छ्पी-अनछ्पी: तीन और लोगों को भारत रत्न, पाकिस्तान में इमरान के आज़ाद उम्मीदवार आगे

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और पीवी नरसिम्हा राव के अलावा कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने की घोषणा सभी अखबारों में प्रमुखता से ली गयी है। पाकिस्तान के आम चुनाव में इमरान खान समर्थित आजाद उम्मीदवारों के आगे रहने की खबर को भी अच्छी कवरेज मिली है।

भास्कर की पहली सुर्खी है: आम चुनाव से पहले किसान, जाट के साथ दक्षिण को मान। जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है: चौधरी चरण सिंह, नरसिम्हा राव व स्वामीनाथन को भारत रत्न। हिन्दुस्तान ने लिखा है: सुधारों के सूत्रधारों को देश का सर्वोच्च सम्मान। केंद्र सरकार ने देश में सुधारों के तीन सूत्रधारों को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करने का ऐलान किया है। शुक्रवार को किसानों की आवाज चौधरी चरण सिंह, आर्थिक सुधारों को नया आयाम देने वाले पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव और हरित क्रांति का आगाज कर देश को अन्न संकट से उबारने वाले कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न (मरणोपरांत) देने का ऐलान किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट में कहा कि दूरदर्शी दृष्टि वाले नरसिम्हा राव ने देश की अर्थव्यवस्था को आधुनिक बनाने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने देश की समृद्धि और विकास के लिए एक ठोस आधार तैयार किया। इसी के बलबूते भारत दुनिया के बाजार के लिए खुला। प्रधानमंत्री मोदी ने चौधरी चरण सिंह को लेकर कहा कि उन्होंने किसानों के अधिकार और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। राष्ट्र निर्माण उनकी पहली प्राथमिकता थी और आपातकाल के विरोध में वो डटकर खड़े रहे। एमएस स्वामीनाथन ने अपनी कोशिशों से कृषि क्षेत्र में भारत को आत्म निर्भर बनाया था।

इमरान के आज़ाद उम्मीदवार आगे

पाकिस्तान के चुनाव में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने के आसार नहीं दिख रहे हैं। त्रिशंकु सरकार बनने की संभावना नजर आ रही है। पाकिस्तान चुनाव आयोग के मुताबिक पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार बढ़त बनाए हुए हैं। डॉन अखबार ने पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) के हवाले से रात 9 बजे तक नेशनल असेंबली के 141 नतीजों की घोषणा की, जिसमें पीटीआई समर्थित निर्दलीय उम्मीदवारों को 59 सीट पर जीत मिली। दूसरे स्थान पर पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और तीसरे नंबर पर पीपीपी है। देश में नई सरकार बनाने के लिए किसी भी पार्टी को नेशनल असेंबली में 265 में से 133 सीट जीतनी होगी। कुल मिलाकर बहुमत हासिल करने के लिए 336 में से 169 सीट की आवश्यकता है, जिसमें महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षित सीट भी शामिल हैं। एक बड़े उलटफेर में पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो जरदारी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा।

पाकिस्तान आर्मी की धांधली

भास्कर की सुर्खी है: सेना ने आधी रात मतगणना 8 घंटे बंद कराई, बैलेट बदल दिए…तब रेस में आ पाए नवाज। पाकिस्तान में गुरुवार रात 10:00 बजे तक मत पेटियों से पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के समर्थकों की एकतरफ़ा जीत के नतीजे निकलते रहे। यह देखकर पाक सेना बुरी तरह घबरा गई। सेवा के पसंदीदा पूर्व पीएम नवाज शरीफ खुद लाहौर में इमरान खान के समर्थक कैंडिडेट से पिछड़ते दिखे। यही हाल उनकी पार्टी के ज्यादातर नेताओं का था। इस्लामाबाद में पीएमएलएन के दफ्तर में टीवी पर चुनाव रुझानों को देखकर नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम घर चले गए। इसके बाद सेना ने चुनाव आयोग की कमान संभाल ली। सेना ने 8 घंटे तक काउंटिंग रुकवा दी। इस दौरान बैलट बदले गए। सुबह 7:00 बजे तक नवाज शरीफ और उनकी पार्टी रेस में आ गई।

