छ्पी-अनछपी: रिज़र्वेशन में सब कैटेगरी बनाने को मंजूरी, संजीव हंस सभी प्रभार से हटाए गए

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी के रिजर्वेशन के लिए सब कैटेगरी बनाने को मंजूरी दे दी है। ईडी की जांच का सामना कर रहे आईएस अधिकारी संजीव हंस को सभी प्रभार से हटा दिया गया है। नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई ने पहली चार्जशीट दाखिल कर दी है। संसद में आरएसएसस की तारीफ पर कांग्रेस ने अपनी नाराजगी जताई है। स्वप्निल कुसाले ने ओलंपिक में भारत के लिए तीसरा मेडल जीता है।

आज के अखबारों की यह अहम खबरें हैं।

भास्कर के अनुसार एससी-एसटी के कोटे में कोटा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की पीठ ने 6-1 के बहुमत से ऐतिहासिक फैसला सुनाया। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि एससी एसटी कैटेगरी के भीतर नई सब कैटगरी बनाकर इस श्रेणी में अति पिछड़ों को अलग कोटा दे सकते हैं। यानी अब राज्य सरकारों को अधिकार होगा कि वह एससी-एसटी में शामिल सभी समुदायों के लिए आरक्षित कोटे में से जातियों के पिछड़ेपन के आधार पर कोटा तय करें। वहीं जस्टिस बी आर गवई ने कहा क्रीमी लेयर को एससी-एसटी पर भी लागू करें। पीठ ने 2004 में ईवी चित्रैया बनाम आंध्र के मामले में दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को भी रद्द कर दिया। उसमें कहा गया था कि राज्य सरकार आरक्षित कोटे में सब कैटेगरी नहीं बना सकती। ताजा फैसला पंजाब के मामले में आया है। पंजाब सरकार ने 2006 में कानून बनाया था कि राज्य में एससी-एसटी कैटेगरी के तहत मिलने वाले आरक्षण में से 50% पहली प्राथमिकता के आधार पर वाल्मीकि और मजहबी सिखों को मिलेगा। इसे पंजाब व हरियाणा हाई कोर्ट ने रद्द कर दिया था। इसके खिलाफ पंजाब सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। असहमति जताने वाली जस्टिस बेला त्रिवेदी का कहना है की विधायी शक्ति के अभाव में राज्यों के पास जातियों को उप वर्गीकृत करने का अधिकार ही नहीं है।

आईएएस अधिकारी संजीव हंस सभी पदों से मुक्त

हिन्दुस्तान के अनुसार आय से अधिक संपत्ति मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई का सामना कर रहे ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव और बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के सीएमडी संजीव हंस को राज्य सरकार ने सभी पदों से मुक्त कर दिया है। उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पौण्डरीक को ऊर्जा विभाग का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। गुरुवार को सामान्य प्रशासन विभाग ने उनके तबादले का आदेश जारी किया। सरकार के अवर सचिव सिद्धेश्वर प्रसाद द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि प्रशासनिक दृष्टिकोण से संजीव हंस द्वारा धारित पद और अतिरिक्त प्रभार से उन्हें मुक्त किया जाता है।

नीट पेपर लीक: सीबीआई की चार्जशीट

प्रभात खबर के अनुसार सीबीआई ने नीट यूजी 2024 पेपर लीक मामले में पहले चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस चार्जशीट में पटना पुलिस द्वारा परीक्षा के दिन गिरफ्तार किए गए सिकंदर यादवेंदु, नीतीश कुमार और अमित आनंद सहित 13 को आरोपी बनाया गया है। चूंकि यह केस 1 जुलाई 2024 के पहले दर्ज हुआ इसलिए आरोपियों के खिलाफ पुरानी आईपीसी कानून की धाराएं 120 बी, 201, 409, 380, 411, 420 और 109 लगाई गई है।

आरएसएस की तारीफ, कांग्रेस नाराज़

जागरण के अनुसार कांग्रेस ने राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की प्रशंसा से असहमति जताते हुए कहा है कि हाल के दिनों में क्लीन चिट देते हुए आरएसएस की जैसी प्रशंसा की जा रही है वह देश के पहले गृह मंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को भी भयभीत कर देती। पुराने सरकारी दस्तावेजों का हवाला देते हुए सदन में आरएसएस की प्रशंसा को अनुचित बताते हुए पार्टी ने कहा कि बतौर गृह मंत्री सरदार पटेल ने संविधान और राष्ट्र विरोधी उसके हिंसक चरित्र को देखते हुए महात्मा गांधी की हत्या के बाद उस पर प्रतिबंध लगाया था। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि भारत की संप्रभुता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने का आरएसएस का एक लंबा इतिहास रहा है।

