छ्पी-अनछपी: महागठबंधन की सीट शेयरिंग 15 तक, मुंबई को दहलाने की धमकी देने वाला पटना का
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में सीट शेयरिंग 15 सितंबर तक होने की उम्मीद है। मुंबई को दहलाने की धमकी देने वाला पटना का ज्योतिषी निकला जिसने फुलवारी शरीफ के फिरोज को फंसाने के लिए यह हरकत की थी। देशभर में एक साथ एसआईआर कराने की घोषणा इसी महीने की जाएगी।
और, जनिएगा कि टैरिफ पर घमासान के बाद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दूसरे की तारीफ की है।
पहली ख़बर
प्रभात खबर के अनुसार महागठबंधन के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे की घोषणा 15 सितंबर के आसपास कर दी जाएगी। शनिवार को विरोधी दल के नेता तेजस्वी यादव के आवास पर महागठबंधन के घटक दलों की अनौपचारिक बैठक में इस बात पर सहमति बनी। बैठक की अध्यक्षता करते हुए तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि जल्द ही घटक दलों के बीच सीटों को लेकर सहमति बन जाएगी। बैठक में कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावरु, प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम और वीआईपी के मुकेश सहनी भी शामिल हुए। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस के बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावारु ने बताया कि बातचीत सार्थक रही। सीटों को लेकर पूछे गए एक सवाल में उन्होंने बताया कि इंडिया गठबंधन में नए पार्टनर आ रहे हैं। इनको लाने के लिए सभी दलों को अपना स्वार्थ त्यागना होगा।
राहुल तय करेंगे सीटें
भास्कर के अनुसार राहुल गांधी तय करेंगे कि पशुपति पारस व मुकेश सहनी और झारखंड मुक्ति मोर्चा को बिहार विधानसभा में कितनी सीटें दी जाएं। इसके लिए राजद, कांग्रेस और वाम दलों को कुर्बानी देनी होगी। दिल्ली में मंथन होगा। तेजस्वी यादव भी वहां जाएंगे। बैठक राहुल गांधी की देखरेख में होगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और महासचिव केसी वेणुगोपालन भी रहेंगे। मकसद है नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार को सत्ता से हटाना। इंडिया एलायंस फूल प्रूफ रणनीति बना रहा है।
मुंबई को दहलाने की धमकी देने वाला पटना का
प्रभात खबर के अनुसार मुंबई पुलिस ने अनंत चतुर्दशी के दिन शहर को 400 किलो आरडीएक्स से उड़ाने की धमकी देने वाले आरोपी अश्विनी कुमार को शनिवार को नोएडा के सेक्टर 79 स्थित स्टेडिया सोसाइटी से गिरफ्तार कर लिया। मामला सामने आने के 24 घंटे के भीतर पुलिस ने आरोपी को दबोच लिया। अश्विनी मूल रूप से पटना का रहने वाला है और पिछले 5 वर्षों से नोएडा में रह रहा था। पेशे से वह खुद को ज्योतिषी बताता है। छानबीन में पता चला कि अश्विनी ने दोस्त फिरोज को फंसाने के मकसद से ऐसा किया था। फुलवारी शरीफ थाने में फिरोज की शिकायत पर 2023 में अश्विनी पर फ्रॉड का केस दर्ज हुआ था और उसे जेल जाना पड़ा था। मुंबई पुलिस को व्हाट्सएप नंबर पर भेजे संदेश में अश्विनी ने खुद को लश्करे जिहादी का सदस्य बताकर यह भी कहा था कि 14 आतंकी मुंबई में घुस चुके हैं।
देशभर में एक साथ एसआईआर की घोषणा इसी माह
जागरण के अनुसार बिहार के बाद चुनाव आयोग अब देश भर में एक साथ मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) का अभियान शुरू करने की तैयारी में है। इसी माह इसका ऐलान संभव है। आयोग ने यह योजना विपक्षी दलों की ओर से अकेले बिहार में एसाईआर कराए जाने को लेकर उठाए जा रहे सवालों के बाद बनाई है। इसी सिलसिले में आयोग ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों की एक बैठक 10 सितंबर को बुलाई है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक दूसरे की तारीफ
