छपी-अनछपी: महिला आरक्षण बिल लोकसभा से पास, संविधान की कॉपी में समाजवादी व सेकुलर शब्द नहीं

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। लोकसभा और विधानसभाओं की 33% सीटों को महिलाओं के लिए आरक्षित करने वाला बिल लोकसभा में पास कर दिया गया। इसके बारे में नीतीश कुमार ने शक जाहिर किया है कि सरकार इसे लागू करेगी। इससे जुड़ी खबरें अखबारों में छाई हुई हैं। नई संसद में संविधान की जो कॉपी दी गई है उसके बारे में कांग्रेस का आरोप है कि उसमें समाजवादी और सेकुलर- दोनों शब्द हटा दिए गए हैं। इस खबर को कोई खास तवज्जो नहीं मिली है।

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पारित; जनगणना परिसीमन में करीब 4 साल लगेंगे। जागरण की पहली सुर्खी है: ऐतिहासिक महिला आरक्षण पर लोकसभा की मुहर। प्रभात खबर की पहली खबर है: ऐतिहासिक फैसला: लोकसभा में दो तिहाई बहुमत से पारित हुआ नारी शक्ति वंदन बिल। हिन्दुस्तान की मेन हेडलाइन है: महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पास। लोकसभा ने बुधवार को महिला आरक्षण विधेयक पारित कर दिया। इसमें लोकसभा, विधानसभाओं में 33 प्रतिशत सीट महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है। यह अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की आरक्षित सीटों पर भी लागू होगा। इस मौके पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 2029 चुनाव से पहले कोटा लागू होने की उम्मीद है।

ओवैसी ने विरोध किया

लोकसभा ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक-2023 को 128वें संविधान संशोधन के रूप में मंजूरी दी। भाजपा, कांग्रेस समेत अधिकांश दलों ने इसका समर्थन किया। विरोध केवल एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन ) के असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने किया। इसके दो सांसद हैं।

विपक्ष के सवाल

कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण को अपने पति और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का सपना बताया। कहा कि जाति जनगणना कराकर एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए। इसे लागू करने में देरी भारतीय महिलाओं के साथ घोर नाइंसाफी है। राहुल गांधी ने कहा, यह विधेयक आज लागू किया जा सकता है, लेकिन इसे आगे बढ़ने के मकसद से तैयार नहीं किया गया है। वहीं महुआ मोइत्रा ने कहा, यह आरक्षण 2029 में भी लागू हो सकेगा या नहीं, आशंका है।

नीतीश को शक

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन करते हुए कहा कि संसद और विधानसभा सब जगह महिलाओं को आरक्षण मिलना चाहिए। हालांकि उन्होंने केन्द्र सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिक्कत है कि ये लोग तो इसे लागू करेंगे नहीं। मुख्यमंत्री बुधवार को मुख्य सचिवालय का निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।

समाजवादी और सेकुलर शब्द हटाया

प्रभात खबर की खबर है: प्रस्तावना से हटाए गए समाजवादी और धर्मनिरपेक्ष शब्द: कांग्रेस। अख़बार लिखता है कि संसद के विशेष सत्र के दौरान एक नया विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि नई संसद भवन के उद्घाटन के दिन सांसदों को बांटी गई संविधान की कॉपी में प्रस्तावना से धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी शब्द गायब थे। लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि शब्दों को बड़ी ही चालाकी से हटा दिया गया है। उन्होंने भाजपा नीत केंद्र सरकार की मंशा पर संदेह व्यक्त किया। कहा कि यह एक गंभीर मामला है और हम इस मुद्दे को उठाएंगे। उन्हें यह पता है कि यह शब्द बाद में 1976 में संविधान में जोड़े गए थे। कांग्रेस के आरोप पर कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा की कॉपी में संविधान की प्रस्तावना का मूल संस्करण था और यह शब्द बाद में संवैधानिक संशोधनों से जोड़े गए हैं।

