पत्रकार, शिक्षाविद्, राजनीतिज्ञ और धर्मगुरू थे मौलाना वली रहमानी, जानिये उनकी पूरी जीवनी
सैयद जावेद हसन, बिहार लोक संवाद डाॅट नेट
इमारते शरीया, बिहार, झारखंड, ओडिशा के अमीरे शरीयत मौलाना मोहम्मद वली रहमानी का पटना में शनिवार की दोपहर लगभग 2.30 बजे निधन हो गया। उनकी लगभग 77 वर्ष थी। वो पिछले कई दिनों से बीमार थे और स्थानीय पारस अस्पताल में इलाजरत थे। उन्होंने 18 मार्च को कोराना वैक्सीन लिया था।
मौलाना रहमानी मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के महासचिव और ख़ानकाह रहमानिया के सज्जादानशीं थेे। वो रहमानी 30 के संस्थापक थे और बिहार विधान परिषद् के सदस्य भी रह चुके थे।
मौलाना वली रहमानी के पिता मिन्नतुल्लाह रहमानी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड के संस्थापक महासचिव रहे। उनके दादा मौलाना मोहम्मद अली मुंगेरी प्रसिद्ध इस्लामी शिक्षण संस्थान नदवतुल उलमा लखनऊ के संस्थापक थेे।
मौलाना वली रहमानी के निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई लोगों ने शोक व्यक्त किया है। नीतीश कुमार ने कहा है कि हजरत मौलाना सैयद वली रहमानी के इंतकाल की खबर से बहुत दुखी हूं। उनका नाम बिहार एवं देश के मशहूर आलिमे दीन में शुमार होता था।
लालू प्रसाद यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष, राजद ने कहा – हज़रत मौलाना वली रहमानी साहब आज आप दुनिया से भले ही रुख़सत हो गये लेकिन आपकी तहरीकात,तहरीरें,इल्म और अमल हमेशा ज़िंदा रहेंगी।आपकी अमूल्य ख़िदमात का हमारा सूबा हमेशा क़र्ज़दार रहेगा।परवरदिगार से दुआ है आपको जन्नत में आला मक़ाम मिले और घरवालों और सभी चाहनेवालों को सब्र व हिम्मत।
तेजस्वी यादव, माननीय नेता प्रतिपक्ष ने कहा – इमारत- ए- शरीया के अमीर-ए-शरियत मौलाना वली रहमानी साहब के वफ़ात की ख़बर सुन कर मुझे दिली सदमा हुआ है। आप एक मारूफ मज़हबी अलीम ए दीन थे। ख़ुदा से दुआ करता हूँ की आपको मग़फ़िरत फ़रमा जन्नत में आला मक़ाम दें।आपके घरवालों और चाहनेवालों को इस रंज और ग़म को बर्दाश्त करने की हिम्मत दें।
जमाअते इस्लामी हिन्द बिहार के प्रदेश अध्यक्ष मौलाना रिजवान अहमद इस्लाही ने भी गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि ‘‘अमीरे शरीयत देश और देश और अल्पसंख्कय समुदायों की समस्याओं के प्रति काफी संवेदनशील थे। वो मुसलमानों में एकता और मुस्लिम पर्सनल लाॅ संबंधी मुद्दों को गंभीरता से उठाते रहे।’’
जमीयते उलेमा हिन्द बिहार के महासचिव अलहाज हुस्न अहमद कादरी और आॅल इंडिया मुस्लिम मजलिसे मुशावरत बिहार चैप्टर के महासचिव अनवारुल होदा ने अपने शोक संदेश में कहा कि बिहार एक महान सपूत से वंचित हो गया।
रविवार 5 अप्रील को मुंगेर में मौलाना वली रहमानी का अंतिम संस्कार होगा।
मौलाना वली रहमानी की संक्षिप्त जीवनी
जन्मः 5 जून, 1943
जन्म स्थान: खानकाह रहमानी, मुंगेर
शिक्षा: रहमानिया उर्दू स्कूल, खानकाह रहमानी, जामिया रहमानी मुंगेर, नदवतुल उलेमा, लखनऊ, दारुलउलूम देवबंद, तिलका मांझी विश्वविद्यालय, भागलपुर
योगदान
1965 के बाद साप्ताहिक ‘नकीब’’ फुलवारीशरीफ, पटना के सह संपादक रहे।
जामिया रहमानी मुंगेर में 1966 से 1977 तक शिक्षण कार्य से जुड़े रहे और चार साल तक शिक्षा सचिव रहे।
पिता के बाद 1991 से जामिया रहमानी के संरक्षक और खानकाह रहमानी के सज्जादानशीं रहे।
1991 से जून 2015 तक मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के सचिव रहे।
जून 2015 में मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के कार्यकारी महासचिव बनाए गए।
अप्रील 2016 में मुस्लिम पर्सनल लाॅ बोर्ड के महासचिव बनाए गए।
अप्रील 2005 इमारते शरीयके नायब अमीरे शरीयत रहे।
29 नवंबर 2015 को दारुल उलूम रहमानी, जीरो माइल, अररिया में अमीरे शरीयत चुने गए।
1974 से 1996 तक बिहार विधान परिषद् के सदस्य रहे। इस बीच 1984 और और 1996 में उप सभापति चुने गए।
1996 में समाज कल्याण के लिए रहमानी फाउंडेशन कायम किया। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में यह संस्था विशेष रूप से कार्य करती है।
2008 में मुसलमानों की तरक्की के लिए पटना में रहमानी 30 कायम किया आईआईटी और अन्य कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में मुस्लिम बच्चों और बच्चियों को कामयाबी की राह दिखाई और शानदार रिकार्ड कायम किया।
बाद में रहमानी 30 के दायरे के बढ़ाया और आईआईटी टेस्ट की तैयारी के अलावा चार्टर्ड एकाउंटेंट की तैयारी के साथ 2012 में मुस्लि उम्मीदवारों को वकील और जज बनाने और 2013 में मेडिकल की तैयारी कराने की शुरूआत की।
2002 में मदरसों के संरक्षण का आंदोलन चलाया और मुंगेर में ऐतिहासिक नामूस मदारिस इस्लामिया कंवेंशन आयोजित किया।
मुस्लिम पर्सनल बोर्ड के कार्यक्रम के अनुसार अप्रील 2018 में दीन बचाओ देश बचाओ सम्मेलन का आयोजन किया।
फरवरी 2021 में उर्दू संरक्षण सप्ताह का आयोजन किया।
पुरस्कार एवं सम्मान:
भारत ज्योति एवार्ड, राजीव गांधी एक्सीलेंस एवार्ड, शिक्षा रत्न एवार्ड, सर सैयद एवार्ड और इमाम राजी एवार्ड, कोलंबिया विश्वविद्यालय से डाॅक्ट्रेट की मानद उपाधि।
शिक्षाविद् के रूप में आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से शिक्षा पर विचार-विमर्श के लिए ग्लोबल मीट में हिस्सा लिया।
मुरीद
8.5 लाख से ज्यादा व्यक्ति मौलाना वली रहमानी के हाथ पर बैत कर चुके हैं। पूरे देश में उनके मुरीद फैले हुए हैं।
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