छ्पी-अनछपी: बिहार में 25 फ़ीसद कम हुई मॉनसून की बारिश, अक्टूबर से सर्वाइकल कैंसर का टीका मुफ्त

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में मॉनसून की बारिश में 25 फ़ीसद की कमी दर्ज की गई है। एक अक्टूबर से बिहार में सर्वाइकल कैंसर का टीका मुफ्त लगाया जाएगा। प्रशांत किशोर ने कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में उसके 40 उम्मीदवार मुस्लिम होंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि अदालतों में तारीख पर तारीख की संस्कृति खत्म होनी चाहिए।

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर के अनुसार अब तक मानसून के दौरान सामान्य से 25 कम बारिश हुई है। इसमें जून में 52 फ़ीसद, जुलाई में 29 फ़ीसद और अगस्त में 4 फ़ीसद सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई। सितंबर में भी बारिश कम होने से प्रदेश में लगातार तीसरे वर्ष मानसून की बारिश सामान्य से कम होने के आसार हैं। बिहार में सामान्य तौर पर मानसून सीजन 12 जून से 8 अक्टूबर तक रहता है। इस माह बारिश कम होने और तापमान बढ़ने के कारण लोगों को गर्मी सताने वाली है। मौसम विभाग के अनुसार बारिश कम होने से आद्रता की मात्रा बढ़ जाएगी। इस कारण लोगों को उमस भरी गर्मी का एहसास होगा।

सर्वाइकल कैंसर का टीका 1 अक्टूबर से मुफ्त

भास्कर के अनुसार सर्वाइकल कैंसर यानी बच्चेदानी के मुंह के कैंसर ने महिलाओं को परेशान कर रखा है। देश में कैंसर से जितनी महिलाओं की मौत होती है उसमें अकेले 17 फ़ीसद मौतें सर्वाइकल कैंसर से हो रही है। बिहार में बच्चियों को इस कैंसर से बचाने के लिए मुफ्त एचपीवी (हुमन पपिल्लोमा वायरस) वैक्सीन लगेगी। 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में 9 से 14 साल की बच्चियों की संख्या करीब 95 लाख है। बिहार सरकार ने इस उम्र की एक करोड़ बच्चियों को एचपीवी वैक्सीन देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। विशेषज्ञों के अनुसार एचपीवी वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर से बचाव में 98% कारगर है। टीका महंगा है। अधिकांश अभिभावक बच्चों को टीका नहीं दिला पाते। मुख्यमंत्री बालिका कैंसर प्रतिरक्षण योजना की स्वीकृति कैबिनेट से मिल चुकी है। इस पर डेढ़ सौ करोड़ रुपए खर्च होंगे।

विधानसभा चुनाव में जन सुराज के 40 उम्मीदवार मुसलमान होंगे: प्रशांत किशोर

प्रभात खबर के अनुसार जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा है कि जनसुराज कम से कम 40 मुसलमानों को विधानसभा चुनाव में टिकट देगा। उनको सरकार सहित संगठन में भी पूरी हिस्सेदारी दी जाएगी। संगठन का नेतृत्व करने वाले 25 लोगों में भी चार से पांच मुस्लिम समुदाय के लोग रहेंगे। उन्होंने कहा, इस समय जदयू, राजद और कांग्रेस तीनों मुसलमान का वोट लेती है लेकिन बिहार में मात्र 19 मुस्लिम विधायक ही विधानसभा में हैं। प्रशांत किशोर ने यह बातें रविवार को पटना स्थित बापू सभागार में जन सुराज के ‘राजनीति में मुसलमान की भागीदारी’ कार्यक्रम के दौरान कहीं।

खत्म हो तारीख पर तारीख की संस्कृति: राष्ट्रपति

जागरण की सबसे बड़ी खबर के अनुसार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने अदालतों में तारीख पर तारीख की संस्कृति बदलने की जरूरत पर बल दिया है। राष्ट्रपति ने कहा कि दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराधों में अदालती फैसलों में देरी से आम आदमी यह सोचने पर मजबूर हो जाता है कि न्यायिक प्रक्रिया में संवेदनशीलता का अभाव है इसलिए त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए अदालतों में स्थगन की संस्कृति बदलने के प्रयास की जरूरत है। वहीं मेघवाल ने न्याय व्यवस्था में तारीख पर तारीख की धारणा तोड़ने के लिए सामूहिक प्रयास करने का आह्वान किया ताकि न्यायपालिका के प्रति विश्वास मजबूत हो।

