छ्पी-अनछपी: नए वक़्फ़ कानून के खिलाफ अदालती लड़ाई-प्रदर्शन, ट्रंप के ख़िलाफ़ अमेरिका में प्रदर्शन

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। नए वक़्फ़ कानून के खिलाफ अदालती लड़ाई और प्रदर्शन तेज होने की खबर है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ अमेरिका में प्रदर्शन हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के पहले वर्टिकल समुद्री पुल का उद्घाटन किया है। बिहार में अनट्रेंड गार्ड बहाली पर रोक लगा दी गई है।

और, जानिएगा की बिहार में सबसे ज़्यादा और सबसे कम रजिस्ट्री दर कहां है।

हिन्दुस्तान के अनुसार वक्फ संशोधन कानून, 2025 को लेकर सियासत के साथ कानूनी लड़ाई तेज हो गई है। जमीयत उलमा-ए-हिंद, उत्तर प्रदेश के रहने वाले अंजुम कादरी और कानून के छात्र तैय्यब खान सलमानी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कानून को असंवैधानिक घोषित करने की मांग की। जमीयत के अध्यक्ष मोहम्मद अरशद मदनी ने बताया कि जमीयत के वकीलों ने रिट याचिका दाखिल कर केंद्र सरकार को नोटिफिकेशन जारी करने से रोकने के लिए अंतरिम आदेश देने की मांग की है। वहीं, शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि ये संशोधन मुसलमानों के हित में नहीं है और हम इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। केरल के सुन्नी मुस्लिम विद्वानों और मौलवियों के धार्मिक संगठन समस्त केरल जमीयतुल उलेमा’ ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उधर, महाराष्ट्र और इंफाल में नए कानून के विरोध में लोगों ने प्रदर्शन किया।

इंफाल में प्रदर्शन, झड़प

रविवार को वक्फ (संशोधन) कानून 2025 के खिलाफ इंफाल घाटी के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए। थोबल जिले के लिलोंग में एनएच-102 पर यातायात बाधित करने वाली रैली में 5,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया। अधिकारियों ने बताया कि कुछ स्थानों पर प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों के साथ झड़प भी हुई। ऐसी ही एक घटना सुबह थौबल के इरोंग चेसाबा में हुई। प्रदर्शनकारियों को सुरक्षा बलों द्वारा आगे बढ़ने से रोकने के बाद झड़प शुरू हो गई। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र की भाजपा नीत सरकार के खिलाफ नारे लगाए। प्रदर्शनकारी साकिर अहमद ने कहा कि वक्फ संशोधन कानून संविधान के मूल्यों के खिलाफ है। यह मुस्लिम समुदाय के लिए पूरी तरह से अस्वीकार्य है। इंफाल पूर्व में क्षत्री अवांग लेईकाई, कैरांग मुस्लिम और कियामगेई मुस्लिम इलाकों और थौबल जिले के सोरा सहित अन्य जगहों पर विरोध-प्रदर्शन हुए। अधिकारियों ने बताया कि घाटी के मुस्लिम बहुल इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है।

महाराष्ट्र में भी विरोध

वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ ठाणे जिले के भिवंडी में हजारों लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया। उनका दावा है कि यह संविधान के खिलाफ है और लोगों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। देर रात हुए विरोध-प्रदर्शन में कई समूहों के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि यह विधेयक संविधान का उल्लंघन करता है। यह हर भारतीय के अधिकारों को खतरे में डालता है, चाहे वे हिंदू हों, मुस्लिम हों, सिख हों या ईसाई। यह केवल मुसलमानों का मुद्दा नहीं है।

पटना में विरोध मार्च

प्रभात खबर के अनुसार नए वक़्फ़ कानून के खिलाफ सीटीसी फाउंडेशन की अपील पर रविवार को सब्जी बाग, दरियापुर सहित विभिन्न मोहल्ले में मुसलमानों ने विरोध मार्च निकाला। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार पर देश के मुसलमान की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया। इस विरोध का मार्च का नेतृत्व सीटीसी फाउंडेशन के अध्यक्ष और पटना हाई कोर्ट के पूर्व सहायक रजिस्ट्रार हसन इमाम और संस्था के सचिव फैसल इमाम ने संयुक्त रूप से किया। उन्होंने कहा कि यह कानून मुसलमानों की मजहबी आजादी पर सीधा हमला है और यह संविधान के अनुच्छेद 14, 25 और 26 का उल्लंघन करता है। प्रदर्शनकारियों ने कानून को काला कानून कर देते हुए इसकी तत्काल वापसी की मांग की।

ट्रंप के खिलाफ अमेरिका में प्रदर्शन

भास्कर के अनुसार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप टैरिफ पर अब अपने ही घर में घिर गए हैं। अमेरिका के सभी 50 राज्यों के 1200 शहरों में शनिवार को ट्रंप के खिलाफ लाखों लोगों ने ‘हैंड्स ऑफ’ प्रदर्शन किया। ट्रंप को लोगों ने संदेश दिया कि वह अपने हाथ जनहितों से दूर रखें। एलन मस्क का भी विरोध हुआ। इनमें नागरिक अधिकार संगठनों, श्रमिक संघों, एलजीबीटीक्यू प्लस समर्थकों, पूर्व सैनिकों और चुनाव कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। प्रदर्शनकारी ट्रंप, मस्क और स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के पुतले बनाकर पूरे अमेरिका में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ‘हैंड्स ऑफ’ का मतलब ‘हमारे अधिकारों से दूर रहो’। टैरिफ के खौफ से सोमवार को अमेरिकी शेयर मार्केट क्रैश हो सकता है।

