छ्पी-अनछपी: बिहार में फिर गिरे पांच पुल, हेमंत सोरेन तीसरी बार बनेंगे झारखंड के सीएम

बिहार लोक संवाद डॉट नेट, पटना। बिहार में पुल पुलियों के गिरने की खबर लगातार आ रही है। अब सीवान में तीन और सारण जिले में दो पुल के गिरने की खबर आई है। झारखंड में हेमंत सोरेन तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि जुलाई 2025 तक जमीन के सर्वे का काम पूरा करें। सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है कि मणिपुर सरकार भरोसे के लायक नहीं है। हाथरस भगदड़ में मरने वालों की संख्या 121 हो गई है और इस मामले में दर्ज एफआईआर में बाबा को नाम जोड़ा नहीं गया है।

आज के अखबारों की यह अहम खबरें हैं।

भास्कर की सबसे बड़ी सुर्खी है: हद है! एक ही दिन में ढहा पांच पुल। अख़बार लिखता है कि बिहार में पुलों के ढहने का सिलसिला थम नहीं रहा। कुछ दिन पहले तक छोटे बड़े छह पुल गिरे थे। इनकी जांच के लिए मंगलवार को ही हाई लेवल कमिटी बनाई गई थी। बुधवार को सीवान और सारण जिले में एक के बाद पांच पुल ढहने की खबर सामने आई। तीन पुल गंडकी नदी पर और दो धमही ही नदी पर बने थे। नदी जोड़ो योजना के तहत इन दोनों नदियों की हाल ही में उदय की गई थी। नदी में अधिक गहराई तक मिट्टी कटाई से पुलों के पाए और उनकी गाइडवाल की बुनियाद एक्सपोज हो गई थी। इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुलों के मेंटेनेंस के लिए पॉलिसी बनाने का निर्देश दिया।

हेमंत सोरेन फिर बनेंगे सीएम

हिन्दुस्तान के अनुसार चंपाई सोरेन ने बुधवार शाम झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को सौंप दिया। उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है। इसके बाद हेमंत सोरेन ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा भी पेश कर दिया। अब हेमंत सोरेन फिर से झारखंड के मुख्यमंत्री होंगे। हेमंत और चंपाई के साथ राजभवन पहुंचे नेताओं ने कहा कि राज्यपाल ने उन्हें जल्द सरकार बनाने के लिए न्योता देने की बात कही है। तब तक चंपाई सोरेन को पद पर बने रहने के लिए कहा गया है।

ज़मीन सर्वे जुलाई 2025 तक पूरा करें: नीतीश

प्रभात खबर के अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार में भूमि सर्वेक्षण का काम जुलाई 2025 तक पूरा करने का निर्देश विभाग के मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल और अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह को दिया है। उन्होंने कहा कि भूमि सर्वेक्षण जितना जल्दी होगा तो भूमि विवाद समाप्त होगा। इससे सभी प्रेम और भाईचारे के साथ रहेंगे। मुख्यमंत्री ने बुधवार को विभाग के अंतर्गत कुल 9888 अभ्यर्थियों को नियोजन पत्र दिया।

मणिपुर सरकार पर भरोसा नहीं: सुप्रीम कोर्ट

हिन्दुस्तान के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर जेल में बंद एक विचाराधीन कैदी को सिर्फ अल्पसंख्यक कुकी समुदाय से होने के चलते अस्पताल नहीं ले जाने पर बुधवार को कड़ा संज्ञान लिया। अदालत ने आगे कहा उसे राज्य सरकार पर भरोसा नहीं है। न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने लुनखोंगाम हाओकिप की याचिका पर सुनवाई करते हुए मणिपुर सरकार के खिलाफ सख्त टिप्पणियां कीं

हाथरस भगदड़: एफआईआर में बाबा नहीं

जागरण के अनुसार उत्तर प्रदेश के हाथरस में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि (भोले बाबा) के सत्संग के बाद भगदड़ में मरने वालों की संख्या 121 हो गई है। इनमें से 113 की ही पहचान हो सकती है। मरने वालों में हरियाणा, मध्य प्रदेश और राजस्थान के भी लोग शामिल हैं। घटना के दूसरे दिन बुधवार को पुलिस ने मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर समेत अन्य आयोजकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है लेकिन बाबा को नामजद नहीं किया गया है। सभी आयोजक परिवार के साथ फरार हैं। मधुकर पंचायती राज विभाग में इंजीनियर है। बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस पहुंच कर घटनास्थल का निरीक्षण किया और वह घायलों से भी मिले। इस मामले में पुलिस ने प्राथमिकी तो दर्ज कर ली है लेकिन उसमें बाबा का नाम ना होना लोगों के गले नहीं उतर रहा है। इसको लेकर आम लोगों के साथ ही राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी सवाल उठाए हैं।

डॉक्टरों की बहाली के लिए होगा लिखित इम्तिहान

अब बिहार में सभी प्रकार के चिकित्सकों की नियुक्ति प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर होगी। चिकित्सक भर्ती प्रतियोगिता परीक्षा का पाठ्यक्रम तय करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने विशेषज्ञ समिति बना दी है। सात सदस्यीय समिति विभिन्न राज्यों में चिकित्सकों की भर्ती के लिए तय पाठ्यक्रम का अध्ययन करेगी। केन्द्र सहित अन्य राज्य सरकारों के अधीन विशेषज्ञ, सामान्य और दंत चिकित्सकों की नियुक्ति के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम का अध्ययन और समीक्षा के बाद समिति पाठ्यक्रम निर्धारित करने की अनुशंसा विभाग को करेगी। वर्तमान राज्य में चिकित्सकों की नियुक्ति एकेडमिक अंक व साक्षात्कार के आधार पर हो रही थी।

