छपी-अनछपी: खड़गे ने मोदी को ज़हरीला सांप कहने के बाद माफी मांगी, आनंद मोहन की रिहाई पर बहस

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। प्रधानमंत्री मोदी की तुलना जहरीले सांप से करने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने माफी मांगी है। इससे जुड़ी खबर अखबारों में प्रमुखता से ली गई है। आनंद मोहन समेत 18 सजायाफ्ता लोगों की रिहाई से जुड़ी खबर पहले पेज की सबसे बड़ी खबर है। भास्कर ने तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया की बेटी का बयान प्रमुखता से छापा है।

भास्कर ने पहले पेज पर खबर दी है: खड़गे का आपत्तिजनक बयान- बोले मोदी जहरीले सांप जैसे, चखेंगे तो मर जाएंगे। जागरण ने लिखा है: खड़गे ने जहरीले सांप से की मोदी की तुलना, माफी मांगी। भास्कर लिखता है: कर्नाटक के चुनावी माहौल के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। खड़गे ने हावेरी में एक जनसभा में मोदी की तुलना जहरीले सांप की। उन्होंने कहा, “मोदी एक जहरीले सांप की तरह हैं। आप सोचेंगे कि जहर है या नहीं लेकिन जैसे ही आप चखेंगे, आप की मौत हो जाएगी।” इस मामले में विवाद हुआ तो खड़गे ने माफी मांगी और सफाई दी कि उन्होंने मोदी को जहरीला साफ नहीं कहा बल्कि उनकी विचारधारा की तुलना जहरीले सांप से की है।

10 साल की सज़ा, अच्छा आचरण और रिहाई
जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है: 10 वर्ष तक सजा पाए कैदी अच्छे आचरण पर होंगे रिहा। अखबार लिखता है कि बिहार की जेलों में बंद 10 वर्ष या इससे कम सजा पाए अच्छे आचरण वाले कैदी जिन्होंने अपनी सजा की आधी अवधि पूरी कर ली हो उन्हें जल्द ही रिहा किया जाएगा। राज्य सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश और केंद्र सरकार का परामर्श पत्र मिलने के बाद ऐसे कैदियों की पहचान का काम शुरू कर दिया है। संभावना है कि 15 अगस्त तक ऐसे कह दी खुली हवा में सांस ले सकेंगे। राज्य के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने गुरुवार को आनंद मोहन की रिहाई को लेकर सरकार का पक्ष रखने के लिए बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 10 वर्ष या इससे कम सजा पाने वाले कैदियों को अच्छे आचरण के आधार पर एक बार के आदेश पर 26 जनवरी 15 अगस्त या फिर 2 अक्टूबर गांधी जयंती के मौके पर नियमों और शर्तों के आधार पर रिहा किया जाता है।

हमारे ज़ख़्म कुरेदने जैसा…
भास्कर की सबसे बड़ी सुर्खी है: कृष्णैया की बेटी बोली- रिहाई हमारे जख्मों को कुरेदने वाला गलत फैसला। एक चैनल से बात करते हुए गोपालगंज के दिवंगत डीएम जी. कृष्णैया की बेटी पद्मा कृष्णैया ने पिता को याद कर भावुक होते हुए कहा, “हम डर के माहौल में बड़े हुए। बहुत दुख देखा। बिहार सरकार का यह फैसला बहुत दुखदायी है। यह हमारे जख्मों को कुरेदने जैसा है। सरकार को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए। मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह करती हूं कि इस फैसले पर दोबारा विचार करें। मैं और मेरा परिवार इस फैसले के विरोध में अपील जरूर करेंगे।”

मैं फिर से जेल…
भास्कर की दूसरी सुर्खी है:आनंद बोले- रिहाई का विरोध करने वाले संविधान कानून को नकार रहे। आनंद मोहन ने इस बात को सिरे से नकार दिया कि सत्ताधारी जमात में चुनावी फायदे के लिए कानून बदल कर उनको जेल से छुड़ाया है। उन्होंने कहा यह बिल्कुल गलत बात है। उनके अनुसार, “मेरी रिहाई का विरोध करने वाले दरअसल संविधान और कानून के नकार रहे हैं।” उन्होंने जी. कृष्णैया परिवार से पूरी सहानुभूति होने की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर लोग चाहते हैं तो कह दें, “मैं फिर से जेल चला जाता हूं। मैंने तो सोच भी लिया था कि 20 वर्ष जेल में ही रहूंगा।”

आनंद मोहन की रिहाई कैसे हुई
जागरण की एक और सुर्खी है: जेल नियमों के तहत हुई आनंद मोहन की रिहाई। गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड के दोषी पूर्व सांसद आनंद मोहन को गुरुवार की सुबह जेल में 15 वर्ष की अवधि बिताने के बाद रिहा कर दिया गया। मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने एक प्रेस वार्ता में कहा कि आनंद मोहन की रिहाई जेल नियमों के तहत हुई है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है जो लंबे समय से चली आ रही है। मुख्य सचिव ने कहा कि बिहार का नया जेल मैनुअल 2012 में बना। इसके नियम 474 से 487 में बंदियों की रिहाई के संबंध में विस्तार से प्रक्रिया दी गई है। आजीवन कारावास प्राप्त व्यक्ति को कम से कम 14 वर्ष की अवधि बिताने के बाद ही रिहा करने पर विचार होता है। उन्होंने बताया कि आनंद मोहन 15 वर्ष 9 महीने 25 दिन जेल में बिता चुके थे। ऐसे कैदियों पर विचार के लिए राज्य सजा माफी बोर्ड बना हुआ है।

