छ्पी-अनछपी: सिपाही भर्ती का पेपर लीक होने का शक, मेडिकल कॉलेजों में घोस्ट फैकल्टी!
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में सिपाही भर्ती परीक्षा से पहले कई गिरफ्तारियां के बावजूद यह शक जताया जा रहा है कि इसका पेपर लीक हो गया था। इसकी खबर को प्रभात खबर और भास्कर ने प्रमुखता दी है। मेडिकल कॉलेजों में घोस्ट फैकल्टी उजागर होने की बात को जागरण ने प्रमुखता से छापा है।
भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: सिपाही भर्ती- पेपर लीक। प्रभात खबर की पहली सुर्खी है: छह अभ्यर्थियों के पास से आंसर-की मिली, पूछे गए प्रश्नों से भी हुई मैच। बिहार में 21391 सिपाही पदों के लिए पहले दिन रविवार को राजभर में परीक्षा हुई। इस दौरान पटना, सारण, बक्सर, समस्तीपुर,लखीसराय, जमुई और बेगूसराय सहित एक दर्जन जिलों में सौ से अधिक को गिरफ्तार किया गया। इनमें 70 से अधिक सॉल्वर हैं। वहीं पटना से पकड़े गए 6 में से पांच परीक्षार्थियों के पास से मिली आंसर-की में सही उत्तर हैं। दो पाली में आयोजित परीक्षा में शामिल होने के लिए सीएसबीसी की ओर से 5.25 लाख प्रवेश पत्र जारी किए गए हैं। सिपाही भर्ती के लिए राज्य के 529 केन्द्रों पर परीक्षा हुई। पटना के कंकड़बाग थाना के रामकृष्ण द्वारिका कॉलेज से 6 परीक्षार्थियों को आंसर की से नकल करते पकड़ा गया। सेकंड शिफ्ट में गिरफ्तार 6 अभ्यर्थियों में से पांच के पास से बरामद आंसर-की प्रश्न पत्र के सही उत्तर से मैच कर गया। पुलिस आंसर-की ज़ब्त कर उसकी जांच कर रही है।
भभुआ के सेंटर सुपरिंटेंडेंट हिरासत में
जागरण की सबसे बड़ी खबर है: कदाचार के आरोप में 169 गिरफ्तार, भभुआ में केंद्र अधीक्षक भी हिरासत में। केंद्रीय चयन परिषद (सिपाही भर्ती) की और से आयोजित सिपाही बहाली परीक्षा में 169 परीक्षार्थियों व उनके सहयोगियों को कदाचार के आरोप में पकड़ा गया। इसमें पटना जिले के आठ परीक्षार्थियों को दूसरे अभ्यर्थी के बदले परीक्षा देते पकड़ कर पुलिस के हवाले किया गया। इधर कन्या उच्च विद्यालय केंद्र पर मजिस्ट्रेट के रूप में तैनात सहार के अंचल अधिकारी दयाशंकर झा को शराब के नशे में ड्यूटी करते पकड़ा गया। देर रात उन्हें जुर्माना भर के छोड़ दिया गया। भभुआ के भूपेश गुप्त इंटर कॉलेज में केंद्र अधीक्षक संजय सिंह व छह परीक्षार्थियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया परीक्षार्थियों के पास से आंसर-की मिली हैं।
मेडिकल कॉलेजों में घोस्ट फैकेल्टी
