छ्पी-अनछ्पी: ठंड के कारण कई ज़िलों में स्कूल बंद, कांग्रेस ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह को बताया राजनीतिक

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। पूरे बिहार में भारी सर्दी पड़ रही है और इसकी वजह से कई ज़िलों में स्कूल बंद करने की खबर हिन्दुस्तान की पहली खबर है। अयोध्या के राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ी खबरों के बीच कांग्रेस का यह आरोप भी है कि इस कार्यक्रम को राजनीतिक बना दिया गया है।
हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: राज्य भर में कड़ाके की ठंड का अलर्ट। बिहार में दो दिन कड़ाके की ठंड का अलर्ट जारी किया गया है। पछुआ के प्रभाव को देखते हुए मौसम विभाग ने अगले दो दिन उत्तरी बिहार के 19 जिलों में शीत दिवस व दक्षिणी बिहार के 19 जिलों में शीतलहर का येलो अलर्ट जारी किया है। इस बीच, शुक्रवार को पश्चिमी हिमालय से आने वाली शुष्क ठंडी हवाओं से तापमान में गिरावट आई और पूरे प्रदेश में कनकनी बढ़ गई। पटना, वैशाली, सीवान, गोपालगंज, सारण, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, प. चंपारण, शिवहर सीतामढ़ी, भागलपुर, मुंगेर और सहरसा में 16 जनवरी तक कक्षाएं स्थगित रहेंगी।
“प्राण प्रतिष्ठा को राजनीतिक बना दिया”
जागरण ने लिखा है कि अयोध्या में रामलला के विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का कांग्रेस नेताओं द्वारा आमंत्रण ठुकराए जाने के बाद राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। कांग्रेस के नेताओं ने शुक्रवार को भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ताधारी दल ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह को एक राजनीतिक कार्यक्रम बना दिया है जो शंकराचार्यों की सलाह के बिना आयोजित हो रहा है। कांग्रेस मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने आरोप लगाया की प्राण प्रतिष्ठा समारोह धार्मिक प्रक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए नहीं किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि धर्म एक व्यक्तिगत मामला है और कोई भी दर्शन के लिए अयोध्या जाने को स्वतंत्र है।
इंडिया गठबंधन की वर्चुअल बैठक आज
भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: इंडिया की बैठक आज, संयोजक और सीट शेयरिंग पर भी होगा फैसला। अख़बार लिखता है कि भाजपा अपनी चुनावी तैयारी को बहुत आगे बढ़ाते हुए रैलियों की जगह व तारीख़ तय कर चुकी है और उसे हराने की गारंटी लेकर घूमता ‘इंडिया’ सीट शेयरिंग व संयोजक जैसे बुनियादी मुद्दे को साकार करने की शुरुआत में ही फंसा है। सहयोगी दलों की आपसी खींचतान की खबरों के बीच इंडिया गठबंधन की पांचवी बैठक शनिवार की सुबह 11:30 ऑनलाइन होगी। इसमें ‘इंडिया’ का संयोजक बनाए जाने के साथ सीट शेयरिंग पर भी चर्चा होनी है। यह बैठक इसलिए बहुत अहम मानी जा रही है कि इंडिया की सीट शेयरिंग को अंतिम रूप देना है।
थानों में ऑनलाइन शिकायत
जागरण की सबसे बड़ी खबर है: थानों में होगी ऑनलाइन शिकायत। बिहार के थानों में जल्द ही ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई जा सकेगी। इन ऑनलाइन शिकायतों की पड़ताल के बाद ई-सनहा और ई-एफआईआर भी दर्ज होगी। खासकर मोबाइल, वाहन चोरी या दस्तावेज गुम होने के मामले में यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। पहली बार राज्य में इस तरह की व्यवस्था होने जा रही है। इसके लिए क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग एंड नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) पर सिटिजन सेवा का अलग से लिंक उपलब्ध कराया जाएगा। पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।
आज फिर बंटेगा नियुक्ति पत्र
प्रभात खबर की सबसे बड़ी सुर्खी है: आज 97 हज़ार शिक्षकों को नियुक्ति पत्र। बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित दूसरे चरण के 94 हज़ार और पहले चरण की पूरक परीक्षा में अनुशंसित करीब तीन हज़ार सहित कुल करीब 97 हज़ार विद्यालय अध्यापकों को शनिवार को तदर्थ नियुक्ति पत्र दिए जाएंगे। नियुक्ति पत्र वितरण समारोह का मुख्य आयोजन गांधी मैदान में होगा जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में 16 जिलों के 26925 विद्यालय अध्यापकों को नियुक्ति पत्र बांटे जाएंगे।
जदयू की सीट पर जिच
भाकपा माले के विधायक रामबली सिंह यादव ने कहा है कि 17 सीटों पर जदयू का हक नहीं बनता। जदयू ने एनडीए में रहते हुए यह सीटें जीती थीं। काराकाट, आरा, पाटलिपुत्र, जहानाबाद व सीवान की सीटें हमें चाहिए। इधर जदयू के वरीय नेता केसी त्यागी ने कहा कि हम लोग किसी भी हालत में अपनी सीट नहीं छोड़ेंगे। “हमारा दावा सर्वविदित है और इसमें कोई विवाद भी नहीं है।” इन सीटों पर जदयू ने लोकसभा 2019 का चुनाव जीता था।
