छ्पी-अनछपी: हल्द्वानी में मदरसा ढाहे जाने के बाद बवाल-6 मरे, भाजपा विधायक बोधगया में
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। उत्तराखंड के शहर हल्द्वानी में अवैध बता कर एक मदरसा और मज़ार को ढाहे जाने के बाद वहां बवाल हो गया जिसमें पुलिस फायरिंग में छह लोगों की मौत हो गई। बिहार में सियासी हलचल के बीच भारतीय जनता पार्टी ने भी अपने विधायकों को बोधगया भेज दिया है। इन दोनों खबरों की अच्छी कवरेज है।
हल्द्वानी के वनभूलपुरा में मलिक के बगीचे में गुरुवार को मदरसे और मज़ार तोड़ने के दौरान भारी बवाल मच गया। हिन्दुस्तान के अनुसार नगर निगम और पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई से गुस्साई भीड़ ने जमकर पथराव और आगजनी कर वनभूलपुरा थाना आग के हवाले कर दिया। इस दौरान हुई पुलिस फायरिंग में वनभूलपुरा क्षेत्र के छह लोगों की मौत हो गई। नैनीताल की डीएम वंदना सिंह ने हल्द्वानी में तत्काल कर्फ्यू लगाते हुए विकासखंड के सभी स्कूल शुक्रवार को बंद रखने के आदेश दे दिए हैं। रात नौ बजे के बाद शहर की इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई।
भाजपा विधायक बोधगया में
जागरण लिखता है कि बिहार में सत्ता परिवर्तन के बाद महागठबंधन में कांग्रेस ही नहीं एनडीए में भाजपा भी सतर्क हो गई है। भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने पार्टी विधायकों को दो दिन के लिए बोधगया में प्रशिक्षण के बहाने तलब कर लिया है। बोधगया में आयोजित प्रशिक्षण शिविर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 10 फरवरी को 2 घंटे वर्चुअल रूप से विधायकों को संबोधित करेंगे। भाजपा के सूत्र बताते हैं कि नेतृत्व अपने विधायकों पर पूरी तरह से नजर रख रहा है। अचानक से बुधवार को भोज के बहाने सभी विधायकों को पटना बुलाया गया। गुरुवार की सुबह विधायकों को 10 फरवरी से बोधगया में प्रशिक्षण कार्यक्रम की सूचना दी गई। साथ ही 9 फरवरी की शाम तक बोधगया पहुंचने का फरमान भी सुना दिया गया।
विधायकों की जोड़-तोड़
भास्कर की खबर है: विधायकों की जोड़-तोड़ में अब बड़े अफसर और ठेकेदार भी। बिहार में नई एनडीए सरकार को गिराने या बचाने के मकसद से विधायकों की जोड़-तोड़ में अब अफसर और ठेकेदार भी जुट गए हैं। यह बात खुद सत्ता पक्ष और विपक्ष ने कही। राजद विधायक विजय मंडल ने कहा कि हमारे पास एक बहुत बड़े अफसर का लगातार फोन आ रहा है। वे हम लोगों को जदयू का साथ देने को कह रहे हैं। हम लोगों को प्रभावित कर रहे हैं। अपने पास बुला रहे हैं। जदयू के वरीय नेता व मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि 12 फरवरी से पहले कुछ लोग हमारे विधायकों की खरीद फरोख्त की तैयारी में है लेकिन उनकी दाल नहीं गलने वाली। हम एकजुट हैं। हमारे विधायकों के पास ठेकेदार भेज कर प्रलोभन दिया जा रहा है। श्रवण ने कहा, “हमारे विधायक सब जानकारी हमें दे रहे हैं। यह गलत है कि जदयू के कई विधायक लापता हैं, उनका मोबाइल बंद है। हमारे सभी विधायक हमारे संपर्क में हैं।”
चिंता न करें, सब ठीक है: नीतीश
जागरण की सबसे बड़ी खबर नीतीश कुमार का बयान है: चिंता मत कीजिए, सब ठीक है। प्रभात खबर की दूसरी सबसे बड़ी सुर्खी है: विश्वास मत पर सीएम बोले- चिंता मत करिए, सब ठीक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से बुधवार और गुरुवार को पूर्व उप प्रधानमंत्री एलके आडवाणी से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को दिल्ली से लौट आए। उन्होंने पटना पहुंचकर 12 फरवरी को नई सरकार के विश्वास मत प्राप्त करने को लेकर कहा है कि सब कुछ ठीक है। शाम को नई दिल्ली से पटना लौटने पर एयरपोर्ट पर संवाददाताओं ने 12 फरवरी को विधानसभा में होने वाले फ्लोर टेस्ट को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि चिंता मत करिए, सब ठीक है, सब कुछ अच्छा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हर तरह की बातचीत अच्छी रही।