जागरण की खबर है: अधिकतर मेडिकल कॉलेज में घोस्ट फैकल्टी पकड़ा फर्जीवाड़ा। नेशनल मेडिकल काउंसिल ने 2022-23 के दौरान जिन मेडिकल कॉलेज का मूल्यांकन किया उनमें अधिकांश कॉलेजों में घोस्ट फैकल्टी मिले। एक भी कॉलेज 50% आवश्यक उपस्थिति के मानक पर खरा नहीं उतरा। घोस्ट फैकल्टी या दिखावटी फैकल्टी वास्तविकता में नहीं केवल दस्तावेज में ही होते हैं। यह घोस्ट फैकल्टी वेतन तो पा रहे हैं लेकिन काम पर नहीं आ रहे हैं। एनएमसी ने 27 राज्यों में 246 स्नातक मेडिकल कॉलेज को शैक्षणिक वर्ष 2022-23 के लिए मान्यता देने या मान्यता जारी रखने के लिए यह मूल्यांकन किया था।
पूर्व मंत्री परवीन अमानुल्लाह का इंतकाल
बिहार सरकार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री परवीन अमानुल्लाह का लम्बी बीमारी के बाद रविवार की देर रात निधन हो गया। वे 65 वर्ष की थीं। पिछले कुछ वर्षों से ज्यादातर नोएडा के बॉटेनिकल गार्डन के पास स्थित अपने घर में रह रही थीं। उनका नोएडा के मैक्स हॉस्पिटल में कैंसर का इलाज चल रहा था। कुछ दिन पहले उनकी तबीयत बिगड़ने पर इसी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने रविवार को अंतिम सांसें लीं। किशनगंज के पूर्व सांसद सैयद शहाबुद्दीन की बेटी तथा पूर्व आईएएस अधिकारी अफजल अमानुल्लाह की पत्नी परवीन नीतीश सरकार में 2010 से 2014 तक समाज कल्याण मंत्री रहीं। वह 2010 में साहेबपुर कमाल से जदयू के टिकट पर बिहार विधानसभा के लिए चुनी गईं।
उद्यमियों के लिए 20 लाख कर्ज की योजना आएगी
जागरण की खबर है: सरकार जल्द ला रही उद्यमियों को 20 लाख ऋण की योजना। राज्य सरकार उद्यमियों के लिए 20 लाख रुपए के ऋण की योजना लाने जा रही है। इस ऋण की पहली पात्रता यह होगी कि आवेदन कर रहा व्यक्ति मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत अपना उद्यम सफलतापूर्वक चल रहा हो। उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौन्ड्रिक के अनुसार युवाओं के लिए यह ऋण उद्योग विभाग के उपक्रम बिसीको के माध्यम से मिलेगा। संबंधित उद्यमी को अपने दस्तावेज, जैसे सीए रिपोर्ट टर्नओवर, जीएसटी, रिटर्न व अकाउंट स्टेटमेंट के साथ आवेदन करना होगा।
खराब ट्रैफिक वाले शहर
हिन्दुस्तान के अनुसार दुनिया के 20 सबसे खराब यातायात वाले शहरों में बिहार के दो समेत भारत के आठ शहर हैं। इनमें आरा, बिहारशरीफ, भिवंडी, कोलकाता, मुंबई, आईजोल, बेंगलुरु और शिलांग शामिल हैं। दुनियाभर में यातायात की गति को मापने वाला यह अध्ययन अमेरिका की रिसर्च संस्था नेशनल ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक रिसर्च (एनबीईआर) ने की है। अध्ययन के अनुसार यातायात की खराब स्थिति वाले इन शहरों में आरा सातवें और बिहारशरीफ 11वें स्थान पर हैं। अध्ययन के अनुसार दुनिया का सबसे तेज यातायात वाला शहर अमेरिकी राज्य मिशिगन का फ्लिंट और सबसे धीमे यातायात वाला शहर बांग्लादेश की राजधानी ढाका है।
कोर्ट ने क्यों रखा बच्ची का नाम?
