छ्पी-अनछपी: भारतीय सेना का पाकिस्तानी ठिकानों पर हमला, आज शहरों में बजेंगे सायरन
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। भारत सरकार ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया है। पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर पहले से घोषित मॉक ड्रिल कार्यक्रम के तहत आज शहरों में सायरन बजेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि आतंकी हमले की खुफिया सूचना थी तो सुरक्षा क्यों नहीं बढ़ाई गई।
और, जानिएगा कि भारत और ब्रिटेन के बीच 99 फ़ीसद मुक्त व्यापार से कैसे लाभ होगा।
पहली खबर
जागरण के अनुसार पहलगाम आतंकी हमले के ठीक 15 वें दिन मंगलवार रात करीब 1:44 बजे भारत ने पाकिस्तान और गुलाम जम्मू कश्मीर में स्थित आतंकी ठिकानों पर हमला कर दिया। भारत ने इसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम दिया है। भारत ने बहावलपुर में जैश के सरगना मसूद अजहर के ठिकाने सहित 9 आतंकी ठिकानों पर बमबारी की। इस बीच पाकिस्तान सेना ने रात को एक बयान में कहा कि भारत ने पाकिस्तान में कोटली, बहावलपुर और मुजफ्फराबाद में मिसाइल से हमला किया है जबकि भारतीय सेना ने साफ कहा कि हमारी कार्रवाई सिर्फ आतंकी ठिकानों पर की गई है। किसी भी पाकिस्तानी सैन्य शिविरों को निशाना नहीं बनाया गया है।
और क्या क्या हुआ
- पाकिस्तान में एयरपोर्ट बंद किए गए, अंतरराष्ट्रीय उड़ानें भी प्रभावित
- भारत में भी कई हवाई अड्डों को फिलहाल बंद किया गया
- बीबीसी उर्दू की रिपोर्ट है कि भारतीय हमले में आठ पाकिस्तानी मारे गए हैं
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से जब इस ऑपरेशन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया, ”ये शर्मनाक है”
- ट्रंप ने कहा, “मैं सिर्फ़ ये चाहता हूं कि यह बहुत जल्दी खत्म हो जाए.”,
शाम में 6:58 बजे सायरन बजेंगे
हिन्दुस्तान के अनुसार भारत-पाकिस्तान में चल रही तनातनी के बीच बुधवार को सीमा पर वायुसेना युद्धाभ्यास करेगी। वहीं, शहरों में सायरन बजेंगे और हवाई हमलों से बचाव की मॉक ड्रिल होगी। रक्षा तैयारियों के बीच अमेरिका ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई में सहयोग की बात कही है। केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने मंगलवार को राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ मॉक ड्रिल की तैयारियों की समीक्षा की। केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर बिहार के छह समेत देश के करीब 300 नागरिक सुरक्षा जिलों में मॉक ड्रिल की जाएगी। राज्यों को मॉक ड्रिल में अतिरिक्त जरूरी स्थान और जिलों को शामिल करने की छूट होगी। बिहार के छह जिलों, राजधानी पटना, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज और बेगूसराय देर शाम करीब दस मिनट के ब्लैक आउट के साथ अचानक बिजली गुल होगी और फिर खतरे का एहसास कराती सायरन की आवाज सड़कों पर गूंजने लगेगी। बेगूसराय जिले में जिला मुख्यालय के अलावा बरौनी शहर में भी मॉक ड्रिल होगा। जागरण के अनुसार शाम 6:58 पर 2 मिनट के लिए सायरन बजेगा और 7 बजे से लेकर 7:10 तक ब्लैक आउट रहेगा।
खुफिया सूचना पर क्यों नहीं बढ़ाई गई सुरक्षा: खड़गे
हिन्दुस्तान के अनुसार कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि देश की खुफिया एजेंसियों ने आतंकी हमले की आशंका जताई थी। इस सूचना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना कश्मीर दौरा रद्द कर दिया था। ऐसे में सरकार ने पहलगाम में सुरक्षा क्यों नहीं बढ़ाई और सभी को अलर्ट क्यों नहीं किया? टूरिस्ट की रक्षा के लिए ज्यादा फोर्स भेजे जा सकते थे। खरगे मंगलवार को झारखंड की राजधानी रांची में आयोजित संविधान बचाओ रैली को संबोधित कर रहे थे। खरगे ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला करते हुए कहा कि पहलगाम आतंकी हमला मामले में सरकार ने माना कि ये खुफिया तंत्र की विफलता है और इसे सुधारने की जरूरत है।
जस्टिस विश्वनाथन ने दिया 6.47 करोड़ का इनकम टैक्स
