छपी-अनछपी: गवर्नर या शिक्षा विभाग- कौन बहाल करेगा वीसी? चंद्रयान इतिहास रचने से चंद क़दम दूर
बिहार लोक संवाद डॉट कॉम, पटना। बिहार में शिक्षा विभाग और राजभवन में टकराव अब वीसी की नियुक्ति के मामले तक पहुंच चुका है। इस पद के लिए पहले राजभवन की ओर से वैकेंसी आ चुकी है तो शिक्षा विभाग ने भी वैकेंसी जारी की है। इससे संबंधित खबर सभी अखबारों में प्रमुखता से ली गई है। चंद्रयान 3 मिशन आज शाम 6:04 पर इतिहास रच सकता है जब विक्रम लैंडर उसकी सतह पर कदम रखेगा। इससे जुड़ी खबर भी पहले पेज पर है।
जागरण ने मंगलवार को अपनी एक्सक्लूसिव खबर में दावा किया था कि भारत ने पाकिस्तान पर एक और सर्जिकल स्ट्राइक की है लेकिन आज उसके बारे में कोई खबर नहीं दी गई है। सूत्रों का कहना है कि भारतीय सेना ने इस दावे का खंडन किया है इसके बावजूद अखबार ने वह बात नहीं छापी है।
भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: वीसी नियुक्ति: पहले राजभवन, अब शिक्षा विभाग ने जारी किया विज्ञापन। अख़बार लिखता है कि छह विश्वविद्यालयों (बीआरबीएयू, बीएनएमयू, केएसडीएसयू, एलएमएनयू एकेयू और पीयू) के कुलपतियों की नियुक्ति के संबंध में राजभवन के बाद शिक्षा विभाग ने भी विज्ञापन जारी किया है। राजभवन का विज्ञापन 4 अगस्त को जारी हुआ और शिक्षा विभाग का विज्ञापन 22 अगस्त को प्रकाशित हुआ। राजभवन की विज्ञप्ति के अनुसार आवेदन की अवधि 21-22 दिन की है जो 26 अगस्त को समाप्त हो रही है। शिक्षा विभाग के विज्ञापन में भी आवेदन की मियाद 22 दिन है और 13 सितंबर को समाप्त हो रही है। कुलपतियों की नियुक्ति में दोनों में से कौन आवेदन मान्य होगा इसे लेकर द्वंद्व है। द्वंद्व इस बिंदु पर भी है कि आवेदन मांगने का अधिकार राजभवन को है या शिक्षा विभाग को।
चांद पर होगा भारत
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: भारत और चांद का आज होगा मिलन। भारत का चंद्रयान-3 अभियान बुधवार को चांद पर कदम रख कीर्तिमान रचने के लिए तैयार है। इसरो का अंतरिक्ष यान सफलतापूर्वक अंतिम चरण में पहुंच गया है और विक्रम लैंडर 23 अगस्त की शाम दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा।इसरो वैज्ञानिकों ने विश्वास जताया है कि विषम परिस्थितियों में भी विक्रम सफलतापूर्वक उतरेगा। भारत दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश होगा। ब्रिक्स सम्मेलन के लिए दक्षिण अफ्रीका गए पीएम नरेंद्र मोदी लैंडिंग कार्यक्रम में वर्चुअली शामिल होंगे।
सहरसा में खुलेगा मेडिकल कॉलेज
जागरण की सबसे बड़ी खबर है: सहरसा में मेडिकल कॉलेज अस्पताल व जमुई में खुलेगा इंजीनियरिंग कॉलेज। बिहार के 6 जिलों में सरकार डॉक्टर भीमराव अंबेडकर आवासीय विद्यालय स्थापित करेगी। इसके अलावा सहरसा जिले में एक नया सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में स्थापित होगा। जमुई जिले में नया राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज स्थापित किया जाएगा। मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई।
इंजीनियरों के 56% पद खाली
हिन्दुस्तान की खास खबर है: बिहार में इंजीनियरों के 56 फीसद पद खाली, काम प्रभावित। राज्य में इंजीनियरों की भारी कमी है। सरकार के नौ कार्य विभागों में काम करने वाले अभियंताओं की वास्तविक संख्या स्वीकृत पद 14013 की तुलना में मात्र 44 फीसदी ही हैं। 7918 यानी 56 फीसदी पद अभियंताओं के खाली हैं। इस कारण अभियंताओं को एक साथ दो-तीन पदों पर काम करना पड़ रहा है जिसका असर कार्यों की गुणवत्ता पर हो रहा है। सरकार के कार्य विभागों में पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य, भवन निर्माण, जल संसाधन, लघु जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, नगर विकास, पंचायती राज व स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन (योजना विभाग) में इंजीनियर काम कर रहे हैं।
22 करोड़ मुसलमान…विवादित बोल
