छ्पी-अनछपी: कामचलाऊ बजट में ढेरों वादे, झारखंड में आज चंपई सोरेन लेंगे सीएम पद की शपथ

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। चुनाव से पहले पेश हुए अंतरिम बजट में इनकम टैक्स देने वाले को कोई राहत नहीं दी गई है लेकिन इसमें 2047 तक के लिए वादे जरूर किए गए हैं। एक दिन के इंतजार के बाद झारखंड में गवर्नर ने चंपई सोरेन को सरकार बनाने का न्योता दिया है। आज के अखबारों में यही दो प्रमुख खबरें छाई हुई हैं।

भास्कर की बजट सुर्खी है: मतदाता हो या करदाता, सबको कल का वादा। अख़बार लिखता है कि आम चुनाव से महज 3 महीने पहले आए अंतरिम बजट में करदाता और मतदाता के बजाय विकसित भारत पर फोकस किया गया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने 58 मिनट के बजट भाषण में कोई लोकभावन घोषणा नहीं की। बजट में सबसे ज्यादा 11% की बढ़ोतरी पूंजीगत व्यय में की गई। 2024-25 के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बजट 11.11 लाख करोड़ रुपए किया गया है।

भरोसे की झलक

हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी खबर है: खुद पर भरोसे का बजट। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को अंतरिम बजट पेश किया। उनके बजट भाषण में केंद्र सरकार की योजनाओं पर भरोसे की झलक साफ दिखी। वित्तमंत्री ने कोई लोकलुभावन घोषणाएं तो नहीं की, लेकिन बीते 10 वर्षों में सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख जरूर किया। साथ ही उन्होंने आगामी वर्षों में सुधारों को आगे बढ़ाने का रोडमैप पेश किया। सीतारमण ने अपने भाषण में कहा, सरकार जुलाई में अपने बजट में भारत को विकसित देश बनाने के लिए विस्तृत रूपरेखा पेश करेगी।

स्वर्णिम भारत की बात

जागरण ने लिखा है कि अगला आम चुनाव दस्तक दे रहा है, इसके बावजूद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरिम बजट 2024-25 में लोकलुभावन वादों से पूरी तरह परहेज किया। उनका पूरा जोर मोदी सरकार के 10 वर्षों के कार्यकाल की आर्थिक उपलब्धियों को गिनाने के साथ वर्ष 2047 तक देश को विकसित राष्ट्र की पंक्ति में खड़ा करने के भावी एजेंडा को पेश करने पर रहा।

बजट का फोकस

प्रभात खबर की बजट सुर्खी है: न राहत, न बोझ, आगे की सोच। अंतरिम बजट में वित्त मंत्री का फोकस किसानों, युवाओं, महिलाओं और गरीबों के कल्याण के साथ-साथ देश की सुरक्षा पर रहा। इसमें भविष्य की झलक दिखी।

अल्पसंख्यक मामलों का बजट

जागरण की खबर है: अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय का बजट 574 करोड़ रुपए बढ़ा। केंद्र सरकार ने अंतरिम बजट में अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के लिए बजट आवंटन बढ़ा दिया है। 2023-24 के संशोधित अनुमान के मुकाबले इसमें 574 करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि की गई है।

बजट की कुछ और जानकारी:

  • बजट का कुल आकर 47.66 लाख करोड़ रुपये
  • आम आदमी के लिए इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं
  • कॉर्पोरेट आयकर दर 30% से घटकर 22% की गई
  • प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में 5 वर्षों में 2 करोड़ घर बनाए जाएंगे
  • 11 लाख करोड़ की लागत से तीन आर्थिक रेल गलियारे बनेंगे, 40 हज़ार बोगियां वंदे भारत के तहत अपग्रेड की जाएंगी
  • 3 लाख करोड़ बाजार से उधार लेगी सरकार

