छ्पी-अनछपी: 94 लाख परिवारों को रोजगार के लिए मिलेंगे 2-2 लाख, ग़ज़ा में आम नागरिकों के मारे जाने की निंदा

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में रोजगार के लिए 94 लाख परिवारों को दो-दो लाख रुपए देने की घोषणा की खबर को हिन्दुस्तान ने प्रमुखता दी है। ग़ज़ा में आम नागरिकों को मारे जाने को लेकर भारत ने बयान जारी कर इसकी निंदा की है। प्रधानमंत्री मोदी ने स्थिति को चुनौतीपूर्ण बताया है। इससे जुड़ी खबर को जागरण ने अच्छी कवरेज दी है।

राज्य में गरीब परिवारों को रोजगार के लिए दो-दो लाख रुपये देने वाली योजना लागू हो गई है। इसका फायदा बिहार के 94 लाख 33 हजार 312 गरीब परिवारों को होगा। अगले पांच वर्ष में इन सभी परिवारों को योजना का लाभ देने का लक्ष्य है। जल्द ही इस संबंध में ऑनलाइन आवेदन शुरू होंगे। गौर हो कि आर्थिक सर्वे के आधार पर राज्य सरकार ने उन परिवारों को गरीब माना है, जिनकी मासिक आय 6000 रुपए से कम है। लाभुकों का चयन उद्योग विभाग की ओर से कंप्यूटर लॉटरी के जरिये होगा।

ग़ज़ा में आम नागरिकों के मारे जाने की निंदा

जागरण की दूसरी सबसे बड़ी सुर्खी है: आम नागरिकों की मौत निंदनीय: पीएम। अख़बार लिखता है कि इसराइल की तरफ से ग़ज़ा क्षेत्र में हो रहे हमले में आम नागरिकों के मारे जाने की कुछ यूरोपीय देशों और अमेरिका के बाद अब भारत ने भी कड़ी निंदा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्लोबल साउथ सम्मेलन को संबोधित करते हुए इस बारे में भारत का पक्ष रखते हुए कहा कि इसराइल-हमास के संघर्ष में नागरिकों की मौत की हम कठोर निंदा करते हैं। उन्होंने इस विवाद की वजह से पश्चिम एशिया में उभर रही स्थिति को चुनौती पूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति महमूद अब्बास से बात करके हमने फलस्तीन के लोगों के लिए मानवीय सहायता भी भेजी है।

निजी कंपनियों में 75% रिजर्वेशन पर रोक

पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा राज्य के निवासियों को निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने वाला कानून शुक्रवार को रद्द कर दिया। यह फैसला न्यायमूर्ति जीएस संधावालिया और न्यायमूर्ति हरप्रीत कौर जीवन ने सुनाया। याचिकाकर्ताओं के वकीलों में शामिल वरिष्ठ अधिवक्ता अक्षय भान ने कहा कि पीठ ने हरियाणा सरकार का 2020 का पूरा अधिनियम रद्द कर दिया। उन्होंने कहा कि यह दलील दी गई कि हरियाणा राज्य स्थानीय उम्मीदवारों का रोजगार अधिनियम, 2020 संविधान के अनुच्छेदों 14 और 19 का उल्लंघन करता है।

आईएएस में प्रमोशन

जागरण की सबसे बड़ी खबर है: इस में प्रोन्नत हुए 60 अफसर। बिहार प्रशासनिक सेवा के 60 अफसरों को भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नति दिए जाने पर शुक्रवार को संघ लोक सेवा आयोग की मुहर लग गई। यूपीएससी के अधिकारियों की पटना में हुई बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया। इस निर्णय के तहत तीन साल के बैकलॉग को निकाला गया। बिहार में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के कुल 359 पद हैं। अगले वर्ष जनवरी में इन 60 अधिकारियों को भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के रूप में पप्रोन्नत किए जाने की अधिसूचना जारी हो सकेगी।

