छपी-अनछपी: कर्नाटक में बीजेपी की हार- कांग्रेस की सरकार, शिक्षक भर्ती के लिए सिलेबस तय

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी की हार और कांग्रेस की जोरदार जीत की खबर सभी अखबारों में छाई हुई है। शिक्षक बहाली के लिए होने वाली परीक्षा का सिलेबस जारी कर दिया गया है। इस खबर को भी प्रमुखता मिली है। नेवी ने 12000 करोड़ रुपए की ड्रग्स पकड़ी है। यह खबर भी अहम है।

भास्कर की सबसे बड़ी खबर है: बजरंगबली ने संजीवनी कांग्रेस को दे दी। हिन्दुस्तान ने लिखा है: कांग्रेस की जोरदार जीत। जागरण की हेडिंग है: कांग्रेस के हाथ आया कर्नाटक। भास्कर लिखता है कि कर्नाटक में बजरंग दल बैन करने की कांग्रेस की घोषणा को भाजपा ने बेशक बजरंग बली का अपमान बताकर बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश की लेकिन इसका असर नहीं हुआ। कांग्रेस ने पिछली बार से 4% ज्यादा वोट लेकर 136 सीटों के बहुमत के साथ न सिर्फ हिजाब बैंक जैसे मुद्दों को बेअसर किया बल्कि दक्षिण भारत को भाजपा मुक्त भी कर दिया है। अब दक्षिण के किसी भी राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार नहीं है। कर्नाटक में कांग्रेस की यह जीत 1989 के बाद सबसे बड़ी है, तब कांग्रेस को 178 सीटें मिली थी। हिन्दुस्तान के अनुसार, 224 सदस्यीय विधानसभा में पार्टी ने 135 सीटें जीतीं जो पिछले चुनाव से 55 अधिक हैं। वहीं, सत्ताधारी भाजपा 66 सीटों पर सिमट गई। जेडीएस के खाते में 19 सीटें आईं, जबकि अन्य को चार सीटें मिलीं। देर रात तक जयानगर सीट पर गिनती जारी थी, जिसमें भाजपा ने 16 मतों से जीत हासिल की। 12 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा। भाजपा से कांग्रेस में आए जगदीश शेट्टार भी हार गए।

सीएम कौन बनेगा ?

कांग्रेस के विधायक दल की रविवार को बैठक होगी। इसमें सीएम का ऐलान हो सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार को मजबूत दावेदार माना जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि अगर इन दोनों में विवाद बढ़ा तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, जो कर्नाटक के ही हैं, को सीएम बनाया जा सकता है। कर्नाटक में कांग्रेस ने 10 साल बाद अपने दम पर सत्ता में वापसी करते हुए  भाजपा को उसके कब्जे वाली एकमात्र दक्षिणी राज्य से बाहर कर दिया। इस चुनाव को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले दोनों पार्टियों के लिए अग्निपरीक्षा के रूप में देखा जा रहा था। पिछले 34 वर्षों के इतिहास में यह पहला मौका है जब कोई पार्टी 42.9 फीसदी वोट के साथ 135 सीट जीतने में सफल रही।

शिक्षक भर्ती का सिलेबस

जागरण और भास्कर दोनों की दूसरी सबसे बड़ी खबर शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए जारी सिलेबस है। जागरण ने लिखा है: शिक्षक भर्ती परीक्षा में 2 पेपर, सामान्य अध्ययन के अंक से तय होगी मेधा सूची। भास्कर ने लिखा है: शिक्षक भर्ती का सिलेबस जारी, 7 दिनों में वैकेंसी, निगेटिव मार्किंग भी। बीपीएससी ने शिक्षक नियुक्ति का पाठ्यक्रम वेबसाइट पर उपलब्ध करा दिया है। प्राथमिक से उच्च माध्यमिक के लिए कॉमन परीक्षा अंग्रेजी विषय और भाषा में (हिन्दी, उर्दू और बांगला) की परीक्षा होगी। इसे दो भागों में बांटा गया है। इससे सौ प्रश्न पूछे जाएंगे और दो घंटे का समय मिलेगा। इसमें 30 अंक लाना अनिवार्य होगा। सभी परीक्षाओं के प्रश्न वस्तुनिष्ठ व बहुविकल्पीय होंगे। प्रत्येक गलत उत्तर पर अंक की कटौती की जायगी, लेकिन कितने अंक की कटौती होगी, यह अभी तय नहीं हुआ है। परीक्षाओं में मेधा निर्धारण के लिए सामान्य वर्ग के लिए 40, पिछड़ा वर्ग के लिए 36.5, अत्यन्त पिछड़ा वर्ग के लिए 34 एवं अनुसूचित जाति/जनजाति, महिलाओं तथा निशक्तता से ग्रस्त (दिव्यांग) उम्मीदवारों के लिए 32 निर्धारित न्यूनतम अर्हतांक प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