सम्राट ने प्रण तोड़ा, मुरेठा उतारा

जागरण की खबर है कि बिहार के उपमुख्यमंत्री व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने लगभग 2 वर्ष पुराना अपना प्रण बुधवार को तोड़ दिया। उन्होंने रामनगरी अयोध्या में सिर मुंडवा कर सरयू स्नान किया और रामलला का दर्शन पूजन कर उनके सामने अपनी पगड़ी (मुरेठा) समर्पित कर दी। सम्राट चौधरी ने 2022 में मुरेठा बांधते हुए घोषणा की थी कि जब तक नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के पद से नहीं हटा देंगे तब तक अपनी पगड़ी नहीं खोलेंगे।

Koo नहीं चला, बंद होगा

भारतीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू की सेवाएं बंद होने जा रही हैं। कंपनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसकी जानकारी दी है। 2020 में कू की शुरुआत स्वदेश की सोशल मीडिया मंच के तौर पर हुई थी। इसे ट्विटर का मुकाबला करने के लिए सामने लाया गया था। कू के सह-संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्ण ने तीन जुलाई को लिंक्डइन पोस्ट में इसके बंद होने की घोषणा की। उन्होंने लिखा, हमने कई इंटरनेट कंपनियों, समूहों से साझेदारी की संभावना तलाशी, लेकिन कोई नतीजा सामने नहीं आया।

कुछ और सुर्खियां

  • पहली बार 80 हज़ार का स्तर छूकर लौटा सेंसेक्स, निवेशकों की 80 लाख करोड़ की कमाई
  • बालू के अवैध धंधे के मामले में गिरफ्तार जदयू के एमएलसी राधाचरण सेठ को हाई कोर्ट से मिली जमानत
  • नीट पेपर लीक मामले में सरगना माने जा रहे रॉकी के करीबी अमन को सीबीआई ने धनबाद से गिरफ्तार किया
  • ब्रिटेन में संसदीय चुनाव आज, प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की अग्निपरीक्षा
  • नेपाल में प्रधानमंत्री प्रचंड की सरकार आई अल्पमत में, सहयोगी दल के मंत्रियों ने दिया इस्तीफा
  • राज्यसभा में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण के दौरान विपक्ष ने किया वॉकआउट

अनछपी: बिहार में नए बने पुल, अभी बन रहे पुल और पुराने पुलों के गिरने के बारे में पूरे देश में मजाक चल रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अब घोषणा की है कि पुलों के रखरखाव के लिए मेंटेनेंस पॉलिसी बनाएं और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) भी बनाएं। ताज्जुब की यह बात है कि नीतीश कुमार खुद इंजीनियर हैं और लगभग 18 साल मुख्यमंत्री रहने के बावजूद उन्हें अब यह बात कहने की नौबत क्यों आई कि पुलों की मेंटेनेंस पॉलिसी बनाई जाए। नीतीश कुमार के बारे में कहा जाता है कि अब उनकी याद्दाश्त अच्छी नहीं क्योंकि यह सवाल जरूर है कि जब पुल बने हैं तो उनकी मेंटेनेंस पॉलिसी भी पहले से रही होगी। क्या ऐसा संभव है कि पुल बने और मेंटेनेंस पॉलिसी ना बने? अगर आम आदमी से पूछा जाए तो सब लगभग यही कहते हैं कि पुलों के निर्माण और रखरखाव में भ्रष्टाचार इतना गहराया हुआ है कि मेंटेनेंस पॉलिसी रहते हुए भी पुल गिर रहे हैं। एक और बात ध्यान देने की यह है कि कहीं नदी जोड़ो योजना के तहत होने वाले कम से तो पल कमजोर नहीं हो रहे हैं? ऐसा भी नहीं है कि पुल केवल बिहार में गिर रहे हैं। गुजरात के मोरबी पुल हादसा हादसा में लगभग डेढ़ सौ लोगों की जान चली गई थी। राहत की बात यह है कि बिहार में जब पुल गिरे तो कोई जानी नुकसान नहीं हुआ लेकिन इसकी आशंका तो बनी रहती है। बिहार में विपक्ष को इस मुद्दे को जितने जोरदार तरीके से उठाना चाहिए शायद वह नहीं उठा रहा। इस महीने विधानमंडल का सत्र शुरू होगा तब देखना दिलचस्प होगा कि विपक्ष इस मुद्दे को कैसे उठाता है। इस बीच सरकार यह कर सकती है कि सभी पुलों के बारे में एक रिपोर्ट जारी करे कि कौन पुल कब बना है और इसके मेंटेनेंस के लिए किसे जिम्मेदारी दी गई है। सरकार पुलों के निर्माण और मेंटेनेंस में लगाए जाने वाले भ्रष्टाचार के आरोपों की भी जांच कर सकती है। पुलों के गिरने का मामला नीतीश कुमार के लिए बेहद अफसोसनाक है और इससे उनकी प्रतिष्ठा गिर रही है।

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