जागरण की खबर है कि सुप्रीम कोर्ट के 31 में से 21 जजों ने अपनी संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक कर दिया है। संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक करने वालों में वर्तमान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया संजीव खन्ना और उनकी सेवानिवृत्ति के बाद चीफ जस्टिस बनने वाले जस्टिस बी आर गवई शामिल हैं। जस्टिस के विश्वनाथन ने, जोकि 19 में 2023 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने थे, बताया है कि उन्होंने 2024-25 में 6.47 करोड रुपए का इनकम टैक्स दिया है। उन्होंने 120 करोड़ रुपए से ज्यादा निवेश कर रखे हैं। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बनने से पहले जस्टिस विश्वनाथन वरिष्ठ वकील थे और उनकी धुआंधार वकालत चलती थी। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने 55.75 लाख की रकम फिक्स्ड डिपॉजिट कर रखी है। उनका साउथ दिल्ली में तीन बेडरूम का डीडीए फ्लैट है। कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज में 2246 स्क्वायर फीट का चार बेडरूम का अपार्टमेंट है। जस्टिस बीआर गवई के बैंक खाते में 19.63 लख रुपए हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र के अमरावती में मकान है जो उन्हें पिता से विरासत में मिला है। एक अपार्टमेंट मुंबई के बांद्रा में है। एक आवासीय अपार्टमेंट दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में है। इसके अलावा उनके पास अमरावती और नागपुर में कृषि भूमि भी है।
भारत से ब्रिटेन को 99 फीसद निर्यात पर शुल्क नहीं लगेगा
हिन्दुस्तान के अनुसार भारत- यूके के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) और दोहरा योगदान संधि समझौता से जुड़ी वार्ता सफलतापूर्क संपन्न हो गई है। अब जल्द ही समझौता जमीनी स्तर पर अमल में आएगा। इससे भारत का यूके को होने वाला 99 फीसदी निर्यात शुल्क मुक्त हो जाएगी, जिससे दोनों पक्षों के बीच व्यापार, निवेश और नवाचार को बढ़ावा मिलेगी। यूके, जिसे यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड के नाम से भी जाना जाता है, में चार देश शामिल हैं- इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, वेल्स और उत्तरी आयरलैंड। आर्थिक लिहाज से समझौते को काफी अहम माना जा रहा है।
कुछ और सुर्खियां:
- बख्तियारपुर में बिजली गिरने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत
- राम जानकी फोरलेन सड़क बिहार सरकार बनाएगी, 240 किलोमीटर होगी लंबाई
- बिहार पुलिस ने लंबे समय से एक ही जगह जमे 19767 सिपाहियों का एक साथ तबादला किया
- सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एडमिशन की परीक्षा सीयूईटी यजी स्थगित हो सकती
अनछपी: भारत में नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में एडमिशन के लिए रिजर्वेशन हमेशा से बहस का मुद्दा रहा है। इसके आलोचक यह कहते रहे हैं कि रिजर्वेशन से मेरिट की उपेक्षा होती है जबकि इसके समर्थकों का यह कहना होता है कि लंबे समय से किए जा रहे भेदभाव को दूर करने के लिए रिजर्वेशन जरूरी है। रिजर्वेशन की बहस में यह बहस यह भी होती है कि क्या जिन्होंने एक बार इसका फायदा ले लिया है उनके परिवार को भी पीढ़ी दर पीढ़ी इस रिजर्वेशन का फायदा मिलना चाहिए या दूसरे वंचित लोगों के लिए यह लाभ छोड़ देना चाहिए। अब सुप्रीम कोर्ट ने देश में आरक्षण की तुलना रेलगाड़ी से करते हुए कहा है कि जो इसमें चढ़ जाते हैं वह नहीं चाहते कि दूसरे लोग अंदर आए हैं। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि आरक्षण व्यवस्था रेल के डिब्बे की तरह हो गई है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट में महाराष्ट्र के स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी को रिजर्वेशन देने के विरोध में दाखिल याचिका पर सुनवाई चल रही है। इस मामले में जस्टिस सूर्यकांत का कहना है कि सामाजिक रूप से, राजनीतिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग होगा, उन्हें लाभ से वंचित क्यों किया जाना चाहिए? उनका कहना है कि इसे एक विशेष परिवार या समूह तक ही सीमित क्यों रखा जाना चाहिए? उन्होंने यह भी पूछा कि क्यों कुछ ही वर्क के लोगों को आरक्षण मिले? बाकी लोगों को आरक्षण क्यों नहीं मिलना चाहिए जो सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक रूप से पिछड़े हैं। सुप्रीम कोर्ट के यह सवाल बेहद हम हैं और इसके साथ यह भी जानना जरूरी है कि जो लोग आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक रूप से पिछड़े हुए हैं, इसका निर्धारण कैसे होता है। अल्पसंख्यकों की दृष्टि से देखें तो उनका राजनीतिक प्रतिनिधित्व बहुत कम है और वह निश्चित रूप से राजनीतिक रूप से पिछड़े माने जा सकते हैं लेकिन सरकार अभी इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं है और ना ही इसके लिए कोई कदम सामने आया है। ऐसे में एक सामाजिक अध्ययन भी होना चाहिए कि राजनीतिक प्रतिनिधित्व में किस वर्ग की कितनी हिस्सेदारी है। इसी तरह नौकरियों में आरक्षण के मामले की भी समीक्षा होनी चाहिए और यह देखा जाना चाहिए कि किस वर्ग का प्रतिनिधित्व नौकरियों में बेहद कम है और उनके लिए व्यवस्था की जानी चाहिए।
971 total views