छ्पी-अनछपी: नीतीश फिर बोले- अब नहीं जाएंगे इधर-उधर, पहलवान विनेश फोगाट कांग्रेस में

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर दोहराया है कि अब वह एनडीए को छोड़कर इधर-उधर नहीं जाएंगे। ओलंपियन पहलवान विनेश फोगाट कांग्रेस में शामिल हो गई हैं। 65 फीसद आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार और केंद्र सरकार को नोटिस दिया है। कांस्टेबल के 39481 पदों पर बहाली के लिए आवेदन की आखिरी तारीख 14 अक्टूबर है।

भास्कर की सबसे बड़ी सुर्ख़ी है: नीतीश फिर बोले…अब इधर-उधर नहीं जाएंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमने दो बार राजद के साथ जाकर गलती की। “अब इधर-उधर नहीं जाएंगे। भाजपा के साथ हमारा रिश्ता 1995 से है।” मौक़ा शुक्रवार को आईजीआईएमएस कैंपस में आरईओ (क्षेत्रीय चक्षु संस्थान) के उद्घाटन समारोह किया। मुख्यमंत्री ने कहा- हम लोग (जदयू भाजपा) शुरू से साथ थे। भाजपा से हमारा रिश्ता 1995 से है। बीच में दो बार इधर-उधर हुआ। यह गलती हुई। अब इधर-उधर नहीं होगा। उन्होंने राजद पर जोरदार हमला बोला। कहा- “अरे कभी कोई काम किया था ऊ लोग, लेकिन झुट्ठे ऊ सबका पर्चा छपते रहता है। जो भी काम किया हम लोगों ने एक साथ होकर किया। हम लोग बड़ी मेहनत से बिहार को यहां तक लेकर आये हैं। अभी से बहुत आगे लेकर जाना है।”

आईजीआईएमएस: आंख का सबसे बड़ा अस्पताल

प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार पटना का इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) उत्तर भारत का सबसे बड़ा आंख का अस्पताल बन गया है। 24 घंटे खुले रहने वाले इस अस्पताल में बिहार के अलावा झारखंड, उड़ीसा व पश्चिम बंगाल समेत दूसरे कई राज्यों और नेपाल के मरीज भी अपनी आंख का इलाज करा सकेंगे। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ शुक्रवार को 188 करोड़ की लागत से आईजीआईएमएस परिसर में तैयार क्षेत्रीय चक्षु संस्थान व आंख अस्पताल का उद्घाटन किया।

बिहार में 9 नए मेडिकल कॉलेज खुलेंगे

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि पहले राज्य में केवल 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल थे। अब सूबे में मेडिकल कॉलेज की संख्या 6 से बढ़कर 11 हो गयी है। इसके अतिरिक्त 15 और नये मेडिकल कॉलेज का निर्माण किया जा रहा है। 8 मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के निर्माण में केन्द्र सरकार का सहयोग मिल रहा है। इसके अलावा 9 जिलों में मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल बनाने का प्रस्ताव है। इसके बाद 35 जिलों में मेडिकल कॉलेज हो जाएंगे।

पुराने मेडिकल कॉलेज में होंगे 2500 बेड

जागरण की सबसे बड़ी खबर के अनुसार बिहार में पुराने मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में 2500 बेड होंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आईजीआईएमएस के आंख अस्पताल के उद्घाटन के अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल को 5462 बेड वाले आधुनिक विश्व स्तरीय हॉस्पिटल के साथ तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश के सभी पुराने मेडिकल कॉलेज व अस्पताल को 2500 बेड की क्षमता के साथ तैयार किया जा रहा है।

विनेश फोगाट कांग्रेस में

प्रभात खबर के अनुसार पिछले कुछ दिनों से जारी कयासों को विराम देते हुए ओलंपियन पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया ने शुक्रवार को कांग्रेस का हाथ थाम लिया। इससे पहले फोगाट ने निजी कारणों का हवाला देते हुए भारतीय रेलवे से इस्तीफा दे दिया था। हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले सामने आए इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम के बाद दोनों पहलवानों का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। हालांकि शुक्रवार को रात 32 कांग्रेस प्रत्याशियों की जारी सूची में केवल फोगाट का नाम है। उन्हें जुलाना से उम्मीदवार बनाया गया है।

बिहार में 65% आरक्षण पर नोटिस

हिन्दुस्तान के अनुसाए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक बार फिर पटना हाईकोर्ट के आरक्षण संबंधी फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। दरअसल, बिहार सरकार ने राज्य में पिछड़े, दलितों और आदिवासियों के लिए आरक्षण सीमा 50 से बढ़ाकर 65 फीसदी कर दी थी। पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के इसी फैसले को रद्द कर दिया था। हालांकि, शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राजद की याचिका पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ ने राजद की याचिका पर बिहार सरकार और अन्य पक्षकारों को जवाब देने का आदेश दिया। हालांकि, मुख्य न्यायाधीश ने पटना हाईकोर्ट के 20 जून के फैसले पर रोक लगाने की राजद की मांग को खारिज कर दिया।