जागरण की खबर है: 22 करोड़ मुसलमान ने चूड़ियां नहीं पहन रखी, जवाब देना आता है: कुरैशी। मध्य प्रदेश के विदिशा से जागरण ने लिखा है कि पूर्व राज्यपाल और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजीज कुरैशी ने कहा कि 22 करोड़ मुसलमान ने चूड़ियां नहीं पहनी है। उन्हें भी जवाब देना आता है। यदि एक दो करोड़ मर भी जाएं तो कोई बात नहीं। मुसलमान का वोट किसी की जागीर नहीं है। जो मुसलमान के हित की बात करेगा वही समाज का वोट पाएगा। आज मुसलमान पर काफी जुल्म हो रहे हैं। सहन करने की भी एक सीमा होती है। हमें अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं को आगे बढ़ाना है। उन्होंने यह बातें रविवार को विदिशा जिले में तहसील मुख्यालय पर राजीव गांधी की जयंती पर आयोजित कौमी एकता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहीं। अब दो दिन बाद उनका यह बयान इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है।
तेजस्वी को सीएम बनाने की डील नहीं: लालू
राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जदयू से तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री बनाने की हमारी कोई डील नहीं हुई है। हिन्दुस्तान के अनुसार उन्होंने जोर देकर कहा कि अभी एक मात्र उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सत्ता से बेदखल करना है। पत्नी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी व पुत्र तेज प्रताप यादव के साथ सात साल बाद अपने गृह जिला पहुंचे लालू प्रसाद ने मंगलवार को एक निजी चैनल से बातचीत करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने विपक्षी गठबंधन इंडिया की भविष्य की रणनीति को लेकर भी कई अहम खुलासे किये। लालू प्रसाद ने कहा कि इंडिया का संयोजक सभी की सहमति से तय होगा।
कुछ और सुर्खियां
- महावीर झंडा को लेकर हुए विवाद के बाद बगहा में 24 अगस्त तक इंटरनेट सेवा बंद
- शिक्षा विभाग के सभी सेक्शन ऑफिसर और असिस्टेंट का वेतन स्थगित
- एसटीईटी के लिए आवेदन देने की आखिरी तारीख 25 अगस्त तक बढ़ी
- जनता दल यूनाइटेड का पोल खोल अभियान 1 सितंबर से
- ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जोहानिसबर्ग पहुंचे
- केंद्र का दिल्ली हाई कोर्ट को आश्वासन: ओटीटी पर अश्लील सामग्री रोकने के लिए नियम बनेंगे
- भभुआ में चंबल एक्सप्रेस लाल सिग्नल पार कर गई दो लोको पायलट निलंबित
अनछपी: पूर्व राज्यपाल और कांग्रेस के सीनियर नेता अजीज कुरैशी का मुसलमानों के बारे में दिया गया बयान भड़काऊ है हालांकि उनकी कही गई बातें अपनी जगह पर गलत नहीं हैं। मुसलमान के साथ भेदभाव और उन पर होने वाले अत्याचार की शिकायत अक्सर लोग करते हैं लेकिन चूड़ियां पहनने वाले बयान की न तो जरूरत थी और ना ही ऐसे बयान से समाज का भला होने वाला है। अजीज कुरैशी जैसे सीनियर कांग्रेस लीडर का यह बयान हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर उन्होंने इतने दिनों में भारतीय समाज का क्या अध्ययन किया। आज के हिंदुस्तान अखबार की संपादकीय टिप्पणी इसी विषय पर है। अखबार ने अजीज कुरैशी के बयान की निंदा तो की है और उसे अनर्गल प्रलाप भी बताया है जो सही भी है लेकिन वह इस बात की चर्चा नहीं कर पाया कि आखिर जो बातें उन्होंने की है उसकी क्या सच्चाई है। यानी उनके बयान का जो हिस्सा भड़काऊ नहीं है उसके बारे में अखबार की राय क्या है यह उसे बताना चाहिए था। अख़बार लिखता है कि देश जब आज चांद पर अपना यान उतारने के जश्न की तैयारी में जुटा है तब अजीज कुरैशी जैसे लोगों के सांप्रदायिक विष वमन को दर गुज़र नहीं किया जा सकता। अखबार को यह भी लिखना चाहिए था कि जो सांप्रदायिक विषवमन महंतों और मंत्रियों के द्वारा किया जाता है उसे क्यों दर गुज़र किया गया। वैसे तो भारत में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का इतिहास नया नहीं है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में इसमें जो इजाफा देखा गया है और जिस तरह सरकार के लोग इसमें हिस्सा लेते हैं वह हिंदुस्तान अखबार के लिए चिंता का विषय होना चाहिए था। फिलहाल यही कहा जा सकता है कि अजीज कुरैशी जैसे लोग मुसलमान पर होने वाले अत्याचार के असली विषय को पीछे कर देते हैं क्योंकि उनका वह बयान सुर्खी बन जाता है जिसकी कोई जरूरत नहीं और जो समाज के लायक नहीं।
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