हेडमास्टरों की बहाली

प्रभात खबर की पहली सुर्खी है: 40 हजार प्रधान शिक्षक व 6000 प्रधानाध्यापकों की बहाली जल्द। बिहार के सरकारी स्कूलों में विद्यालय अध्यापकों की नियुक्तियों के बीच अब शिक्षा विभाग प्रधानाध्यापक और प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति करने जा रहा है। शिक्षा विभाग ने 6000 से अधिक प्लस टू स्कूलों (माध्यमिक और उच्च माध्यमिक) में प्रधानाध्यापक के रिक्त पदों पर भारती के लिए प्रस्ताव तैयार किया है। इसी तरह राज्य के 40 हजार प्रारंभिक स्कूलों में उतनी ही संख्या में प्रधान शिक्षकों की नियुक्ति करने की तैयारी कर ली है। जिला पदाधिकारियों को इन पदों के रोस्टर क्लीयरेंस के लिए प्रस्ताव भेज दिए गए हैं।

लालू के रडार से 12 विधायक बाहर: जागरण

जागरण की दूसरी सबसे बड़ी खबर है कि बिहार विधानसभा में शक्ति परीक्षण से दो दिन पहले राजद के लगभग 12 विधायक लालू प्रसाद के रडार से बाहर हैं। उनकी खोज खबर ली जा रही है। फोन मिलाया जा रहा है लेकिन कोई अता-पता नहीं चल रहा है। उनके नजदीकियों के पास विशेष दूत भेजकर जानने का प्रयास किया जा रहा है कि वह कहां है और संपर्क में रहने से कन्नी क्यों काट रहे हैं।

नए जनादेश बिना नहीं बदल सकते गठबंधन: कोर्ट

प्रभात खबर की खबर है: नया जनादेश लिए बिना दल या गठबंधन नहीं बदल सकते निर्वाचित प्रतिनिधि: कोर्ट। केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी राजनीतिक दल या गठबंधन के माध्यम से मतदाताओं द्वारा निर्वाचित व्यक्ति नया जनादेश हासिल किए बिना इसे छोड़ नहीं सकता है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि निर्वाचित व्यक्ति अपनी मर्जी के अनुसार कार्य नहीं कर सकता क्योंकि लोगों ने उन्हें एक राजनीतिक दल या गठबंधन के माध्यम से चुना है। अदालत के इस फैसले से दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं। अदालत ने इडुक्की जिले में स्थानीय स्वशासन निकायों में से एक में दल बदल से जुड़ी एक याचिका को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। जस्टिस पीवी कुंहिकृष्णन ने 5 फरवरी को पारित एक आदेश में कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधि को अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की आवाज बनना चाहिए। ”वह मतदाताओं की इच्छा के खिलाफ जाकर अपनी मर्जी के अनुसार फैसला नहीं ले सकता।”

बिना चालान बेच दिया 122 करोड़ का बालू

प्रभात खबर की दूसरी सबसे बड़ी खबर है कि ईडी के शिकंजे में आए जदयू एमएलसी राधाचरण साह (सेठ) की कंपनी ब्रॉडसन कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड और बालू सिंडिकेट से जुड़ी सहयोगी कंपनी आदित्य मल्टीकॉम ने बिना चालान के 122 करोड़ रुपये का बालू उठाव कर बेच दिया। जिला खनन कार्यालय, भोजपुर की ओर से कोईलवर में दर्ज मामले के अनुसार ब्रॉडसन कंपनी ने फरवरी 2020 से अगस्त 2020 यानी 7 महीने में पटना, भोजपुर व सारण जिले के बालू घाटों से 253 करोड़ से अधिक का बालू बेचा। इसी तरह आदित्य मल्टीकॉम कंपनी ने अप्रैल 2020 से अगस्त 2020 की अवधि यानी 5 महीने में 90.92 करोड रुपए के बालू का उठाव किया। इसमें कुल मिलाकर 122 करोड़ रुपए का बालू बिना चालान के उठाया गया।

