अगस्त को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजभवन जाकर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात की थी। इन दोनों के बीच राज्य की उच्च शिक्षा और विश्वविद्यालयों के विभिन्न मामलों पर बातें हुईं। तभी से यह तय माना जा रहा था कि राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच शुरू हुआ मतभेद जल्द समाप्त होगा।
जातीय गणना की रिपोर्ट
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: बिहार में जातीय गणना पूरी, रिपोर्ट शीघ्र सार्वजनिक होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि बिहार की जातीय गणना देश में मॉडल बनेगी। जाति आधारित गणना का काम बिहार में पूरा हो चुका है। इस सर्वे में मुख्य बात यह है कि सबकी आर्थिक स्थिति का भी पता चल जाएगा। केवल जातियों की संख्या घोषित करने के लिए ये सर्वे नहीं करवाया जा रहा है। शीघ्र ही इसकी रिपोर्ट भी सार्वजनिक हो जाएगी।
मुस्लिम छात्र को लगवाए थप्पड़
जागरण की खबर है: शिक्षिका ने मुस्लिम छात्र को हिंदू छात्रों से लगवाए थप्पड़। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर स्थित एक निजी स्कूल में शिक्षिका ने हिंदू छात्रों से मुस्लिम छात्र को थप्पड़ लगवाए और आपत्तिजनक टिप्पणी की। वीडियो वायरल होने के बाद ग्रामीणों और पीड़ित लोगों ने शिक्षिका के घर पहुंच कर हंगामा किया। इसको लेकर तनाव की स्थिति बन गई। पुलिस के समझाने पर मामला शांत हुआ। पुलिस ने जांच कर शिक्षिका के विरुद्ध कार्रवाई करने की बात कही है। इस मामले में डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बीएसए शुभम शुक्ला से पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की है। बीएसए ने कहा है की वीडियो की जांच कराई जा रही है। महिला शिक्षिका और प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। गांव के ही इरशाद का बेटा स्कूल में पढ़ता था। शुक्रवार दोपहर को इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित वीडियो में शिक्षिका आपत्तिजनक टिप्पणी कर रही है। इरशाद ने कहा कि वह विवाद में नहीं पड़ना चाहते, इसलिए बेटे का नाम कटवा रहे हैं।
राहुल ने दोहराया…चीन ने कब्जाई है जमीन
जागरण ने खबर दी है: पूरा लद्दाख जानता है चीन ने कब्जाई है हजारों किलोमीटर जमीन: राहुल। कांग्रेस नेता व सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बड़ा हमला करते हुए कहा है कि पूरा लद्दाख जानता है कि क्षेत्र में चीन ने हजारों किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि लद्दाख एक रणनीतिक जगह है, यहां आकर पैंगोंग दौरे के दौरान यह बात साफ हो गई कि चीन ने भारत की जमीन छीनी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विरोधी दलों की बैठक में कहा था किसी ने हमारी एक इंच जमीन नहीं ली। प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं लद्दाख का हर व्यक्ति सच जानता है। इसके जवाब में भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि राहुल गांधी बेबुनियाद और बेतुके बयान के लिए प्रसिद्ध हैं।
लालू के बैडमिंटन खेलने पर सीबीआई को एतराज़
भास्कर की खबर है: सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने दी दलील लालू बैडमिंटन खेल रहे, उनको जमानत देने का फैसला गलत, हम इसे साबित भी करेंगे। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि लालू प्रसाद को मेडिकल ग्राउंड पर चारा घोटाला में जमानत मिली थी लेकिन वह तो बैडमिंटन खेल रहे हैं। ऐसे में उनकी जमानत रद्द की जाए। इस पर लालू प्रसाद के वकील कपिल सिब्बल ने विरोध जताते हुए कहा कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है, उन्होंने हाल ही में किडनी ट्रांसप्लांट कराया है और सीबीआई उन्हें दोबारा जेल भेजना चाहती है। इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को जानबूझकर तंग किया जा रहा है। लालू प्रसाद की जमानत रद्द करने को लेकर सीबीआई द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के बारे में सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा सीबीआई किसी को नहीं छोड़ रही है, सबको बेकार में तंग किया जा रहा है।
