छ्पी-अनछपी: बिहार में उपचुनाव व झारखंड में पहले फ़ेज़ के लिए वोटिंग, हाजीपुर सबसे प्रदूषित शहर

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार विधानसभा की चार सीटों पर उपचुनाव के लिए और झारखंड विधानसभा के लिए पहले चरण के लिए 43 सीटों पर वोटिंग शुरू हो गई है। हाजीपुर भारत का सबसे प्रदूषित शहर पाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दरभंगा एम्स का शिलान्यास करने पहुंच रहे हैं। खुदरा महंगाई दर 14 महीने के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। बांग्लादेशी घुसपैठ के मामले में झारखंड और बंगाल में ईडी ने छापेमारी की है।

यह हैं आज के अखबारों की अहम खबरें।

बिहार की चार विधानसभा सीटों तरारी, रामगढ़, इमामगंज और बेलागंज में उपचुनाव के लिए आज सुबह 7:00 वोटिंग शुरू हो गई। इमामगंज के 29 बूथ को छोड़कर बाकी जगह 4:00 बजे तक वोट डाले जाएंगे। इन 29 बूथ पर शाम 6:00 बजे तक वोटिंग होगी। बाकी तीन विधानसभा क्षेत्र में वोटिंग का अंतिम समय शाम 6:00 बजे तक है। फिलहाल इन चारों सीटों में से तीन सीट बेलागंज, तरारी और रामगढ़ महागठबंधन के पास थी जबकि इमामगंज से हिंदुस्तानी आवा मोर्चा के जीतन राम मांझी जीते थे। इन चारों विधानसभा सीटों के विधायकों ने लोकसभा चुनाव जीत के बाद इस्तीफा दे दिया था, इसलिए इन सीटों पर उपचुनाव कराए जा रहे हैं। इस उप चुनाव में पिछले विधानसभा चुनाव से फर्क यह है कि इस बार जन सुराज पार्टी भी मैदान में है। उधर, झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 43 सीटों पर वोटिंग हो रही है। यह 43 सीटें झारखंड के 15 जिलों में हैं। आज हो रही वोटिंग के लिए एक करोड़ 37 लाख मतदाता हैं। पिछले चुनाव में इन 43 सीटों में से 27 सीटें महागठबंधन के पास थीं जो इस बार इंडिया गठबंधन के नाम से चुनाव लड़ रहा है। इन 43 सीटों में 13 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थीं जबकि बाकी सीट अन्य के खाते में गई थी। आज के चुनाव में चार पूर्व मुख्यमंत्रियों की किस्मत का भी फैसला होना है जिनमें चंपाई सोरेन भी शामिल हैं जो झारखंड मुक्ति मोर्चा छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं।

हाजीपुर देश का सबसे प्रदूषित शहर

हिन्दुस्तान के अनुसार हाजीपुर की हवा देशभर के शहरों में सबसे अधिक प्रदूषित है। यहां की हवा जहरीली हो गई है। हाजीपुर का वायु गुणवत्ता सूचकांक 433 पहुंच गया है, जिसे खतरनाक श्रेणी में माना जाता है। वहीं पटना, राजगीर और सहरसा की हवा भी बहुत खराब है। सूबे में हवा की गुणवत्ता खराब से गंभीर श्रेणी तक पहुंच गई है। राज्य के दो शहर दिल्ली से भी अधिक प्रदूषित हैं जबकि 12 शहरों की हवा प्रदूषित हो चुकी है। केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से मंगलवार को 260 शहरों की जारी रिपोर्ट के मुताबिक देशभर में सबसे अधिक प्रदूषित शहर हाजीपुर बन गया है।

दरभंगा एम्स का आज शिलान्यास करेंगे प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दरभंगा एम्स का शिलान्यास करेंगे। पटना के बाद राज्य का यह दूसरा एम्स होगा। प्रधानमंत्री दरभंगा एम्स के अलावा बिहारवासियों को 12 हजार करोड़ की परियोजनाओं की सौगात देंगे। इन परियोजनाओं के शिलान्यास व उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार वह अन्य नेता मौजूद रहेंगे। लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री का यह दूसरा बिहार दौरा है। हालांकि इस कार्यक्रम के दो दिन बाद ही पीएम जमुई आ रहे हैं। 15 नवम्बर को भी वे हजारों करोड़ की योजनाओं की सौगात बिहारवासियों को देंगे। आधिकारिक जानकारी के अनुसार कार्यक्रम दिन में 10.30 बजे शुरू होगा। दरभंगा में लगभग 189 एकड़ जमीन पर एम्स का निर्माण होना है। जमीन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को दी जा चुकी है।

खुदरा महंगाई दर 14 महीने में सबसे ज़्यादा

जागरण के अनुसार खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर थमने का नाम नहीं ले रही है और उसका असर कुल खुदरा महंगाई दर पर दिख रहा है। आलू-प्याज के साथ अन्य सभी प्रकार की सब्जियों की खुदरा कीमतों के बढ़ने से अक्टूबर की खुदरा महंगाई दर 6.21 प्रतिशत के साथ 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर तो अक्टूबर में 10.87 प्रतिशत हो गई। इस सितंबर में खुदरा महंगाई के दर 5.49 प्रतिशत तो खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 9.24% दर्ज की गई थी।