जागरण की खबर है: माता-पिता में सहमति नहीं बनने पर हाईकोर्ट ने रखा बच्ची का नाम। केरल हाई कोर्ट ने एक तीन वर्षीय बच्ची का नामकरण किया है क्योंकि उसके अलग हो चुके माता-पिता में उसके नाम पर सहमति नहीं बन पाई थी। जस्टिस बेचू कूरियन थॉमस ने पिछले महीने जारी आदेश में कहा कि बच्ची की मां द्वारा सुझाए गए नाम को उचित महत्व दिया जाना चाहिए लेकिन पितृत्व पर किसी तरह का विवाद नहीं होने के कारण पिता का नाम भी शामिल किया जाना चाहिए। बच्ची वर्तमान में अपनी मां के साथ रह रही है। जन्म प्रमाण पत्र पर बच्ची का नाम नहीं था, लिहाजा उसकी मां ने एक नाम पंजीकृत करने का प्रयास किया था। लेकिन जन्म एवं मृत्यु पंजीयक ने नाम पंजीकृत करने के लिए माता-पिता दोनों की उपस्थिति पर जोर दिया। चूंकि नाम को लेकर दोनों किसी सहमति पर नहीं पहुंच सके इसलिए मां ने इसके लिए हाई कोर्ट की शरण ली।
कुछ और सुर्खियां
- अलर्ट: बिहार में आज से 2 दिन भारी बारिश का अनुमान
- जीतन राम मांझी ने कहा- अब चुनाव नहीं लडूंगा
- एशियन गेम्स में भारत ने लगाया पदक़ों का अर्धशतक
- पटना के गौरीचक में छत पर डंडे से खेल रहे दो भाई आए हाई वोल्टेज तार की चपेट में, दोनों की मौत, पटना-गया रोड 7 घंटे जाम
- कमर्शियल गैस सिलेंडर 209 रुपए महंगा
- पांच साल में 50 गुना बढ़ी इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री
अनछपी: सिपाही भर्ती का परीक्षा लीक होने की खबर के बारे में सरकार की ओर से अब तक कोई बयान नहीं आया है लेकिन अखबारों में छपी खबर कैसा लगता है कि पेपर लीक हो चुका था। सिपाही भर्ती परीक्षा से पहले नकल करने की अलग-अलग कोशिशें का भंडाफोड़ पुलिस ने किया और कई लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया था। उन कोशिशें से ऐसा लगता था की नकल करने वाले इम्तिहान के दौरान सवालों का जवाब देने की व्यवस्था कर रहे थे लेकिन जब पेपर ही लीक हो जाए तो इसकी भी जरूरत नहीं रहती। आंसर-की लिए पहुंचे कुछ ही लोग गिरफ्तार हुए हैं और अभी किसी को नहीं मालूम कि यह आंसर-की कितने लोगों के पास पहले से मौजूद थी। ऐसे में यह पूरे परीक्षा ही सवालों के घेरे में आ चुकी है। आंसर-की लेकर परीक्षा केंद्र पर पहुंचने का मतलब ही है कि क्वेश्चन पेपर पहले से ही लीक हो चुका था। बिहार ऐसा अकेला राज्य नहीं है जहां क्वेश्चन पेपर लीक होने की शिकायतें आती रहती हैं लेकिन पुलिस की तमाम कोशिशें के बावजूद ऐसा होना बेहद अफसोस की बात है। ऐसा लगता है कि क्वेश्चन पेपर लीक करने वाले तरह-तरह के गिरोह सक्रिय हैं और उनके आगे पुलिस बेबस है। सरकार को चाहिए कि इस परीक्षा के पेपर लीक होने की खबर को गंभीरता से ले और उसकी जांच कराए ताकि लोगों के मन में कोई शक नहीं रहे। इस समय तो वैसे उम्मीदवार खुद को ठगा महसूस कर सकते हैं जिन्होंने आंसर-की से फायदा नहीं उठाया। इतने बड़े पैमाने पर परीक्षा आयोजित कराना एक चुनौती तो होती है लेकिन इसमें इस बात की कतई गुंजाइश नहीं हो सकती की पेपर लीक हो जाए और परीक्षा को रद्द न किया जाए। अगर दोबारा परीक्षा कराने की जरूरत हो तो उसे जरूर करना चाहिए हालांकि इससे सभी को परेशानी होगी लेकिन इंसाफ का तक़ाज़ा यही है कि पेपर लीक की पूरी जांच कराई जाए।
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