छ्पी-अनछ्पी: एमएलए की तलाश में तेजस्वी के घर पहुंची पुलिस, किसानों के डर से दिल्ली की किलेबन्दी

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। नीतीश कुमार की नई एनडीए सरकार के पास बहुमत है या नहीं इसका फैसला कुछ देर के बाद हो जाएगा लेकिन इससे पहले रात में तेजस्वी यादव के घर पुलिस पहुंचने से सनसनी फैल गई। इससे जुड़ी खबरें सभी जगह प्रमुखता से ली गयी हैं। उधर किसानों के आंदोलन के कारण दिल्ली की किलेबंदी की गई है। इसे भी अच्छी कवरेज मिली है।

भास्कर की पहली खबर है: राजद विधायक चेतन को ढूंढने तेजस्वी के आवास पहुंची चार थानों की पुलिस। बिहार की नई एनडीए सरकार को बचाने-गिराने के लिए विधायकों की जोड़-तोड़ के दौरान सोमवार की देर रात हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ। राजद के एक विधायक चेतन आनंद की तलाश में पटना पुलिस राजद नेता व पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के ही आवास पर पहुंच गई। चेतन पूर्व सांसद आनंद मोहन के पुत्र हैं। दरअसल चेतन के छोटे भाई अंशुमन आनंद ने चेतन की गुमशुदगी की शिकायत पुलिस से की थी। चेतन राजद, कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियों के विधायकों के साथ तेजस्वी के आवास पर मिले। उन्होंने पुलिस से कहा कि वह स्वेच्छा से यहां है। पुलिस लौट गई। इसके बाद इस लाइन पर खासी चर्चा रही कि आनंद मोहन परिवार पर दबाव बनाकर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। पहले खबर फैली थी कि जदयू के दो विधायकों की तलाश में पुलिस तेजस्वी के आवास पर पहुंची है।

सरकार रहेगी या गिरेगी?

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी सुर्खी है: सत्ता संग्राम: एनडीए सरकार की आज होगी अग्निपरीक्षा। जागरण की पहली हेडलाइन है: सरकार का बहुमत परीक्षण आज। प्रभात खबर की पहली खबर है: सियासत का सस्पेंस, सरकार का विश्वास मत आज। बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में 15 दिन पहले गठित एनडीए सरकार के विश्वासमत की सोमवार को परीक्षा होगी। मुख्यमंत्री बिहार विधानसभा में विश्वासमत पेश करेंगे, जिसके समर्थन और खिलाफ में विधायक मतदान करेंगे। पक्ष-विपक्ष में मतदान सुनिश्चित करने को लेकर रविवार को सत्ता तथा विरोधी खेमा दोनों ओर से विधायकों को एकजुट रखने की कवायद चरम पर रही। भोज व बैठकों का दौर चला। भाजपा के विधायक बोधगया के प्रशिक्षण शिविर से तो कांग्रेस के विधायक हैदराबाद की सैर कर पटना लौट आए। जदयू ने विधानमंडल दल की बैठक की। वहीं राजद और वाम दल के विधायक तेजस्वी यादव के आवास पर शनिवार शाम से ही जमे हैं। कांग्रेसी भी इनके साथ आ जुटे हैं।

11 बजे से कार्यवाही

सोमवार से विधानमंडल का बजट सत्र भी शुरू हो रहा है। सबसे पहले दिन के 11 बजे विधानसभा और विधान परिषद की बैठक शुरू होगी। अध्यक्ष और सभापति प्रारंभिक संबोधन देंगे। इसके बाद दोनों सदनों के सदस्य सेंट्रल हॉल में जाएंगे, जहां राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर संयुक्त सभा को संबोधित करेंगे। राज्यपाल का अभिभाषण समाप्त होने के बाद दोनों सदनों के सदस्य फिर अपने सदन में लौट आएंगे और कार्यवाही शुरू होगी।

किसानों की दिल्ली कूच से पहले किलेबंदी

किसानों के 13 फरवरी को दिल्ली कूच को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। किसान संगठनों का दावा है कि 13 फरवरी को पंजाब के किसान 10 हज़ार ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर दिल्ली जाने के लिए हरियाणा में दाखिल होंगे। इसके मद्देनजर धारा-144 लागू कर दी गई है, सभी सीमाओं पर कंक्रीट की बैरिकेडिंग और कंटेनर लगाए गए हैं। मार्च करने दिल्ली आ रहे किसानों को रोकने के लिए पड़ोसी राज्यों में भी इंतजाम किए गए हैं। अंबाला के पास पंजाब सीमा सील है। अवरोधक, रेत की बोरियां, कंटीले तार लगे हैं। फतेहाबाद में सड़क पर कील वाली पट्टियां बिछाई गईं हैं। दिल्ली की सीमाओं पर बड़ी संख्या में पुलिस की तैनाती की गई है।

भाजपा ने सुशील मोदी का पत्ता काटा

भास्कर की खबर है कि भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को राज्यसभा चुनाव के लिए 14 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया। सूची में 13 नाम नए हैं। बिहार से भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री डॉ. भीम सिंह और महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष डॉ धर्मशीला गुप्ता को राज्यसभा सीट के लिए प्रत्याशी बनाया गया है जबकि राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी का नाम कट गया है। भाजपा ने राज्यसभा के लिए दो सीटों पर पिछड़े और अति पिछड़े को तवज्जो दी है। डॉ. भीम सिंह चंद्रवंशी कहार जाति से आते हैं जबकि डॉक्टर धर्मशीला गुप्ता वैश्य समाज से आती हैं।