25 साल से कम वाले 42% ग्रेजुएट बेरोजगार

भास्कर की इस खबर में कहा गया है कि स्नातक पास लोगों की बेरोजगारी अभी 15% के स्तर पर है। तेज आर्थिक विकास के बावजूद 25 साल से कम उम्र के 42% स्नातक बेरोजगार हैं। अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय की ओर से बुधवार को जारी स्टेट ऑफ वर्किंग इंडिया 2023 रिपोर्ट के अनुसार 2019 के बाद से वर्कफोर्स का आकार बड़ा प्रतिभागिता दर बढ़ी और बेरोजगारी दर में कमी आई। 2021-22 में बेरोजगारी दर 6.6% थी जो 2017 में 8.7% थी। यह आंकड़ा शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में महिला पुरुष दोनों वर्गों से जुड़ा था।

कनाडा के बारे में एडवाइजरी

भारत और कनाडा के रिश्तों में तनाव बढ़ता जा रहा है। भारत ने बुधवार को कनाडा में अपने नागरिकों और वहां की यात्रा पर विचार कर रहे लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी है। सरकार ने ये कदम खालिस्तान समर्थक संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) की धमकी के मद्देनजर उठाया है। खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों की संभावित संलिप्तता के कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों के बाद दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों में तनातनी आई है।

कुछ और सुर्खियां

  • बक्सर में पंजाब नेशनल बैंक से साढ़े 19 लाख की डकैती
  • झारखंड में कुड़मी आंदोलन के दौरान ट्रेन रोकने पर लाठी चार्ज, पथराव
  • यातायात पुलिस में उम्र तय, अब नहीं होंगे 35 साल से अधिक के सिपाही तैनात
  • 534 प्रखंडों में 1068 साधन सेवी नियुक्त किए जाएंगे
  • बीपीएससी 67वीं के सफल उम्मीदवारों का इंटरव्यू 9 अक्टूबर से
  • हाजीपुर बाईपास पर लालू राबड़ी मोड़ का बोर्ड, एनएचएआई ने कहा- यह अतिक्रमण
  • चारा घोटाले के बांका कोषागार मामले में सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए लालू प्रसाद

अनछपी: भारत सरकार ने कनाडा में रह रहे या कनाडा जाने वाले भारतीयों को सतर्क रहने की सलाह दी है। कई लोगों का कहना है कि ऐसी एडवाइजरी तो पाकिस्तान के बारे में भी जारी नहीं की गई। कनाडा के साथ भारत के संबंधों में तनाव की बात तो पहले से चली आ रही थी लेकिन हाल ही में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा यह कहने पर की एक कनाडाई नागरिक की कनाडा में हत्या में भारतीय एजेंटों की संलिप्तता की बात सामने आई है, यह तनाव और बढ़ गया है। प्रधानमंत्री ट्रूडो ने जी 20 सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी इस मुद्दे को उठा चुके हैं। जाहिर है भारत ऐसे आरोपों को बेतुका बात कह कर खारिज कर चुका है। इस मामले की दूसरी सच्चाई यह है कि कनाडा से खालिस्तान आंदोलन को काफी बल मिलता रहा है। यही कारण है कि भारत लगातार कनाडा से ऐसे तत्वों पर नियंत्रण करने की बात करता रहा है। यह सुनकर ताज्जुब लगता है लेकिन हकीकत है कि दुनिया में सिखों की दूसरी सबसे ज्यादा संख्या कनाडा में बसती है। यह सारे सिख अभी नए बसे हुए कनाडाई नहीं है बल्कि कई परिवार तो दो तीन पीढ़ियों से वहां रहता आ रहा है। कनाडा में खालिस्तान को समर्थन और एक कनाडा के नागरिक की हत्या का मामला इस कदर बिगड़ चुका है के जब प्रधानमंत्री ट्रूडो का विमान दिल्ली में खराब हुआ तो उन्होंने भारत से विमान लेने की पेशकश ठुकरा दी। इस तरह-तनी के बीच दोनों देशों ने एक दूसरे के राजनीतिक को अपने देश भेज दिया। इस विवाद का असर कनाडा में रह रहे भारतीयों पर पड़ने की आशंका है। भारत से बड़ी संख्या में छात्र कनाडा पढ़ने जाते हैं और वहां नौकरी करने के लिए जाने वालों की संख्या भी काफी अधिक है। उम्मीद की जानी चाहिए कि यह दो प्रधानमंत्री के प्रतिष्ठा का प्रश्न नहीं बनकर दोनों देशों के नागरिकों का मामला बना रहे और सरकार ऐसी कोशिश करे कि भारतीय नागरिकों को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हो।

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