बांग्लादेशी घुसपैठ के मामले में झारखंड व बंगाल में छापेमारी

भास्कर के अनुसार झारखंड विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान से एक दिन पहले मंगलवार को बांग्लादेशी घुसपैठ मामले में ईडी ने रांची, पाकुड़ और पश्चिम बंगाल में कोलकाता व बांग्लादेश बॉर्डर से 17 ठिकानों पर छापेमारी की। यह ठिकाने घुसपैठ में शामिल एजेंट, भारत में बांग्लादेशों के फर्जी कागजात तैयार करने वाले, होटल रिसॉर्ट में बांग्लादेशियों को शरण देने वाले और रांची में पकड़ी गई बांग्लादेश की लड़कियों व उनके भारतीय सहयोगियों के हैं। इन ठिकानों से फर्जी पासपोर्ट, फर्जी आधार कार्ड, अवैध हथियार, गोलियां, कैश, जमीन के दस्तावेज, फर्जी आधार कार्ड बनाने के लिए कंप्यूटर व प्रिंटर का सेटअप और ब्लैंक आधार कार्ड ज़ब्त किया गया है।

कुछ और सुर्खियां

  • गिरफ्तार आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के मामले में ईडी ने और तीन लोगों को किया गिरफ्तार
  • तालिबान ने मुंबई में नियुक्त किया काउंसलर, भारत ने कहा- अभी अफगानिस्तान सरकार को मानता नहीं
  • केरल सरकार ने धर्म आधारित व्हाट्सऐप ग्रुप बनाने के कारण आईएएस अधिकारी के गोपालकृष्णन को सस्पेंड किया
  • वीमेंस एशियन हॉकी चैंपियंस ट्रॉफी में भारत ने कोरिया को 3-2 से हराया
  • एलन मस्क की कंपनी स्टार लिंक को मिला लाइसेंस, जल्द शुरू कर सकती है भारत में इंटरनेट सेवा

अनछपी: जो लोग आयुष्मान कार्ड से इलाज कराते हैं उनके लिए गुजरात से एक बेहद चौंकाने वाली और सतर्क रहने वाली खबर आई है। हालांकि इस शक का इजहार पहले भी किया जाता रहा है लेकिन इस खबर से यह शक मजबूत होता है कि मेडिकल बीमा के पैसे लेने के लिए अस्पतालों के जरिए बिना जरूरत भी ऑपरेशन किये जा सकते हैं। आम आदमी को लगता है कि अपनी जेब से तो पैसे लगेंगे नहीं इसलिए अस्पताल उन्हें जिस जांच के लिए और जिस ऑपरेशन के लिए कहता है वह तैयार हो जाते हैं। वैसे तो भारतीय जनता पार्टी गुजरात को मॉडल स्टेट बताती है लेकिन यहां से ऐसी कई खबरें आती रहती हैं जो परेशानी में डालने वाली होती हैं। गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में एक मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल है जिसका नाम ख्याति है। इस अस्पताल ने गुजरात के मेहसाणा जिले के गांव में एक हेल्थ कैंप लगाया और 100 लोगों की जांच की। उस अस्पताल के डॉक्टरों ने 19 लोगों को दिल में दिक्कत बताई और इलाज के लिए अहमदाबाद अस्पताल बुला लिया। यह सभी लोग ऐसे थे जिनके पास आयुष्मान कार्ड था। इनसे कहा गया कि आयुष्मान कार्ड से उनका मुफ्त में इलाज हो जाएगा। अब आरोप लगा है कि मरीजों के रिश्तेदारों को अंधेरे में रखकर इन 19 लोगों की एंजियोग्राफी कर दी गई। इनमें से सात लोगों की एंजियोप्लास्टी भी कर दी गई जिसके बाद 6 की हालत बिगड़ गई और उनमें से दो की मौत हो गई। मरने वालों के रिश्तेदारों ने जब हंगामा किया तो अस्पताल की यह करतूत सामने आई। आरोप है कि अस्पताल लोगों से यह पूछ कर ऑपरेशन कर रहा था कि उनके पास आयुष्मान कार्ड है या नहीं। जिनके पास आयुष्मान कार्ड था उन पर दबाव बनाया गया था। जिन सात मरीजों की एंजियोप्लास्टी कराई गई थी, उनके रिश्तेदारों को इस बात की जानकारी तब मिली जब फोन पर यह मैसेज आया कि उनके मरीज़ आईसीयू में भर्ती हैं और उन्हें स्टेंट लगाए गए हैं। अब गुजरात प्रशासन ने इस पूरे मामले की जांच का आदेश दिया है। जब से अस्पतालों ने कॉर्पोरेट का रूप लिया है यह मरीजों के इलाज से ज्यादा धन उगाही का केंद्र बन चुका है। ऐसे कॉर्पोरेट अस्पताल उन मरीजों को टारगेट करते हैं जिनके पास मेडिकल बीमा होता है। गुजरात की घटना आम आदमी को सचेत रहने के लिए बहुत जरूरी चेतावनी है।

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