छ्पी-अनछपी: पूर्णिया में आदिवासी परिवार के पांच को ज़िंदा जलाया, आधार से नहीं बनेगा वोट कार्ड

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। पूर्णिया में डायन होने के आरोप में एक आदिवासी परिवार के पांच लोगों को जिंदा जला दिया गया। चुनाव आयोग ने कहा है कि अब आधार कार्ड के आधार पर वोटर कार्ड नहीं बनेगा। वोटर वेरीफिकेशन के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में 10 जुलाई को सुनवाई। पटना के मशहूर कारोबारी गोपाल खेमका की हत्या के मामले में शूटर को गिरफ्तार करने का दावा।

और, जानिएगा कि भारत में दुनिया के कुल सोने का कितना फ़ीसद हिस्सा है।

पहली खबर

हिन्दुस्तान के अनुसार पूर्णिया में अंधविश्वास के फेर में ग्रामीणों ने डायन बताकर एक ही परिवार की तीन महिलाओं सहित पांच लोगों को जिंदा जला दिया। जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रानीपतरा टेटगामा गांव में यह बर्बर घटना एक आदिवासी परिवार के साथ हुई। दिल दहला देने वाली घटना में ग्रामीणों ने 70 वर्षीय विधवा कातो, 50 वर्षीय बाबूलाल उरांव एवं उनकी 40 वर्षीय पत्नी सीता देवी, 30 वर्षीय मनजीत कुमार व उनकी पत्नी 25 वर्षीय रानी देवी को घर में घुसकर पेट्रोल छिड़ककर जिंदा जला दिया। घटना के बाद से गांव के सभी लोग फरार हैं। कुछ ग्रामीणों का कहना है कि गांव के कुछ लोगों को बाबूलाल उरांव की पत्नी सीता देवी पर डायन होने का शक था। लोग सीता देवी को डायन बता प्रताड़ित भी करते रहते थे। हाल के कुछ महीनों में इसी गांव में चार-पांच बच्चों की मौत हुई थी। इसके बाद लोगों को शक हुआ कि सीता देवी ने ही अपने टोटके से सबको मारा है। रविवार की शाम भी सीता देवी के साथ गांव के कुछ लोगों की कहासुनी हुई थी। रात लगभग 10 बजे के करीब गांव के 40 से 50 लोगों का हुजूम सीता देवी के घर पहुंचकर गाली-गलौज करते हुए सीता देवी सहित उनके परिवार के सभी सदस्यों के साथ मारपीट करने लगा। उसके बाद आपा खो चुके लोगों के हुजूम ने सभी पांचों के ऊपर पेट्रोल छिड़ककर उन्हें जिंदा जला दिया। उसके बाद अधजले शवों को बोरे में बंद कर गांव के करीब घिसरिया बहियार में पानी व जलकुम्भी से भरे गड्ढे में फेंक दिया। परिवार का एक लड़का सोनू कुमार (16 वर्ष) भागकर ननिहाल चला गया। उसने पुलिस को जानकारी दी।

आधार कार्ड से नहीं बनेगा वोटर कार्ड

भास्कर के अनुसार 1 अगस्त से मतदाता सूची में नया नाम जुड़वाने का नियम बदलेगा। अब सिर्फ आधार कार्ड देना काफी नहीं होगा। फॉर्म 6 के साथ घोषणा पत्र और निर्धारित दस्तावेज जमा करना अनिवार्य होगा। पहले फॉर्म 6 भरने के साथ आधार कार्ड की कॉपी जमा कर मतदाता सूची में नाम जुड़ जाता था। अब ऐसा नहीं होगा। विशेष गहन पुनरीक्षण में मांगे जाने वाले घोषणा पत्र के साथ दस्तावेज जमा करना अनिवार्य होगा। अब तक जो आवेदन कर चुके हैं लेकिन नाम मतदाता सूची में नहीं जुड़ा है उन पर भी यह नियम लागू होगा। ऐसे मतदाताओं को नाम 1 अगस्त से जोड़ने का काम शुरू होगा।

