छ्पी-अनछपी: विधानसभा में हाथापाई की नौबत, राहुल बोले- बख्शे नहीं जाएंगे वोट चोरी करने वाले

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार विधानसभा में गुरुवार को विधायकों के बीच हाथापाई की नौबत आ गई। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि वोट चोरी करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे। बिहार मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण पर संसद के दोनों सदन लगातार चौथे दिन भी  हंगामे की भेंट चढ़ गए।

और, जानिएगा कि पीएमसीएच में एक मरीज को बेहोश करने के बाद ऑपरेशन थिएटर से मशीन खराब होने की वजह से वापस किया गया।

पहली ख़बर

‘सदन में बस मारपीट बाकी’, इस शीर्षक से भास्कर ने लिखा है कि वर्तमान 15वीं विधानसभा 2025 20 के आखिरी सत्र खत्म होने के 24 घंटे पहले विधानसभा विधायकों का अखाड़ा बनते-बनते बचा। पहली पाली में बहस के 48 मिनट में नोकझोंक के बीच गुजर गए। तनातनी हुई। एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगे। पर दूसरी पारी के 52 मिनट बहुत ही महत्वपूर्ण बीते। दोनों तरफ से पहले व्यक्तिगत आरोप लगने शुरू हुए। धीरे-धीरे मारपीट की नौबत आ गई। दोनों तरफ से विधायक एक दूसरे की ओर दौड़ पड़े। गुत्थमगुत्थी हुई। मार्शलों को बीच बचाव करना पड़ा। दोनों पक्षों को मारपीट करने से रोका गया। दिन भर में स्पीकर नंदकिशोर यादव को तीन बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।

सम्राट के भड़काऊ बयान पर झगड़ा कैसे बढ़ा

दरअसल विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने जब विधानसभा में कहा कि बिहार पेपर लीक मामले में पहले स्थान पर है तो उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में कोई पेपर लीक नहीं हुआ है। इसी तरह जब तेजस्वी यादव ने कहा कि वाटर पुनरीक्षण के नाम पर फर्जीवाड़ा हो रहा है तो सम्राट चौधरी ने जवाब दिया कि कुछ फर्जी नहीं है। इस पर तेजस्वी ने कहा कि आप कौन होते हैं, यह तय करने वाले की कौन सही है कौन गलत। इसके जवाब में सम्राट चौधरी ने आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया और कहा कि जिसका बाप अपराधी हो, जेल गया हो, वह तय करेगा कि क्या सही है क्या गलत। इस बहस के बीच में भाजपा विधायक जनक सिंह जोर-जोर से बोलने लगे तो तेजस्वी ने कहा कि ज्यादा जोर से बोलोगे तो गीला हो जाओगे। पर जनक ने जवाब दिया कि तुम क्या बोलोगे हमने तुम्हारे बाप के साथ काम किया है। इसके बाद दोनों तरफ से विधायक एक दूसरे से उलझ गए। इधर सदन से बाहर आने के बाद तेजस्वी ने कहा कि जनक सिंह ने उनकी मां बहन को गालियां दी हैं।

बख्शे नहीं जाएंगे वोट चोरी करने वाले: राहुल

जागरण के अनुसार बिहार में मतदाता पुनरीक्षण में भारी हेर फेर का दावा करते हुए इसके खिलाफ सड़क से संसद तक आक्रामक लड़ाई के लिए मैदान में उतर चुके कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि उनकी पार्टी के पास इसके 100% पुख्ता सबूत हैं कि कर्नाटक के एक चुनाव क्षेत्र में चुनाव आयोग ने धोखाधड़ी की अनुमति दी। लोकसभा में नेता विपक्ष ने बिहार में पुनरीक्षण पर चेतावनी देते हुए कहा, “चुनाव आयोग गलतफहमी में ना रहे। वोट चोरी करने के आपके हथकंडों के 100% पुख्ता सबूत हैं हमारे पास। हम उन्हें सामने भी लाएंगे और आप इसके अंजाम से बच नहीं पाएंगे। लोकतंत्र और संविधान को बर्बाद करने की कोशिश करने वाले बख्शे नहीं जाएंगे।”

एसआईआर पर चौथे दिन भी संसद ठप

मानसून सत्र को लेकर जो आशंका जताई जा रही थी बिल्कुल वैसा ही हाल संसद का दिखाई दे रहा है। पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर तो चर्चा के लिए सरकार सहमत हो गई लेकिन बिहार मतदाता सूची गहन पुनरीक्षण पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच ऐसा संग्राम छिड़ा है कि संसद के दोनों सदन लगातार चौथे दिन भी इसी पर हंगामे की भेंट चढ़ गए। राज्यसभा की कार्यवाही जरूर कुछ देर तक चली लेकिन सिर्फ सेवानिवृत्त हो रहे 6 सदस्यों की विदाई तक ही विपक्ष ने संयम बरता। इसके बाद हंगामा शुरू हो गया।