मध्यप्रदेश में 76% वोटिंग

मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में शुक्रवार को विधानसभा चुनाव में हिंसा के बीच वोटिंग हुई। मध्य प्रदेश की 230 सीटों पर रिकॉर्ड 76 फीसदी मतदान हुआ। 2018 में 75.63 वोट पड़े थे। वहीं, छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण के मतदान में 70 सीटों पर 75.08 वोट पड़े।

छठ का खरना आज

प्रभात खबर की सबसे बड़ी खबर है: आज खरना, व्रती लेंगे 36 घंटे निर्जला उपवास का संकल्प। अख़बार लिखता है कि महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान शुक्रवार को रवि योग में नहाए खाए के साथ शुरू हो गया। व्रतियों ने नदी, कुआं तथा जल में गंगाजल मिलाकर स्नान कर अरवा चावल, चना दाल, लौकी की सब्जी और आंवले की चटनी का प्रसाद ग्रहण कर व्रत की शुरुआत की। कार्तिक शुक्ल पंचमी यानी शनिवार को उत्तरषाढ़ा नक्षत्र व सर्वार्थ सिद्धि योग में खरना या लोहंडा में व्रती पूरे दिन का उपवास करेंगे।

स्वास्थ्य विभाग में डेढ़ लाख बहाली

हिन्दुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: स्वास्थ्य विभाग में डेढ़ लाख पदों पर भर्ती जल्द। शिक्षा विभाग, बिहार पुलिस सहित सरकार के अन्य विभागों के बाद अब स्वास्थ्य विभाग ने बहाली की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग में लगभग डेढ़ लाख पदों पर भर्तियां होंगी। इसका प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज दिया गया है। जल्द ही इसे कैबिनेट में ले जाया जाएगा। इसके बाद बहाली की औपचारिक प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार विभाग में डॉक्टर, असिस्टेंट प्रोफेसर, विशेषज्ञ चिकित्सक, जूनियर डॉक्टर, सीनियर रेजिडेंट के अलावा पारा मेडिकल स्टाफ व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की बहाली होगी।

खाड़ी में बिहार के कामगार बढ़े

जागरण की खबर है: खाड़ी देशों में बिहार और यूपी के बढ़ रहे कामगार। खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) में कौशल आधारित (ब्लू कॉलर) श्रमबल उपलब्ध कराने में उत्तर प्रदेश और बिहार ने केरल की जगह लेना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। कामगार उपलब्ध कराने वाले मंच ‘हंटर’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक दशक में पलायन के रुझान में उल्लेखनीय बदलाव आया और केरल से पश्चिम-एशिया के देशों में जाने वाले श्रमिकों की संख्या में 90 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, हालांकि केरल की इस कमी को उत्तर प्रदेश और बिहार ने पूरा कर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया कि श्रमिक भेजने वाले शीर्ष पांच राज्यों में उत्तर प्रदेश, बिहार, केरल, पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु शामिल हैं, जबकि पसंदीदा स्थान सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, कुवैत और ओमान रहे।

लैंड फ़ॉर जॉब: कर्मियों को दिल्ली बुलाया

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: लैंड फॉर जॉब: सोनपुर मंडल के 11 कर्मियों से पूछताछ होगी, सीबीआई ने दिल्ली बुलाया। लैंड फॉर जॉब मामले में अब सीबीआई सोनपुर मंडल के 11 रेल कर्मियों से पूछताछ करेगी। इसके लिए एजेंसी ने सभी को तय तारीखों पर दिल्ली स्थित सीबीआई मुख्यालय बुलाया है। हाजीपुर महाप्रबंधक कार्यालय ने इस संबंध में सभी को पत्र भेजा है। पत्र में सोनपुर मंडल में काम करने वाले 11 कर्मचारियों को सभी  दस्तावेज के साथ सीबीआई कार्यालय में उपस्थित होने के लिए संबंधित विभाग को विरमित करने के लिए कहा गया है।

