छपी-अनछपी: कॉलेजों में 75% हाज़िरी का फरमान फिर आया, चांद पर चहलकदमी

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। शिक्षा विभाग के साथ जारी टकराव के बीच राजभवन ने एक बार फिर 75% हाज़िरी को ज़रूरी बताने वाला फरमान जारी किया है। इसकी खबर को हिन्दुस्तान ने लीड की जगह दी है। चंद्रयान 3 के ज़रिए चांद पर पहुंचने से जुड़ी खबरें आज भी पहले पेज पर हैं।

राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्रों की 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होगी। राजभवन की ओर से इस बाबत बुधवार की रात सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को निर्देश जारी किए गए हैं। 75 प्रतिशत उपस्थिति नहीं होने पर विद्यार्थियों को परीक्षा फॉर्म भरने नहीं दिया जाएगा। उन्हें परीक्षा में किसी सूरत में शामिल होने का मौका नहीं मिलेगा। राजभवन ने 75 फीसदी उपस्थिति नहीं होने के बावजूद परीक्षा फॉर्म भरने की अनुमति देने पर नाराजगी जताई है।

चांद पर चहलकदमी

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: भारत की चंद्रमा पर चहलकदमी। अख़बार लिखता है कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचकर सफलता की नई परिभाषा लिखने के बाद भारत ने पहली बार चंद्रमा की सतह पर चहलकदमी की। रोवर प्रज्ञान बुधवार-गुरुवार की मध्य रात्रि तकरीबन 12:30 बजे चंद्रमा की सतह पर उतरा। रोवर भारत के राष्ट्रीय चिन्ह की छाप अंकित करते हुए चंद्रमा पर चहलकदमी कर रहा है।

अगला मिशन

भास्कर लिखता है कि चंद्रयान 3 के चांद पर कदम रखने का जश्न अभी जारी है। हालांकि इसरो का अगला मिशन शुरू हो चुका है। अब बारी सूर्य के करीब पहुंचने की है। गुरुवार से सतीश धवन स्पेस सेंटर में देश के पहले सोलर मिशन आदित्य एल 1 सेटेलाइट को रॉकेट से जोड़ने का काम शुरू हो गया। 14 अगस्त को ही आदित्य एल 1 स्पेस पोर्ट पहुंच गया था।

सबसे बड़ी परीक्षा

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: सबसे बड़ी परीक्षा। अखबार ने लिखा है कि विश्व की सबसे बड़ी एक लाख 70 हज़ार 461 शिक्षक भर्ती प्रतियोगिता परीक्षा गुरुवार से शुरू हुई। इस परीक्षा में दो शिफ्टों में लगभग 7.7 लाख उम्मीदवारों ने भाग लिया। सभी जिलों के 874 परीक्षा केंद्रों पर लगभग 4000 कर्मियों ने परीक्षार्थियों की बायोमीट्रिक जांच की। दरभंगा, गया, सीवान और भागलपुर सहित कई जिलों के परीक्षा केन्द्रों पर बायोमीट्रिक मशीन काम नहीं करने की शिकायत पर अभ्यर्थियों को फिजिकल वेरिफिकेशन के आधार पर एंट्री दी गई। एक मिनट भी देर से पहुंचे अभ्यर्थी परीक्षा देने से वंचित रह गए। इस परीक्षा में 75% उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया।

चीन तनाव घटाने को तैयार

हिन्दुस्तान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने को सहमत हो गए हैं। दोनों नेताओं ने संबंधित अधिकारियों को सैनिकों की शीघ्र वापसी के प्रयास तेज करने का निर्देश देने का फैसला किया है। यह जानकारी देते हुए विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि दोनों नेताओं ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर गुरुवार को इस संबंध में बातचीत की।

ईडी के समन के खिलाफ हेमंत सुप्रीम कोर्ट गए

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुरुवार को ईडी के रांची जोनल आफिस में उपस्थित नहीं हुए। दिन के सवा एक बजे उन्होंने मुख्यमंत्री आवास के एक कर्मचारी सूरज के जरिए एक पत्र ईडी के सहायक निदेशक को भेजा। इस पत्र के साथ उन्होंने ईडी को जानकारी दी कि उन्होंने एजेंसी के समन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिट पीटिशन दायर किया है। सुप्रीम कोर्ट में फैसला आने तक मुख्यमंत्री ने ईडी से पूछताछ नहीं करने की बात कही है। गौरतलब है कि रांची जमीन घोटाले में ईडी ने पहली बार समन जारी कर हेमंत सोरेन को 14 अगस्त को पूछताछ के लिए बुलाया था। उस दिन भी वह ईडी दफ्तर नहीं पहुंचे थे और एक कर्मचारी के जरिए एक पत्र भेजा था।

