छ्पी-अनछ्पी: पुल गिरने में बिहार सरकार ने मानी गलती, हेमंत सोरेन ने अचानक ली शपथ

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में पिछले 15-20 दिनों में एक दर्जन पुल के ढहने के बाद राज्य सरकार ने अब अपनी गलती मानी है। सियासी तोड़फोड़ की चर्चा के बीच हेमंत सोरेन ने 7 जुलाई की जगह अचानक 4 जुलाई को ही झारखंड के मुख्यमंत्री की शपथ ले ली। हाथरस भगदड़ मामले में मुख्य आरोपित अब तक गिरफ्तार नहीं हुआ है। विश्व कप जीतने के बाद लौटी भारतीय क्रिकेट टीम का मुंबई में भव्य स्वागत हुआ है। यह हैं आज के अखबारों की अहम खबरें।

भास्कर की पहली सुर्खी है: एक और पुल गिरा… सरकार ने गलती मानी। अख़बार लिखता है कि सरकार ने माना है कि इंजीनियरों और ठेकेदारों की लापरवाही से छाड़ी-गंडकी नदी के सात पुल गिरे हैं। जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा कि जांच चल रही है। “नदी से गाद हटाने के दौरान ठेकेदार ने पुल पुलिया को सुरक्षित रखने के एहतियाती कदम नहीं उठाए। इंजीनियरों ने भी मॉनिटरिंग नहीं की। पुलों के पास तकनीकी जांच के बाद खुदाई करनी थी जो नहीं की गई। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी इंजीनियरों पर कार्रवाई होगी। ठेकेदार से ही पुल पुलिया का निर्माण कराया जाएगा।” उधर, सारण में गुरुवार को एक और पुलिया धंस गयी। बनियापुर के सरेया गांव में धमई नदी पर पांच वर्ष पूर्व बनी 35 फीट लंबी पुलिया तथा उसका पाया तेज धारा को बर्दाश्त नहीं कर सके। पाया बीच से टूट गया। इसके बाद एक मीटर परिधि में पुलिया भरभरा कर गिर गई। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी दी गई है और बिहार सरकार को पुलों के ऑडिट कराने और एक एक्सपर्ट कमेटी बनाने का निर्देश देने की मांग की गई है।

हेमंत ने अचानक ली शपथ

हेमंत सोरेन तीसरी बार 7 जुलाई को झारखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले थे कि अचानक 4 जुलाई के शाम केंद्रीय कृषि मंत्री और झारखंड के चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह रांची आ धमके। उनके आते ही डर का माहौल बना और आशंका के बीच 7 जुलाई के स्थान पर आनन फानन 4 जुलाई को हेमंत सोरेन की शपथ हो गई। लगभग डेढ़ सौ दिन के बाद में झारखंड की कमान संभाल चुके हैं। हेमंत को 7 दिनों में बहुमत साबित करना है लेकिन संभवतः चौथे दिन यानी 8 जुलाई को विश्वास मत प्राप्त कर सकते हैं और अगले दिन 9 जुलाई को मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। राज्यपाल क राधाकृष्णन ने शाम 5:00 बजे राज भवन में उन्हें शपथ दिलाई।

हाथरस भगदड़ में छह सेवादार गिरफ्तार

जागरण के अनुसार उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के बाद भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मामले में 6 सेवादारों को गिरफ्तार किया गया है। इसमें दो महिलाएं शामिल हैं। 20 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। मुख्य आयोजक देव प्रकाश मधुकर फरार है। पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है। पुलिस अभी सूरजपाल उर्फ नारायण साकार विश्व हरि (भोले बाबा) को आरोपित नहीं मान रही है।