दस्तावेज के बिना वोटर लिस्ट में नाम नहीं रहेगा

हिन्दुस्तान के अनुसार बिहार में चुनाव आयोग के निर्देश पर जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर विपक्ष के सवालों पर चुनाव आयोग ने कहा कि आरोप लगाने वाले खुद ही भ्रमित हैं। बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) विनोद सिंह गुंजियाल ने आरोप लगाने वालों को सलाह दी कि आयोग द्वारा 24 जून को जारी आदेश को ठीक से पढ़ लें। सीईओ गुंजियाल ने हिन्दुस्तान से विशेष बातचीत में कहा कि 26 जुलाई तक जो मतदाता गणना फॉर्म भी जमा कर देते हैं, तो उनका नाम प्रारूप मतदाता सूची में आ जाएगा। आगे के लिए उनका नाम अंतिम मतदाता सूची में आसानी से शामिल हो जाए। उन्हें 11 निर्धारित दस्तावेजों में से कोई भी दस्तावेज को साक्ष्य के रूप में जमा करना है। ये साक्ष्य जन्म के आधार पर हो। पहले क्या हो रहा था कि गणना फार्म भी देना है और दस्तावेज भी देना है, लोगों की समस्या थी कि अभी दस्तावेज कहां से लेकर आएं। आयोग के अनुसार गणना फॉर्म, दस्तावेज दोनों चीजें जरूरी है।

एसआईआर को तुरंत रोकने की मांग

इंडिया गठबंधन ने राज्य में चल रहे मतदाता गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को तत्काल रोकने की मांग की है। गठंबधन के नेताओं ने कहा कि इस काम को विस चुनाव के बाद कराया जाए, क्योंकि जिन 11 दस्तावेजों की मांग की जा रही है, वह गरीबों के पास नहीं है। इससे करोड़ों लोगों का नाम कट सकता है। सोमवार को अपने एक पोलो रोड में गठबंधन के साझा प्रेस वार्ता में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने जो शंका जाहिर की थी, चुनाव आयोग ने अब तक उसका जवाब नहीं दिया है। हर घंटे नए-नए आदेश जारी किए जा रहे हैं। आयोग के आदेश में भी विरोधाभास है, जो चिंताजनक है। पहले कहा गया कि दस्तावेज बाद में दिये जा सकते हैं। फिर कहा गया कि 25 तक ही दस्तावेज देने हैं। इससे लोगों में भ्रम और अविश्वास पनप रहा है। फॉर्म बांटने का आयोग का दावा आईवाश है। सवालों का जवाब नहीं देकर लोगों को कन्फयूज किया जा रहा है। जब देश के अन्य राज्यों में आधार कार्ड, मनरेगा कार्ड, राशन कार्ड लागू है तो बिहार में इसे चुनाव आयोग क्यों नहीं मान रहा है।

वोटर वेरीफिकेशन के मुद्दे पर 10 जुलाई को सुनवाई

भास्कर के अनुसार बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मामले में दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 10 जुलाई को सुनवाई करेगा। कई राजनीतिक दलों ने निर्वाचन आयोग के एसआईआर के फैसले को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति जे जोयमाल्या की आंशिक कार्य दिवस पीठ ने याचिकाकर्ताओं की ओर से कपिल सिबल की अगुवाई में कई वरिष्ठ वकीलों की दलीलों को सुना और याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई के लिए राजी हुई। कपिल सिब्बल ने पीठ से इन याचिकाओं पर निर्वाचन आयोग को नोटिस देने का अनुरोध किया। इस पर न्यायमूर्ति धूलिया ने कहा कि हम गुरुवार को सुनवाई करेंगे। राजद सांसद मनोज झा और तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा समेत कई नेताओं ने उच्चतम न्यायालय में याचिकाएं दायर की हैं।

खेमका हत्याकांड के शूटर को गिरफ्तार करने का दावा

प्रभात खबर के अनुसार पटना के गांधी मैदान इलाके में बिहार के बड़े कारोबारी गोपाल खेमका की गोलीमार कर हत्या को अंजाम देने के आरोप में उमेश यादव नाम के अपराधी को पटना पुलिस की एसआईटी ने पटना सिटी इलाके से सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। उसे मालसलामी स्थित घर के पास दबोचा गया। उसके पास घटना में इस्तेमाल किए गए पिस्तौल के अलावा कारतूस, दो मोबाइल फोन, बाइक और एक लाख नगद रुपए बरामद किए गए हैं। जागरण के अनुसार इसके अलावा अशोक शाह और राजा को पकड़ा गया है पूर्ण राम पुलिस सूत्रों की माने तो अशोक सा बिल्डर है पूर्ण राम अब तक की जांच में पता चला है कि इसीलिए हत्या के लिए उमेश को सुपारी दी थी।

