जनता एमआईएम पर विश्वास करती है, तभी हम जीत रहे हैं- अख़तरुल ईमान

सैयद जावेद हसन
बिहार विधान सभा चुनाव 2020 में पांच सीमांचल से पांच सीटें जीत कर असदु्द्दीन ओवैसी की पार्टी आॅल इंडिया मजलिसे इत्तेहादुल मुस्लेमीन यानी एमआईएम के हौसले बुलंद हैं। इस पार्टी के जिन उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है वो हैं- अमौर से अख़तरुल ईमान, बहादुरगंज से अंज़ार नईमी, कोचाधामन से इज़हार आसफ़ी, बायसी से सैयद रुकनुद्दीन और जोकीहाट से शाहनवाज़।

ग़ौर तलब है कि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस एमआईएम को वोट कटवा पार्टी कहती आई हैं। लेकिन किशनगंज संसदीय क्षेत्र के तहत आने वाली कुल छह में से चार विधान सीटों पर कामयाबी हासिल करके एमआईएम ने सियासी पंडितों को हैरान कर दिय है। एमआईएम के प्रति अब उनके नज़रिये में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। यही वजह है कि स्वामीनाथन अय्यर जैसे काॅलमनिस्ट यह कहने लगे हैं कि एमआईआई अब एक ऐसी पार्टी है जिसे नज़र अंदाज़ नहीं किया जा सकता। यह भविष्य के चुनावों में किंगमेकर बन सकती है। अय्यर ने तो यहां तक कह दिया है कि एक आॅल इंडिया मुस्लिम पार्टी बनाने का वक़्त आ गया है।

हमारे ख़्याल में अभी इस तरह के नतीजे तक पहुंचना जल्दबाज़ी होगी। अलबत्ता एमआईएम की सियासी हैसियत से इंकार नहीं किया जा सकता। इसी के मद्देनज़र हमारे सीनीयर रिपोर्टर समी अहमद ने एमआईएम के स्टेट प्रेसिडेंट और नवनिर्वाचित विधायक अख़तरुल ईमान से ख़ास मुलाक़ात की और पार्टी के रोडमौप पर गुफ़तगू की। आइये सुनते हैं, बातचीत के ख़ास हिस्से।

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