छपी-अनछपी: ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में खामी मिली तो रद्द होगी, पटना में जल जमाव से ट्रेनें रुकीं

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बारे में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ड्राफ्ट वोटर लिस्ट में खामी मिली तो रद्द होगी। जल निकासी की सही व्यवस्था नहीं होने के कारण पटना जंक्शन पर पानी जमा हो गया और कई ट्रेनें प्रभावित हुईं। ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में तीखी बहस हुई।

और, जानिएगा कि सुप्रीम कोर्ट ने आधार जाली होने के तर्क पर कहा कि दुनिया का कोई भी दस्तावेज जाली हो सकता है।

पहली ख़बर

 भास्कर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में जारी स्पेशल इंटर्नशिप रिवीजन के तहत ड्राफ्ट वोटर लिस्ट के प्रकाशन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। याचिकाकर्ता एडीआर ने पूरी प्रक्रिया में खामियों का हवाला देकर प्रशासन पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की थी। इस पर जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा,”कोर्ट की शक्ति को कम मत आंकिए। भरोसा रखिए। अगर आपकी दलील सही लगी और कोई ग़ैरकानूनी बात मिली तो हम तत्काल पूरी प्रक्रिया रद्द कर देंगे। कोर्ट ने आयोग से आधार और वोटर आईडी कार्ड को मान्य दस्तावेज के तौर पर स्वीकार करते रहने को भी कहा। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जोयमाल्या बागची की पीठ ने कहा, राशन कार्ड फर्जी हो सकते हैं पर आधार और वोटर आईडी में प्रामाणिकता की धारणा है।

जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने से पटना पानी पानी

प्रभात खबर के अनुसार रविवार की रात 8:30 बजे से सोमवार की सुबह 11:00 बजे तक हुई मूसलाधार बारिश के कारण पटना के करीब 20 लाख आबादी प्रभावित हुई। जिला प्रशासन के अनुसार शारीरिक क्षेत्र में 24 घंटे में कुल 333 मिली मीटर वर्षा हुई। वही मौसम विभाग के अनुसार सोमवार की सुबह 8:30 बजे से लेकर शाम 5:30 बजे तक 106 एमएम बारिश हुई। इससे (जल निकासी की सही व्यवस्था न होने कारण) विधानसभा परिसर, उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा के आवास, एमएलसी नीरज कुमार के आवास, पीएमसीएच और एनएमसीएच सहित कई प्राइवेट अस्पताल और कई स्कूलों के साथ ही शहर की मुख्य सड़कों और गली मोहल्लों में जल जमाव हो गया।

पटना जंक्शन की पटरियों पर पानी, कई ट्रेनें रद्द रहीं

हिन्दुस्तान के अनुसार रविवार की भारी बारिश के आगे रेलवे का ड्रेनेज सिस्टम फेल हो गया और रेल की पटरियां डूब गईं। इससे पटना जंक्शन के रेलवे सिग्नल सिस्टम में खराबी आ गई और स्वचालित सिस्टम ने काम करना बंद कर दिया। संरक्षा को देखते हुए कागजी निर्देश पर ट्रेनों को चलाना पड़ा। प्लेटफॉर्म संख्या एक नंबर और दस नंबर की पटरियों पर जलजमाव की वजह से पांच ट्रेनों को रद्द करना पड़ा। पांच का आरंभिक -आंशिक ठहराव राजेन्द्रनगर टर्मिनल और पाटलिपुत्र जंक्शन पर करना पड़ा। इस दौरान पटना जंक्शन की 18 ट्रेनें 45 मिनट से लेकर तीन घंटे तक विलंबित रहीं। पटना जंक्शन परिसर में मुख्य द्वार और करबिगहिया की ओर हुए जलजमाव की वजह से रेलयात्री बारिश के पानी में भी दिनभर आते जाते रहे। जंक्शन के आसपास की रेल कॉलोनियों में भी जलजमाव से कर्मी परेशान रहे।

