छ्पी-अनछपी: आरएसएस चीफ बोले- हर दिन मंदिर-मस्जिद झगड़ा गलत, संसद हंगामे से शुरू-हंगामे पर खत्म
बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि हर दिन मंदिर-मस्जिद का झगड़ा सही नहीं है। संसद का शीतकालीन सत्र हंगामे के साथ खत्म हो गया। बिहार में 423 कंपनियों ने 1.80 लाख करोड़ के निवेश का समझौता किया है। जयपुर-अजमेर हाईवे पर गैस टैंकर में धमाका होने से 12 लोग जिंदा जल गए।
आज के अखबारों की यह अहम खबरें हैं।
प्रभात खबर के अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉक्टर मोहन भागवत ने कई मंदिर-मस्जिद विवादों के फिर से उठने पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्री राम मंदिर के निर्माण के बाद कुछ लोगों को ऐसा लग रहा है कि वह ऐसे मुद्दों को उठाकर हिंदुओं के नेता बन सकते हैं। “यह स्वीकार्य नहीं है। हर दिन एक नया मामला उठाया जा रहा है। इसकी अनुमति कैसे दी जा सकती है? यह जारी नहीं रह सकता। भारत को यह दिखाने की जरूरत है कि हम सब एक रह सकते हैं।” भागवत ने पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान यह बातें कहीं। उन्होंने समावेशी समाज की वकालत की और कहा कि रामकृष्ण मिशन में क्रिसमस मनाया जाता है।
संसद में हंगामा: अदानी से शुरू-आंबेडकर पर खत्म
हिन्दुस्तान के अनुसार संसद का शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहा और विपक्ष के साथ सत्तापक्ष ने भी जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगाए। पूरे सत्र में सत्ता पक्ष व विपक्ष अदाणी, सोरोस-सोनिया और आंबेडकर जैसे मुद्दों पर गतिरोध में उलझे रहे। सत्र में राज्यसभा में सभापित के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव, बाबा साहेब आंबेडकर के अपमान और कुछ सांसदों के साथ धक्का-मुक्की जैसे मुद्दों पर गतिरोध बना रहा। सत्र में संविधान पर विशेष चर्चा भी हुई। पिछले महीने 25 नवंबर से शुरू हुआ सत्र शुक्रवार को संपन्न हो गया। गतिरोध के कारण दोनों सदनों की उत्पादकता में पिछले सत्रों की तुलना में कमी आई और लोकसभा एवं राज्यसभा की उत्पादकता क्रमश लगभग 55 फीसद व और 40 प्रतिशत रही।
राहुल के खिलाफ मामला क्राइम ब्रांच को सौंपा गया
संसद परिसर में हुए धक्का-मुक्की मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच करेगी। गुरुवार को भाजपा की शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस ने संसद मार्ग थाने में राहुल गांधी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। अब इस मामले को क्राइम ब्रांच को भेज दिया गया है। संसद में धक्का-मुक्की के दौरान भाजपा के दो सांसद प्रताप चंद्र सारंगी और मुकेश राजपूत घायल हो गए थे। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने मामले को स्थानीय पुलिस से क्राइम ब्रांच को सौंप दिया है।
423 कंपनियों का बिहार में निवेश का वादा
भास्कर की पहले खबर के अनुसार बिहार में 423 कंपनियां 1.80 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेंगी। इससे राज में 6 लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। पटना में चल रहे दो दिवसीय बिजनेस कनेक्ट 2024 में निवेश के लिए विभिन्न कंपनियों से समझौता हुआ। 423 कंपनियां बिहार में फूड प्रोसेसिंग, आईटी, सीमेंट, रिन्यूएबल एनर्जी, प्लास्टिक, रबर, लेदर और आईटी सहित 11 तरह के उद्योगों में निवेश करेंगी। इनमें 142 कंपनियां शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में 5566 करोड़ रुपए निवेश करेंगी। फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में 70 कंपनियां 13663 करोड़ निवेश करेंगी। सबसे अधिक निवेश 90734 करोड़ रुपए रिन्यूएबल एनर्जी में होगा।
जयपुर-अजमेर हाईवे पर टैंकर में धमाके से 12 जिंदा जले
जागरण के अनुसार जयपुर में शुक्रवार सुबह जयपुर-अजमेर हाईवे पर भांकरोटा इलाके में रसोई गैस से भरे टैंकर के यू टर्न लेने के दौरान पीछे से आ रहे ट्रक की टक्कर से जोरदार धमाका हो गया। सुबह लगभग 6:00 बजे दिल्ली पब्लिक स्कूल के निकट हुए हादसे में 12 लोग जिंदा जल गए। पांच की पहचान डीएनए जांच से होगी। हादसे में लगभग तीन दर्जन लोग घायल हो गए। टैंकर से उठी आग इतनी भयंकर थी कि राजमार्ग से गुजर रहे और आसपास खड़े 40 से अधिक वाहन जलकर राख हो गए।