कर्नाटक की जंग में मोदी
जागरण ने सुर्खी लगाई है: प्रधानमंत्री मोदी ने संभाली कर्नाटक की कमान, 50 लाख कार्यकर्ताओं को साधा। अखबार लिखता है कि कर्नाटक में परसेप्शन यानी धारणा की लड़ाई में अब तक थोड़ा मात खा रही भाजपा के कार्यकर्ताओं में उत्साह भरने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संदेश दिया है कि भाजपा ही कर्नाटक का विकास कर सकती है और इस देश का भी। गुरुवार को प्रधानमंत्री ने प्रदेश के 50 लाख कार्यकर्ताओं को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए जहां बूथ स्तर पर प्रबंधन मजबूत करने की बात कही वहीं कांग्रेस की ओर से किए जा रहे मुफ्त चीजों के वादों पर भी हमला किया।

चीन के साथ संबंध
हिन्दुस्तान में एक अहम सुर्खी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का बयान है: संबंध चाहिए तो चीन संधि निभाए। गुरुवार को चीन के रक्षा मंत्री ली शंगफू से मुलाकात के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के सैन्य सहयोग के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उन्होंने दो टूक कहा है कि जब तक एलएसी से जुड़े मुद्दों का समाधान नहीं निकाला जाता, तब तक दोनों देशों के रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते हैं। वर्ष 2020 के गलवान संघर्ष के बाद चीनी रक्षा मंत्री का पहला दौरा है। वे शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए भारत आए हुए हैं। एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक शुक्रवार को होनी है। सूत्रों के अनुसार, इस दौरान चीन के रक्षा मंत्री शंगफू की तरफ से सैन्य सहयोग को लेकर एक प्रस्ताव भी रखा गया, लेकिन सिंह ने उसे अस्वीकार कर दिया। उन्होंने कहा, जब तक एलएसी पर तनाव कम नहीं होगा और रिश्ते सामान्य नहीं होते, तब तक इस तरह के प्रस्ताव का कोई फायदा नहीं।

कुछ और सुर्ख़ियां
● बेगूसराय में इनामी बदमाश बटोहिया पुलिस मुठभेड़ में ढेर, थानाध्यक्ष को भी पैर में लगी गोली
● हाजीपुर स्टेशन पर 4 किलो सोना के साथ दो गिरफ्तार
● शराबबंदी को मुस्तैदी से लागू करने के लिए खुलेंगे 36 एक्साइज थाने
● लालू प्रसाद 4 महीने बाद आज पटना लौटेंगे
● राजधानी पटना में हत्या के वांटेड आरोपी को बीच सड़क पर कार में गोलियों से भूना
● पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर हुई हिंसा की जांच एनआईए को सौंपी गई

अनछपी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान को अखबारों ने आपत्तिजनक लिखा है। ठीक ही लिखा है। लेकिन क्या कभी अखबारों ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान को आपत्तिजनक लिखा? अखबारों के इस दोहरेपन को उजागर करना बहुत जरूरी है। प्रधानमंत्री मोदी पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जब तन्ज़िया लहजे में दीदी ओ दीदी कह रहे थे, तब तो किसी अखबार ने नहीं लिखा कि उनका यह बयान आपत्तिजनक है। प्रधानमंत्री के और कई बयान ऐसे हैं जो आपत्तिजनक कहे जा सकते थे जैसे 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड और जर्सी गाय आदि। श्री खड़गे ने अपने बयान पर माफी मांग कर अच्छा उदाहरण पेश किया है। उन्होंने सफाई दी है कि दरअसल उन्होंने श्री मोदी की विचारधारा को जहरीला बताया है। किसी व्यक्ति को जहरीला सांप कहना आपत्तिजनक हो सकता है लेकिन क्या यह कहना आपत्तिजनक होगा कि किसी व्यक्ति के विचार जहरीले सांप के जहर से भी जहरीले हैं? देखा जाए तो एक सांप किसी एक समय में एक ही व्यक्ति को डस सकता है लेकिन अगर किसी व्यक्ति की बोली में जहर हो तो एक साथ कई लोगों को नुकसान पहुंचाया जा सकता है। कांग्रेस पार्टी को चाहिए कि वह ऐसे जहरीले बोलों के बारे में और बेहतर तैयारी के साथ बोले। ऐसे जहरीले बोलों के लिए अंग्रेजी में हेट स्पीच शब्द का इस्तेमाल होता है और भारत में अब तक इसके खिलाफ कोई मजबूत कानून नहीं बना है। हेट स्पीच के मामले में अभी जिन कानूनों का इस्तेमाल होता है, कम से कम उनका ही सही तरीके से इस्तेमाल हो तो ऐसे बोल बोलने वालों पर कुछ लगाम लगाया जा सकता है। भारत में दक्षिणपंथी राजनेता मुसलमानों के खिलाफ ऐसे हेट स्पीच देने के मामले में बदनाम हैं लेकिन अफसोस है कि उन पर अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है।

 

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