भारत के पहले वर्टिकल सी ब्रिज का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के रामेश्वरम में 700 करोड़ रुपए की लागत से बने भारत के पहले वर्टिकल सी ब्रिज ‘पंबन ब्रिज’ का उद्घाटन किया और रामेश्वरम-तांबरम चेन्नई नई ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई। रामनवमी के दिन इस आयोजन के दौरान उन्होंने अयोध्या से रामेश्वरम तक उत्तर से दक्षिण तक एक भारत की पहचान को श्रीराम से जोड़ा। उन्होंने जनसमूह से जय श्री राम के नारे भी लगवाए। कार्यक्रम में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन उपस्थित नहीं हुए।

अनट्रेंड गार्ड की बहाली पर रोक

हिन्दुस्तान के अनुसार बिहार में अब निजी सुरक्षा में भी निर्धारित शारीरिक मापदंड रखने वाले प्रशिक्षित गार्ड ही चलेंगे। अप्रशिक्षित गार्ड रखने पर रोक लगा दी गई है। राज्य सरकार ने निजी सुरक्षा कारोबार में लगी एजेंसियों को सुरक्षाकर्मियों के नियोजन में निर्धारित शारीरिक मापदंड का पालन करने के साथ ही सुरक्षा कार्य में लगाने से पहले उनको विधिवत मानक प्रशिक्षण दिलाना अनिवार्य कर दिया है। इसको लेकर बिहार निजी सुरक्षा अभिकरण नियमावली 2025 तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गयी है।

सबसे कम रजिस्ट्री दर चनपटिया में

प्रभात खबर के अनुसार जमीन और मकान की खरीद बिक्री से इस बार सरकार ने अब तक का सबसे बड़ा कलेक्शन किया है। निबंधन विभाग को साल 2024-25 में रिकॉर्ड 7648.88 करोड़ रुपए मिले हैं। ताजा रिपोर्ट बताती है की रजिस्ट्री करने में पटना जिला पूरे बिहार में सबसे महंगा है। यहां एक रजिस्ट्री से औसतन 1.10 लाख रुपए सरकार की कमाई होती है। वहीं अगर केवल जिला निबंधन कार्यालय पटना की बात करें तो यह आंकड़ा 2.51 लाख रुपए तक पहुंच गया है। यानी राजधानी में जमीन खरीदना सबसे ज्यादा खर्चीला है। दूसरी ओर पश्चिम चंपारण के चनपटिया में औसतन एक रजिस्ट्री से केवल 15704 मिलते हैं। यह पूरे बिहार में सबसे कम है।

कुछ और सुर्खियां:

  • लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी आज आएंगे पटना, कांग्रेस नेताओं को देंगे टिप्स और टास्क
  • आरा-बक्सर एनएच पर हरीकिशनपुर के पास सड़क हादसे में एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत
  • बिहार की पशु और मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु देवी का शीतला मंदिर में पूजा करने के दौरान मोबाइल फोन गायब
  • चुनाव के मद्देनजर हर महीने दो दिन बिहार, बंगाल और तमिलनाडु में रहेंगे अमित शाह
  • मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव बने 70 वर्षीय ईसाई एमए बेबी, अल्पसंख्यक समुदाय के पहले पार्टी प्रमुख

अनछपी: बिहार में थोड़े समय को छोड़ दिया जाए तो 2014 के बाद से डबल इंजन की सरकार है और उससे पहले भी नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ही थी। भारतीय जनता पार्टी और नीतीश कुमार की पार्टी अक्सर यह दावे करती है कि बिहार का डबल इंजन सरकार में काफी विकास हो रहा है लेकिन कई मामलों में आई रिपोर्ट से पता चलता है कि दरअसल बिहार को काफी नुकसान भी हो रहा है। यह बात मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तब कहते हैं जब उनका भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन नहीं चल रहा होता है और तब वह बताते हैं कि कैसे केंद्र सरकार बिहार की हकमारी कर रही है लेकिन जब वह भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन बनाते हैं तो यह बातें भूल जाते हैं। अभी ताजा रिपोर्ट में यह बताया गया है कि बिहार में नेशनल हाईवे में जिस गति से इजाफा हो रहा है वह राष्ट्रीय औसत से आधी है। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट में बताया गया है कि 2014 में देश में 91287 किलोमीटर नेशनल हाईवे था। 2024 में यह बढ़कर 146195 किलोमीटर हो गया। यानी इन 10 वर्षों में देश में एनएच में 60% से अधिक की वृद्धि हुई। बिहार में वर्ष 2014 में 4554 किलोमीटर न था। 2024 में यह बढ़कर 6132 किलोमीटर हुआ है। यानी 10 वर्षों में बिहार के एनएच में लगभग 36% की वृद्धि हुई है। नेशनल हाईवे के राष्ट्रीय औसत को पाने के लिए बिहार को अभी 6300 किलोमीटर से अधिक एनएच की जरूरत है। इस समय भारत में कुल 670 नेशनल हाईवे है जिनमें 56 बिहार में हैं। बिहार में चुनाव आ रहा है और पूरी उम्मीद है की डबल इंजन सरकार के नेता यह बताएंगे कि यहां नेशनल हाईवे 36% की वृद्धि हुई है लेकिन वह यह बात छिपा जाएंगे कि यह राष्ट्रीय औसत से आधी है। राजनेताओं की यही चालबाजी आम लोगों की समझ में नहीं आ पाती या अगर वह समझते हैं तो दूसरे कारणों से उनका समर्थन जारी रखते हैं। इस आंकड़े को एक दूसरे तरीके से भी समझा जा सकता है पूर्ण रा भारत में एक लाख की आबादी पर 10.90 किलोमीटर राष्ट्रीय उच्च पथ है जबकि बिहार में केवल 4.54 किलोमीटर नेशनल हाईवे उपलब्ध है।

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