छ्पी-अनछपी: पारस ने मंत्री पद और फ़ातमी ने जदयू छोड़ा, “रामदेव हाज़िर हों…”

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। मंगलवार को एनडीए में दो लोगों ने इस्तीफा दिया। सीट शेयरिंग में एक भी सीट न मिलने से नाराज चल रहे पशुपति कुमार पारस ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया तो दूसरी ओर जदयू के महासचिव अली अशरफ फातमी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में 30 लाख युवाओं को नौकरी देने का वादा करेगी। बाबा रामदेव को सुप्रीम कोर्ट ने हाजिर होने का आदेश दिया है। आज के अखबारों की यह अहम खबरें हैं।

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी सुर्खी है: पशुपति पारस ने केंद्रीय कैबिनेट से दिया इस्तीफा। जागरण की पहली खबर है: पारस ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया। प्रभात खबर की पहली सुर्खी है: नाराज पारस ने मंत्री पद छोड़ा, उपेंद्र को विधान परिषद की एक सीट देकर भाजपा ने मनाया। भास्कर की सुर्खी है: अकेले पड़े पारस। बिहार में लोकसभा की एक भी सीट नहीं मिलने से भड़के राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने केंद्रीय मंत्री पद छोड़ दिया। हालांकि उन्होंने ना तो एनडीए से नाता तोड़ा है ना ही अपने सोशल मीडिया से ‘मोदी का परिवार’ वाला टैग हटाया है। मंगलवार को दिल्ली में पारस ने कहा कि बिहार में एनडीए की सभी 40 सीटों की घोषणा हो गई है। “मैंने कहा था घोषणा तक इंतजार करूंगा, फिर बोलूंगा। हमारी पार्टी के पांच सांसद थे। हमने पूरी वफादारी से एनडीए की सेवा की। आज भी प्रधानमंत्री का शुक्रगुजार हूं। वह देश के बड़े नेता हैं। लेकिन हमारी पार्टी और व्यक्तिगत रूप से मेरे साथ बहुत नाइंसाफी हुई, इसलिए पद छोड़ दिया।” पारस ने अपना अगला प्लान नहीं बताया।

उपेंद्र को बोनस

राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा की नाराजगी की खबरों के बीच भारतीय जनता पार्टी के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े उनसे मिले और लोकसभा की एक सीट के अलावा एक एमएलसी का पद भी देने की बात कही। जो एमएलसी होगा वह मंत्री भी बनेगा।  बाद में हंसते हुए कुशवाहा ने कहा कि मैं नाराज था ही नहीं।

फ़ातमी का इस्तीफ़ा

जदयू के राष्ट्रीय महासचिव अली अशरफ फ़ातमी ने पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने अपने त्यागपत्र में नैतिक मूल्यों की बात कही है। त्यागपत्र देने की वजह सीएम नीतीश कुमार का एनडीए में जाना बताया। उन्होंने कहा, “मैंने लालू के साथ लंबे अरसे तक काम किया है। उनसे मुझे पहले भी आपत्ति नहीं थी, आज भी नहीं है।” फातमी आरजेडी से मधुबनी या दरभंगा से चुनाव लड़ सकते हैं।

कांग्रेस का वादा

हिन्दुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी खबर है कि कांग्रेस ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा में घोषित पांच न्याय और 25 गारंटियों पर मुहर लगा दी है। इसमें 30 लाख नौकरियों देने का वादा प्रमुख है। कांग्रेस ने मंगलवार को घोषणा पत्र को अंतिम रूप देने और इसे जारी करने की तिथि तय करने के लिए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को अधिकृत किया। घोषणा पत्र को ‘न्याय पत्र’ करार देते हुए पार्टी ने कहा कि यह देश को राह दिखाएगा।

रामदेव हाज़िर हों: सुप्रीम कोर्ट

जागरण की खबर है: बाबा रामदेव व बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट में पेश होने का आदेश। सुप्रीम कोर्ट ने पतंजलि उत्पादों की प्रभावशीलता के विज्ञापन मामले से जुड़ी अवधारणा कार्यवाही में कारण बताओ नोटिस का जवाब दाखिल नहीं करने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण को कोर्ट में निजी तौर पर पेश होने का आदेश दिया है। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया।

सीएए पर सरकार को नोटिस

जागरण की खबर है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम ‘सीएए’ पर फिलहाल कोई रोक नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की ओर से जोरदार मांग के बावजूद मंगलवार को सीएए लागू करने पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश नहीं दिया। कोर्ट ने याचिकाओं पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है और 3 सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। मामले में कोर्ट 9 अप्रैल को फिर सुनवाई करेगा।

पेपर लीक प्रिंटिंग प्रेस से ही

बीपीएससी तीसरे चरण की शिक्षक बहाली का प्रश्न-पत्र कोलकाता स्थित प्रिंटिंग प्रेस से ही लीक हुआ। इस मामले में गिरफ्तार विशाल कुमार चौरसिया ने प्रिंटिंग प्रेस के कुछ कर्मियों की मदद से अपने अन्य साथियों अजय पासवान, सुचिन्द्र पासवान, विनोद कुमार कुशावाह और पवन कुमार राजपूत के साथ मिलकर ऑउट किया था। छपाई पूरी होने के पहले ही पेन ड्राइव में इसे लाया गया था और बाहर लाकर इसे प्रिंट किया गया। इस वजह से इसमें सुरक्षा कोड या बार कोड नहीं है। यह खुलासा विशाल कुमार चौरसिया ने खुद एसआईटी से पूछताछ में की है।

