छपी-अनछपी: टीचर भर्ती में 11वीं-12वीं के लिए सीट से कम एप्लीकेशन, मणिपुर पर संसद में हंगामा

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में हो रही शिक्षा बहाली में 11वीं-12वीं क्लास के लिए सीट से 18000 कम एप्लीकेशन आने की खबर को भास्कर ने काफी महत्व दिया है। मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई हैवानियत के मामले में संसद में चर्चा नहीं हो सकी जिसकी खबर भी प्रमुखता से ली गई है।

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: 11वीं 12वीं में 57 हज़ार पद, आवेदन मात्र 38 हज़ार… अब एसटीईटी होगा। अखबार लिखता है कि प्लस 2 शिक्षक के योग्य अभ्यर्थी नहीं मिल रहे हैं। बीपीएससी ने 1.70 लाख शिक्षक भर्ती की वैकेंसी निकाली है। इसमें कक्षा 11 और 12 में शिक्षकों के 57602 पद हैं लेकिन आवेदन मात्र 38000 ही मिले। आवेदन की तिथि खत्म हो चुकी है। विलंब शुल्क के साथ आवेदन का अंतिम मौका शनिवार तक है। पद के अनुसार आवेदन में अभी 19 हजार से अधिक का गैप है। इससे साबित है कि पद की तुलना में एसटीइटी यानी सेकेंडरी टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट पास लोगों की ज़रूरी संख्या नहीं है। इसलिए अगले 6 माह के अंदर कक्षा 9 से 12 तक शिक्षक बनने की पात्रता परीक्षा एसटीइटी आयोजित होगी। ऐसा इसलिए कि आगामी शिक्षक भर्ती के लिए पर्याप्त संख्या में योग्य अभ्यर्थी मिल जाएं।

मणिपुर पर संसद में हंगामा

जागरण की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: मणिपुर पर चर्चा को लेकर बढ़ी सरकार और विपक्ष में तकरार। मणिपुर में जारी हिंसा के बीच दो महिलाओं के साथ हुई हैवानियत को लेकर सरकार और विपक्ष की तकरार तेज हो चली है। इसके चलते लगातार दूसरे दिन संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही हंगामे की वजह से नहीं चल पाई। विपक्ष दोनों सदनों में इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के बाद ही चर्चा कराए जाने की मांग कर रहा है। वहीं सरकार अल्पकालिक चर्चा के बाद गृह मंत्री की ओर से जवाब दिए जाने का प्रस्ताव दे रही है।

फौजी का दर्द

हिन्दुस्तान की खबर है: पति की पीड़ा-‘देश के लिए लड़ा पर पत्नी को अपमान से न बचा सका’। “मैंने कारगिल युद्ध में देश की रक्षा के लिए जान की बाजी लगा दी। श्रीलंका में भारतीय शांति सेना का हिस्सा भी था, लेकिन जब अपनों पर बन आई तो उनके लिए कुछ न कर सका। सरेआम मेरी पत्नी को बेकाबू भीड़ ने निर्वस्त्र कर सड़कों पर घुमाया और मैं उसकी रक्षा करने में नाकाम रहा। अपना घर और ग्रामीणों को नहीं बचा सका। इसका अफसोस मुझे ताउम्र रहेगा।” ये दर्द है मणिपुर में भीड़ द्वारा निर्वस्त्र घुमाई गईं दो महिलाओं में से एक के पति का। वह भारतीय सेना की असम रेजिमेंट में सूबेदार पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।

भारत में 19.7 करोड़ मुसलमान

भास्कर की खबर है: देश की आबादी 138 करोड़, इनमें से 19.7 करोड़ मुस्लिम होने का अनुमान। केंद्र सरकार ने लोकसभा में जानकारी दी है कि 2023 में भारत में मुसलमानों की अनुमानित आबादी 19.75 करोड़ है। तृणमूल कांग्रेस की सांसद माला राय के सवाल के लिखित जवाब में अल्पसंख्यक मामलों की मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि 2011 की जनसंख्या में मुसलमानों की जनसंख्या 17.22 करोड़ थी जो देश की कुल आबादी का 14.2% थी। उन्होंने कहा कि जुलाई 2020 में नेशनल कमीशन ऑफ पॉपुलेशन के टेक्निकल ग्रुप ने 2023 की आबादी 138.82 करोड़ रहने का अनुमान जताया था। मंत्री ने कहा कि 2011 की जनगणना के 14.2% के अनुपात के हिसाब से देखें तो देश में 2023 में मुसलमानों की आबादी 19.75 करोड़ होने का अनुमान है।