क्रिकेट टीम का भव्य स्वागत

जागरण की सबसे बड़ी सुर्खी है: चैंपियंस…खुश है भारत। ब्रिजटाउन में 29 जून को दक्षिण अफ्रीका को हराकर टी 20 विश्व कप जीतकर लौटी भारतीय क्रिकेट टीम का दिल्ली और मुंबई में भव्य स्वागत हुआ। बारबाडोस में चक्रवाती तूफान ‘बेरिल’ के कारण भारतीय टीम शनिवार से फंसी थी। गुरुवार सुबह 6 बजे नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विशेष विमान एयर इंडिया चैंपियंस 24 विश्व कप उतरा। होटल जाने के बाद पूरी टीम प्रधानमंत्री आवास पहुंची जहां उन्होंने नाश्ते पर पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। प्रधानमंत्री के साथ दो घंटे बिताने के बाद टीम मुंबई के लिए रवाना हुई। मुंबई में मरीन ड्राइव पर हजारों क्रिकेट प्रेमियों ने भारतीय क्रिकेट टीम का स्वागत किया।

क्या सुनक की जगह स्टार्मर बनेंगें ब्रिटेन के पीएम?

ब्रिटेन में गुरुवार को आम चुनाव-2024 के लिए मतदान हुए। देशभर में गुरुवार को करीब 40 हजार मतदान केंद्रों पर ऐतिहासिक चुनाव के बाद मतपत्रों की गणना देर रात शुरू हो गई। नतीजे शुक्रवार सुबह तक आने का अनुमान है। मतदान भारतीय समयानुसार सुबह 11.30 बजे शुरू हुआ और रात दो बजे (ब्रिटेन में सुबह 7 बजे से रात 10 बजे तक) तक चला। कंजर्वेटिव पार्टी के नेता प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर के बीच जबरदस्त मुकाबला है। कई सर्वेक्षण एजेंसियों का दावा है कि इस बार सत्ता की बागडोर लेबर पार्टी के हाथों में जा सकती है।

ऑस्ट्रेलिया की संसद में घूस फलस्तीन समर्थक

प्रभात खबर के अनुसार आस्ट्रेलिया के संसद भवन की सुरक्षा व्यवस्था को चकमा देते हुए फलस्तीन समर्थक प्रदर्शनकारी गुरुवार को संसद के भीतर दाखिल हो गए और भवन की छत से बैनर लहराए। ग्रेट वेरांडा के नाम से विख्यात इमारत पर चार प्रदर्शनकारियों ने एक घंटे से अधिक समय तक युद्ध अपराध और नरसंहार शब्दों के साथ-साथ फलस्तीन रैली के प्रमुख नारे ‘नदी से समुद्र तक फलस्तीन स्वतंत्र होगा’ वाला बैनर लहरा। चारों प्रदर्शनकारियों को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया।

81 फ़ीसद भारतियों  की लिपिड प्रोफाइल खराब

हिन्दुस्तान की खास खबर है कि भारत में 81 फीसदी लोगों का लिपिड प्रोफाइल (डिस्लिपिडेमिया) खराब पाया गया है। करीब 1.13 लाख लोगों के लिपिड प्रोफाइल की जांच के बाद कार्डियोलॉजिकल सोसायटी ऑफ इंडिया (सीएसआई) ने डिस्लिपिडेमिया के प्रबंधन के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सीएसआई ने गुरुवार को लिपिड प्रोफाइल जांच की नई गाइडलाइन जारी की। इसे 42 हृदय रोग विशेषज्ञों ने इसे तैयार किया है। गाइडलाइन में ‘टोटल कोलस्ट्रॉल’ की अधिकतम सुरक्षित सीमा को 190 एमजी/डीएल निर्धारित किया गया है। मौजूदा समय में यह सीमा 200 एमजी/डीएल की है, जो मूलत: पश्चिमी देशों की है