39481 कांस्टेबल की नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी

जागरण के अनुसार कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने शुक्रवार को जीडी कांस्टेबल के 39481 पदों पर नियुक्ति के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। आयोग की वेबसाइट पर विस्तृत जानकारी अपलोड है। ऑनलाइन आवेदन 14 अक्टूबर तक परीक्षा शुल्क 15 अक्टूबर तक स्वीकार किए जाएंगे। आवेदन में त्रुटि होने पर सुधार के लिए लिंक 5 से 7 नवंबर तक उपलब्ध होगा। परीक्षा का आयोजन जनवरी व फरवरी 2025 में किया जाएगा। कंप्यूटर आधारित लिखित परीक्षा 13 भाषाओं में आयोजित की जाएगी। इसमें बीएसएफ, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ व आईटीबीपी आदि केंद्रीय बलों के लिए बहाली होनी है।

कुछ और सुर्खियां

  • आगरा-अलीगढ़ हाईवे पर हाथरस में रोडवेज बस और पिकअप की आमने-सामने भिड़ंत में 17 लोगों की मौत
  • सेबी की अध्यक्ष माधवी बुच के खिलाफ लगे आरोपों की जांच संसदीय लोक लेखा समिति करेगी
  • सेंसेक्स 1017 अंक लुढ़क कर दो सप्ताह के निचले स्तर पर
  • मणिपुर में पूर्व मुख्यमंत्री में मैरेम्बम कोइरेंग के घर पर रॉकेट से हमला, एक की मौत
  • पटना समेत 9 हवाई अड्डों पर डिजी यात्रा शुरू हुई
  • फुलवारी शरीफ में मवेशियों को छुड़ाने को लेकर दो गुटों में हिंसक झड़प, 28 हिरासत में

अनछपी: गलत आरोप लगाकर विरोधियों को फंसाने की बात तो बहुत सुनी गई है लेकिन ऐसा मामला कम ही आया है कि किसी ने अपनी पीठ में गोली प्लांट करा ली ताकि विरोधियों को गिरफ्तार करवा सके। ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के संभल से आया है जहां जमीन हथियाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा के नगर अध्यक्ष प्रेमपाल ने अपनी पीठ में दो फार्मासिस्ट की मदद से गोली प्लांट कर ली। प्रेमपाल ने इसके बाद तीन विरोधियों के खिलाफ जानलेवा हमले की प्राथमिकी दर्ज कर दी। पुलिस ने भी तीनों को न केवल गिरफ्तार कर लिया बल्कि उनसे तमंचा भी बरामद दिखा दिया। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आदेश पर जांच के बाद मामले का पता चला। जागरण अखबार के अनुसार पुलिस ने भाजपा नेता प्रेमपाल सहित चार लोगों को इस मामले में गिरफ्तार कर लिया है। निर्दोष होने के बाद भी 37 दिन जेल में रहने वाले तीनों को कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया है। इस कहानी को सुनाने का मकसद यह है कि नेता अगर सरकारी पार्टी का हो तो कैसे पुलिस उसकी हर झूठी बात को सच्ची मान कर कार्रवाई करना शुरू कर देती है। इस नेता ने तो पीठ में चीरा लगाकर गोली प्लांट करवा ली लेकिन क्या पुलिस को इस मामले की उसी वक्त जांच नहीं करनी चाहिए थी कि आखिर गोली ऐसे कैसे लगी है। यह मामला 27 जुलाई का है और उसके बाद काफी समय था कि पुलिस यह पता लगाती कि इस मामले में मेडिकल रिपोर्ट क्या है। इस मामले में जो तीन लोग गिरफ्तार हुए थे उनके घर वालों ने कम से कम इतनी हिम्मत और समझदारी दिखाई कि उपमुख्यमंत्री तक पहुंचे लेकिन क्या हर मुलजिम को यह सहूलत मिली हुई है? यह अच्छी बात है कि भाजपा के जिस नेता ने यह गलत आरोप लगाया था उसे गिरफ्तार कर लिया गया है और इस मामले में उसे मदद करने वाले लोगों को भी पकड़ लिया गया है। लेकिन निर्दोष लोगों को जेल भेजने के मामले का क्या होगा? हमारी पुलिस व्यवस्था पर यह गंभीर सवाल है और यह पूछा जाना चाहिए कि जिन पुलिस अधिकारियों ने निर्दोष लोगों को जेल भेजा है उन पर क्या कार्रवाई होगी? क्या उन निर्दोष लोगों को राज्य सरकार मुआवजा देगी? इंसाफ का तकाजा तो यही है कि दोषी पुलिसकर्मियों को भी दंडित किया जाए और जेल भेजे गए निर्दोष लोगों को मुआवजा दिया जाए।

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