मोदी जन्म से ओबीसी नहीं: राहुल
हिन्दुस्तान की खबर है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को ओडिशा में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री की जाति को लेकर सवाल उठाए। उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री का जन्म अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से ताल्लुक रखने वाले परिवार में नहीं हुआ। राहुल ने न्याय यात्रा के दौरान एक संक्षिप्त भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री का जन्म ऐसे परिवार में हुआ जो सामान्य जाति की श्रेणी में आता है। कांग्रेस नेता ने कहा, उनका जन्म घांची जाति के परिवार में हुआ, जिसे वर्ष 2000 में गुजरात में भाजपा सरकार के कार्यकाल के दौरान ओबीसी सूची में शामिल किया गया। इस प्रकार प्रधानमंत्री जन्म से ओबीसी नहीं हैं।
एनआईए की कार्रवाई
हिन्दुस्तान की पहली खबर है कि एनआईए की विशेष टीम ने झारखंड में वर्ष 2020 में तेतरियाखांड कोयला खदान में हुए हमला मामले के अभियुक्तों के ठिकानों पर बड़ी छापेमारी की। भागलपुर एवं पूर्णिया में दो-दो तथा मधेपुरा में एक ठिकाने पर गुरुवार की सुबह दबिश दी। भागलपुर की हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित प्रॉपर्टी डीलर शंकर यादव के घर और उनके कार्यालय को 12 घंटे से अधिक समय तक खंगाला गया। लंबी पूछताछ के बाद देर शाम शंकर यादव को एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया और अपने साथ ले गई। शंकर यादव के घर से 1 करोड़ 32 लाख रुपये कैश के अलावा बड़ी संख्या में जेवरात, पांच मोबाइल फोन, एक हार्ड डिस्क, 30.06 बोर की एक राइफल एवं इसकी एक मैगजीन, 7.65 एमएम की एक पिस्टल एवं इसकी दो मैगजीन और 63 कारतूस बरामद की गई हैं।
इनकम टैक्स का छापा
प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर है की इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने गुरुवार को मैनपॉवर सप्लाई करने वाली कंपनी उर्मिला इन्फोटेक पर कार्रवाई की है। आयकर विभाग की टीम ने कंपनी के पटना और दिल्ली स्थित कार्यालय के साथ-साथ कंपनी के मालिक अविनाश कुमार सिंह के आवास समेत 12 स्थान पर छापेमारी की है। इनमें से मुख्य रूप से पटना के खाजपुरा स्थित आवास और पाटलिपुत्र कॉलोनी में टेक्नोलॉजी पार्क कार्यालय हैं। अविनाश सिंह के घर से 35 लख रुपए से अधिक बरामद हुए हैं। उर्मिला इन्फोटेक बिहार, झारखंड, दिल्ली और अन्य राज्यों में भी टेक्निकल मैनपॉवर उपलब्ध कराती है।
चुनिंदा तरीके से रिज़र्वेशन नहीं दे सकते: सुप्रीम कोर्ट
जागरण की खबर है कि कोटे के भीतर कोटा प्रदान करने के लिए एससी और एसटी के उप वर्गीकरण के मुद्दे पर सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि पिछड़े वर्गों को आरक्षण का लाभ देने में राज्य सरकार चुनिंदा रवैया नहीं अपना सकती क्योंकि इससे यह तुष्टीकरण की खतरनाक प्रवृत्ति बन जाएगी। कोर्ट ने सभी पक्षों की बहस सुनकर अपना फैसला सुरक्षित कर लिया।
पाकिस्तान चुनाव में क्या हुआ
पाकिस्तान में हिंसा के बीच आम चुनाव के लिए गुरुवार को 51.7% मतदान हुआ और शाम को मतगणना शुरू हो गई। शुक्रवार दोपहर तक ज्यादातर परिणाम आने की उम्मीद है। मध्य रात्रि तक की मतगणना में नवाज शरीफ और इमरान खान की पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला नजर आ रहा है। चुनाव ड्यूटी के दौरान खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान जिले में सुरक्षा कर्मियों के वाहन पर हमले में पांच पुलिसकर्मियों की मौत हो गई। सरकार ने आतंकवादी हमलों को नाकाम करने के लिए मोबाइल और इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया था। मतदान सुबह आठ बजे शुरू हुआ और शाम पांच बजे तक जारी रहा।