कुछ और सुर्खियां

  • आगरा के वायु सेना परिसर में बलिया के अग्निवीर श्रीकांत चौधरी ने अपनी राइफल से गोली मार कर जान दी
  • बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा 7 से 28 अगस्त तक, पिछले साल पेपर लीक होने से रद्द हुई थी परीक्षा
  • नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई के रिमांड पर पांच आरोपित
  • दिल्ली और हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस आम आदमी पार्टी से नहीं करेगी गठबंधन
  • आरजेडी का 28वां स्थापना दिवस आज, समारोह में लालू प्रसाद रहेंगे उपस्थित
  • गोपालगंज के सिधवलिया में कार पर सीमेंट लदे ट्रक के पलटने से महिला दरोगा और चालक की मौत

अनछपी: मुंबई में जब भारतीय क्रिकेट टीम हज़ारों लोगों के साथ टी 20 वर्ल्ड कप जीतने का जश्न मना रही थी तो उसके कुछ घंटे पहले कोटा में प्रतियोगी परीक्षा के लिए गया एक छात्र फांसी के फंदे से झूल रहा था। क्रिकेट टीम और उसके समर्थकों को जश्न मनाने का पूरा हक है लेकिन भारतीय समाज के लिए सोचने की बात यह है कि कोटा में हर महीने औसतन दो छात्र आत्महत्या क्यों कर लेते हैं। पिछले साल कम से कम 26 छात्र-छात्राओं ने कोटा में आत्महत्या की थी। इस साल अब तक तेरह छात्र-छात्राओं की आत्महत्या की खबर आ चुकी है। कोटा के ताजा आत्महत्या मामले में जिस छात्र की जान गई है वह नालंदा जिले का संदीप कुमार कुर्मी था, जिसकी उम्र केवल 16 साल थी। वह पीजी के तौर पर वहां रहकर पढ़ाई कर रहा था। ऐसा नहीं है कि छात्रों की आत्महत्या का मामला सिर्फ कोटा से आता है लेकिन वहां अधिक संख्या में छात्रों के पहुंचने से आत्महत्या की संख्या भी अधिक होती है। इन आत्महत्याओं के पीछे सबसे बड़ा कारण यह होता है कि छात्र-छात्राओं को लगता है कि परीक्षा में वह कामयाब नहीं हो पाएंगे या परीक्षा में कामयाब नहीं होने से उनके मां-बाप को बहुत दुख हुआ होगा। हैरत है कि मोबाइल फोन के जमाने में जबकि ऑडियो और वीडियो कॉल से छात्र-छात्राएं अपने मां-बाप से लगातार संवाद कर सकते हैं, फिर भी ऐसी क्या समस्या आ जाती है कि उन्हें आत्महत्या करनी पड़ती है। अक्सर छात्र- छात्राएं सीलिंग फैन से फंदा बनाकर जान दे देते हैं। जरूरत इस बात की है कि जहां भी छात्र-छात्राएं रह रहे हो वहां से सीलिंग फैन हटाया जाए। छत से लगे पंखे की जगह दीवार से लगे पंख लगाने का उपाय कई शिक्षण संस्थानों में किया जा चुका है। जरूरी नहीं कि इससे आत्महत्या के मामले पूरी तरह थम जाएं लेकिन उसकी संख्या जरूर कम की जा सकती है। कोटा की पुलिस के लिए वहां की स्थिति बहुत चुनौतीपूर्ण रहती है लेकिन अगर वह यह एक काम कर ले तो बेहतर नतीजा हो सकता है। इसके अलावा कोचिंग और पीजी चलाने वालों की भी जिम्मेदारी होती है कि वह पहले तो छात्र-छात्राओं की काउंसलिंग करें और उन पर बराबर नजर बनाए रखें। लेकिन सबसे बड़ी जिम्मेदारी मां-बाप की होती है कि वह पहले तो बच्चों को दूर दराज भेजने से बचें और अगर उन्हें भेजना जरूरी हो तो उनके साथ लगातार बातचीत करते रहें। गार्जियन के लिए जरूरी है कि वह अपनी बातचीत में बच्चों को साफ तौर पर कहें कि उनका काम मेहनत करना है, रिजल्ट चाहे जो आए उससे घबराना नहीं है।

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