भोपाल के जंगल में कार में मिला 52 किलो सोना
प्रभात खबर के अनुसार भोपाल के मेंडोरी जंगल में एक लावारिस इनोवा कार से 40 करोड़ रुपए मूल्य की 52 किलोग्राम सोने की छड़ें और 11 करोड़ रुपए से अधिक की नकदी मिली है। शहर में पिछले कुछ दिनों से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट द्वारा की जा रही कार्रवाई के बीच यह जब्ती हुई है। आयकर विभाग के अधिक एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि मेंडोरी जंगल में कुशालपुरा रोड पर एक इनोवा कार काफी समय से लावारिस हालत में खड़ी है और उसके अंदर कई बाग रखे हुए हैं। सूचना मिलने के बाद पुलिस की एक टीम भी मौके पर पहुंची। पुलिस ने कर की खिड़कियां तोड़कर उसमें से 52 किलोग्राम सोने की छड़ें और 11 करोड़ रुपए से अधिक नकदी जब्त की। इस मामले को आरटीओ के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा और उसके सहयोगी चंदन सिंह से जोड़ा जा रहा है।
कुछ और सुर्खियां
- राजस्थान के जैसलमेर में जीएसटी काउंसिल की बैठक में बिहार ने केंद्र से डेढ़ लाख करोड़ का बजट मांगा
- एमबीए में दाखिले के लिए हुई CAT 2024 में 14 उम्मीदवारों को 100 परसेंटाइल, इनमें 13 इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के
- हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का 89 साल की उम्र में निधन
- पटना के डाक बंगला चौराहा स्थित 100 साल से पुरानी पुरानी यूसुफ बिल्डिंग टूटेगी
- समस्तीपुर में बेकाबू ट्रक ने भेड़ों के झुंड को कुचला, 100 की मौत
- नक्सली कनेक्शन के मामले में एनआईए ने बिहार में पटना समेत पांच राज्यों में छापेमारी की
अनछपी: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत का यह बयान ऊपरी तौर पर तो काफी अच्छा लगता है कि राम मंदिर के बाद कोई मंदिर-मस्जिद विवाद खड़ा करना सही नहीं है लेकिन उन्हें यह समझना होगा कि इसकी जड़ में आरएसएस का दुष्प्रचार तंत्र ही था और इसे ठीक करना भी अब उसकी ही जिम्मेदारी है। इससे पहले मोहन भागवत का वह बयान भी चर्चित हुआ था कि हर मस्जिद के नीचे शिवलिंग क्यों खोजना। लेकिन इसके बावजूद संभल में मस्जिद को मंदिर बनाने का मामला अदालत पहुंचा और फिर सर्वे के दौरान पुलिस की फायरिंग में पांच निर्दोष लोगों की जान गई। मोहन भागवत ने अभी जो बयान दिया है उसे जोड़कर अगर इस मामले को देखा जाए तो उनसे पूछा जा सकता है कि आपने संभल के मामले की निंदा क्यों नहीं की। श्री भागवत यह कहकर नहीं बच सकते कि वह हर एक मामले को नहीं देखेंगे क्योंकि पांच लोगों की जान जाना कोई मामूली बात नहीं है। संभल से आगे अजमेर की मशहूर दरगाह को भी हिंदू धर्मस्थल घोषित करने का आधारहीन मामला अदालत में ले जाया गया लेकिन तब भी मोहन भागवत ने चुप्पी साधे रखी। दरअसल मोहन भागवत बीच-बीच में ऐसे बयान देते हैं जिससे उनकी छवि सुधरे और उन्हें एक उदारवादी नेता माना जाए लेकिन सच्चाई यह है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत में हिंदू मुसलमान विभाजन का सबसे बड़ा कारण माना जाता है। मोहन भागवत ने एक बहुत बारीक बात यह कही कि कुछ लोगों को लगता है कि ऐसे मुद्दों को उठाकर हिंदुओं के नेता बन सकते हैं। उनकी यह बात जरा पीछे राम मंदिर के लिए हुए आंदोलन पर भी लागू होती है क्योंकि यह सब को पता है कि उसी के बाद से भारतीय जनता पार्टी की सीटों की संख्या बढ़ी और वह पहली बार सरकार बनाने की स्थिति में आई। मोहन भागवत की यह चिंता भी सही है कि भारत को यह दिखाने की जरूरत है कि हम एक साथ रह सकते हैं। मगर उन्होंने एक साथ रहने में बाधक कौन बन रहा है, इसके बारे में विस्तार से नहीं बताया। मोहन भागवत को यह बताने की जरूरत है कि दरअसल ऐसे ही लोग हैं जो भारत के एक साथ बने रहने में बाधा बने हुए हैं। बहरहाल हिंदू समाज पर जितना असर आरएसएस का है उसका आधा भी अगर मोहन भागवत इस्तेमाल करें तो यह रोज-रोज का मंदिर-मस्जिद का लगाया जा रहा झगड़ा खत्म हो और हर मस्जिद के नीचे मंदिर ढूंढने का चलन भी बंद हो। अगर वह ऐसा करते हैं तो समाज और अदालत को भी यह संकेत मिलेगा कि दरअसल हिंदू धर्म के नाम पर जो ज़ोर ज़बर्दस्ती की जा रही है वह मंजूर ही नहीं है।
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