छपी-अनछपीः आज भारत बंद, स्कूल व 20 जिलों में इंटरनेट भी बंद, उड़ान में आग के बाद लौटा विमान
बिहार लोक संवाद डाॅट नेट, पटना। तीनों सेनाओं की नयी भर्ती स्कीम ’अग्निपथ’ को वापस न लिये जाने की घोषणा के बाद आज यानी 20 जून को भारत बंद का ऐलान किया गया है। 350 से अधिक ट्रेनें आज भी नहीं चलेंगी। बिहार के 20 जिलों में आज इंटरनेट बंद रहेगा। इनमें से 15 जिलों में 18 जून से ही इंटरनेट बंद है।
बिहार से दूसरी सबसे बड़ी खबर पटना में कल यानी 19 जून को दोपहर स्पाइस जेट की एक फ्लाइट के बायें इंजन में आग लगने और इसे वापस सुरक्षित पटना एयरपोर्ट पर उतारे जाने की खबर अधिकतर अखबारों की पहली खबर है। उस समय विमान में क्रू मेम्बर समेत 191 लोग सवार थे। विमान की पायलट थीं मोनिका खन्ना जिनकी हर तरफ तारीफ हो रही है। विमान मे आग लगने की खबर फुलवारीशरीफ के लोगों ने प्रशासन तक पहुंचायी थी। हालांकि एयर ट्रैफिक कंट्रोल की सूचना के बाद हवा में ही आग बुझा ली गयी थी। भास्कर की लंबी हेडलाइन है- एक इंजन में लगी आग, पायलट ने उसे बंदकर 2000 फीट की ऊंचाई से रनवे पर उतारा, 185 यात्रियों की बची जान।
भास्कर की एक खास खबर है- बिहार में इसी साल 1.80 लाख स्कूल शिक्षकों की होगी बहाली।
रविवार को सेना के तीनों अंगों द्वारा यह साफ कर दिया गया कि ’अग्निपथ’ योजना वापस नहीं ली जाएगी। इसके लिए 24 जून से प्रक्रिया शुरू होने वाली है। यही खबर टाइम्स आॅफ इंडिया की लीड है।
इस विवाद में भारतीय जनता पार्टी का बिहार में जदयूू के साथ रिश्ता भी खराब होता जा रहा है। राज्य में भाजपा के 11 जिला कार्यालयों में एसएसबी जवान तैनात किये जाने की खबर हिन्दुस्तान में प्रमुखता से छपी है। इस मामले में जदयू के प्रवक्ता ने भाजपा से सवाल किया है कि जब यूपी में थाना जलाया गया तो वहां की सरकार ने बुलडोजर क्यों नहीं चलाया।
अनछपीः टाइम्स आॅफ इंडिया की एक खबर है कि कर्नाटक हाईकोर्ट के एक अधिकारी ने साफ किया है कि सुनवाई के दौरान कोर्ट हाॅल में टांग पर टांग चढ़ाकर बैठने पर कोई मनाही नहीं है। भारत में आजादी के इतने सालों के बाद कोर्ट में ब्रिटेन की गुलामी के दौर की कुछ परंपराएं जारी हैं। हाल ही में पटना हाईकोर्ट के एक जज ने एक सीनियर आईएएस अफसर आनन्द किशोर को इस बात के लिए डांट लगायी थी कि उन्होंने सही तरीके से काॅलर क्यों बंद नहीं किया और बिना कोट पहने कोर्ट की कार्यवाही में कैसे शामिल हो गये। जज ने यह भी पूछा था कि उन्हें कोर्ट की सुनवाइ में शामिल होने के लिए आईएएस की ट्रेनिंग के दौरान ड्रेस कोड नहीं बताया गया। जजों की ऐसी बातें वास्तव में उन्हें लाॅर्ड समझने की वजह से है। आजाद हिन्दुस्तान के आजाद आदमी के लिए कोई जज आखिर कब तक लाॅर्ड बना रहेगा।
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