बंगाल में ईडी की छापेमारी
हिन्दुस्तान के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नगर निकायों में भर्ती में अनियमितता को लेकर शुक्रवार सुबह पश्चिम बंगाल के अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा मंत्री सुजीत बोस, तृणमूल कांग्रेस विधायक तापस रॉय व उत्तरी दमदम नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष सुबोध चक्रवर्ती के आवासों पर छापे मारे। केंद्रीय बल व भारी संख्या में पुलिस की सुरक्षा में यह कार्रवाई की गई। छापेमारी को लेकर वरिष्ठ टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा, भाजपा प्रतिशोध की राजनीति कर रही है।
हूतियों के ठिकानों पर अमेरिका-ब्रिटेन की बमबारी
अमेरिका और ब्रिटेन की वायु सेनाओं ने गुरुवार देर रात यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के 12 से अधिक ठिकानों पर बम बरसाए। इस बीच हूती विद्रोहियों ने दावा किया कि इन हमलों में उनके पांच लोग मारे गए। यमन की राजधानी सना में शुक्रवार तड़के चार विस्फोटों की आवाज सुनी। वहीं, होदेइदा में लोगों ने हूती विद्रोहियों के कब्जे वाले पश्चिमी बंदरगाह क्षेत्र में पांच जोरदार विस्फोटों की आवाज सुनी। हूती विद्रोहियों के सैन्य प्रवक्ता याह्या सारी ने कहा, हम इसका जवाब जरूर देंगे।
कुछ और सुर्खियां
● फुलवारी शरीफ गैंगरेप व मर्डर मामले का आरोपित गिरफ्तार
● दरभंगा जिला परिषद अध्यक्ष रेणु देवी व उपाध्यक्ष ललिता झा की कुर्सी छिनी
● बिहार विधान मंडल का बजट सत्र 5 फरवरी से हो सकता है शुरू
● मुंगेर के नोट्रे डैम अकादमी में गैस रिसाव से 12 बच्चे बेहोश
● शारदा सिन्हा सहित 15 रीडरों की पेंशन रोकने का आदेश रद्द
● राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे 11 दोनों का अनुष्ठान
● अंतरिम बजट में आठवें वेतन आयोग के गठन का संकेत दे सकती है केंद्र सरकार
अनछपी: अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के बारे में कांग्रेस का कहना है कि यह एक राजनीतिक आयोजन बन चुका है। जिस तरह से इस कार्यक्रम पर भारतीय जनता पार्टी का नाम चस्पां नजर आता है, उसे देखते हुए कांग्रेस के इशारों को गलत नहीं ठहराया जा सकता। भारतीय जनता पार्टी, पार्टी और सरकार दोनों स्तर पर राम मंदिर निर्माण को अपना कार्यक्रम बनाने पर तुली हुई है। भारतीय जनता पार्टी पूरे देश विशेष कर हिंदी राज्यों में राम मंदिर को लेकर प्रचार प्रसार में जुटी हुई है। दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न सिर्फ उस प्राण प्रतिष्ठा के मुख्य अतिथि होने बल्कि उनके हर एक धार्मिक कदम को मीडिया में प्रमुखता से बताया जा रहा है। किसी ने सही ही पूछा है कि मंदिर जाने के लिए किसी निमंत्रण की जरूरत क्यों है और इसे ससम्मान अस्वीकार करने पर यह राम मंदिर या राम विरोधी होने का सबूत कैसे है। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में सूचना आई है कि वह प्राण प्रतिष्ठा के लिए 11 दिनों का अनुष्ठान करेंगे। धर्म और आस्था को व्यक्तिगत विषय मानने वाले देश में व्यक्तिगत धार्मिक अनुष्ठान का इतना प्रचार प्रसार कब हुआ था? राम मंदिर उद्घाटन का यह आयोजन जहां भाजपा और संघ परिवार का कार्यक्रम है, वहीं इसे पूरे देश का कार्यक्रम बताने और उसमें भाग न लेने वाले को राम विरोधी बताने की साजिश चल रही है। भारत को विभिन्न धर्मों का देश माना गया है लेकिन किसी एक धर्म के आयोजन के लिए इतनी दुराग्रह और सरकार का इसमें इतना बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना बेहद अफसोस की बात है। यह भारत के सेक्यूलर मूल्य के खिलाफ है और लोकतंत्र में किसी एक धर्म के वर्चस्व को स्थापित करता है। यह उस अधिकार पर भी हमला है जिसमें किसी को आस्था रखने या ना रखने की छूट दी जाती है। हिंदी के अक्सर अखबारों में इस बात को लेकर सवाल नहीं उठाया जा रहा और वही पक्ष पेश किया जा रहा है जिसे भारतीय जनता पार्टी बेहतर मानती है। उदाहरण के लिए कांग्रेस द्वारा प्राण प्रतिष्ठा के आयोजन में न जाने के फैसले को इस तरह चित्रित किया जा रहा है कि जैसे वह राम विरोधी हो। दूसरी और शंकराचार्यों ने भी इस आयोजन को लेकर असमर्थता या विरोध जताया है लेकिन उनके बारे में ज्यादा बात नहीं की जा रही है। अखबारों में एक तरह से शंकराचार्यों के पक्ष को नजरअंदाज कर दिया गया है और सिर्फ भारतीय जनता पार्टी के बातों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया जा रहा है।

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