देशभर के कुछ मतदान केंद्रों पर मतदान प्रक्रिया में देरी से शुरू होने की सूचना है। 12.85 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं को मतदान करने में सक्षम बनाने के लिए देशव्यापी सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया था।
कुछ और सुर्खियां
● लैंड फॉर जॉब मामले में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और उनकी बेटी मीसा भारती व हेमा यादव आज राउज़ एवेन्यू कोर्ट में पेश होंगी
● प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा से रिटायर हो रहे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को बताया ‘प्रेरक उदाहरण’
● मैट्रिक परीक्षा में जूता मोजा पहन कर जाने पर पाबंदी
● इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने पर टैक्स में 75% तक की छूट
● कांग्रेस ने मोदी सरकार के 10 वर्षों को बताया अन्याय काल
● मुंबई में फेसबुक लाइव कर शिवसेना के पूर्व पार्षद को गोलियों से भूना
अनछपी: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने हल्द्वानी में जो बर्बरता दिखाई है वह अत्यंत निंदनीय है। अखबारों में पुलिस फायरिंग पर चुप्पी साथ ली गई है लेकिन सच्चाई यह है कि पुलिस के जुल्म के कारण 6 निर्दोष लोगों की जान चली गई। दो दिन पहले ही उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड का विधेयक पास करने के बाद हल्द्वानी के एक मदरसा और मजार को जिस तरह अवैध बता कर ढाहा गया है वह सवालों के घेरे में है। अफसोस की बात यह है कि मीडिया भी मदरसा और मजार को इस तरह अवैध बता रहा है जिस तरह सरकार बता रही है। इस बारे में मदरसा और मजार वालों का क्या कहना है, उनका पक्ष बिल्कुल नहीं बताया जा रहा है। यह महज इत्तेफाक नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा शासित प्रदेशों और स्थानीय निकायों में ऐसा हो रहा है। इससे पहले दिल्ली की 600 साल पुरानी मस्जिद को अतिक्रमण बता कर ढाह दिया गया हालांकि इसका कोई कानूनी आधार नहीं था। ऐसा लगता है कि भारतीय जनता पार्टी इस नीति पर चल रही है कि जिस मजार और मदरसे को हटाना हो उस पर अतिक्रमण का आरोप लगाया जाए और कानूनी राहत के लिए कोई समय नहीं दिया जाए। मीडिया को यह बताना चाहिए था कि इस मदरसे और मजार के बारे में कहां केस चल रहा है और अदालत में मामला कहां तक पहुंचा है। इतना तो तय है कि अदालत की ओर से कोई ताजा फैसला नहीं आया है क्योंकि अगर ऐसा रहता तो पहले इसकी सूचना दी जाती। उत्तराखंड एक ऐसा प्रदेश है जिसे देवभूमि कहा जाता है और यहां मुसलमानों की संख्या उत्तर प्रदेश के मुकाबलले कम मानी जाती है। तो क्या उत्तराखंड की सरकार संख्या बल में कमजोर होने के कारण मुसलमाननों पर जोर जबरदस्ती कर रही है? यह वही उत्तराखंड सरकार है जिसने यूनिफॉर्म सिविल कोड से एसटी को बाहर रखा लेकिन मुसलमान को टारगेट किया है। यहां तक कि हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली को भी नहीं छुआ गया है। ऐसा लगता है कि पुष्कर सिंह धामी अपने मुस्लिम विरोध को राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करना चाहते हैं और उन्हें इस बात की बिल्कुल चिंता नहीं कि इस दौरान निर्दोष लोगों की जान जाती है। पीड़ित लोगों के पास अब अदालत ही राहत का एक सहारा है हालांकि राजनीतिक दृष्टि से वह बिल्कुल अलग-अलग हो चुके हैं।
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