छ्पी-अनछपी: वन नेशन-वन इलेक्शन का मुद्दा जेपीसी को, रूस के न्यूक्लियर चीफ धमाके में मरे
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। वन नेशन, वन इलेक्शन के मुद्दे पर लोकसभा में दो तिहाई वोट हासिल न करने के बाद केंद्र सरकार ने इस मामले को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजने का फैसला किया है। रूस के न्यूक्लियर चीफ की हत्या कर दी गई है और इस मामले की जिम्मेदारी यूक्रेन ने ली है। गिरफ्तार आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव पर ईडी ने लगभग 100 करोड़ रुपए का गोलमाल करने की चार्जशीट दाखिल की है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अब 23 दिसंबर से प्रगति यात्रा पर निकलेंगे।
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर के अनुसार विपक्ष के जबरदस्त विरोध और सत्तापक्ष की मेजों की थपथपाहट के बीच केंद्र सरकार ने मंगलवार को ‘एक देश एक चुनाव’ से संबंधित विधेयकों को लोकसभा में पेश किया। कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ कराने के प्रावधान वाले संविधान (129वां संशोधन) विधेयक और संघ राज्य क्षेत्र विधि (संशोधन) विधेयक पेश किए। इसके साथ ही उन्होंने विधेयकों को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजने का प्रस्ताव किया। दोनों विधेयक का विरोध करते हुए विपक्षी पार्टियों ने इन्हें संविधान की मूल भावना और संघीय ढांचे के खिलाफ बताया। उन्होंने इसे तानाशाही की तरफ ले जाना वाला कदम करार देते हुए सरकार से विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजने का आग्रह किया। विधेयकों का एनडीए गठबंधन में शामिल टीडीपी और शिवसेना ने समर्थन किया, लेकिन जद(यू) और रालोद का कोई सदस्य नहीं बोला। कानून मंत्री ने दोनों विधेयकों को लोकसभा में रखा तो विपक्षी दलों ने मतविभाजन की मांग की। इसके बाद विधेयक पेश किए जाने के पक्ष में 269 और विरोध में 198 वोट पड़े। दो तिहाई बहुमत के लिए लोकसभा में 307 वोट की ज़रूरत होती है।
रूस के न्यूक्लियर चीफ धमाके में मरे
प्रभात खबर के अनुसार रूस के परमाणु, जैविक और रासायनिक रक्षा बलों के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल इगोर किरिलोव की मंगलवार सुबह मॉस्को में हुए एक बम विस्फोट में मौत हो गई। रिपोर्ट के मुताबिक लेफ्टिनेंट जनरल किरिलोव एक आवासीय अपार्टमेंट से बाहर निकल रहे थे तभी पास में खड़े एक इलेक्ट्रिक स्कूटर में विस्फोट हो गया। इस विस्फोट में किरिलोव के साथ उनका असिस्टेंट भी मारा गया। रूस की जांच समिति ने बताया कि स्कूटर में ही विस्फोटक छिपा कर रखा गया था। इधर यूक्रेन की सेना के एक अधिकारी ने दावा किया कि इस मामले को यूक्रेन की सुरक्षा सेवा एसबीयू ने अंजाम दिया है। एसबीयू ने ही लेफ्टिनेंट जनरल किरिलोव को मारा है। उधर रूस ने लेफ्टिनेंट जनरल केरलों के मारे जाने की घटना को आतंकवादी कार्रवाई बताया है।
संजीव हंस, गुलाब यादव व अन्य पर 100 करोड़ के गोलमाल की चार्जशीट
प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर के अनुसार ईडी ने करोड़ों रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में 1997 बैच के निलंबित आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव समेत पांच अभियुक्तों के खिलाफ मंगलवार को पहला आरोप पत्र दायर कर दिया। इस आरोप पत्र में संजीव गुलाब समेत पांच आरोपियों को 100 करोड़ रुपए के गोलमाल का आरोपी बताया गया है। 20 हजार पन्नों में तैयार आरोप पत्र को 7 बड़े कार्टन में भरकर अदालत में लाया गया। सूत्रों के अनुसार आरोप पत्र के साथ साक्ष्य के तौर पर 75 मोबाइल फोन भी कोर्ट में जमा कराए गए हैं। साजिश में साथ मानते हुए तीन कंपनियों के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया गया है।
नीतीश की प्रगति यात्रा 23 दिसंबर से
हिन्दुस्तान के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 23 दिसंबर से प्रगति यात्रा पर निकलेंगे। शुरुआत बेतिया से होगी। मुख्यमंत्री पहले चरण में 28 दिसंबर तक छह जिलों की यात्रा करेंगे। इस दौरान वे क्षेत्र भ्रमण कर विभिन्न योजनाओं की जमीनी पड़ताल करेंगे। साथ ही संबंधित जिलों में वरीय पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी करेंगे। वे पहले दिन वाल्मीकिनगर में रात्रि विश्राम करेंगे जबकि अन्य दिनों में वे रात में पटना वापस आ जाएंगे।
तेजस्वी ने नीतीश से पूछे 10 सवाल
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यात्रा को लेकर मंगलवार को दस सवाल किये हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा यात्रा पर जाने से पहले सीएम इन सवालों का जवाब दें। तेजस्वी यादव ने मंगलवार को प्रेस बयान जारी कर पूछा है कि 2023 में समाधान यात्रा के दौरान जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाई गयी कितनी समस्याओं का समाधान किया गया है? जनता दरबार में नागरिकों द्वारा की गयी शिकायतों का निवारण अभी तक क्यों नहीं हुआ है? सवालों के जरिए उन्होंने शराबबंदी, भ्रष्टाचार आदि विषयों पर भी सरकार को घेरने की कोशिश की। पूछा कि क्या सीएम अपनी यात्रा के माध्यम से थानों और ब्लॉक की कार्यसंस्कृति को परखेंगे। शराबबंदी में पुलिस की मिलीभगत की समीक्षा करेंगे। नेता विपक्ष ने यह भी कहा कि क्या किसी संवाद में गरीब राज्य का 225 करोड़ रुपए खर्च करना जायज है?
