छपी-अनछपीः आरा में मोबाइल फोन की रौशनी में पोस्टमार्टम, राजनीतिक दलों के चंदे पर बंदिश!

बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना। इंसानों की जान का हम कितना कम ख्याल रखते हैं इसका अंदाजा आज की दो खबरों से लगा सकते हैं। एक खबर है कि बिजली गिरने से बिहार में 23 लोग मर गये। यह गिनती उनकी है जिनकी खबर मिली है। हो सकता है इससे ज्यादा मौतें हुई हैं। दूसरी खबर आरा से है जिसमें बताया गया है कि मोबाइल फोन की रौशनी में पोस्टमार्टम किया गया है।
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर हैः आफतः ठनका से 23 मरे, बिजली आपूर्ति चरमायी। इस खबर के अनुसार इस साल बिहार में बिजली गिरने से 340 लोगों की मौत हो गयी है जबकि पांच साल में यह संख्या 1459 बतायी गयी है। इस तरह औसतन हर साल 300 लोगों की मौत बिजली गिरने से होती है जबकि सरकार की ओर से बराबर आसमानी बिजली से बचने के उपाय बताये जाते हैं।
जागरण की सबसे बड़ी खबर हैः राजनीतिक दलों को दो हजार रुपये से ज्यादा न मिले नकद चंदाः आयोग। अखबार के अनुसार काले धन पर रोक के लिए चुनाव आयोग ने विधि मंत्रालय को ऐसी सिफारिश की है। अभी 20 हजार रुपये तक नकद चंदा देने का प्रावधान है। इसके साथ ही 20 प्रतिशत या 20 करोड़ रुपये नकद चंदे की सीमा रखने की सिफारिश की गयी है।
प्रभात खबर की सबसे बड़ी सुर्खी हैः सप्ताह में एक दिन बस्ते के बिना स्कूल जाएंगे विद्यार्थी।
भास्करः हाईकोर्ट में मुकदमों की बाढ़। कोर्ट के बारे में यह खबर आम मुकदमों पर चिंता के लिए नहीं है बल्कि इस बात पर है कि जज ने कहा है कि शराबबंदी कानून को लागू करने में अधिकारी दिमाग का इस्तेमाल नहीं करते, इसी से कोर्ट पर बोझ बढ़ रहा है। हालांकि पिछले चार महीनों में सजा होने की दर 93 प्रतिशत है।
कोर्ट की एक और अहम खबर यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाई कोर्ट से कहा है कि नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण पर जल्द सुनवाई करे। यह खबर सभी जगह प्रमुखता से छपी है।
यह नगर निकाय चुनाव का समय है। इससे पहले पंचायतों के चुनाव हो चुके हैं। इन जगहों पर पैसों की हेराफेरी की शिकायत आम है लेकिन उसकी जांच कम ही होती है। अब जनता दरबार मंे शिकायत मिलने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा है कि पंचायतों में हुई वित्तीय गड़बड़ी की जांच होगी। यह सुर्खी हिन्दुस्तान के पहले पेज पर है।
भास्कर की दूसरी लीड हैः ब्रिटेन में पाकिस्तानियों के उपद्रव से हिंदू सड़कों पर…झड़पें। इसमें बताया गया है कि भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच के दौरान पैदा हुए तनाव के बाद ऐसा हुआ है।
राजनैतिक दलों में अध्यक्ष पद होने वाला चुनाव कैसे मजाक बना हुआ है, यह सबको पता है। अब कांग्रेस अध्यक्ष पद और राजद के प्रदेश अध्यक्ष की दो दिलचस्प खबरें आयी हैं। भास्कर की सुर्खी हैः कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ेंगे थरूर, गहलोत की भी चर्चा तेज, सोनिया बोलींः वे तटस्थ रहेंगी। इस बीच कई राज्यों से यह प्रस्ताव पारित हुआ है कि राहुल गांधी ही कांग्रेस के अध्यक्ष बनें। राजद प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बारे में सुर्खी हैः जगदानंद ने किया नामांकन, तेजस्वी बोले-सर्वसम्मति से चुने जाएंगे।
मुजफ्फरपुर में आईसीआईसी बैंक से 14 लाख की लूट की खबर भी सभी अखबारों में है।
अनछपीः अब एक खबर अस्पताल की जो बीच बीच में आती रहती है। जागरण ने अपने अंदर के पेज पर आरा से खबर दी हैः मोबाइल की रौशनी मे पोस्टमार्टम, सीएस बोले- चोर काट देते हैं तार। यह खबर वहां के सदर अस्पताल की है। यह खबर है तो रविवार की है लेकिन तस्वीर वायरल होने के बाद अब सामने आयी है। इसके बाद सिविल सर्जन डाक्टर रामप्रीत सिंह ने कहा है कि नियमतः पोस्टमार्टम नहीं होना चाहिए और रात में पोस्टमार्टम इमरजेंसी केस मंे किया जाता है। लेकिन सिविल सर्जन ने यह नहीं बताया कि रात हुई क्यों। असल बात यह है कि पोस्टमार्टम तीन घंटे देर से शुरू हुआ क्योंकि डाॅक्टर ही देर से आये और उस समय बिजली नहीं थी। अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि कैसा पोस्टमार्टम हुआ होगा। इसी के साथ त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल के बारे में खबर है कि वहां 14 करोड़ से अधिक की लागत से तैयार भवन में जेनरेटर से बिजली की व्यवस्था नहीं है और बिजली गुल होने पर मोबाइल फोन की रौशनी में इलाज होता है। अस्पतालों की बीमारी के बारे में हमारी बातें बड़ा मुद्दा नहीं बन पाती हैं। अभी मुजफ्फरपुर की सुनीता देवी की किडनी निकालने का मामला भी सामने है। कई बार अस्पतालों का चक्कर लगाने के बाद यह माना गया कि वाकई उसकी दोनों किडनी निकाल ली गयी है। कोई यह नहीं पूछता कि सकरा जैसी छोटी जगह पर अल्ट्रासाउंड सेंटर कैसे चल रहे और वहां इतनी बड़ी सर्जरी का धंधा कैसे चल रहा है। सरकार बिल्डिंग बनाने पर तो पैसे खर्च कर रही है लेकिन इन बुनियादी सवालों का उसके पास कोई जवाब नहीं है।

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