दक्षिण ग़ज़ा में 14 की मौत

इसराइली सेना ने दक्षिणी गजा में भारी बमबारी की। गुरुवार रात हुए हमले में एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत हो गई। वहीं शुक्रवार तड़के हुए हमलों में तीन लोगों की जान गई जबकि बीस से ज्यादा लोग घायल हैं। सेना ने दो इमारतों को भी पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। माना जा रहा है कि यहां हमास के ठिकाने थे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ये हमले गजा के दक्षिणी हिस्से में स्थित खान यूनिस के पूर्व में स्थित बानी सुहैला क्षेत्र पर हुए। सेना ने यहां पर्चे गिराकर लोगों को पहले ही इलाका खाली करने की चेतावनी दी थी।

कुछ और सुर्खियां

  • मुंबई से दरभंगा की फ्लाइट रद्द, यात्रियों को दूसरे विमान से पटना लाकर फिर बस से भेजा
  • हिसाब नहीं देने पर 134 संबद्ध कॉलेजों का अनुदान रुका
  • जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के साथ दो मुठभेड़ों में छह आतंकवादी मारे गए
  • उपस्थिति की सूचना नहीं देने वाले 55% स्कूलों को नोटिस
  • सीतामढ़ी में चोरी के आरोपितों को भीड़ ने पीटा, एक की मौत

अनछपी: विश्वगुरु बनने की चाहत रखने वाले भारत ने हमास-इसराइल संघर्ष में निर्दोष आम लोगों के मारे जाने की निंदा की है, हालांकि सिर्फ निंदा से यह हिंसा रुकने वाली नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आम लोगों के मारे जाने की निंदा करने के साथ ही कहा कि यह स्थिति चुनौतीपूर्ण है। हालांकि इस निंदा में गोल मटोल शब्द का प्रयोग किया गया है और साफ तौर पर यह नहीं कहा गया कि ग़ज़ा में आम लोगों का इस तरह मर जाना किसी भी तरह स्वीकार्य नहीं है। सच्चाई यह है कि हम ग़ज़ा में इसराइल के युद्ध अपराधों के बारे में बहुत कम जानते हैं और इसकी चर्चा समाज में बहुत कम हो रही है। बताया जाता है कि 7 अक्टूबर के बाद से इसराइल के हमले में राजा के कम से कम दस हज़ार लोग मारे गए हैं। इसराइल इसके लिए हमास के हमले को बहाना बनाता है लेकिन किसी भी हमले के जवाब में इतनी बड़ी संख्या में आम लोगों का मारना कहीं से स्वीकार्य नहीं हो सकता। वास्तविकता यह है कि इसराइल ग़ज़ा में जब जैसे जो चाह रहा है वह कर रहा है। इसराइल ने पहले उत्तरी ग़ज़ा के लोगों को दक्षिणी ग़ज़ा जाने को कहा लेकिन वहां भी इसराइल की बमबारी में लोग मारे जा रहे हैं। अमेरिका दिखाने के लिए ग़ज़ा में राहत सामग्री भेजने की बात करता है लेकिन उससे कहीं ज्यादा सैनिक मदद इसराइल को भेजता है। एक तरह से यह विश्व के सभी देशों की नाकामी है कि ग़ज़ा में निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं और कोई कुछ नहीं कर पा रहा है। ऐसे में निर्दोष लोगों के मारे जाने की निंदा कर भारत ने सही कदम उठाया है लेकिन यह काफी नहीं है। भारत को ऐसे प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है जिसे वाकई इसराइल की हिंसा रोकने में मदद मिले। भारत इसराइल को अपना अच्छा दोस्त बताता है इसलिए उस पर दबाव बनाने की जिम्मेदारी भी भारत की बनती है। ध्यान रहे कि भारत फलस्तीन के लिए भी अपनी मदद भेज चुका है और उसके जायज हकों के समर्थन में बात रखता है। इसलिए जरूरी है कि भारत इसराइल की हिंसा का हर अवसर पर निंदा करे और उसे रोकने का प्रयास करे। भारत को इस विषय में सख्त शब्दों में कहना चाहिए कि इसराइल को हिंसा रोकनी होगी वरना ऐसी निंदा का कोई लाभ नहीं है।

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