दक्षिण के लिए अलग देश का विवादित बयान

जागरण की खबर है कि अंतरिम बजट पर कांग्रेस सांसद ने विवादित बयान दिया है। बेंगलुरु ग्रामीण से लोकसभा सांसद डीके सुरेश ने गुरुवार को कहा कि अगर केंद्र ने उनके लिए धन जारी नहीं करने की प्रवृत्ति जारी रखी तो देश के दक्षिणी राज्य एक अलग देश की मांग उठाएंगे। कांग्रेस सांसद अंतरिम बजट जारी होने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे। उन्होंने केंद्र पर दक्षिण भारतीय राज्यों को फंड जारी नहीं करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र दक्षिण भारतीय राज्यों को जीएसटी और प्रत्यक्ष करों का उचित हिस्सा नहीं दे रहा है।

चंपई सोरेन झारखंड के नए मुख्यमंत्री

गैर बजट खबर में भास्कर की सबसे बड़ी सुर्खी है: झारखंड में अब चंपई सरकार। झारखंड में अब चंपई सोरेन की सरकार बनेगी। शुक्रवार को वे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। उनके साथ कांग्रेस के आलमगीर आलम और राजद के सत्यानंद भोक्ता भी मंत्री पद की शपथ लेंगे। सरकार को 10 दिन में बहुमत साबित करना होगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इस्तीफा देने के करीब 26 घंटे के बाद गुरुवार रात करीब 11:00 बजे राजपाल सीपी राधाकृष्णन ने चंपई सोरेन और आलमगीर आलम को राजभवन बुलाया और सरकार बनाने का न्योता दिया। साथ ही उन्होंने चंपई को सीएम मनोनीत कर दिया।

हेमंत सोरेन को जेल भेजा गया

हिन्दुस्तान के अनुसार जमीन घोटाले के आरोप में गिरफ्तार राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गुरुवार ईडी के विशेष न्यायाधीश दिनेश राय की अदालत में पेश किया गया। यहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में लेते हुए 13 फरवरी तक के लिए बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार भेज दिया गया है। मामले में उनकी अगली पेशी 13 फरवरी को होगी। ईडी ने बुधवार को देर रात 10 बजे उनकी गिरफ्तारी दिखाई है। इससे पूर्व ईडी ने गुरुवार को हेमंत सोरेन को अदालत में पेशी के साथ पूछताछ के लिए 10 दिनों की पुलिस रिमांड का आवेदन दिया। रिमांड आवेदन पर हेमंत सोरेन की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन एवं ईडी की ओर से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया अनिल कुमार ने बहस की। सुनवाई के बाद अदालत ने रिमांड पर फैसला सुरक्षित रख लिया। शुक्रवार को फैसला सुनाये जाने की संभावना है।

सीएए के लिए नियम तैयार

भास्कर की खबर है: सीएए के नियम तैयार, नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन होगा। चार साल के बाद नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू करने की तैयारी पूरी हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सीएए लागू करने के लिए नियम फ़्रेम कर लिए गए हैं। किसी भी समय इसकी अधिसूचना जारी हो सकती है। यह अधिनियम देशभर में एक साथ लागू होगा। नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा। इससे करीब 90 हज़ार परिवारों के लिए नागरिकता के दरवाजे खुल जाएंगे।

ज्ञानवापी मस्जिद का मामला सुप्रीम कोर्ट में

ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा कराने के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने को लेकर मस्जिद कमेटी ने गुरुवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख किया। दूसरी ओर, मंदिर पक्ष के शैलेंद्र पाठक ने कैविएट दाखिल कर उनका पक्ष भी सुनने की मांग की है। इससे पूर्व ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन संभाल रही अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने शीर्ष अदालत में बुधवार को अर्जी दाखिल कर व्यास जी के तहखाने में पूजा-पाठ पर रोक लगाने की मांग की थी। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद कमेटी को राहत देने से इनकार करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया।

