चुनाव बाद बिहार में लाॅकडाउन की आशंका

सैयद जावेद हसन मुख्य संपादक
बिहार में आने वाले दिनों में कोरोना संक्रमण भयंकर रूप धारण करने वाला है, ऐसी आशंका है। हालांकि प्रिंट मीडिया से कोरोना पीड़ितों की खबर गायब है क्योंकि उसके पन्ने चुनावी दावों और विज्ञापनों से भरे हैं। विपक्षी दलों की चुनावी सभाओं में जिस तरह से भीड़ उमड़ रही है, वह बहस का एक अलग ही मुद्दा है। भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम बिहार का दौरा कर चुकी है और सभी दलों को ऐडवायजरी जारी किया है कि वे भीड़ को नियंत्रित करें और मास्क पहनने तथा सोशल डिस्टैंसिंग का पालन कराएं।

तेजस्वी का तर्क
इस संबंध में राजद नेता तेजस्वी यादव कहते हैं कि उन्होंने पूर्व में ही चुनाव आयोग को आगाह किया था कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए बिहार विधान सभा का चुनाव टाल दिया जाए। अब जब चुनाव हो ही रहा है तो वो अपनी सभाओं में जनता को आने से कैसे रोक सकते हैं। कमाल की बात है कि भीड़ जन अधिकार पार्टी अध्यक्ष पप्पू यादव और एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की सभाओं में भी उमड़ रही है। ओवैसी ने धर्मनिरपेक्षता का सबूत देते हुए गैर मुस्लिमों को भी टिकट दिया है।

हताश सत्ता पक्ष
उधर, एक बात बड़ी शिद्दत से महसूस की जा रही है कि एनडीए की चुनावी सभाओं में विपक्षी दलों के मुकाबले भीड़ कम उमड़ रही है। पीएम नरेन्द्र मोदी की जन सभा में आने वाली भीड़ को हालांकि सोशल डिस्टैंसिंग के नाम पर पहले से ही नियंत्रित और प्रचारित किया गया लेकिन भीड़ में उत्साह की कमी महसूस की गई। मुख्य मंत्री नीतीश कुमार भी कम भीड़ और भीड़ की ‘हरकतों’ से झल्लाए-झल्लाए से नजर आते हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया कि वोट देना है तो दें, चाहे न दें, लेकिन उनका भाषण जरूर सुन लें।
दिलचस्प बात यह है कि चुनाव आयोग और स्वास्थ्य मंत्रालय चुनावी सभाओं में मास्क पहनने और सोशल डिस्टैंसिंग मेनटेन करने की सलाह देते हैं जबकि अधिकांश रैलियों में नेताओं के लिए डायस पर ही इस सलाह पर अमल करना मुश्किल हो रहा है। भीड़ की बात छोड़ ही दीजिए।

चुनावी टीका
विपक्षी दलों की चुनावी सभाओं में आने वाली भीड़ से परेशान होकर ही शायद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पटना में भाजपा का घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि उनकी सरकार बनी तो हर एक बिहारी को कोविड-19 का टीका मुफ्त दिया जाएगा। इस घोषणा पर इन दिनों पूरे देश में कोहराम में मचा है। भाजपा ने सही मायनों में आपदा को अवसर में बदल दिया। लेकिन यह अवसरवादिता उसके कितने काम आएगी, यह तो चुनाव परिणाम से ही पता चलेगा।

लाॅकडाउन की आशंका
इस बीच, 26 अक्तूबर तक की आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार बिहार में में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 2 लाख 12 हजार 705 हो गई है। इसमें 513 नये मरीज शामिल हैं। आने वाले दिनों में यह संख्या किस हद तक पार करेगी, कहना मुश्किल है। हो सकता है, सरकार को फिर से बिहार को लाॅकडाउन करना पड़े।

अमरिका में टीका चुनावी मुद्दा
इसी बीच, अमरिकी राष्ट्रपति चुनाव में भी कोरोना टीका चुनावी मुद्दा बन गया है। राष्ट्रपति पद के डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बिडेन ने एलान किया है कि अगर वे चुने गए तो देश के हर नागरिक को मुफ्त में कोरोना वैक्सिन दी जाएगी। अपने गृह राज्य डेलावेयर में चुनाव प्रचार करते हुए बिडेन ने कोरोना से लड़ने में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजनाओं को पूरी तरह नाकाम बताया। उन्होंने कहा कि ट्रंप ने अमरिकियों को कोरोना में जीना नहीं, मरना सिखाया है। एक बार सुरक्षित और प्रभावी वैक्सिन तैयार हो जाए, उसके बाद पूरी अमरिकी आबादी के लिए एक साथ वैक्सिन खरीदी जाएगी और हर नागरिक को मुफ्त में दी जाएगी। जो बिडेन ने आरोप लगाया कि ट्रंप के पास कोरोना महामारी से लड़ने के लिए कोई ठोस योजना नहीं है। अगर वे सत्ता में आए तो इस महामारी से योजनाबद्ध तरीके से काम करेंगे और जल्द ही बिगड़े हालात पर काबू पाएंगे।

दूसरी तरफ अमरिकी राष्ट्रपति और रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि कोरोना महामारी जल्द ही समाप्त होगी। उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन पर आरोप लगाया कि वे महामारी को लेकर जनता के बीच दहशत फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। ट्रंप ने बिडेन को हताश प्रत्याशी बताया। एक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आपने मेरे कामों को देख लिया है। अब आपको तय करना है आप आशावादी के साथ अमरिका की सफलता चाहने वालों को लेकर आना चाहते हैं या फिर बिडेन जैसे उदास और निराशावादी लोगों को।

संयोग से 3 नवंबर को अमरिकी राष्ट्रपति पद का चुनाव है। इस रोज बिहार में दूसरे चरण का चुनाव होना है। देखिए, बिहार स्टेट और यूनाइटेड स्टेट्स आॅफ अमरिका में कोरोना और उसकी जनता का भविष्य क्या है।

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