75 करोड़ का कारोबार प्रभावित

भारी बारिश और इससे जलजमाव के कारण सोमवार को पटना का बाजार प्रभावित रहा। हथुआ मार्केट, खेतान मार्केट, एसपी वर्मा रोड, स्टेशन रोड, जमाल रोड, खजांची रोड, जीएम रोड, ठाकुरबाड़ी रोड, नाला रोड सहित कई इलाकों की दुकानें दोपहर बाद तक बंद रहीं। शाम को कई इलाकों में दुकानें खुलीं, लेकिन ग्राहक नहीं पहुंचे। बाजार से जुड़े जानकारों के अनुसार बारिश और जलजमाव के कारण पटना में 75 करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार प्रभावित होने का अनुमान है।

ऑपरेशन सिंदूर: राजनाथ सिंह ने कहा लक्ष्य हासिल किया

भास्कर के अनुसार पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर सोमवार को लोकसभा में विशेष चर्चा हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चर्चा शुरू करते हुए कहा, “सशस्त्र बलों ने राजनीतिक-सैन्य लक्ष्य प्राप्त कर लिए थे। इसलिए ऑपरेशन को विराम दिया। पाकिस्तानी डीजेएमओ ने हमले रोकने का अनुरोध किया था। कोई बाहरी दबाव नहीं था। उन्होंने कहा कि अब डोजियर की जगह निर्णायक कार्रवाई ले चुकी है। आतंकवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए नया भारत किसी भी हद तक जा सकता है। रक्षा मंत्री ने विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि चीन के साथ 1962 की जंग में हमने नहीं पूछा कि कितने टैंक व बंदूकें ध्वस्त हुईं।

पहलगाम हमले के लिए विपक्ष ने सरकार को जिम्मेदार ठहराया

पहलगाम हमले में सुरक्षा चूक के लिए विपक्ष ने गृह मंत्री अमित शाह से जिम्मेदारी लेने की मांग की। कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने कहा गृह मंत्री लोग के पीछे न छिपे पूर्ण ग्राम उन्होंने कहा अगर पाकिस्तान घुटने टेकने को तैयार था तो रुक क्यों? ओके वापस कब लेंगे चर्चा देर रात 12 बजकर 52 मिनट तक चली। चर्चा मंगलवार को भी जारी रहेगी। विपक्ष ने विदेश मंत्री जयशंकर के भाषण के दौरान हंगामा किया तो गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इन्हें भारत के विदेश मंत्री पर नहीं किसी और देश पर भरोसा है। विदेश मंत्री जयशंकर ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के दावे पर कहा कि 22 अप्रैल से 17 जून तक ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी की बात नहीं हुई। 9 मई को अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस ने पीएम को फोन पर बताया कि पाक बड़ा हमला करेगा। हमला सेना ने विफल कर दिया।

दुनिया का कोई भी दस्तावेज जाली हो सकता है

हिन्दुस्तान के अनुसार एसआईआर पर बहस के दौरान निर्वाचन आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है और मतदाता पहचान पत्र पर भरोसा नहीं किया जा सकता क्योंकि यह एक संशोधन प्रक्रिया है, अन्यथा ऐसी प्रक्रिया का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि दुनिया का कोई भी दस्तावेज जाली हो सकता है। उन्होंने कहा कि सामूहिक बहिष्कार के बजाय, सामूहिक समावेशन होना चाहिए। जस्टिस बागची ने कहा कि एसआईआर के लिए 11 दस्तावेजों में से कोई भी निर्णायक नहीं था। आयोग से सवाल किया कि केवल आधार अपलोड करने वाले व्यक्ति को मतदाता सूची में शामिल क्यों नहीं किया जा सकता?