स्वप्निल को मेडल, भारत को तीन पदक

जागरण की सबसे बड़ी खबर के अनुसार पेरिस ओलंपिक में भारतीय निशानेबाजों का शानदार प्रदर्शन जारी है। अपना पहला ओलंपिक खेल रहे स्वप्निल कुसाले ने गुरुवार को 50 मीटर राइफल थ्री पोजीशंस में कांस्य पदक जीत कर भारत की झोली में तीसरा पदक डाला। महाराष्ट्र के स्वप्निल कुसाले ने 451.4 स्कोर बनाते हुए आठ निशानेबाजों में तीसरा स्थान प्राप्त किया। पेरिस में भारत को तीनों ही पदक निशानेबाजी में मिले हैं।

जयपुर में बेसमेंट में पानी घुसने से तीन की मौत

राजस्थान की राजधानी जयपुर के औद्योगिक इलाके में स्थित एक मकान के बेसमेंट में पानी भरने से भोजपुर की एक युवती और उसकी मौसेरी बहन सहित तीन लोगों की मौत हो गई। घटना गुरुवार तड़के की बतायी जा रही है। मृतकों में भोजपुर के बिहिया थाना क्षेत्र के संडौर गांव निवासी अशोक सैनी की 19 वर्षीया पुत्री पूजा कुमारी, यूपी के बलिया निवासी उसकी छह वर्षीया मौसेरी बहन और कमल साह नामक एक युवक शामिल हैं।

कुछ और सुर्खियां

  • झारखंड विधानसभा से 18 भाजपा विधायक अशोभनीय आचरण के आरोप में निलंबित
  • हिमाचल प्रदेश में बादल फटने से पांच लोगों की मौत
  • बिहार में 20 हज़ार सिपाही और दो हज़ार दारोगा इस साल होंगे बहाल
  • पहली बार सेंसेक्स ने छुआ 82 हजार का स्तर, निफ्टी भी 25 हज़ार के पार बंद
  • बिहार शिक्षक नियुक्ति के तीसरे चरण में आरक्षण की सीमा 50% होगी
  • झारखंड के लातेहार में कांवरियों की गाड़ी पोल से टकराई, करंट लगने से 5 की मौत
  • नेट (नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट) की तर्ज पर होगा बेट (बिहार एलिजिबिलिटी टेस्ट)
  • इग्नू पटना सेंटर में इस बार रिकॉर्ड एक लाख एडमिशन

अनछपी: अनुसूचित जाति के रिजर्वेशन में कोटा देने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले बहुत से लोग असहमत हो सकते हैं और यह एक राजनीतिक मुद्दा भी बन सकता है। लोकतंत्र में असहमति कोई नई बात नहीं है और खुद सुप्रीम कोर्ट के फैसले में भी सर्वसम्मति नहीं है बल्कि यह फैसला बहुमत से लिया गया है। इससे आगे यह बात भी सही है कि यह फैसला सुप्रीम कोर्ट के आज से 20 साल पहले दिए गए फैसले से भी अलग है। दलित समुदाय के जो लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले से असहमत है वह यहां तक कह रहे हैं कि दरअसल यह आरक्षण की हत्या जैसी बात है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की यह बात भी विचारणीय है कि अगर आप ट्रेन की बोगी में किसी तरह अंदर चले गए हैं तो बाकी लोगों को अंदर आने से रोकने का अधिकार आपके पास नहीं है। इस तरह राज्य सरकारों को यह अधिकार मिल जाता है कि वह एससी या किसी दूसरे समुदाय के आरक्षण के अंदर कोटा तय कर सकें। यहां से यह मामला राजनीतिक हो जाता है क्योंकि यह राज्य सरकारों और सरकार में शामिल पार्टियों के ऊपर निर्भर रहेगा कि वह किस समुदाय को सब कैटेगरी बनाकर ज्यादा आरक्षण देते हैं। यह फैसला पंजाब के बारे में है जहां की सरकार ने यह फैसला किया था कि एससी के आरक्षण का 50% हिस्सा वाल्मीकि और मजहबी सिखों के लिए आरक्षित होगा। यानी एससी के आरक्षण के दायरे में आने वाली जातियों में जो जातियां ज्यादा पिछड़ी हैं उनके लिए इस आरक्षण में से फिर से आरक्षण किया जाएगा। सब कैटेगरी बनाने का यह काम बिहार में यह काम पहले हो चुका है, दलित और महादलित के वर्गीकरण के रूप में। ओबीसी के लिए क्रीमी लेयर का नियम पहले से लागू है और अब वही नियम एससी-एसटी के लिए भी लागू होने का फैसला आया है।  इस मामले में जरूरी है कि सरकार चला रहे राजनीतिक दल किसी भी जाति के पिछड़ेपन को ध्यान में रखें और इसका राजनीतिक दुरुपयोग ना करें। मगर सवाल यह है कि क्या सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले के बाद इस बात का भी ध्यान रखेगा कि उसके फैसले का राजनीतिक दुरुपयोग ना हो? कुल मिलाकर यह एक पेचीदा मामला है और ऐसा लगता है कि अगले कुछ दिनों में इस मुद्दे पर आरक्षण की राजनीति गरमाई रहेगी।

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