हिन्दुस्तान के अनुसार भारत-अमेरिका के बीच रिश्तों में जमी बर्फ पिघलती दिख रही है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि मैं हमेशा नरेंद्र मोदी का दोस्त रहूंगा। दोनों देशों के बीच विशेष संबंध हैं। उनके इस बयान पर पीएम मोदी ने कहा कि ट्रंप की भावनाओं और उनकी सकारात्मक राय का तहे दिल से समर्थन करता हूं। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका की साझेदारी को बहुत महत्व देते हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या वह भारत से संबंधों को फिर से सुधारने के लिए तैयार हैं, क्योंकि दोनों देशों के बीच संबंध पिछले दो दशकों में संभवतः सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। उनका यह बयान टैरिफ और रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत और अमेरिका के मध्य बिगड़ते संबंधों के बीच आया है। ट्रंप ने कहा कि नरेंद्र मोदी शानदार प्रधानमंत्री हैं, उनके साथ मेरे बहुत अच्छे रिश्ते हैं, वह बहुत अच्छे हैं। वह कुछ महीने पहले यहां आए थे। लेकिन मुझे इस समय उनके द्वारा किए जा रहे काम पसंद नहीं आ रहे। मैं इस बात से बहुत निराश हूं कि भारत रूस से इतना तेल खरीद रहा है। मुझे इस बात से बहुत निराशा है और मैंने उन्हें यह बता दिया है। हमने भारत पर बहुत ज्यादा शुल्क लगाया है, 50 प्रतिशत शुल्क और यह बहुत ज्यादा शुल्क है। टैरिफ विवाद को लेकर अमेरिका के साथ संबंधों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। मोदी ने शनिवार को कहा कि वह भारत और अमेरिका संबंधों के सकारात्मक आकलन के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सराहना करते हैं। मोदी ने कहा कि हम राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे संबंधों को लेकर उनकी सकारात्मक राय की गहराई से सराहना करते हैं और उसका पूरी तरह से समर्थन करते हैं। मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच बहुत सकारात्मक, दूरदर्शी, व्यापक और वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है।
कुछ और सुर्खियां:
- बख्तियारपुर के सालिमपुर थाना क्षेत्र में अपराधियों ने एक ही परिवार के 6 लोगों की गोली मारी, एक की मौत
- राजगीर में चल रही एशिया कप हॉकी में चीन को 7-0 से हराकर भारत फाइनल में पहुंचा, आज कोरिया से खिताबी मुकाबला
- पीएमसीएच में नर्सों ने हड़ताल की, इमरजेंसी वार्ड में मरीजों के इलाज में हुई परेशानी
- केबल कटने से बीपीएससी की वेबसाइट दो दिनों से डाउन, डाउनलोड नहीं हो पा रहा एडमिट कार्ड
अनछपी: यह जानकारी अखबारों में खबर के तौर पर आपको नहीं मिलेगी लेकिन हमने यह जानकारी अखबार के विज्ञापन से ली है कि ‘सिपेट’ में लेक्चरर की बहाली की जा रही है और इसके लिए हर माह केवल 30000 से 35000 रुपए देने की बात कही गई है। सिपेट यानी सेंट्रल पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट। हाजीपुर स्थित भारत सरकार के इस संस्थान में प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, प्रोडक्शन इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, फिजिक्स, इंग्लिश, मैथमेटिक्स और केमेस्ट्री पढ़ाने के लिए कुछ वैकेंसी निकाली गई है। विज्ञापन में कहा गया है कि यह एक प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान है जिसका मुख्य उद्देश्य शैक्षिक तकनीकी सहायता, अनुसंधान और अनुप्रयोग विकास पर ध्यान देना है। सिपेट अहमदाबाद, भुवनेश्वर, चेन्नई, लखनऊ और कोच्चि स्थित अपने केंद्रों पर यूजी और पीजी कार्यक्रमों की सुविधा प्रदान करता है। सिपेट प्लास्टिक टेक्नोलॉजी, मोल्ड टेक्नोलॉजी और प्लास्टिक प्रोसेसिंग के क्षेत्र में AICTE द्वारा अनुमोदित डिप्लोमा, पोस्ट डिप्लोमा और पीजी डिप्लोमा प्रोग्राम भी चलाता है। अभी जो वैकेंसी निकाली गई है वह सीएसटीएस यानी सेंटर फॉर स्क्लिंग एंड टेक्निकल सपोर्ट के लिए है। वैसे तो केंद्र सरकार के कई शिक्षण संस्थानों में गेस्ट फैकल्टी से काम चलाने का रिवाज बढ़ रहा है लेकिन सिपेट जैसे संस्थान में भी कॉन्ट्रैक्ट पर सुयोग्य उम्मीदवार खोजे जाने से मामले की गंभीरता का अंदाजा लगाया जा सकता है। सवाल यह है कि कोई योग्य उम्मीदवार ₹30000 महीने के पारिश्रमिक पर क्यों लेक्चरर का काम करना चाहेगा? आजकल तो एक ऑटो रिक्शा ड्राइवर भी महीने में 30-40 हज़ार रुपये कमा लेता है। तो इतनी पढ़ाई लिखाई करके इतने कम पारिश्रमिक पर जो व्यक्ति भी लेक्चरर बनेगा वह यहां पढ़ने वालों को किस दिल से पढ़ाएगा इसका अंदाजा लगाना भी मुश्किल नहीं है। हकीकत यह है कि गेस्ट फैकल्टी पर पढ़ाने की व्यवस्था दरअसल पूरी तरह से शोषण की व्यवस्था है और उसे तत्काल बंद करना चाहिए।
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