चाणक्य नीति: नीतीश पीएम मैटेरियल, लेकिन दावेदार नहीं

बिहार लोक संवाद डॉट नेट

नीतीश कुमार को राजनीति का चाणक्य कहा जाता है। अपनी रणनीति से हमेशा उलट-फेर करते रहते हैं। यही वजह है कि बीच के कुछ समय को छोड़कर पिछले पंद्रह साल से बिहार के मुख्य मंत्री हैं। अब प्रधानमंत्री बनने के सपने बुन रहे हैं। लेकिन बुद्धिमान आदमी हैं, इसलिए खुद से कुछ नहीं कहते, दूसरों से कहलवाते हैं, माहौल बनाते हैं। जब उनसे पूछा जाता है तो साफ़ नकार जाते हैं। 29 अगस्त को जनता दल यू की राष्ट्रीय परिषद् की बैठक हुई। बैठक में प्रस्ताव पास किया गया कि नीतीश कुमार में पीएम बनने के सारे गुण मौजूद हैं लेकिन वो खुद इस पद के दावेदार नहीं।
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि नीतीश में पीएम पद हासिल करने की सारी योग्यताएं मौजूद हैं।
ललन सिंह ने कहा कि मैटेरियल होने और दावे करने में ज़मीन आसमान का अंतर है।
लेकिन जब नीतीश कुमार से पूछा गया तो उन्होंने इन सब बातों को सिरे से बकवास क़रार दिया।
सवाल यह है कि अगले लोक सभा चुनाव से दो साल पहले ही खुद को पीएम मैटेरियल घोषित करवाने का मतलब और क्या हो सकता है? वैसे सबको पता है कि मतलब निकालने के लिए नीतीश दोस्ती और दुश्मनी करने में खूब माहिर हैं। पोलिटिकल डेस्क, बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना।

 

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