किसी भी वाजिब वोटर का नाम नहीं कटेगा: चौधरी

प्रभात खबर के अनुसार मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर तीन दिनों से चल रहा गतिरोध गुरुवार को नरम पड़ता दिखा। विपक्षी दलों की आशंकाओं को दूर करते हुए राज्य सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि मतदाता सूची से किसी भी सही और वाजिब मतदाता का नाम नहीं कटेगा। अगर किसी राजनीतिक दल को ऐसी शिकायत है तो वह उसकी सूचना दे। उसका नाम सूची में शामिल होगा, यह सरकार सुनिश्चित कर रही है।

पीएमसीएच: मशीन खराब होने की वजह से बेहोश करने के बाद मेरी उसको लौटाया गया

भास्कर के अनुसार पीएमसीएच के हड्डी रोग विभाग में गुरुवार को अजीब वाकया सामने आया। एक मरीज को बेहोश करने के बाद तकनीकी खराबी के कारण बिना सर्जरी ओटी से लौटा दिया गया। राजेंद्र सर्जिकल स्थित ओटी में डॉक्टर मनीष रंजन की यूनिट में पैर की सर्जरी के लिए भर्ती मरीज सुजीत कुमार को बेहोश किया गया था। तभी रॉड लगाने वाली मशीन (इंटरलॉकिंग नेल या प्लेटिंग सिस्टम) से संबंधित उपकरण के खराब होने का पता चला जिसके कारण सर्जरी को टालना पड़ा। रिश्तेदारों के अनुसार सुजीत के दोनों पैर हादसे में टूट गए थे और वह एक सप्ताह से सर्जरी का इंतजार कर रहे थे। अस्पताल की इस व्यवस्था से सुजीत के साथ ही छह अन्य मरीजों के ऑपरेशन प्रभावित हुए। उधर विभाग के डॉक्टर राकेश चौधरी ने मशीन खराब होने की बात स्वीकार की लेकिन यह भी कहा कि यह अच्छी बात थी कि ऑपरेशन शुरू होने से पहले ही मशीन के खराब होने का पता चल गया। बाद में पता चलने पर परेशानी और बढ़ सकती थी।

कुछ और सुर्खियां:

  • सुप्रीम कोर्ट ने 2006 के मुंबई ट्रेन ब्लास्ट मामले में सभी 12 आरोपियों को बरी करने के बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई
  • चुनाव आयोग के फरमान के खिलाफ बोलने पर जदयू ने अपने बांका के सांसद गिरधारी यादव को नोटिस जारी किया
  • भारत और ब्रिटेन में कृषि व रोजगार को बढ़ावा देने के लिए करार
  • राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी कंपनियों से कहा, भारत से नई भर्तियां ना करें
  • ईडी ने रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी की कंपनियों के खिलाफ 3000 करोड़ रुपए के कर्ज घोटाले में छापेमारी की

अनछपी: नीतीश कुमार के एक विश्वसनीय मंत्री हैं विजय कुमार चौधरी जो मुस्लिम समाज के बीच जाते हैं तो उर्दू अल्फाज से उन्हें भरमाने की कोशिश करते हैं। वह ऐसी बातें करते हैं जिससे यह लगे कि वह भारतीय जनता पार्टी से अलग हैं लेकिन जब असली मुद्दा आता है तो वह भारतीय जनता पार्टी को कवर फायर देते हैं और उससे भारतीय जनता पार्टी अपने विवादास्पद मुद्दों को सदन में पारित करने में कामयाब होती है। अभी बिहार में चुनाव आयोग का वोटर वेरीफिकेशन के नाम पर जो फरमान चल रहा है उसके बारे में उन्होंने एक तरह से यह संदेश देने की कोशिश की है कि यह सही काम है और उन्होंने यह भी दावा किया के किसी वाजिब वोटर का नाम लिस्ट से नहीं हटेगा। चौधरी साहब को यह कौन समझाए कि आपकी इन बातों में अब कोई आने वाला नहीं है क्योंकि सवाल यह नहीं है की वाजिब वोटर लिस्ट में रहेगा या नहीं, सवाल यह है कि वाजिब वोटर को जब ग़ैर वाजिब वोटर बना दिया जाएगा तो चौधरी साहब इसके लिए क्या करेंगे? चौधरी साहब के कहने के अनुसार तो चुनाव आयोग चलेगा नहीं और वह ऐसा कोई वादा भी नहीं कर रहे हैं कि अगर किसी वाजिब वोटर का नाम कट जाएगा तो उसके लिए वह हेल्प डेस्क खोलेंगे। इस मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो कुछ बोल ही नहीं रहे हैं लेकिन चौधरी साहब  जब बोले हैं तो उन्हें उन बातों का भी जवाब देना चाहिए जिसमें लोग अपना दुख बयान कर रहे हैं। लोगों के लिए अपना दस्तावेज जुटाना मुश्किल हो रहा है, चुनाव आयोग फॉर्म की कोई पावती नहीं दे रहा है, चुनाव आयोग बिना फॉर्म भर ही लोगों का फॉर्म भरने का मैसेज दे रहा है। कांग्रेस से जनता दल यूनाइटेड में आए विजय चौधरी दरअसल भारतीय जनता पार्टी के साथ भी सरकार चलाना जानते हैं और राजद के साथ भी रहना जानते हैं। ऐसे में इस समय वह भारतीय जनता पार्टी की बात के लिए ही दलील पेश कर सकते हैं। इसलिए विजय चौधरी की बातों पर भरोसा नहीं किया जा सकता है।

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