एएमयू पर फैसला सुरक्षित

हिन्दुस्तान के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के सात जजों की संविधान पीठ ने सुनवाई करते हुए गुरुवार को कहा, हमें एक बात चिंतित कर रही है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) को अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा देने के लिए एएमयू अधिनियम 1981 में किए गए संशोधन संस्थान के 1951 की स्थिति को बहाल नहीं करते। दूसरे शब्दों में हम इस संशोधन को संसद द्वारा आधा-अधूरा काम भी कह सकते हैं, क्योंकि उसके पास एएमयू को 1951 से पहले के अधिनियम या 1920 के अधिनियम की स्थिति को बहाल करने की शक्ति थी। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली संविधान पीठ ने एएमयू को अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थान का दर्जा बहाल किया जाए या नहीं, इस पर अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए यह टिप्पणी की।

कुछ और सुर्खियां

  • नीतीश कुमार अब 12 फरवरी को बहुमत साबित करेंगे, फिर होगा कैबिनेट विस्तार
  • इंटर परीक्षा में 9 जिलों से 51 परीक्षार्थी निष्कासित
  • आईजीआईएमएस में 5 फरवरी से मिलेंगी मुफ्त दवाएं
  • हज 2024 के लिए पहली किस्त के रूप में जमा करने होंगे 81 हज़ार
  • गोपालगंज में एटीएम काटकर 23 लाख की चोरी

अनछपी: सबको पता है कि कल पेश हुआ बजट पूर्ण बजट नहीं है बल्कि चुनाव के मद्देनजर यह अंतरिम बजट है यानी कामचलाऊ बजट है। लेकिन इस बजट से भी लोगों को उम्मीदें रहती हैं। अगर इस बजट के बारे में आम आदमी की बात की जाए तो उसे बहुत फर्क पड़ता नहीं दिखाई दे रहा है। आम आदमी की सबसे बड़ी दिलचस्पी यह होती है कि इनकम टैक्स स्लैब में क्या राहत दी गई लेकिन इस बजट में ऐसी कोई राहत की बात नहीं की गई है। पहले बजट के बाद लोगों की यह जानने की इच्छा होती थी कि कौन सा सामान सस्ता हुआ और कौन सा महंगा। इस बजट में ऐसा कोई संकेत नहीं मिला है लेकिन यह सब मान कर चलते हैं कि महंगाई और बढ़ेगी ही। बजट के बाद यह बात आम सी है कि जो सरकार चल रहा है वह उसकी तारीफ करेगा और जो विपक्ष में है वह उसकी बुराई करेगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की यह बात सही लगती है कि अंतरिम बजट केवल रंग-बिरंगे शब्दों का मायाजाल है। उनका यह भी कहना है कि बजट में पिछले वर्ष का ब्योरा और आने वाले साल का खाका होता है, पर इस बजट में दोनों में से कुछ भी नहीं है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण से ऐसा एहसास होता है कि उनका जोर 2047 तक इंतजार करवाने में ज्यादा है और 2024-25 के बारे में उनके पास लोगों को बताने के लिए कम ही बातें हैं। अब इसके बारे में जो बात पता चलनी है वह चुनाव के बाद पेश होने वाले बजट में पता चलेगी। वैसे भी यह सरकार मानकर चल रही है कि 2024 के लोकसभा चुनाव उसकी वापसी होगी। बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य के बारे में जो साफ बातें पता चलनी चाहिए वह नहीं चल पाती हैं। उदाहरण के लिए पिछले कई वर्षों से रिसर्च करने वाले शोधार्थियों को दी जाने वाली सहायता राशि नहीं बढ़ी है। इसी तरह कई महंगी दवाओं के बारे में भी कोई जानकारी नहीं मिली है। सरकार से यह उम्मीद की जाती है कि उच्च शिक्षा में लगे विद्यार्थियों को समुचित आर्थिक सहायता दे ताकि देश में रिसर्च का माहौल बेहतर हो। इसी तरह महंगी दवाओं को सस्ती कर सरकार लोगों का भला कर सकती है।

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