कुछ और सुर्खियां

  • ड्यूटी में पुलिसकर्मी की मौत पर मिलेगा 25 लाख का अनुदान
  • नेशनल मेडिकल काउंसिल ने जेनेरिक दवाएं लिखने की अनिवार्यता के नियम पर रोक लगाई
  • अल्लू अर्जुन को बेस्ट एक्टर और आलिया भट्ट को बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल अवार्ड
  • भारतीय कुश्ती संघ की मान्यता रद्द, वर्ल्ड चैंपियनशिप में नहीं खेल सकेंगे पहलवान
  • ठेके पर बहाल महिला कर्मियों को भी मातृत्व लाभ का हक: हाई कोर्ट
  • भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञाननंदा शतरंज के विश्व कप का फाइनल हार गए

अनछपी: शिक्षा विभाग के साथ तनातनी के बीच राजभवन ने 75% की उपस्थिति पर जो जोर दिया है वह कई लिहाज से महत्वपूर्ण है। हालांकि राज भवन का यह भी कहना है कि इस नियम के रहने के बावजूद 75% से कम उपस्थिति वालों को परीक्षा फार्म भरवा दिया जाता है जबकि उन्हें परीक्षा में शामिल नहीं करने का नियम है। विश्वविद्यालय और कॉलेज में छात्रों की उपस्थिति कम होने की शिकायत वहां के शिक्षक भी करते हैं हालांकि दूसरी ओर छात्रों की शिकायत यह रहती है कि शिक्षक पढ़ाने के लिए उपलब्ध नहीं होते। बिहार में कॉलेज की पढ़ाई भी अजीब है जहां 12वीं की पढ़ाई भी कॉलेज में होती है और यहां फ्लाइंग स्टूडेंट होने की बात कोई राज नहीं है। फ्लाइंग या नन अटेंडिंग स्टूडेंट होने पर स्कूल और शिक्षा विभाग की भी अघोषित सहमति होती है। कुछ साल पहले जब बिहार बोर्ड की एक छात्रा ने मेडिकल की प्रवेश परीक्षा में अच्छा परिणाम दिया था तो उसे वक्त के शिक्षा के एक बड़े अधिकारी ने 75% के नियम के नहीं होने की बात कही थी। कॉलेज के बारे में यह सब को पता है कि 12वीं तक के छात्र अक्सर तैयारी के नाम पर कोचिंग ज्वाइन कर लेते हैं और स्कूल में उनके फर्जी हाजिरी बना दी जाती है। विश्वविद्यालय में भी हाजिरी पर कोई खास जोर नहीं दिया जाता और काफी कम हाजिरी के बावजूद परीक्षा देने की भी इजाजत दे दी जाती है। यह देखना दिलचस्प होगा कि राजभवन ने जो अपना ताजा फरमान जारी किया है उस पर विश्वविद्यालयों में कितना अमल होता है। क्या 75% की हाजिरी पूरी न होने वाले छात्रों को परीक्षा नहीं देने दिया जाएगा? अक्सर ऐसे छात्र मेडिकल सर्टिफिकेट या कोई और बहाना बनाकर परीक्षा देने में सफल हो जाते हैं। 75% की हाजिरी को अनिवार्य बनाने के साथ-साथ शिक्षा विभाग और राजभवन को यह भी सोचना चाहिए कि आखिर छात्र क्लास करने क्यों नहीं आना चाहते। छात्रों को अगर क्लास करने से प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता की उम्मीद हो तो वह अवश्य कॉलेज और विश्वविद्यालय की क्लास में उपस्थित रहेंगे। इसलिए जरूरी है कि कॉलेज और विश्वविद्यालय की शिक्षा प्रणाली इस तरह बनाई जाए कि छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं में कामयाबी का विश्वास पैदा हो। जब तक यह विश्वास छात्रों में पैदा नहीं होगा तब तक 75% हाजरी की अनिवार्यता की बात बेमानी रह जाएगी।

 

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