कुछ और सुर्खियां:

  • फर्स्ट फेज़ में 6 किलोमीटर की जगह 3 किलोमीटर में ही चलेगी पटना मेट्रो, आईएसबीटी से भूतनाथ रोड तक जाएगी
  • पटना जिले के मसौढ़ी प्रखंड में कुत्ते का निवास प्रमाण पत्र बनाने वाला आईटी सहायक बर्खास्त
  • उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के मंदिर में टिन शेड में करंट लगने के बाद भगदड़ मचने से दो लोगों की मौत
  • मनेर से राजद के विधायक भाई वीरेंद्र के खिलाफ पंचायत सचिव ने एफआईआर के लिए आवेदन दिया

अनछपी: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शासनकाल के बारे में जो बहुत सी शिकायतें रही हैं उनमें एक प्रमुख शिकायत यह भी है कि नौकरशाही ने जनता को दबा कर रख दिया है। यह शिकायत केवल नीतीश सरकार के विरोधी नहीं बल्कि इसके समर्थक भी करते हैं, जिनमें कई बार तो मंत्री और विधायक भी शामिल रहते हैं। अभी इस बात को छेड़ने का संदर्भ यह है कि मनेर से राजद के विधायक भाई वीरेंद्र और पंचायत सेवक संदीप कुमार का एक ऑडियो वायरल हुआ जिसके बाद अब पंचायत सचिव ने विधायक भाई वीरेंद्र पर एससी-एसटी थाने में एससी-एसटी आवेदन दिया है। अगर आप इस ऑडियो को सुनें तो यह हमारे समाज में आमतौर पर सरकारी कर्मचारी और जनता के बीच होने वाली कहासुनी से ज्यादा नहीं लगेगी। इसकी वजह सिर्फ इतनी थी कि एक जरूरतमंद महिला सराय की रिंकी देवी को अपने पति अविनाश कुमार का डेथ सर्टिफिकेट नहीं मिल पा रहा था। इस मामले में पंचायत सचिव ने देरी की या प्रक्रिया की वजह से देरी हुई, इस पर बहस की जा सकती है और इस पर भी बात हो सकती है कि पंचायत सचिवों पर काम का बोझ बढ़ा है क्योंकि उन्हें एक से ज्यादा पंचायत का प्रभार मिला हुआ है। लेकिन इससे कोई इनकार नहीं कर सकता की जनता को इस प्रक्रिया और सरकारी कर्मचारियों की वजह से परेशानी होती है। हम में से किसे नहीं पता कि जन्म प्रमाण पत्र और यहां तक कि मृत्यु प्रमाण पत्र देने में भी सरकारी कर्मचारी आनाकानी करते हैं और घूस मांगते हैं। हम में से किसे नहीं पता कि पंचायत सचिव अक्सर अपने कार्यालय में नहीं मिलते और उनके लिए कोई दलाल काम करता है। हो सकता है कि मनेर के जिस पंचायत सचिव की बात हो रही है वह इस मामले में दोषी न हों लेकिन उनकी बातचीत का तरीका बिल्कुल वही था जो जनता को गुलाम और खुद को मालिक समझने वाले लोगों का होता है। यही नहीं पंचायत सचिव ने जिस तरह विधायक को पहचानने से इनकार किया और पहचान होने के बाद भी जिस अकड़ में बात की, वह यह साबित करता है कि नीतीश सरकार में नौकरशाही ने किस तरह जनता को गुलाम समझ रखा है। जब एक पंचायत सचिव का एक विधायक के साथ यह व्यवहार था तो आम लोगों के साथ व्यवहार कैसा रहता होगा इसके बारे में अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है। यह जरूर है कि भाई वीरेंद्र ने भी जिस भाषा का प्रयोग किया वह सही नहीं था और उन्होंने अब अपनी गलती भी मान ली है। इसमें कोई दो राय नहीं कि भाई वीरेंद्र जनता के काम के लिए कह रहे थे और उन्हें नौकरशाही से वही जवाब मिला जिसकी शिकायत आम लोग लंबे समय से कर रहे हैं। जब एक पंचायत सचिव का यह तेवर है तो इसके ऊपर के अधिकारियों की तानाशाही भरे रवैए का अंदाजा लगाया जा सकता है। पंचायत सचिव ने क्योंकि इस मामले के कई दिन बीत जाने के बाद एफआईआर के लिए आवेदन दिया है तो इसके पीछे की राजनीति आसानी से समझ में आ सकती है। इससे समझा जा सकता है कि कौन जनता की आवाज बन रहा है और कौन जनता के खिलाफ काम करने वाले सरकारी कर्मचारी को उकसा रहा है।

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