केसी त्यागी का प्रवक्ता पद से इस्तीफा

प्रभात खबर के अनुसार पूर्व सांसद केसी त्यागी ने जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से त्यागपत्र दे दिया है। वह पार्टी के मुख्य सलाहकार सहित पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी थे। त्यागी के इस्तीफ़े के बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजीव रंजन प्रसाद को पार्टी का नया राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया है। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आफाक अहमद खान ने रविवार को पत्र जारी कर इसकी जानकारी दी। केसी त्यागी ने कहा है कि उन्होंने निजी कारण से मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दे दिया लेकिन वह अभी जदयू में है।  उन्होंने कहा कि शनिवार को ही इसको लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को खत लिखा था। इधर केसी त्यागी के राष्ट्रीय प्रवक्ता से हटने के बारे में राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं हैं। उनके हाल के कुछ बयानों को पार्टी लाइन से अलग बताया जाता है। त्यागी ने कहा था कि अग्निवीर योजना की समीक्षा हो। वहीं विपक्षी दलों के उस बयान का केसी त्यागी ने समर्थन किया था जिसमें केंद्र को इसराइल की मदद नहीं करने की बात कही गई थी।

कुछ और सुर्खियां

  • मणिपुर में कुकी उग्रवादियों की गोलीबारी में दो लोगों की जान गई
  • ईडी ने आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा और उनकी पत्नी के खिलाफ दर्ज किया केस
  • आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव पर स्पेशल विजिलेंस यूनिट भी करेगा केस
  • वंदे भारत स्लीपर कोच बनकर तैयार, 3 महीने में होंगे लॉन्च
  • राजद के राष्ट्रीय महासचिव रहे श्याम रजक समर्थकों के साथ जदयू में शामिल
  • बाढ़ में ससुराल से विदाई नहीं होने से नाराज पति ने पत्नी और साली को गोली मार खुद भी दे दी जान

अनछपी: बिहार में सर्वाइकल कैंसर से बचाने वाला टीका मुफ्त लगाने की घोषणा एक स्वागत योग कदम है। बिहार में आम आदमी की गरीबी को देखते हुए इस जरूरी वैक्सीन को काफी पहले से ही मुफ्त कर देने की जरूरत थी। याद दिलाने की बात यह है कि बिहार में स्वास्थ्य विभाग का अधिकतर खर्चा अस्पतालों को बिल्डिंग बनाने पर होता है। खबरों में बताया गया है कि कैंसर से होने वाली कुल मौतों में बिहार में 31% मौत सर्वाइकल कैंसर से होती है जो राष्ट्रीय औसत का लगभग दुगना है। आमतौर पर इस मामले में जागरूकता की कमी पाई जाती है और अगर कुछ लोग जागरूक हैं भी तो वह पैसे से मजबूर होने के कारण अपनी बच्चियों को यह टीका नहीं लगता पाते हैं। बिहार सरकार ने अब इस टीका को मुफ्त लगवाने की घोषणा की है तो उसके प्रचार प्रसार पर भी ध्यान देने की जरूरत है। अभी की खबरों में बताया गया है कि यह टीका 9 से 14 वर्ष की लड़कियों को लगाया जाएगा लेकिन इस उम्र को बढ़ाकर 25 वर्ष तक किया जाना चाहिए क्योंकि यह टीका तब तक लगाया जा सकता है। अफसोस की बात यह है कि ऐसे जरूरी टीकों के बारे में हमारे यहां न तो राजनीति में चर्चा होती है ना सामाजिक गतिविधियों में। कायदे से देखा जाए तो यह ‘बेटी बचाव’ नारे का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा हो सकता है। यह बात भी ध्यान दिलाने की है कि अभी मुफ्त टीका लगाने का मतलब है कि भविष्य में कैंसर पर होने वाले खर्च को कम से कम किया जा सकता है और जान की भी सुरक्षा होगी। अभी यह पता नहीं चल पाया है कि सर्वाइकल कैंसर का टीका जो मुफ्त में लगाया जाएगा उसकी व्यवस्था किन अस्पतालों में होगी। उम्मीद की जाने चाहिए कि इससे गांव के अस्पताल वंचित न रहेंगे क्योंकि ऐसी सुविधाओं की सबसे ज्यादा जरूरत गांव की लड़कियों की होती है। इसकी वजह यह है कि उन्हें गरीबी का सबसे ज्यादा सामना होता है और गांव में जागरूकता भी सबसे कम होती है। हालांकि इंटरनेट के इस जमाने में सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने का काम आसान हो सकता है। उम्मीद है कि एक अक्टूबर से शुरू होने वाले इस कार्यक्रम से बिहार की लाखों लड़कियों को फायदा पहुंचेगा।

 246 total views

Share Now