तमिलनाडु में मोदी ने उठाया हिंदू धर्म के अपमान का मामला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की शक्ति वाली टिप्पणी को लेकर मंगलवार को विपक्षी गठबंधन इंडिया पर एक बार फिर तीखा हमला बोला। उन्होंने तमिलनाडु के सलेम शहर में आरोप लगाया कि इंडी गठबंधन वाले बार-बार जानबूझकर हिंदू धर्म का अपमान करते हैं। द्रमुक समेत उसके सहयोगी दल इसका (शक्ति का) विनाश करना चाहते हैं, लेकिन वे खुद ही बर्बाद हो जाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां की रैली में कांग्रेस और उसकी दक्षिणी सहयोगी सत्तारूढ़ द्रमुक पर हमला बोलते हुए उन्होंने दोनों दलों को सिक्के के दो पहलू करार दिया और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार तथा वंशवाद की राजनीति के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म के खिलाफ इनका (इंडी गठबंधन) हर बयान सोचा समझा हुआ होता है। “द्रमुक और कांग्रेस का इंडी गठबंधन और किसी धर्म का अपमान नहीं करता। किसी और धर्म के खिलाफ इनकी जुबान से एक शब्द नहीं निकलता। लेकिन, हिंदू धर्म को गाली देने में ये एक सेकंड नहीं लगाते।”

कुछ और सुर्खियां

  • लोकसभा: औरंगाबाद, नवादा, गया व जमुई सीटों के लिए आज से नामांकन
  • झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी सीता सुरेन भाजपा में शामिल
  • मुंबई के एनकाउंटर स्पेशलिस्ट प्रदीप शर्मा को आजीवन कारावास की सजा
  • प्रत्यय अमृत होंगे बिहार के नए गृह सचिव
  • बिहार की पंचायत में 6570 लेखापाल भर्ती होंगे
  • बिहार में कागजी दलों की संख्या 200 से अधिक
  • बेगूसराय दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर, दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी

अनछपी: बिहार में सबसे चर्चित रहने वाला शिक्षा विभाग कभी कभी अजीबोगरीब कार्रवाई करता है। यूनिवर्सिटी के वीसी के साथ मीटिंग को लेकर शिक्षा विभाग और राजभवन में लगातार तकरार की खबर तो आप पढ़ते रहे हैं। मीटिंग में नहीं आने के कारण विश्वविद्यालय के खातों को फ्रीज करने की बात भी सामने आ चुकी है। ताजा मामला 2023-25 के उन इंटरमीडिएट छात्रों का है जो कॉलेज में पढ़ रहे हैं। ऐसे छात्रों से कहा गया कि उनका नाम कॉलेज से हटाकर प्लस टू स्कूलों में लिखाया जाएगा। इसकी वजह यह बताई गई कि इंटरमीडिएट की पढ़ाई को कॉलेजों से पूरी तरह हटा देना है। इससे पहले पटना विश्वविद्यालय में इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी तरह बंद हो चुकी थी। अब बिहार के बाकी विश्वविद्यालयों से इंटरमीडिएट की शिक्षा हटाने की नीति के तहत नया आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के तहत अब कॉलेजों में इंटरमीडिएट में एडमिशन नहीं होगा। यह बात तो समझ में आने वाली है लेकिन 2023-25 के छात्रों को दूसरे साल की पढ़ाई के लिए कॉलेज से हटाकर प्लस टू स्कूलों में नाम लिखाने के लिए कहना परेशानी में डालने वाला है। इसके विरोध में हर दिन छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। एक साल की पढ़ाई कॉलेज में करने वालों को स्कूल भेजने से होने वाली परेशानी के बारे में अधिकारियों ने नहीं सोचा। सुनील कुमार पिछले कुछ महीनो में बिहार के चौथे शिक्षा मंत्री बने हैं। क्या उन चार मंत्रियों के पास यह मामला नहीं गया था जो इस तरह का फैसला हुआ जिसका विरोध छात्र करने को मजबूर हुए हैं। ऐसे छात्रों का कहना है कि मेरिट के आधार पर उनका अच्छे कॉलेज में नाम लिखाया है। ऐसे में आधी पढ़ाई कॉलेज और आधी पढ़ाई स्कूल में करने से उनके करियर पर असर पड़ सकता है। अब यह खबर आई है कि मंत्री सुनील कुमार ने यह कहा है कि जो छात्र जहां पढ़ रहे हैं वहीं से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करेंगे। उन्होंने नए नियम को नए सत्र से लागू करने की बात कही है जो स्वागत योग्य है। देखना यह है कि मंत्री का यह आश्वासन महज आश्वासन रहता है या अधिकारी उनकी बात मानकर उन छात्रों को छूट देते हैं जो फिलहाल इंटरमीडिएट के दूसरे साल में कॉलेजों में हैं।

 

 

 

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