कुछ और सुर्खियां
- एक देश, एक चुनाव बिल पर वोटिंग के समय अनुपस्थित रहे अपने 20 सांसदों को भारतीय जनता पार्टी देगी नोटिस
- भारी बिकवाली से सेंसेक्स में 1064 अंकों की गिरावट, निवेशकों के ₹4.92 लाख करोड़ डूबे
- पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव और पूर्व मंत्री डॉ मुनाजिर हसन ने जन सुराज पार्टी की कोर कमेटी से इस्तीफा दिया
- विवादास्पद बयान देने वाले इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज शेखर यादव सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के सामने पेश हुए
- एनटीए अगले साल से नहीं कराएगा भर्ती परीक्षाएं
- समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क़ पर बिजली चोरी की प्राथमिक होगी
अनछपी: क्या बिहार जैसे गरीब राज्य के मुख्यमंत्री के लिए यह मुनासिब है कि वह अपनी कुछ दिनों की यात्रा पर 225 करोड़ रुपए खर्च करें? नीतीश कुमार की जिस यात्रा के लिए 225 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है उसका पहले नाम महिला संवाद यात्रा था लेकिन अब बताया गया कि इसे प्रगति यात्रा के नाम से जाना जाएगा। जब इस यात्रा की घोषणा हुई थी तो उसके कुछ ही दिनों के बाद से इसकी आलोचना भी शुरू हो गई थी और नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के प्रवक्ताओं ने इसके बचाव में बयान दिए थे। यह बात अपनी जगह सही है कि नीतीश कुमार पहली बार ऐसी यात्रा नहीं कर रहे हैं बल्कि अक्सर वह साल के अंत में ऐसी यात्राओं पर निकलते हैं जिनमें एक समाधान यात्रा भी थी। लेकिन यात्रा पर आने वाले खर्च के बारे में इतने विस्तार से शायद पहले जानकारी नहीं दी जा रही थी। क्योंकि बिहार में अगले साल चुनाव होना है इसलिए बहुत से लोगों का यह मानना है कि यह यात्रा दरअसल नीतीश कुमार अपनी छवि सुधारने के लिए कर रहे हैं और इसके लिए सरकारी खजाने से पैसे ले रहे हैं जो आम आदमी के टैक्स से भरता है। इत्तेफाक की बात है कि जदयू के नेता 2025 के चुनाव में 243 में से 225 सीट जीतने का दावा कर रहे हैं और अगर यात्रा पर होने वाले खर्च को देखा जाए तो एक विधानसभा सीट पर एक करोड़ रुपए का खर्च होगा। बहुत से राजनीतिक पर्यवेक्षक मानते हैं कि ऐसी यात्रा दरअसल एक राजनीतिक यात्रा होती है जो सरकारी खर्च पर होती है लेकिन इसमें पार्टी के नेताओं को भी अपनी राजनीति चमकाने का मौका मिल जाता है। अफसोस की बात है कि बिहार जैसे गरीब राज्य और एक लोकतंत्र में व्यक्तिगत छवि चमकाने के लिए भी आम आदमी के पैसे का इतने धड़ल्ले से इस्तेमाल होता है और इस पर कोई रोक-टोक नहीं है। रोक-टोक के नाम पर बस विपक्षी दल की आवाज उठाते हैं वरना इसे कानूनी तौर पर गलत माना जाना चाहिए था। बहरहाल अब नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने जो 10 सवाल इस यात्रा के बारे में उठाए हैं जेडीयू और भारतीय जनता पार्टी की जिम्मेदारी है कि वह उन सवालों का जवाब दें। तेजस्वी यादव ने पूछा है कि 2023 में समाधान यात्रा के दौरान जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए कितनी समस्याओं का समाधान किया गया? इस सवाल का जवाब देना सरकार के लिए बहुत मुश्किल नहीं होना चाहिए क्योंकि आंकड़े उसके पास जरूर होंगे। बहरहाल ऐसी यात्राओं पर सवाल केवल राजनेताओं को नहीं नहीं बल्कि समाज सेवायों को और आम लोगों को भी पूछना चाहिए।
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