कुछ और सुर्खियां

  • भारत में अब 97 करोड़ मतदाता, नए जुड़े वोटरों में दो करोड़ युवा
  • नीट यूजी के लिए 9 मार्च तक आवेदन, 5 मई को परीक्षा, 14 जून को रिजल्ट
  • दिल्ली के कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनकी बेटी मीसा व हेमा को 28 फरवरी तक दी अंतरिम राहत
  • बिहार में 40 एक्सक्लूसिव एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल पंप खुलेंगे
  • जदयू एमएलसी राधाचरण सेठ को कोर्ट से राहत नहीं
  • नियोजित शिक्षकों को तीन के बदले मिल सकते हैं पांच मौके
  • हल्द्वानी के उपद्रवियों पर नेशनल सिक्योरिटी ऐक्ट लगेगा: डीजीपी

अनछपी: भारत रत्न के राजनीतिक इस्तेमाल के लिए चुनाव का वक्त चुना जाना कोई ताज्जुब की बात नहीं है। भारतीय जनता पार्टी वाली नरेंद्र मोदी सरकार इस सम्मान को भी इवेंट बन चुकी है और रुक-रुक कर इसकी घोषणा कर रही है। ऐसा माना जा रहा है कि अन्य कारणों के अलावा नीतीश कुमार को करीब लाने के लिए पहले कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने की घोषणा की गई। फिर कट्टर हिंदुत्व समर्थकों को खुश करने के लिए लालकृष्ण आडवाणी को यह सम्मान देने की घोषणा की गई जिन्हें भारत में व्यापक सांप्रदायिक हिंसा के लिए जिम्मेदार माना जाता है। ऐसा माना जा रहा है कि अब उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल के नेता जयंत चौधरी को खुश करने के लिए उनके दादा चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने की घोषणा की गई है। किसी तरह के आरोप से बचने के लिए कांग्रेसी पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन को भी भारत रत्न देने की घोषणा की गई। यह स्वाभाविक सवाल है कि अगर इन पांच लोगों को भारत रत्न देना ही था तो इसकी घोषणा एक ही दिन क्यों नहीं की गई। क्या इसे समाचारों में बने रहने की एक कोशिश के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए? इसमें कोई दो राय नहीं कि कांग्रेस ने भी अपने जमाने में राजनीतिक फायदे के लिए भारत रत्न का इस्तेमाल किया है लेकिन इसके कारण भारतीय जनता पार्टी की सरकार से सवाल ना किया जाए, यह भी सही नहीं होगा। तो पहला सवाल यही होगा कि आखिर भारत रत्न की घोषणा चुनाव के ठीक पहले कर क्या वह इसे एक राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल नहीं कर रही है? उत्तर प्रदेश में चौधरी चरण सिंह के पोते जयंत चौधरी का अखिलेश यादव के साथ चुनावी समझौता हो गया था लेकिन अब जयंत चौधरी को भाजपा अपने पाले में खींच ले आई है। इन पुरस्कारों के बारे में यह राय भी आई है कि नरसिम्हा राव और एमएस स्वामीनाथन को भारत रत्न देने का मकसद दक्षिण भारत में अपनी पकड़ मजबूत करना है। लोग सवाल कर रहे हैं कि एमएस स्वामीनाथन को पुरस्कार देने के साथ-साथ क्या सरकार यह बताएगी कि उसने किसानों के लिए क्या किया जो अब तक आंदोलन कर रहे हैं। नरसिम्हा राव को भारत रत्न देने का मकसद यह भी है कि वह कांग्रेस पार्टी को कटघरे में खड़ा करे कि उसने उन्हें क्यों भारत रत्न नहीं दिया। इस सम्मान की घोषणा से यह सवाल भी पैदा होता है कि क्या भारतीय जनता पार्टी को आगामी चुनाव में महज राम मंदिर की बुनियाद पर जीत का भरोसा नहीं था जो वह इतनी जोड़ तोड़ की कोशिश कर रही है।

 

 

 

 

 

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