हज़ारों करोड़ की ड्रग्स ज़ब्त

केरल के तट पर नारकोटिक्स नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) और नौसेना ने शनिवार को संयुक्त अभियान चलाकर 12,000 करोड़ रुपये कीमत की 2500 किलोग्राम मेथामफेटामाइन जब्त की। यह किस तरह का ड्रग है, इसके बारे में जानकारी नहीं दी गयी है। वैसे, यह खबर सभी जगह है। इस मामले में एक पाकिस्तानी नागरिक को भी गिरफ्तार किया गया है। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनसीबी अधिकारियों ने बताया कि मादक पदार्थों की ताजा खेप अफगानिस्तान से भारत, श्रीलंका और मालदीव के लिए भेजी जानी थी।

60 लाख का ड्रोन लापता

भास्कर की खबर है: शराब ढूंढने वाला ₹60 लाख का ड्रोन छपरा में हुआ लापता। यह ड्रोन 9 दिन पहले पटना से छपरा के लिए उड़ा था। आखिरी जानकारी यह है कि यह छपरा के द्वारा इलाके में शराब की तलाश कर रहा था। उत्पाद अधीक्षक रजनीश कुमार ने बताया कि इसकी तलाश करने वालों को इनाम दिया जाएगा। इसकी कीमत 60 लाख रुपये है और यह हवाई जहाज ऐसा दिखता है। इस तरह का यह बिहार का इकलौता ड्रोन था। उड़ान भरने के बाद यह सुदूर दियारा में शराब की भट्टियों को चिन्हित करते हुए संबंधित अधिकारी के नंबर पर जीपीएस मैसेज भेजता था। 4 मई को पटना से उड़ान भरने के बाद छपरा के तेलपा दियारा में गायब हो गया।

कुछ और सुर्खियां

  • आम आदमी पार्टी का लोकसभा में खाता खुला, जालंधर के उपचुनाव में जीत
  • भाजपा ने उत्तर प्रदेश की सभी मेयर सीट जीतीं
  • भारत हिंदू राष्ट्र, इसकी घोषणा मात्र बाकी: पंडित धीरेंद्र शास्त्री
  • यूक्रेन को तीन अरब डॉलर की सैन्य मदद करेगा जर्मनी
  • आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा और फिल्म अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा की सगाई
  • सेना प्रमुख के आदेश पर हुई मेरी गिरफ्तारी: इमरान
  • महाराष्ट्र में टैंक की सफाई करते 5 मजदूरों की दम घुटने से मौत

अनछपी: इस हफ्ते लड़कियों के बारे में दो ऐसी खबरें सामने आई हैं जो समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय होनी चाहिए। नालंदा जिले में इंटर की छात्रा जब साइकिल से टेस्ट देने जा रही थी तो ऑटो से चल रहे किसी बदमाश ने उसका दुपट्टा खींच लिया जिससे वह ऑटो के नीचे आ गई और दो दिनों के इलाज के बाद उसकी मौत हो गई। उधर, नवादा के रहने वाले एक प्रोफ़ेसर की बेटी की रांची में एक युवक ने इसलिए हत्या कर दी कि वह उससे मिलना नहीं चाहती थी। अगले दिन उस युवक ने फेसबुक लाइव कर खुद को गोली मार कर जान दे दी। नवादा और नालंदा की यह दो घटनाएं लड़कियों के बारे में लड़कों की गलत सोच को उजागर करती है। अफसोस की बात है कि हमारे समाज में इन घटनाओं पर गंभीर चर्चा नहीं होती। अखबारों में यह घटनाएं महज़ घटनाएं बन कर रह जाती हैं और इनका समाज पर होने वाले असर के बारे में ज़्यादा चर्चा नहीं होती। लड़कियों के बारे में ऐसी गलत सोच बनाने में फिल्मों और टीवी सीरियल्स का भी काफी योगदान है। लड़कियों की अपनी अलग हैसियत के बारे में लड़कों को बताने की जरूरत है- चाहे वह घरेलू स्तर पर हो या फिल्मों के स्तर पर। मां-बाप को भी अपने लड़कों को यह बताने की जरूरत है कि लड़कियों के बारे में उनकी सही राय क्या होनी चाहिए। आमतौर पर लड़कियों को बंदिशों में डाला जाता है लेकिन लड़कों को यह नहीं समझाया जाता कि उनकी सीमाएं क्या हैं। सरकार के स्तर पर भी लड़कियों के खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने की कोशिश बहुत ही कम दिखाई देती है। जरूरत इस बात की है कि इस बारे में लड़कों को जागरूक करने के लिए सरकारी स्तर पर भी कार्यक्रम चलाया जाए। यह पता लगाने की जरूरत है कि लड़के आखिर ऐसा खराब संस्कार कहां से लेते हैं। ऐसे खराब संस्कार वाले माध्यमों पर भी नजर रखने की जरूरत है। लड़कियों को वैसे ही पैदा होने से पहले ही मार दिया जाता है और अब उन्हें इस तरह जीवन से हाथ धोना पड़ रहा है। इस पर तत्काल सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

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