अदालत: ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे

हिन्दुस्तान की दूसरी सबसे बड़ी खबर है: ज्ञानवापी परिसर का सर्वे होगा। वाराणसी की एक अदालत ने शुक्रवार को काशी विश्वनाथ मंदिर के निकट स्थित मां शृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष की मांग को स्वीकार करते हुए वुजूखाने को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर का पुरातात्विक एवं वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने की अनुमति दी। उधर, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने कहा कि जिला जज के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी जाएगी। कोर्ट ने एएसआई (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) को किसी हिस्से को क्षति पहुंचाए बिना वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने का निर्देश दिया है। एएसआई निदेशक से चार अगस्त तक सर्वे टीम गठित कर कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है।

कुछ और सुर्खियां

  • महिला सुरक्षा पर अपनी सरकार को घेरने वाले राजस्थान के मंत्री बर्खास्त
  • खाड़ी देशों में नौकरी लगाने का झांसा दिया 150 युवकों से 75 लाख वसूले, फर्जी ऑफर लेटर और वीजा थमाया…पटना के दफ्तर में ताला लगा जालसाज गायब
  • चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले की सुनवाई पूरी, 28 अगस्त को कोर्ट का फैसला आएगा
  • मणिपुर में महिलाओं से दरिंदगी करने वाले एक अभियुक्त का घर महिलाओं ने फूंका
  • पटना- मालदा वंदे भारत एक्सप्रेस को मिली मंजूरी
  • भारत-पाक वर्ल्ड कप क्रिकेट मैच के लिए होटल रूम ₹70000 तक, लोग अस्पताल बुक करा रहे
  • मानहानि मामले में राहुल गांधी की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट का गुजरात सरकार को नोटिस
  • बारिश की कमी से बिहार की नदियों का जल स्तर सामान्य से नीचे

अनछपी: 11वीं-12वीं क्लास के लिए शिक्षकों के खाली 57000 पद बिहार जैसे बड़े राज्य के लिए बहुत बड़ी संख्या नहीं मानी जा सकती लेकिन बहाली के लिए आवेदन इससे 18 हज़ार कम आए हैं जो निश्चित रूप से चिंता का विषय है। एक तरफ बेरोजगारी महामारी की तरफ फैली हुई है तो दूसरी ओर योग्य उम्मीदवारों का ना मिलना कई बातों का संकेत करता है। ध्यान रहे यह हालत तब है जबकि शिक्षकों की बहाली के लिए डोमिसाइल की शर्त खत्म कर दी गई है और बिहार के बाहर के उम्मीदवार भी इस पद के लिए आवेदन कर सकते हैं। जानकारों का कहना है कि शिक्षक बहाली की प्रक्रिया लंबे समय से उपेक्षा और उलझाव का शिकार रही है। नीतीश सरकार ने लंबे समय तक डिग्री लाओ शिक्षक की नौकरी पाओ की नीति अपनाई थी लेकिन अब जबकि सरकार में आरजेडी शामिल हो गई है तो नई नीति के तहत इसके लिए परीक्षा ली जाएगी। परीक्षा की जो शर्तें लागू की गई है उनमें एसटीईटी का पास होना भी जरूरी है लेकिन एसटीईटी की परीक्षा पिछले 4 सालों से नहीं हुई है। जाहिर है यह बात सरकार को शिक्षक बहाली के लिए भर्ती निकालने से पहले सोचनी चाहिए थी। यह भी कहा जा रहा है कि दूसरे राज्यों की तुलना में बिहार सरकार ने नियमित शिक्षकों का वेतनमान कम तय किया है, इसके कारण बहुत सारे योग्य उम्मीदवार भी इस के लिए आवेदन नहीं कर रहे हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार सरकार अब क्या करती है क्योंकि वह चुनाव से पहले अधिक से अधिक बहाली की नीति पर चल रही है लेकिन ऐसी बाधाओं से पार लगाना भी उसके लिए आसान नहीं होगा। इस बहाली की समस्या से निपटने के अलावा बिहार सरकार को शिक्षक बहाली की एक दूरगामी और टिकाऊ नीति बनानी चाहिए ताकि बिहार की स्कूल शिक्षकों का स्तर सुधरे।

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