भारत में दुनिया के कुल सोने का 15% हिस्सा

जागरण के अनुसार सोने का बाजार वर्तमान में 23 ट्रिलियन डॉलर के स्तर पर पहुंच गया है और उसमें से 15% हिस्सेदारी भारत की है। वर्तमान में वैश्विक विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 12.5 ट्रिलियन डॉलर का है। डीएसपी म्युचुअल फंड की जुलाई 2025 की रिपोर्ट के अनुसार अब तक निकल गए कल सोने में 65% आभूषणों के रूप में है और वैश्विक भंडार का मंत्र 5% सोने में स्थानांतरित होने से इसकी कीमत में महत्वपूर्ण उछाल आ सकता है। केंद्रीय बैंकों के सोने के भंडार में वृद्धि हो रही है और उन्होंने पिछले 21 वर्षों की तुलना में पिछले 4 सालों में अधिक सुरक्षित संपत्तियां खरीदी हैं।

कुछ और सुर्खियां:

  • मुजफ्फरपुर में ग्रामीण बैंक की शाखा में दिनदहाड़े 10 लाख की लूट
  • यूट्यूबर मनीष कश्यप जान सुराज में शामिल
  • बिहार को चार अमृत भारत ट्रेन समय आठ नई ट्रेनें मिलेगी
  • पटना के बाढ़ थाना क्षेत्र के गुड़ड़िया मोहल्ले में ताजिया जुलूस के दौरान एक ही समुदाय के दो पक्ष भिड़े, 20 जख्मी
  • इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) बने संजोग गुप्ता

अनछपी: पूर्णिया में आदिवासी परिवार के पांच सदस्यों को जिंदा जलाए जाने का मामला जितना गंभीर है उसका पता अखबारों और दूसरे मीडिया की खबरों से नहीं चलता। हमारे समाज में इस घटना को लेकर जैसी प्रतिक्रिया होनी चाहिए वह तो बिल्कुल नजर नहीं आती। वैसे भी हमारे समाज में आदिवासियों की चर्चा बहुत कम होती है और अगर होती है भी तो उनके लिए सम्मान का भाव बहुत काम रहता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के विभिन्न समुदायों की सामाजिक कुरीतियों के बारे में तो बराबर बात करते हैं लेकिन डायन प्रथा को लेकर उन्होंने शायद ही कभी अपना संदेश दिया हो। कहने को तो भारत विश्व गुरु बनने वाला है और इसकी अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में शामिल हो चुकी है लेकिन भारत में एक आम इंसान की जीवन की कीमत इतनी कम है इसका अंदाजा पूर्णिया की घटना से भी लगता है। इस घटना की जानकारी होने के बावजूद सोमवार को मेनस्ट्रीम मीडिया और सोशल मीडिया देखकर ऐसा नहीं लगा कि पूर्णिया में पांच इंसानों को जिंदा जलाया गया है। शायद इसकी वजह यह है कि जो लोग मारे गए उनका संबंध आदिवासी समुदाय से था। डायन होने के नाम पर झारखंड में आदिवासियों के साथ ऐसी वीभत्स घटनाएं तो होती रहती हैं लेकिन बिहार में डायन प्रथा के खिलाफ कानून रहने के बावजूद यह घटना हुई है तो इसका नोटिस सरकार और समाज दोनों को गंभीरता से लेना चाहिए। दरअसल डायन प्रथा को लेकर महिलाओं को सताए जाने के मामले होते रहते हैं। कुछ मामलों की खबर सामने आती है और अक्सर मामले चर्चा का विषय नहीं बन पाते। बिहार के मानवाधिकार आयोग को इस मामले में सरकार को नोटिस जारी करना चाहिए और सामाजिक संगठनों को भी इस पर अपना विरोध दर्ज करना चाहिए।

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