गलत तरीके से पैसा जमा लेने वालों को नोटिस

प्रभात खबर की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: गलत तरीकों से लोगों से पैसा जमा ले रही 323 कंपनियों व 900 निदेशकों को नोटिस। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने देश में फर्जी निधि कंपनियों के विरुद्ध व्यापक अभियान चला रखा है। इसी कड़ी में मंत्रालय ने बिहार में नियम कानून को ताक पर रख लोगों से जमा ले रही राज्य की 323 निधि कंपनी और उनके 900 निदेशकों को नोटिस भेजा है। यह सभी निधि कंपनियां नियम विरुद्ध लोगों से जमा ले रही हैं। मंत्रालय को डर है कि कहीं यह फर्जी कंपनियां भोली भाली जनता की गाढ़ी कमाई लेकर चंपत न हो जाएं।

पाकिस्तान में सियासी जोड़-तोड़

प्रभात खबर की खबर है: सियासी जोड़-तोड़ में जुटे नवाज, इमरान की पार्टी ने विरोध के लिए कसी कमर। पाकिस्तान के आम चुनाव में खंडित जनादेश सामने आने के बाद राजनीतिक दलों ने रविवार को गठबंधन सरकार के गठन के लिए अपने प्रयास तेज कर दिए। नवाज़ शरीफ़ ने फिर से गठबंधन सरकार बनाने का आह्वान किया। शरीफ के छोटे भाई शहबाज शरीफ विभिन्न दलों के नेताओं से मिल रहे हैं। इस बीच इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने जनादेश का सम्मान करने का आह्वान किया है, अन्यथा विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है। पीटीआई नेता गौहर खान ने भी दावा किया कि उनकी पार्टी सरकार बनाएगी।

कुछ और सुर्खियां

  • सीवान में भाकपा (माले) के नेता समेत तीन को गोली मारी, हालत गंभीर
  • आज और कल हल्की बारिश के साथ बिजली गिरने का भी अनुमान
  • सीआरपीएफ, बीएसएफ और सीआईएसएफ में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 13 क्षेत्रीय भाषाओं में भी
  • अनुशासनहीनता व पार्टी विरोधी बयानबाजी के आरोप में कांग्रेस ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को पार्टी से निकला
  • हल्द्वानी में हिंसा भड़काने के आरोप में 25 और गिरफ्तार

अनछपी: नीतीश कुमार की सरकार रहेगी या जाएगी, इस पर राजनीतिक चर्चा जारी ही थी कि रविवार की रात तेजस्वी यादव के घर पुलिस पहुंच गई। जाहिर है इससे सनसनी फैल गई। यह बात तो पहले से ही समझ में आ रही थी कि नीतीश सरकार के लिए जदयू और भारतीय जनता पार्टी को कहीं ना कहीं कोई शक है लेकिन पुलिस के पहुंचने से यह मामला और गहरा गया है। हो सकता है कि नीतीश सरकार बहुमत प्राप्त कर ले और इसकी जानकारी कुछ देर के बाद मिल ही जाएगी लेकिन उससे पहले जो गतिविधियां हैं वह नीतीश कुमार की स्थिति को डांवाडोल करती है। लोगों ने तो यहां तक कहा कि क्या नीतीश सरकार को क्या अब पुलिस बचाएगी। बिहार विधानसभा की 243 सीटों के हिसाब से सरकार बनाने के लिए कम से कम 122 विधायकों का समर्थन जरूरी है। जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी का कहना है कि नीतीश सरकार को 128 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। यानी अगर सात विधायक भी कम हुए तो 122 का आंकड़ा छूना मुश्किल हो जाएगा। दूसरी ओर महागठबंधन के पास 114 विधायक हैं और बहुमत के लिए उन्हें आठ विधायकों की जरूरत होगी। वैसे तो समर्थन पाने के लिए किसी भी पार्टी के दो तिहाई विधायकों की जरूरत होती है लेकिन सरकार गिराने के लिए सात विधायक की गैरहाजिरी भी काफी हो सकती है। यानी कुल मिलाकर सात-आठ विधायकों का खेल है जो सरकार को गिरा या बचा सकता है। जीतन राम मांझी की पार्टी ‘हम’ ने अपने चार विधायकों का समर्थन नीतीश कुमार की सरकार को दिया है लेकिन उनके ऊपर महागठबंधन के वामपंथी नेता लगातार डोरे डाल रहे हैं। राजनीति में नेताओं के बयान को अंतिम बयान नहीं माना जा सकता इसलिए जीतन राम मांझी के बारे में कई लोगों को शक है कि वह मौका देखते हुए पाला बदलने से नहीं चूकेंगे। कहा जा रहा है कि सबसे पहले स्पीकर का मामला तय होगा और उसके साथ ही यह पता चल जाएगा कि सरकार के पास बहुमत है या नहीं। इस समय स्पीकर का पद राजद के अवध बिहारी चौधरी के पास है जिन्होंने कहा है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे। नीतीश कुमार की सरकार जाए या बचे, इतना तय है कि नीतीश कुमार इससे पहले कभी इतनी कमजोर स्थिति में नहीं थे।

 

 

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