ट्रंप जेल गए, 20 मिनट बाद बाहर
भास्कर की खबर है: अमेरिका में पहली बार पूर्व राष्ट्रपति को जेल, 20 मिनट बाद ही जमानत पर रिहा। अमेरिकी इतिहास में पहली बार किसी पूर्व राष्ट्रपति को जेल जाना पड़ा है। जेल रिकॉर्ड के लिए फोटो खिंचवाते हुए डोनाल्ड ट्रंप की भाव भंगिमा दशकों तक बताती रहेगी कि एक ऐसा राष्ट्रपति भी रहा जिसने चुनाव हारने पर सत्ता में बने रहने के लिए साजिश रची हालांकि लोकतंत्र की ताकत थी कि उन्हें सरेंडर करना पड़ा। वह जेल भेजे गए। 20 मिनट बाद जमानत पर छूट। यह दस्तावेज 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में बार-बार सामने आएगा।
कुछ और सुर्खियां
- सारण में अनियंत्रित हो नहर में गिरी कार, पांच की मौत
- महाबोधि मंदिर परिसर में तैनात बीएमपी जवान की अपनी ही कारबाइन से फायरिंग हुई, सीने में चार गोली लगने से मौत
- शिक्षक भर्ती 8 फरवरी उम्मीदवार मिले उपस्थित 70%, क्वालीफाइंग कट ऑफ भी घट सकता है
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ग्रीस ने दिया ग्रैंड क्रॉस ऑफ द आर्डर ऑफ ऑनर
- विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होने 31 को मुंबई जाएंगे नीतीश कुमार
- मणिपुर हिंसा पर सुनवाई गुवाहाटी हाई कोर्ट में होगी
अनछपी: एक तरफ सुप्रीम कोर्ट बार-बार हेट स्पीच के खिलाफ कार्रवाई करने की हिदायत दे रहा है तो दूसरी तरफ हमारे पास ऐसी खबरें भी आ रही हैं जिनमें साफ़ तौर पर हेट स्पीच ही नहीं हेट क्राइम की बात भी सामने आती है। मुजफ्फरनगर की एक टीचर द्वारा एक लड़के को यह कहकर कि वह मोहम्मडन है उसे हिंदू लड़कों से पिटवाने का मामला बेहद गंभीर है। पहली बात तो इस तरह किसी को पिटवाना है अपने आप में गलत है और उसमें अगर समुदाय विशेष का जिक्र किया जाए तो यह जहरीला माहौल बनाता है। हालांकि इस तरह की खबर लिखने में यह बहस भी आती है कि इसमें हिंदू और मुसलमान का जिक्र ना किया जाए लेकिन जब हेट स्पीच का पूरा आधार एक समुदाय का विरोध हो तो मजबूरी में समुदायों का नाम भी लिखना पड़ता है। इसकी कवरेज में कुछ जगहों पर समुदाय विशेष लिखा गया है तो कुछ जगह पर साफ-साफ मुस्लिम छात्र लिखा गया है। ऐसी खबरें हमारे समाज को झकझोरने वाली होती है लेकिन आमतौर पर समाज की ओर से कोई तीखी प्रतिक्रिया सामने नहीं आती। कई बार सच्ची नियत वाले लोग यह कहते हैं कि यह इक्का-दुक्का मामला है लेकिन यह भी अपनी जगह पर सच्चाई है कि ऐसे मामले बढ़ रहे हैं। अगर इसे इक्का-दुक्का मामला मान भी लिया जाए तो इस पर कार्रवाई जरूरी मालूम होती है ताकि दूसरे शिक्षकों को और दूसरे लोगों को यह ध्यान रहे कि ऐसी हरकत समाज और संविधान विरोधी है। यह हरकत किसी भी समुदाय का शिक्षक या कोई अन्य व्यक्ति किसी भी दूसरे समुदाय के साथ करे घोर निंदनीय है और इस पर काबू पाने के लिए उपाय करना भी जरूरी है। मुजफ्फरनगर के मामले में पीड़ित बच्चों के पिता ने यह कहकर पुलिस में शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया कि वह विवाद नहीं बढ़ाना चाहते और अपने बच्चों का नाम उसे स्कूल से कटवा लिया है। उस शिक्षिका की यह हरकत एक अपराध है और अपराध के खिलाफ अगर पीड़ित व्यक्ति डर या किसी मजबूरी से मुकदमा नहीं करना चाहता तो सरकार और पुलिस की जिम्मेदारी होती है कि वह अपनी ओर से एफआईआर दर्ज कर उसे शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई करे। यह घटना हमें बताती है कि हेट स्पीच के बारे में हमारे समाज को कितनी जागरूकता की जरूरत है।
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